दूध वाली भाभी की कुंवारी बेटी की चूत चुदाई

उसने नज़रों ही नज़रों में मुझे घूरा कि मैं उसके चूचे देख रहा हूँ।
वो चूत खुजाते हुए बोली- अंकल घर में अकेली बोर हो जाती हूँ.. क्या करूँ?

मैंने कहा- कोई बात नहीं.. मैं हूँ ना.. तुझे बोर नहीं होने दूँगा।
तो वो बोली- ऐसा क्या करोगे जो आप मुझे बोर नहीं होने दोगे।

चुदाई की तैयारी

तो मैं उसके पास जाकर खड़ा हो गया और उससे पूछा- तू क्या चाहती है?
वो बोली- अंकल जी मैं अपने भाई के कंप्यूटर पर फिल्म देखना चाहती हूँ.. पर उसने उसमें पासवर्ड डाल रखा है।
मैंने कहा- पासवर्ड मेरे को पता है.. आ जा मैं तेरे को मूवी दिखाता हूँ।

मैंने कंप्यूटर को चालू किया और उससे पूछा- कौन सी मूवी देखेगी?
तो वो बोली- आपको जो अच्छी लगे वो दिखा दो।

मैंने कहा- इसमें अंग्रेजी की एक मूवी अच्छी है.. इसमें अच्छी फाइटिंग है।
वो बोली- ठीक है।

हम दोनों मूवी देखने लगे.. उसमें काफ़ी सेक्स सीन थे। मूवी में जब लड़का लड़की को अपना चुसा रहा था और वो सेक्स भी कर रहे थे.. तो ये देख कर उसकी गाल शरम से लाल हो गए थे।

मेरा लंड ये सीन देखकर 90 डिग्री पर खड़ा हो गया।
वो भी यही चाहती थी कि कब मैं उसको चोदने के लिए कहूँ और कब उसको चोदूँ।

यह सब देखकर मैंने उसको अपनी बांहों में ले लिया.. वो शरम से मेरे सीने पर चिपक गई।
मैंने कहा- क्या हुआ..
तो वो बोली- कुछ नहीं.. ये आप क्या कर रहे हैं?
मैंने कहा- क्या तुम कुछ नहीं जानती हो?

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बोली-
मैंने मम्मी को देखा है.. जब वो पापा के साथ सोई हुई थीं तो पापा मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे ओर मम्मी पापा का लंड चूस रही थीं।
दोनों ‘आह.. आह..’ कर रहे थे और थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी के मुँह पर सफेद पानी छोड़ दिया ओर पापा मम्मी के ऊपर निढाल होकर लेट गए।
मम्मी कह रही थीं कि तुम्हारी यही कमी है.. तुम कुछ कर ही नहीं पाते हो और मेरे को उंगली करके काम चलाना पड़ता है।
मैंने सोचा कि इसमें तो बहुत मज़ा आता होगा.. तब मैंने बाथरूम में जाकर उंगली करने की सोची.. पर मेरे को दर्द हो रहा था.. इसलिए मैं उंगली कर ही नहीं पाई।

उसकी बात को मैं बड़े मजे से सुन रहा था और उसके मम्मों को सहलाता भी जा रहा था।

कुंवारी चूत

उसके बाद वो बोली- अंकल चूत में लंड डालने पर दर्द होता होगा ना?
मैंने कहा- पहली बार थोड़ा सा दर्द होता है.. पर मज़े बहुत आते हैं।

ऐसे बात करते-करते हम दोनों आपस में चिपक गए थे। मैं उसके मम्मे जो कि मुझे बहुत आनन्द दे रहे थे.. को मसल रहा था और मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा रखा था।

वो मेरे लण्ड को हिला रही थी।
वो बोली- अंकल जी आप मेरे मम्मों को दबा रहे हो तो मुझे बहुत मजा आ रहा है।

मैंने कहा- मेरी जान मज़े अभी तूने लिए कहाँ.. पर असली मज़े तो मैं तुम्हें अभी दूँगा।

ऐसा कहकर मैंने उसका कमीज़ उतार दिया। उसने सिर्फ़ कमीज़ ही पहनी हुई थी.. क्योंकि वो अभी जवान हुई ही थी और उसने अभी ब्रा पहननी शुरू नहीं की थी।

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कसम से यारों मैं तो उसको देखता ही रह गया।
क्या मस्त मम्मे थे उसके..

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