कुछ वर्ष पूर्व एक भाभी ने मुझे अपनी वासना पूर्ति के लिए इस्तेमाल किया था. एक दिन उसी का फोन आ गया. मैंने उस भाभी की चुत की प्यास कैसे बुझायी?
मेरा नाम राज है, कुछ वर्ष पूर्व एक भाभी ने मुझे अपनी वासना पूर्ति के लिए इस्तेमाल किया था. मैंने भाभी के साथ काफी सेक्स किया था. तब उसके बाद मैंने कई बार उनके घर जाकर भी भाभी के साथ खूब मजा किया था. उसके पति से भी मेरी दोस्ती थी. अब मैंने वहां से जॉब छोड़ दी थी और मैंने अपना वो नंबर बंद कर दिया था क्योंकि बहुत हो गया था और अब मैं भाभी से छुटकारा पाना चाहता था.
आज करीब पांच साल बाद अचानक से उन्हीं भाभी का मेरे दूसरे नंबर पर कॉल आया
उन्होंने कहा- हैलो.
मैं- हैलो कौन?
वो बोली- मुझे बहुत जल्दी भूल गए.
मैं एकदम से समझ गया कि ये उसी भाभी का ही फ़ोन है.
मैं- कैसे भूल सकता हूँ आपको … बोलो कैसे याद किया?
भाभी बोलीं- अचानक गायब क्यों हो गए.
मैंने कहा- तुम्हारा और मेरा कुछ ज्यादा ही हो गया था और आपके पति को शक भी हो गया था … इसलिए मैंने जॉब छोड़ दी और नंबर भी बदल दिया.
उन्होंने कहा- एक तुम ही थे, जिससे मैंने पति के अलावा संबंध बनाये थे. उसके बाद मुझे किसी पर विश्वास ही नहीं था इसलिए मैंने किसी से रिश्ता ही नहीं बनाया. तुम्हारा ये दूसरा नंबर मेरे पति के मोबाइल में सेव था, तो मैंने अपने मोबाइल में ले लिया. अब तुम कहां हो?
मैंने कहा- सॉरी भाभी लेकिन मैं आपको नहीं मिल सकूँगा. मैं नहीं चाहता कि फिर से आपसे मेरा कुछ शुरू हो जाए.
उसने कहा- तुम ओरल सेक्स मस्त करते थे, इसलिए तुम्हारी याद आ गई. चोदते तो मेरे पति भी तुमसे ज्यादा है, जब वो घर पर रहते हैं, लेकिन चूसना चाटना उन्हें नहीं पसंद है. प्लीज़ बात मान जाओ … नहीं तो मजबूरन किसी और के साथ करना पड़ेगा.
मैंने कहा- ठीक है, आप कहां हो?
उन्होंने कहा- मैं वडोदरा में हूँ … तुम?
मैंने कहा- मैं यहां नवसारी सूरत के पास हूँ.
भाभी बोलीं- तू वडोदरा आ जा, तुझे मैं स्टेशन से ले लूंगी. और सुन 7 दिन की छुट्टी लेकर आना … सात दिन की सैलरी तेरी जो भी होगी, मैं दे दूँगी तुझे … ओके!
मैंने कहा- जी ठीक है.
मैंने छुट्टी ली और वडोदरा चला गया.
भाभी मुझे लेने आई थीं. पांच साल बाद मैं भाभी को देख रहा था. वो थोड़ी फ़ैल गयी थीं. यानि पहले 32-30-32 की थीं अभी 33-32-34 की हो गई थीं.
मैंने भाभी को देखा और बोला- डाईटिंग करा करो … फ़ैल रही हो.
भाभी हंस पड़ी. मैं गाड़ी में बैठ गया.
उन्होंने कहा- तुम तो बिल्कुल भी नहीं बदले हो, वैसे के वैसे दुबले पतले ही हो … हां थोड़े गाल ऊपर आ गए जनाब के.
मैं मुस्कराया और कहा- आपको मैं कहां से गाल लटकने वाला लग रहा हूँ. आपके सामने तो मैं बच्चा जैसा लग रहा हूँ, एक काम करो आप किसी और को पकड़ लो, आपको झेलना अब मेरे बस की बात नहीं है.
भाभी- अरे ऐसे क्यों बोल रहे हो … क्या मैं इतनी मोटी हो गई हूँ?
मैंने कहा- और नहीं तो क्या … आपको देख कर लग रहा है कि मुझे पूरा खा भी जाओगी … तो भी आपका मन नहीं भरेगा.
मैं डबल मीनिंग में बोला था.
वो बोलीं- अच्छा मैं क्या कोई डायन हूँ? या इतनी बुरी औरत हूँ?
इसी तरह की बातें करते हुए हम दोनों घर आ पहुंचे. भाभी ने मुझसे कहा- तुम यहीं दरवाजे के पीछे छुप जाओ, मैं बुलाऊंगी, तब अन्दर आना. हां अन्दर तुम बिंदास बोल सकते हो … क्योंकि अन्दर रूम में मेरी सास भी है, उसे सुनाई नहीं देता है. दिखता सब है … ओके!
मैंने हां में सर हिला दिया.
भाभी की सास ने दरवाजा खोला और तुरंत पलट कर अपने रूम में चली गईं. अब आप सोच रहे होंगे कि वो तो बहरी थी, तो उसने दरवाजा की दस्तक कैसे सुनी और कैसे आ कर खोल दिया.
इसका कारण ये था कि भाभी जब भी बाहर जाती थीं, तो सास के पास एक वाइब्रेशन मोड पर करके मोबाइल दे जाती थीं. जब भाभी कॉल करती थीं, तो सास को देख लेतीं कि किसका कॉल आ रहा है. भाभी का होता, तो दरवाजा खोल देती थीं.
खैर … भाभी ने मुझे हल्के से आवाज दी और मुझे उनके कमरे का रास्ता बता दिया.
भाभी ने कहा- ये वाला रूम अब सात दिन के लिए हमारा है. सामने बाथरूम है, जाओ फ्रेश हो जाओ, मैं भी फ्रेश होकर आती हूँ.
भाभी करीब पौने घंटे बाद आईं.
अब भाभी क्या क़यामत लग रही थीं, वही जालीदार एकदम सिल्क साड़ी और बड़े गले का बिना पीठ पर कपड़े वाला ब्लाउज. साड़ी नाभि के नीचे से बंधी हुई थी. किसी बॉलीवुड की हीरोइन की तरह खुले हए बाल, जैसे आज ही ब्यूटीपार्लर से बनवा कर आयी हों.
उन्हें देख कर मेरा लंड इतना टाइट हो गया कि अन्दर चड्डी में ही दुखने लगा.
भाभी बोलीं- क्या हुआ पहली बार देख रहे हो क्या?
मैं- नहीं भाभी … बहुत दिनों बाद देख रहा हूँ, आज भी वैसी ही, बल्कि पहले से ज्यादा सेक्सी लग रही हो.
हम दोनों ने एक दूसरे को खूब निहारा और जी भरके देखा. भाभी बिस्तर पर बैठ गईं. मैं उनकी गोद में सर रख कर भाभी के बालों से, होंठों और पीठ पर हाथ घुमा कर प्यार कर रहा था, खेल रहा था. भाभी भी ऐसे ही एन्जॉय कर रही थीं.
थोड़ी देर बाद भाभी ने खाना खाने के लिए पूछा. मैंने हां कर दी.
भाभी बनाया हुआ कमरे में ले आईं और हम दोनों ने खाना खाया. मैं थोड़ा सो गया, तब तक भाभी बर्तन आदि बाहर रखकर आ गईं.
करीब रात के दस बज गए थे. भाभी मेरे पास आईं, तब तक मेरी थकान निकल गयी थी. भाभी ने रूम फ्रेशनर से रूम को खुशबूदार कर दिया.
भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- कैसी लग रही हूँ?
मैंने कहा- जन्नत हो तुम.
मैंने धीरे से भाभी के होंठों के ऊपर होंठ रखे और किस करने लगा. भाभी भी मेरा साथ देने लगीं, भाभी की बदन की खुशबू काफी महक रही थीं. धीरे धीरे किसिंग कर रहा था. मैंने भाभी को करीब पांच मिनट तक किस किया. बाद में भाभी के ऊपर में चढ़ गया और फिर से उनके होंठों को चूसने लगा. भाभी भी मेरे होंठों को चूसने लगीं.
क्या बताऊं कितना मजा आने लगा था. मैं भाभी के गालों पर, होंठों पर लगातार किस करता रहा. फिर भाभी की गर्दन में किस करने लगा.
भाभी बोलीं- क्या बात है कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा है?
मैं- हां भाभी क्या करूं … आज आप कुछ ज्यादा ही प्यारी लग रही हो.
मैं फिर से किसिंग में लग गया. थोड़ी देर बाद भाभी उठीं और मेरे ऊपर आ गईं. अब वो मुझे किस करने लगीं. उन्होंने किस करते करते मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और शर्ट उतार कर फेंक दी. भाभी मुझे छाती पर किस करने लगीं.
एक बात बता दूँ कि मेरे शरीर पर ज्यादा बाल नहीं हैं … बहुत बहुत कम हैं. मतलब मैं कमोवेश चिकना हूँ.
धीरे धीरे भाभी ने मेरी पैंट भी उतारी और चड्डी भी खींच दी. मैं पूरी तरह नंगा हो गया. मेरा लंड खड़ा हो चुका था. भाभी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. दो ही मिनट चूसने के बाद मेरा पानी निकल गया.
भाभी ने एक रूमाल से लंड को साफ़ किया और फिर से चूसने लगीं. भाभी एक कुल्फी की तरह लंड चाट रही थीं. कभी वो मूली गाजर की तरह लंड को काटते हुए उसे प्यार से चूसने लगती थीं.
ऐसे ही भाभी के लगातार चूसने से लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने भाभी को अपने ऊपर खींच लिया और जोर से होंठों को चूसने लगा. भाभी भी मेरे होंठों को उसी तरह से चूसने लगीं, मानो हम एक दूसरे के मुँह में घुस जाएंगे.
मैंने भाभी का ब्लाउज खोला, भाभी के मम्मों को पहले से थोड़े बड़े हो गए थे. भाभी के चूचे ब्रा के अन्दर इतने टाईट थे कि कोई जवान लड़की के हों. भाभी के दूध एकदम चिकने, मुलायम और गोरे गोरे थे. मैं उनकी ब्रा के ऊपर से ही मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा. भाभी के मम्मों की दूधिया घाटी के थोड़ा ऊपर किस करने लगा और चाटने लगा.
अहा अह क्या नमकीन स्वाद था भाभी का … एकदम सॉल्टी … मैं भाभी के मम्मों को ही चूसता रहा.
भाभी ने अब तक अपनी साड़ी उतार दी थी … साथ ही उन्होंने अपना साया भी ढीला कर दिया था.
मैंने भाभी की ब्रा को उतारा और एक एक करके बारी बारी से उनके रसीले दूध चूसने लगा. मैं भाभी के दूध चूसने के मजे लेने लगा.
ऐसे ही करते करते मैंने भाभी को लिटा दिया और मैं भाभी की नाभि को चाटने लगा. मैंने धीरे धीरे भाभी का साया और पेंटी को भी उतार दिया. मैं तो भाभी को चूसने और चाटने में व्यस्त था.
भाभी चूत की झांटें पार्लर से ही साफ़ करवा के आई हुई थीं. उनके पूरे बदन में एक बाल नहीं था. भाभी ने कहा- मैंने ये सब तेरे लिए ही किया है.
मैं खुश हो गया और भाभी की चूत पर टूट पड़ा. भाभी की चूत चाटने लगा. पहले भाभी की चुत के साथ जीभ से ऊपर ही ऊपर खेलता रहा, खूब खेलने के बाद भाभी चूत और दाने को चाटने लगा. जैसे जैसे मैं भाभी की चुत को चाटने लगा था, तो भाभी से रहा ही नहीं जा रहा था. उनकी तड़फन अपनी सीमाएं पार करने लगी थीं.
सच में इस तरह से भाभी को देख कर मुझे कुछ ज्यादा अजीब लगा. मैं चूत चूसता रहा.
फिर बाद में धीरे से जीभ को चूत के अन्दर डाल दिया और चूत को चोदने लगा. करीब दस मिनट तक जीभ से चूत को चोदने चूसने के बाद भाभी अकड़कर तन गईं और झड़ने लगीं. मेरा सर भाभी अपनी चुत के अन्दर दबाने लगीं. थोड़ी देर में भाभी ढीली पड़ गईं.
मैंने बाथरूम में जाकर मुँह धोया. भाभी ने भी चूत को रूमाल से साफ़ कर दिया.
मैं भाभी के पास आ कर लेट गया. हम दोनों ही नंगे पड़े थे … बस बातें करने लगे.
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को किस करना चालू किया. मैं नीचे भाभी की चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा. फिर मैंने भाभी को पलट दिया और पीछे से कंधों पर, गर्दन पर किस करने लगा. मैं भाभी की पूरी नंगी पीठ से खेलने लगा. मैंने खूब किस किए … खूब चाटा.
किस करते करते मैं भाभी के मोटे मोटे चूतड़ों पर चूमने लगा. मैं पीछे से भाभी की उठी हुई गांड को देख रहा था. क्या मस्त चुदास जाग रही थी आहा अहा … पूछो ही मत.
मैंने भाभी के चूतड़ों को, मम्मों की तरह मसला, फिर चूसने और चाटने लगा. मेरी इस हरकत से भाभी एक बार के लिए चौंक गईं, क्योंकि भाभी को मालूम नहीं था कि मैं भाभी की गांड के साथ खेलूंगा.
गांड को चाटते चाटते मैंने भाभी की गांड में अपना पूरा मुँह घुसा दिया था और पीछे से चूतड़ों को चौड़ा करके चूत को चाटने लगा था. भाभी मानो सातवें आसमान में उड़ रही थीं.
मैं जन्नत की सैर करने लगा था. कुछ देर वैसे ही भाभी की गांड चाटने के बाद भाभी को सीधा लेटाया और दोनों टांगें चौड़ी करके लंड को चूत में डाल दिया.
भाभी की चूत खुली हुई थी और रोज अपने पति से चुदवाने के कारण मेरा लंड आसानी से पूरा अन्दर चला गया था. मैंने भाभी की चूत में लंड डालने के बाद उनको किस करने लगा और किसिंग के साथ साथ धीरे धीरे आराम से चोदने लगा.
भाभी को चुदाई में मजा आने लगा. मैं भाभी को बड़े मजे से चोदता रहा … साथ में चूत के दाने को मसलता रहा … उनके मम्मों को भी चूसता मसलता रहा.
कुछ ही देर बाद भाभी की चूत में मैं झड़ गया. भाभी ने मेरे लंड को चूत से निकाला और अलग हो गईं. इसके बाद भाभी ने मेरे ऊपर 69 में आकर अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख दिया और मेरे लंड को चूसने लगीं.
मैं भाभी की चूत में जीभ डाल कर चाटने लगा. इस तरह 69 के पोज में चूसने और चाटने के थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से तैयार हो गया. भाभी तुरंत मेरे लंड पर बैठ कर लंड को चूत में घुसा कर मुझे चोदने लगीं. चोदते चोदते भाभी मुझे किस भी करने लगीं.
थोड़ी देर चोदने के मैंने भाभी को बिस्तर पर उल्टा लेटा दिया और चुत में लंड डालकर पीछे से चोदने लगा. मैंने पीछे से भाभी के मम्मों को कस कर पकड़ लिया और धक्के देते हुए दूध मसलने लगा.
दोस्तों मैं भाभी को इस तरह चोद रहा था, तब मुझे बहुत मजा आ रहा था.
थोड़ी देर में भाभी झड़ गईं, लेकिन मेरा बाकी था. मैं उठा और नारियल का तेल लेकर आया.
भाभी बोलीं- तेल क्यों?
मैंने कहा- भाभी, मैं आपकी गांड भी मारूंगा.
भाभी बोलीं- वाह मेरा सोना गांड भी मारेगा!
मैंने कहा- हां.
तो भाभी तुरंत घोड़ी बन गईं और बोलीं- तेल बाद में लगाना … पहले अच्छी तरह से मेरी गांड चाट लो.
मैंने भाभी की गांड को चाटना चालू किया. खूब देर तक चाटने के बाद गांड के छेद को तेल लगा कर चिकना कर दिया. मैंने अपने लंड के टोपे को भी थोड़ा तेल लगाया. फिर गांड के छेद पर लंड टिका कर जोर लगाया.
जैसे ही जोर लगाया, लंड सटाक से अन्दर चला गया. भाभी कराह उठीं- उम्म्ह … अहह … हय … ओह …
फिर मुझसे बोलीं- राज प्लीज़ थोड़ा धीरे!
मैं अहिस्ता अहिस्ता चोदने लगा.
भाभी को मजा आने लगा, तो भाभी गांड उठाकर साथ देने लगीं. थोड़ी देर भाभी को चोदने बाद मैंने भाभी की चूत में लंड डाल दिया और चुत चोदने लगा.
फिर मैंने भाभी को एक दीवार से चिपका कर सीधा खड़ा किया. एक हाथ से उनकी एक टांग को ऊपर किया और सामने से चूत में लंड डाल कर ऐसे ही चोदने लगा.
भाभी मेरी आंखों में आंखें डाल कर देखे जा रही थीं. मैं भी उन्हें देखे जा रहा था. साथ में हम दोनों किसिंग भी कर रहे थे. मैं भाभी को चोद रहा था.
वाह वो कुछ अलग ही नजारा था.
थोड़ी देर बाद भाभी और मैं हम लोग साथ में झड़ गए और नीचे बैठ कर भाभी ने मेरा लंड पूरा चूस लिया. हम लोग बिस्तर पर आकर एक दूसरे के बांहों में सो गए. हम लोग करीब रात को तीन बजे तक सो पाए थे.
में सुबह दस बजे उठा. भाभी सुबह ही उठ गयी थीं, मैं तो नंगा ही सोया था.
भाभी आईं और बोलीं- जाओ नहा लो और फ्रेश हो जाओ … और सुने आज कपड़े नहीं पहनना है … समझ गए. मैं अपनी सास को 6 दिन के लिए देवर के घर छोड़ने जा रही हूँ … ताकि मैं भी तेरे साथ नंगी ही रह सकूँ.
उसके बाद क्या क्या हुआ, सब लिखूँगा तब तक मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा. भाभी की चुत की कहानी अच्छी लगी या नहीं, प्लीज़ रिप्लाई जरूर करें.