भाभी और मेरा चुदक्कद प्यार

हेलो दोस्तो मेरा नाम संजीव है और आज मैं आप के लिए एक मस्त कहानी ले कर आया हूँ. मुझे उमीद है आप को मेरी आज की कहानी पसंद आएगी. ये कहानी मेरे और मेरी मस्त पूजा भाभी के बीच की है.

मैं उस टाइम कॉलेज के 1स्ट्रीट ईयर मे पढ़ रहा था. और मुझे स्कूल टाइम से ही लड़कियो से सेक्सी बातें करने का बहोत शौक था. मुझे लड़कियो के मूह से गलिया सुन्नी भी बहोत अच्छा लगता था.

पर जब मैं कॉलेज मे गया तो वाहा की लड़किया बिल्कुल भी ऐसी नही थी. मेरी क्लास मे हम 35 लड़के थे और सिर्फ़ 8 लड़किया थी. इस लिए मेरी बात बनना बहोत ही मुश्किल था. इस लिए मैने कॉलेज मे लड़कियो की तरफ ध्यान देना बिल्कुल ही बंद कर दिया.

हमारे घर से थोड़ी ही दूर मेरे फूफा जी रहते थे. और पिछले महीने ही उनके लड़के यानी मेरे मुकेश भाईया की शादी हुई थी. शादी करके वो मेरी पूजा भाभी को अपने घर ले कर आए थे.

पूजा भाभी बहोत ही सेक्सी और कमाल की थी. जब मैने उन्हे पहले दिन देखा तो मैं उसी दिन उनका दीवाना हो गया था. और उसी दिन मैने सोच लिया था की मैने भाभी की चूत मारनी है.

पूजा भाभी के बूब्स सच मे बहोत बड़े थे. जिसे देख कोई भी पागल हो सकता था. उनके मोटे मोटे बूब्स सूट फाड़ने वाले हो रखे थे. और ऐसा ही कुछ हाल उनके चुत्तड़ो का था वो काफ़ी बाहर निकले हुए थे.

मुझे तो ऐसा लगता था की भाभी ने शादी से पहले से काफ़ी लंड अपनी चूत और गांड मे लिए हुए थे. खैर मैं अब भाभी को चोदने के सपने लेने लग गया था.

मुकेश भाईया भाभी से हर रोज ही लड़ते रहते थे. और इसी चक्कर मे मैं उनके घर जाता और उनकी बात आपस मे बनवाता था. एक दिन की बात है मैं ऐसे ही भाभी के पास गया था. उस टाइम भाभी घर मे अकेली थी हम दोनो आपस मे बातें कर रहे थे.

भाभी ने कहा रूको मैं टी बना लाती हूँ. इतने मेरे पास मेरे एक दोस्त का फोन आ गया और मैने बाहर आ कर उससे बात करने लग गया. मैं ज़ोर-ज़ोर उससे गलिया दे कर बातें कर रहा था.

जब मैं अंदर आया तो भाभी टी ले कर आ गई थी. और मेरा वेट कर रही थी. मैं उनके पास बैठा ही था तभी भाभी ने मुझे कहा की तुम बहोत गंदी गंदी गलिया देते हो.

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ये सुनते ही मेरी गांड फट गई और मैं बोला ओएमजी आप ने मेरी सारी बाते सुन ली. भाभी ने कहा हाँ मेरे प्यारे देवर जी. फिर उस दिन के बाद हम दोनो बाते करने लग गये. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

फोन पर भी मैने भाभी से सेक्स की बातें करने लग गया. मैने भाभी से ज़िद करी की मैने किसी भी तरह आप को नंगा देखना है. वो नही मानी फिर मैने उन्हे ब्रा पैंटी मे आने को. फिर कहीं वो जा कर मानी और मुझे 2 बजे घर पर बुलाया.

उस टाइम घर पर सब सो रहे होते थे. जब मैं आया तो भाभी नहाने के लिए जा रही थी. मैने उन्हे कहा भी था की मैं उनको नहला देता हूँ. पर वो नही मानी फिर मैं उनका बाहर बैठ कर वेट करने लग गया.

कुछ देर बाद भाभी नहा कर आई और मुझे सेक्सी सी स्माइल दे कर बेडरूम मे घुस गई. मैं एकदम भाग कर अंदर गया तो देखा की भाभी ने रेड कलर की ब्रा और पैंटी डाली हुई थी.

उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और उनको चोदने का मन करने लग गया. मैने उन्हे उसी टाइम अपनी बाहों मे भर लिया और उनको किस करने लग गया. इससे पहले मैं उसे चोदता तभी कोई आ गया.

मेरे तो खड़े लंड पर बहोत ज़ोर से किसी ने लात मार दी हो. मुझे ऐसा लगा फिर मैने भाभी को कहे कर बीच पर जाने का प्लान बनाया. और भाभी हमारी और अपनी फैमिली दोनो को साथ जाने के लिए मना लिया.

हम सब एक मिनी बस मे गये. और बस मे जब सब सो गये तो मैने और भाभी ने एक दूसरे के जिस्म के साथ खेलना शुरू कर दिया. पूरे रास्ते मैं भाभी के जिस्म के साथ खेलता रहा.

मेरी भाभी दिखने मे बहोत मस्त है. उन्हे देख कर मेरा दिमाग़ खराब हो जाता है और मेरा मन उसकी चूत मारने को करता है.हम ऐसे ही घर मे प्लान बना कर गर्मियो मे बीच पर घूमने के लिए चल पड़े.

हमारा ये प्लान घूमने जाने का मेरी भाभी ने ही बनाया था. और उस वक़्त ये सुन कर मेरे भइया भी बहोत खुश थे.

फिर हम बीच पर चले गये. वाहा पहोन्च कर जब वाहा का महोल देखा तो मैने डिसाइड कर लिया की अपनी प्यारी भाभी को ज़रूर चोदुन्गा. फिर हम तीनो बीच पर पहोन्च कर घूमने लग गये.

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जब हमने बीच मे जाने का प्लान बनाया तो भाभी ने सिर्फ़ नाइटी पहेन ली. और भाभी को इस अवतार मे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं जैसे तैसे खुद को कंट्रोल किया और भइया-भाभी के साथ बीच के नज़ारे लेने चल पड़ा. हम तीनो आराम से बीच मे घूम रहे थे और इस बीच भइया ने मेरे भाभी के गीले जिस्म पर हाथ रख दिया.

हाथ रखते ही भाभी के मूह से गरम सांस की आहह निकल गई. ये सुनते ही मैं समझ गया की सब ओके है और मेरा रास्ता सॉफ है.

ऐसे ही अब मैने पानी मे हो कर भाभी के पीछे हो गया और अपने लंड को भाभी की गांड पर टच करने लग गया. उस समये मेरे लंड मे जो हलचल मच रखी थी वो तो बस मैं ही जनता हूँ की मैने कैसे कंट्रोल करी.

इससे पहले की मैं कुछ और भी कर पता उतने मे भइया पीछे हो गये. हमने फिर वाहा खूब मज़े किए और घर की ओर आ गये.

घर आ कर मैने एक प्लान बनाया की भाभी को चोदने के लिए, भइया को दारू के नशे मे डुबना पड़ेगा. इसलिए मैं भइया के साथ दारू पीने लग गया और हम फिर रात के 1 बजे जा कर सोए.

सब कुछ मेरे प्लान के हिसाब से चल रहा था और फिर मैने थोड़ी देर बाद भाभी के फोन पर फोन किया तो भइया ने फोन उठा लिया. फिर मैने उनको बहाना लगाया की मुझे ठंड लग रही है और मेरे पास चद्दर नही है. क्या मैं आपके साथ चद्दर शेयर कर सकता हूँ.

भइया ने ये बात सुनते ही ठीक है कहा और दरवाजा खोल कर सो गये. फिर मैं जब आया तो भाभी से लिपट कर सो गया. मैं जनता था की भाभी को कोई दिक्कत नही है इसलिए मैं धीरे उनके जिस्म को दबाने लग गया.

पर भाभी को तो डर लग रहा था की कही मुकेश भइया जग ना जाए. इसलिए वो कुछ देर बाद बाथरूम मे चली गई और मै भी उनके पीछे पीछे वॉशरूम मे चला गया.

फिर क्या था, फिर मैने कुछ नही देखा और भाभी को नंगा कर के उन्हे टॉयलेट सीट पर बैठा दिया. उनकी टाँगे खोल कर मैने एक ही धक्के मे लंड पूरा डाल दिया और बड़े जबरदस्त तरीके से चोदने लग गया.

ये चुदाई करीब 20 मिनिट चली और फिर मैने अपना पानी उनकी चूत मे ही निकाल दिया और वापिस आ कर हम सो गये,



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