भाभी और देवरानी का मज़ेदार लेज़्बीयन सेक्स

ही गाइस, मैं ब्रिस्टी दोबारा आ गयी हू अपनी लेज़्बीयन कामुकता की एक स्टोरी लेके. कॉलेज ख़तम होते ही घर से बहुत ज़ोर करने लगे शादी के लिए. बुत मैं उनको कैसे बताती की लड़के से ज़्यादा लड़कियों मैं इंटेरेस्ट था.

मैं अपने मम्मी-पापा से डरती थी. दर्र के मारे कुछ नही बता पाई. फिर एक लड़के से मीी शादी फिक्स कर दी गयी. कुछ महीनो बाद मेरी शादी हो गयी. लड़के का नाम अनुज था. उसकी फॅमिली में वो, उसकी बेहन, उसकी मम्मी, और पापा रहते थे.

सुहग्रात के दिन मैं पहली बार किसी लड़के के साथ किस करने जेया रही थी, सेक्स तो डोर की बात थी. अनुज मेरे पास आया, और मुझे बोला-

अनुज: तुम सारी उतार के तोड़ा रिलॅक्सिंग कुछ पहन लो, ताकि आचे से नींद हो.

मुझे सुन के अछा लगा की इतनी केर कर रहा था. देन मैं निघट्य में आई. पतली स्ट्रिप्स वाली निघट्य थी. जैसे मैं आई, उसने डाइरेक्ट मुझे ज़ोर से हग किया, और किस करने लगा.

पहले मुझे अजीब लग रहा था, बुत धीरे-धीरे अछा लगने लगा. तो मैने भी किस किया उसको. फिर वो मेरी निघट्य के उपर से बूब्स दबाने लगा. मुझसे और रहा नही जेया रहा था, और मेरी साँस फूलने लगी आअहह आहह और उसको ज़ोर से पकड़ लिया.

तभी उसने मेरी निघट्य उतार दी, और खुद भी पुर नंगे हो गये. देन वो मेरी पनटी भी उतार दिए और हाथ मेरी छूट पे लेके गये. आहह आहह, फिर अपनी जीभ से छूट चाटने लगे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर वो अपना लंड मेरे मूह के पास लेके आए. मुझे पहले अजीब लग रहा था, पर सेक्स दिमाग़ में चढ़ गया था, तो मैं उसको जीभ से छाती पहले, फिर मूह में घुसा के चूसने लगीं

तभी वो बोलने लगा: छ्चोढो-छ्चोढो, निकल जाएगा.

देन मैने छ्चोढ़ दिया. फिर उसने मेरी पैरों में गॅप बनाया, और लंड घुसाया. मुझे ज़ोर का दर्द हुआ, और मैं आअहह करके चीखी. जैसे ही वो धीरे-धीरे घुसा रहा था, और बाहर कर रहा था, मुझे आराम होने लगा. उतने मैं ही वो झाड़ गया, और लेट गया. मेरे को बहुत गुस्सा आया, और मैं गुस्से में ही सो गयी.

मुझे पता लग गया की मेरा पति किसी काम का नही था. फिर मैं देखती हू मेरी ननद को. वो बहुत हॉट आंड सेक्सी थी. मेरी तरह ही वो थोड़ी गोल-मटोल टाइप थी. उसके बूब्स भी बड़े थे, एक-दूं नरम-नरम.

शादी के 1 मंत में मैने जैसे-तैसे उंगली करके गुज़ारा किया. बुत अब मैं धीरे-धीरे अपनी ननद को करीब ला रही थी. एक दिन ननद (पूजा) को बोली-

ब्रिस्टी: तुम्हारा कोई ब्फ है?

पूजा: है भाभी है.

ब्रिस्टी: ओये-होये क्या बात है. बुरा नही मानो तो एक बात पूचु?

पूजा: हा बोलिए.

ब्रिस्टी: तुम अपने ब्फ के साथ सेक्स करती हो ना?

पूजा: ऐसा क्यूँ लगा आपको की मैं सेक्स करती हू?

ब्रिस्टी: तुम्हारे बूब्स से समझ आ रहा है(हेस्ट हुए बोली).

पूजा: भाभी आप भी ना, हा दो-चार बार किए है हम. बुत भाभी पता है, अभी वो यहा पे नही है. अभी तो मुझे पॉर्न देख के काम चलना पड़ता है.

ब्रिस्टी: ओह हो, और क्या बतौ मैं तुमको. मेरे तो रहते हुए भी मुझे सेक्स स्टोरीस पढ़ के और पॉर्न देख के काम चलना पद रहा है.

पूजा: ऐसा क्यूँ भाभी?

ब्रिस्टी: तुम्हारे भैया का जितनी जल्दी चढ़ता है, उतना जल्दी उतार भी जाता है.

पूजा: आप कैसा पॉर्न देखते हो और स्टोरीस क्या पड़ते हो?

ब्रिस्टी: मैं तुमको दिखती हू आओ.

दोपहर का टाइम था, अनुज अभी ऑफीस में था. मम्मी सो रही थी, और पापा जी दुकान गये थे. पूजा मेरे रूम में आई. तभी मैने दरवाज़ा लगा दिया, और अपने मोबाइल से उसको लेज़्बीयन सेक्स वीडियोस दिखाई.

पूजा पहले बोली: भाभी आप लेज़्बीयन हो?

ब्रिस्टी: नही मैं बाइसेक्षुयल हू. मुझे लड़का-लड़की दोनो में इंटेरेस्ट है. बुत एक बात बतौ, जो सुख और तृप्ति तुम्हे एक लड़की देगी चरम-सुख, वो लड़का नही दे पाता. उसका उतार गया तो समझो सेक्स ख़तम.

पूजा को देखते-देखते इंटेरेस्ट आने लगा. तभी मैने हल्के हाथ से पूजा की गर्दन पर टच किया. इससे पूजा पूरी तरह हिल गयी. तभी मैं समझ गयी पूजा को सेक्स चढ़ रहा था.

फिर मैने उससे कहा: देखो हम दोनो ही प्यासी है. क्यूँ ना हम ही एक-दूसरे की प्यास बुझाए?

पूजा तभी मुझे किस करने लगी. मैने भी उसको कस्स के पकड़ लिया, और किस करने लगी. फिर धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाने लगी. क्या नरम चूचियाँ थी उसकी, मज़ा आ गया. फिर मैने ज़ोर से दबाना स्टार्ट किया. वो भी मेरे बूब्स को दबा रही थी.

फिर मैने निघट्य उतार दी, और मेरी चूचियाँ उसके सामने थी. उसने मेरी चूचियाँ जाम के दबाई. मैने उसको चूसने को कहा, तो वो एक दूध चूस रही थी और एक दबा रही थी. फिर मैने उसकी त-शर्ट खोल दी, और ब्रा जैसे ही खोली, उसकी गोल चूचियाँ निकल आई.

मुझसे रहा नही गया, मैने एक को डाइरेक्ट मूह में ले लिया, और दूसरा दबा रही थी. फिर धीरे-धीरे दाँत से काटने लगी. मैं निपल को जीभ से गोल-गोल घुमा रही थी, और वो ज़ोर-ज़ोर से आ आ करके बोली-

पूजा: भाभी आपने पागल कर दिया.

और मैं उसको बोली: ननद जी, अभी तो शुरुआत है.

फिर मैने उसकी शॉर्ट्स भी निकाल दी, और उसकी पैरों को गॅप किया. अब छूट को उंगली से रग़ाद रह थी, और फिर क्लिट पे जीभ ले गयी. तभी वो बोली: आहह आहह छातो भाभी, पानी निकाल डालो छूट से.

तो मैं ज़ोर-ज़ोर से जीभ से ही उसको छोड़ने लगी. फिर हम 69 पोज़िशन में हुए. मैने छूट को उसके फेस के उपर रखा, तो वो उंगली डाल रही थी, और मैने उसकी छूट में दो उंगलिया घुसाई और चाटने लगी ज़ोर-ज़ोर से. मुझे भी बहुत अछा लग रहा था.

ब्रिस्टी: आहह आहह ज़ोर-ज़ोर से उंगली करो ननद जी, छातो-छातो एक बार में.

मैं पूजा के फेस पे बैठी जेया रही थी. फिर दोबारा उसकी छूट में उंगली घुसाई. इस बार हम दोनो एक साथ पानी छोढ़ दिए. तब से शुरुआत है ननद भाभी की.

आयेज-आयेज और भी कहानी है. आप लोग को अगर ये लेज़्बीयन स्टोरी अची लगी, तो ज़रूर मैल पे बताए. तो मैं और बेहतर-बेहतर स्टोरीस दूसरी केटेगरीस में लेके अवँगी. आप लोग मैल कर सकते है मुझे

पर.

अगर आप लोगों को कोई दूसरे प्रकार की स्टोरीस चाहिए, तो भी मैल कीजिए. थॅंक योउ

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