हेलो दोस्तों, मेरा नाम डीप है. मेरी आगे 20 साल है. मेरी फॅमिली में मैं, मम्मी (सेजल, आगे 45), पापा (आगे 47), और बड़ा भाई (आगे 24) जो स्टडी के लिए लुक्कणोव रहते है, और उनसे छ्होटा भाई (आगे 22) है, जो हमारे साथ हमारे घर प्रयगराज में रहते है.
पापा गवर्नमेंट जॉब करते है, और मम्मी सिंपल हाउसवाइफ है. बात करू उनके फिगर की तो वो गोरी सी, बड़ी चूचियों वाली, और गड्राई गाड़ वाली औरत है. उनकी हाइट लगभग मेरे जितनी है (5’8″).
ये सब तब शुरू हुआ जब मैं 19 साल का था, और मैने बस हिलना शुरू किया था. तब मैं मम्मी के बारे में ऐसा सोचता भी नही था. उस टाइम कॉलेज में सभी लोग पॉर्न के बारे में बात करते थे, तो मैं भी एक दिन पॉर्न सर्च करके देखने लगा.
फिर धीरे-धीरे दिन गुज़रते गये, और मैं एक दिन में कभी-कभी 3 बार हिलने लगा था. मम्मी हमेशा की तरह कभी-कभी मेरे सामने नहाने के बाद सिर्फ़ पेटिकोट में अपनी बड़ी गोल-मटोल चूचियों के साथ बाहर आती, और मुझे अभी भी छ्होटा समझ के मुझे अपनी ब्रा पहन कर कहती.
मम्मी: बेटा ब्रा का हुक बंद कर दो.
तो उनको इस तरह देख के और उनकी ब्रा चू कर मेरा खड़ा हो जाता था. बहुत ही अजीब फीलिंग होती थी. वो ऐसे तो पहले भी मेरे सामने आती थी. पर तब मुझे फराक नही पड़ता था. लेकिन जब से मैने हिलना शुरू किया था, तब से सब कुछ बदल गया था.
तभी एक दिन पॉर्न देखते हुए मुझे मों-सोन वाला पॉर्न दिख गया. तब से मैं मों और सोन का पॉर्न खूब देखने लगा. अब मेरी फीलिंग्स मम्मी के लिए बदलती गयी.
तब से मैं जब भी मम्मी को उनकी नंगी चूचियों में देखता, तो मॅन करता की बस इन्हे पकड़ कर हाथो से दबा-दबा के पी डालु. और उनकी ब्रा का हुक बंद करने का जब भी मौका मिलता, तो बस यही सोचता की उनको अपनी बाहों में ऐसे ही लेकर सो जौ.
मैं अब मम्मी को सोच के हिलने लगा था. तभी एक दिन पापा को ऑफीस के काम से एक दिन के लिए बाहर जाना था. तो मुझे मम्मी के पास ही सोना था, क्यूंकी वो अकेली नही सोती थी उनका रूम च्चत पर होने की वजह से. वो कहती थी की उन्हे दर्र लगता था. तो मैं उस दिन उनके साथ सो गया.
लेकिन रात को मुझे उनकी भारी चूचियाँ याद आ रही थी. मैं सो नही पा रहा था, तो उनके सोने के बाद मैं अपने मोटे और लंबे लंड को धीरे से उनसे सट्टे हुए उनकी गांद की दरारओ में रग़ाद रहा था. धीरे-धीरे मैं उनकी चूचियों को उनकी निघट्य में उपर से ही हल्के हाथो से दबा रहा था. उनकी चूचियाँ इतनी बड़ी थी, की मेरे हाथो में समा ही नही रही थी.
तभी मम्मी अचानक से पलट कर सीधे सोने लगी. मैं दर्र गया, और 5 मिनिट बाद रात को ही टाय्लेट जाके अपने गीले लंड को दो बार हिला के वापस सो गया. तभी एक दिन जब मैं मम्मी की अलमारी से कुछ समान निकाल रहा था, तो मुझे उनकी अलमारी में 2 कॉनडम्स का डिब्बा दिखा, और एक गंदी किताब.
मैं किताब देख के हैरान हो गया. उसपे लिखा था भाभी की वासना. मैं उसे वाहा से चुरा के पढ़ने लगा और उसे पढ़ के मैने खूब हिलाया. उस दिन के बाद मैने गूगले पे मों-सोन सेक्स स्टोरीस सर्च की और मैं तब से देसी कहानी पे स्टोरीस पढ़ने लगा. अब तो मैं बस मम्मी को छोड़ने के लिए तड़प रहा था, और कैसे भी उन्हे छोड़ना चाहता था.
तभी एक दिन घर पे मेहमान आए हुए थे, तो उस दिन मेरे रूम में उनके सोने की वजह से मैं मम्मी पापा के रूम में उनके बेड के बगल में नीचे ही बिस्तर लगा के सो गया. और ऐसे ही वो लोग दूसरे दिन भी घर पे रुके थे, तो मुझे उस दिन भी वही सोना पड़ा.
लेकिन जब रात हुई तो छू-छू की आवाज़ से मेरी आँखें खुली. मुझे महसूस हुआ की पापा मम्मी की चूचियों को चूस रहे थे, और मम्मी और मम्मी आहह आहह की सिसकियाँ ले रही थी. अंधेरे में कुछ दिख तो नही रहा था, लेकिन मुझे महसूस हो गया था की वाहा चुदाई चल रही थी.
फिर मम्मी ने अचानक से कहा उन्हे उपर आना था, और मम्मी पापा के उपर बैठ कर उछालने लगी तेज़ी से. अब पापा की भी आ आह और तेज़ की आवाज़े निकालने लगी थी. ये सब सुन के मेरा तो लोवर में ही छूट गया था. उस दिन के बाद से बस चाहे जैसे भी मुझे मम्मी के साथ मज़े करने थे.
और ऐसे ही कब 3 महीने बीट गये पता ही नही चला. तभी पापा को अचानक से 4 दीनो के लिए ऑफीस के काम से बाहर जाना था, और मैं मम्मी के साथ सोया था रात को. फिरसे मैने उनकी निघट्य के उपर से अपना लंड उनसे टच कर रहा था. लेकिन उस दिन मैने हिम्मत जुटाई और हाथो से उनकी जांघों को टच करके सहलाने लगा.
मैं उनकी निघट्य को जांघों के उपर तक लेते आया. फिर दबे हाथ अपने उंगलियों को उनकी छूट पे रखा तो पता चला की वो तो निघट्य में पनटी पहनती ही नही थी. उनकी छूट का बाल ऐसे लग रहे थे जैसे उन्होने हफ्ते पहले ही छूट के बाल सॉफ किए थे.
फिर मैने हल्की साँस लेते हुए उनकी निघट्य में हाथ डाला, तो उन्होने ब्रा भी नही पहनी थी. वो जैसे ही हिली, मैं घबरा गया और सीधे हो कर सोने की आक्टिंग करने लगा. फिर कुछ देर बाद उनका हाथ अपने लंड पे रख दिया. उनका हाथ टच होते ही लंड का पानी निकालने लगा था. फिर मैं बातरूम चला गया.
पर अगले दिन मैं जब भी उन्हे देखता मुझसे रहा नही जाता. एक तो वो सारी में और भी सुंदर लगती. उनकी मटकती गांद और गड्राया शरीर मुझे बेचैन किए जेया रहा था. सो जब भी झुकती थी मेरे सामने, उनकी चूचियों की दरार देख कर मेरा लंड पत्थर जैसे टाइट खड़ा हो जाता था.
अब मैने सोच लिया था की आज रात को ही जो करना है करूँगा, और जो होगा देखा जाएगा.
बाकी आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में पढ़िएगा. मुझे पता है बहुत ढेर सारे लोग भी अपनी मम्मी के साथ मज़े करना चाहते है, और मैं मुम्मियाँ भी अपने बेटों के साथ मज़े लेना चाहती है. पर दर्र की वजह से वो ऐसे नही कर पाती है. तो वो मुझसे बात कर सकती/सकते है. कोई भी हेल्प या टिप्स चाहिए हो मुझे एमाइल करे. मी एमाइल ईद: दीपसिंघ16163@गमाल.कॉम
थॅंक योउ.