लेट’स स्टार्ट थे नेक्स्ट पार्ट ऑफ मों-सोन सेक्स स्टोरी-
मम्मी: अभी, तेरी सोच बहुत अची है. तू मुझे इतना समझ रहा है, तो मैं आज तुम्हे मेरे सारे राज़ बताती हू. पर तुम मुझे ग़लत तो नही समझोगे ना?
मैं: मम्मी मैं आपकी बहुत रेस्पेक्ट करता हू, और करता रहूँगा. आपने जो किया है वो एक हिम्मत का काम है. दुनिया की हर एक औरत की इक्चा होती है की उनकी चुदाई आचे से हो. बहुत कम होती है, जो पति से सुख नही मिलता तो हिम्मत करके बाहर रीलेशन बना पाती है. आपने जो हिम्मत दिखाई है, उसकी मैं कदर करता हू. आपने एक के भरोसे अपना जीवन खराब नही किया. आप में बहुत हिम्मत है.
मम्मी (मुझे लिप्स किस करते हुए): बेटा तुम बहुत आचे हो. मुझे लगा तुम नाराज़ हो जाओगे.
मैं: अब मुझे सब कुछ बताओ प्लीज़.
मम्मी: बेटा जब मैं कॉलेज में पढ़ रही थी, तब से मुझे चुदाई में दिलचस्पी लग गयी थी. सुधा मेरे से 2 साल बड़ी थी, और उसको सब कुछ पता था. वो मेरी उमर की थी, तब से चूड़ने लगी थी. वो वाकेशन पर मेरे घर या मैं उसके घर जाती, तब वो मेरे से चुदाई की बातें करती.
मम्मी: सुधा का 2-3 लड़कों से चक्कर चल रहा था, जिसके साथ वो चुड़वति रहती थी. सुधा की बातें मुझे पागल बना रही थी. मुझे भी चुदाई करवानी थी. लेकिन तब मैं क्या करती, मुझे किसी भी चीज़ की समझ नही थी. सुधा बड़ी थी तो मैं उससे बोल भी नही सकती थी.
मैं: फिर कैसे हुआ?
मम्मी: सब कुछ बताती हू बेटा. तुम बस सुनते जाओ. एक बार मैं मामा के घर पर गयी थी. मैं और सुधा साथ में सोते थे. सुधा की बातों से मैं गरम हो गयी. मेरी छूट में मुझे गीला-पन्न महसूस हुआ, और मैं मेरी छूट को सहलाने लगी. वो मेरा पहली बार था. मुझे ऐसा करना अछा लग रहा था. मैने ब्लंकेट ओढ़ा हुआ था, तो उसको मेरा हाथ नही दिख रहा था, और लाइट भी बंद थी. सुधा कैसे चुदाई होती वो सुना रही थी, और मैं झाड़ गयी. मुझे तो वो इतना अछा लगा की मैं क्या काहु बेटा.
मम्मी: उस दिन के बाद मैं रोज़ अपनी छूट सहलाने लगी, और ऐसे ही एक साल निकल गया. मैं रोज़ छूट में उंगली करती और झाड़ जाती. मेरी पढ़ाई गाओं में ख़तम हो गयी. मुझे पढ़ाई के लिए मामा के घर भेज दिया, और तब मैं 19 साल की हो गयी थी. मेरी जवानी अब मेरे काबू से बाहर जेया रही थी.
मम्मी: कॉलेज में लड़के और प्रोफेसर भी मुझे देखते रहते. बस में आते-जाते टाइम भी सब मेरी और ही देखते.
मैं: आप अभी इतनी हॉट लग रही हो. उस टाइम पर तो क्या कहर होगा. बहुत से लड़कों ने आपके नाम की मूठ मारी होगी.
मम्मी: वो तो पता नही, पर हो सकता है. हमारे ज़माने में मोबाइल था नही, तो लड़के दूसरी लड़कियों के ज़रिए सेट्टिंग करते थे. और मेरे साथ बहुत सी लड़कियों ने इसीलिए दोस्ती की हुई थी.
मम्मी: पर मैं गाओं की लड़की सिटी का जीवन सीख रही थी. तो मुझे दर्र था की मेरे साथ कुछ हो गया तो. मैं अपने आप पर कंट्रोल कर रही थी. लेकिन मुझे एक लड़की एक लड़के के लिए बार-बार पूच रही थी, और मुझे वो लड़का पसंद भी था.
मैं: वाउ मम्मी. कैसा था वो?
मम्मी: तेरे जितना हॅंडसम नही था. लेकिन वो मेरे पीछे पागल था, और मेरा हर काम करता था. 2 महीने फेइलडिंग की, तब मैने सिर्फ़ दोस्ती के लिए हा कहा. मैं उसको चुपके से पार्क में मिलने लगी. लेकिन मैं उसके साथ वो सब करने से दर्र रही थी.
मम्मी: एक दिन सुधा ने मुझे छूट में उंगली करते पकड़ लिया, और मैने उसको सारी परेशानी बता दी. सुधा ने मुझे कहा की वो उसके एक यार से मेरी चुदाई करवाएगी, और वो सब कुछ संभाल लेगी ऐसा वादा भी किया. वो भी मेरे पीछे पड़ी रही की उंगली से कुछ नही होता, असली मज़ा तो लोड्ा लेने में है.
मैं: बात तो सही है.
मम्मी: मेरे से कंट्रोल नही हो रहा था, तो मैने उसको हा कह दिया. उसने मुझे कहा की तुम घर से कॉलेज के लिए जाना, पर कॉलेज नही मुझे बस स्टॉप मिलना. फिर वो मुझे वहाँ से एक गेस्ट हाउस था, वहाँ ले गयी. उसका एक यार वहाँ पहले से आ गया था. मैं बहुत शर्मा रही थी, पर सुधा ने उसको समझाया की पहली बार का था तो संभाल कर करे. फिर सुधा ने मुझे कहा की ये वही था जिसने उसकी सील तोड़ी थी.
मैं: मतलब आपकी और सुधा मौसी की छूट की सील एक ही लड़के ने तोड़ी थी? वेरी लकी गाइ.
मम्मी: हा, उसने बहुत आचे से मेरी सील तोड़ी. मुझे दर्द हुआ, लेकिन मज़ा भी बहुत आया. उस दिन के बाद सुधा मुझे हर हफ्ते अपने यारों से छुड़वाने लगी.
मैं: कितने यार थे आपके, और सुधा मौसी के?
मम्मी: होंगे कुछ 5-6.
मैं: सब सुधा मौसी के थे, या आपने भी किसी को पत्ता के रखा था?
मम्मी (स्माइल देते हुए): सुधा के 3 थे, और 3-4 मेरे.
मैं: श तो आप भी. सब कॉलेज के लड़के ही थे ना?
मम्मी: नही बेटा. मुझे बस में एक आदमी रोज़ मिलता था. रोज़ हमारी बातें होती रहती थी. एक दिन मैं भी उससे चुड गयी.
मैं: श. आप दोनो की उस टाइम आगे क्या थी?
मम्मी: मेरी 19, और उसकी 35. चुदाई का मज़ा तो उसके साथ ही अआत था. वो मुझे निचोढ़ के रख देता था. मैं सबसे ज़्यादा उससे ही चूड़ी थी.
मैं: तो आपको भी उस टाइम एक्सपीरियेन्स वाला ही पसंद था.
मम्मी: हा जिसको एक्सपीरियेन्स होता है, वो आचे से मज़ा देता है. वो तब 3 बच्चो का बाप था.
मैं: आप बड़ी शौकीन रही हो. मुम्मा नानी के घर पर किसी से नही किया?
मम्मी: वहाँ तुम तीकु मामा को जानते हो ना?
मैं: हा जिसके आम के बगीचे है वहीं ना?
मम्मी: हा बेटा. उन्होने मुझे बहुत छोड़ा है. खेतों में मैं चली जाती, और छूट मरवा के आती. तेरी नानी को पता भी नही चलता था. वो खेतों में होती थी, और मैं 10-15 मिनिट इधर-उधर हो कर उनसे छुड़वा लेती.
मैं: तो शादी से पहले तुम कितनो से चूड़ी?
मम्मी: वो तो पता नही, लेकिन कुछ होगे 7-8.
मैं: तो नानी के घर और किसी से किया ही नही?
मम्मी: नही किया. तीकु से चूड़ना सेफ था, तो कोई और के लिए सोचा ही नही. मेरा मॅन होता तब मेरा काम हो रहा था.
मैं: और आपकी जिससे दोस्ती हुई, उस लड़के के साथ?
मम्मी: उसके साथ मुझे मज़ा ही नही आता था, तो उसकी क्या गिनती करू.
मैं: श, तो ऐसे कितने है जिसको गिनती में नही लिया?
मम्मी (मुझे आँखें दिखा कर): क्या बोला?
मैं: अर्रे मम्मी मेरा वो मतलब नही था. आपको उसके साथ मज़ा नही आता, तो आप फिर कोई दूसरा कोई नही ढूँढते.
मम्मी: बेटा वो मेरा हर काम करता था. मुझे उससे बहुत फ़ायदा हो रहा था. और मेरी प्यास बुझाने वालो की कमी थोड़ी ना थी.
मैं (हैरान हो कर): मम्मी आपके ज़माने में भी आज कल की लड़कियों जैसा ही था.
मम्मी (हेस्ट हुए): लड़कियाँ किसी भी ज़माने की हो. विश्वास नही करना चाहिए.
मैं: बात तो सही है. अब आयेज भी बताओ ना. और आपको ऐसे फ्लॅव्र्ड कॉंडम पहना कर लोड्ा चूसना, और ऐसे बिना हाथ लगाए कॉंडम फिट करना किसने सिखाया?
मम्मी (नॉटी स्माइल देकर शर्मा गयी): बहुत मारूँगी तुझे.
मैं: अब बताओ ना.
मम्मी: तेरे अमित मौसा (सुधा मौसी के हज़्बेंड) ने.
मैं (हैरान होकर): वो कैसे? सुधा मौसी ने उनके साथ भी करने दिया!
मम्मी: अर्रे पूरी बात तो सुन. सुधा मेरे से बड़ी थी, तो उसकी शादी जल्दी हो गयी. वो मुझे मिलती तो अमित कुमार उसकी कैसे चुदाई करते थे सब कुछ बता रही थी. मुझे भी धीरे-धीरे अमित कुमार में इंटेरेस्ट आने लगा. मुझे सुधा से जलन होती थी.
मैं: क्यूँ?
मम्मी: वो सुधा की अची चुदाई करते थे. मुझे भी वो सब मज़ा करना था.
मैं: फिर अमित मौसा को कैसे पटाया?
मम्मी: मैने नही, उन्होने मुझे पत्ता कर छोड़ा. सुधा की डेलिवरी हुई तब मैं उनके घर पर 3 महीने रुकी थी. हम दोनो बिना चुदाई किए तड़प रहे थे. और अमित कुमार को देख कर मुझे सुधा की बातें याद आने लगती. फिर मेरे उपर भी उनकी नज़र टिकने लगी थी. धीरे-धीरे दोनो करीब आते गये. फिर एक दिन मैं उनसे चुड गयी (मम्मी के गाल लाल हो गये. और वो शर्मा रही थी और मॅन ही मॅन खुश हो रही थी. शायद उसको वो बात याद आ गयी थी).
मैं: क्या हुआ मुम्मा, आप इतनी शर्मा क्यू रही हो?
मम्मी (मॅन ही मॅन मुस्कुराते हुए): कुछ नही.
मैं: कम ओं मुम्मा. बताओ ना क्या हुआ था?
मम्मी: तेरे अमित मौसा जैसी मेरी चुदाई किसी ने नही की है. उनका वो बहुत बड़ा और मोटा है. मेरी तो जान निकाल देते थे.
मैं: कितना बड़ा?
मम्मी (मेरा लंड पकड़ कर): इससे तो बहुत बड़ा, और मोटा भी. उन्होने मुझे लंड चूसना कैसे है, और कॉंडम वाला ट्रिक सिखाया था. वो हमेशा कहते भावना तेरे जैसी गरम साली हर एक जीजा को मिलनी चाहिए. उनको सुधा से ज़्यादा मैं पसंद आ गयी थी. और मैं उनसे चूड़ने हमेशा रेडी रहती.
मम्मी: एक बार तो कॉंडम ख़तम हो गये तो ऐसे ही चुदाई करने लगे. हम दोनो भूल गये की कॉंडम पहना नही था. वो मेरी छूट में झाड़ गये, और मैं प्रेग्नेंट हो गयी थी.
मैं (शॉकिंग फेस): फिर क्या हुआ?
मम्मी: उन्होने मुझे कोई दवाई खिलाई. दूसरा महीना चालू हो गया था.
मैं: सुधा मौसी को पता था आप मौसा से चुड़वति थी?
मम्मी: हा उसको पता चल गया था. लेकिन वो कुछ बोल नही पा रही थी. उसको पता था की मुझे उसके सारे राज़ पता थे. और वो तोड़ा मेरे से नाराज़ भी हुई थी, लेकिन अमित कुमार ने सुधा से कभी प्यार कम नही किया. तो वो ज़्यादा कुछ सोच नही रही थी. जो चल रहा था, वो चलने दे रही थी.
मैं: फिर क्या हुआ आपके जीवन में?
मम्मी: फिर मेरी तेरे पापा से शादी हो गयी. मैने सोचा था की शादी के बाद तेरे पापा के अलावा किसी से नही करूँगी. लेकिन तू आया उसके बाद वो मेरी और देख भी नही रहे थे. एक दिन शादी में मुझे अमित कुमार मिल गये. वो मुझे चुदाई के लिए बोलने लगे, और मैं उनको माना नही कर पाई. हमने च्चत पर जेया कर चुदाई की. उस दिन के बाद मेरा और अमित कुमार का चुदाई का सिलसिला चलने लगा.
मैं: मम्मी आप ने शादी के बाद तीकु मामा से चुदाई नही की?
मम्मी (हेस्ट हुए): तुझे और तेरे भाई को उसके आम के बगीचे में खेलने ले जाती थी ना.
मैं: हा फिर तीकु मामा का आदमी मुझे और भैया को आम खिलाने ले जाता था (मम्मी की हस्सी नही रुक रही थी).
मैं: मतलब मैं और भैया उनके बगीचे के आम चूस्टे थे, और वो आपके.
मम्मी (मुझे हल्का छाँटा मारते हुए हस्स रही थी): बहुत बोलना सीख गया है.
मैं: मम्मी आपकी गांद कों मारता था?
मम्मी: अभी मैने आज तक अपनी गांद नही मरवाई. मुझे वो पसंद ही नही है. मुझे बहुत ने पूछा पर मैं मूह पर माना कर देती थी.
मैं: तो आपकी गांद अभी भी वर्जिन है. क्या बात है! और मम्मी आपने कहा था की आप पिछले साल तक छुड़वा रही थी, तो वो कों थे?
मम्मी: बेटा अब तू गुस्सा करेगा बहुत मेरे उपर. इतना जान लिया बहुत है.
मैं: नही मम्मी, बिल्कुल गुस्सा नही करूँगा. प्रॉमिस.
मम्मी बहुत जीझक रही थी. मेरे बहुत फोर्स करने पर बताया की वो मेरे पापा के दोस्त जगदीश अंकल से चुड रही थी. जगदीश अंकल का सुन कर मेरा खून खौल गया. मॅन कर रहा था मम्मी की कुटाई करू, लेकिन करता भी क्या, मैने उनको प्रॉमिस जो किया था. साला मैं पिछले 6 साल से मम्मी को पाने की कोशिश कर रहा था, और वो मेरी मम्मी को छोड़े जेया रहा था.
मेरी आँखें लाल हो रही थी. मम्मी मेरा मूह देख कर समझ गयी थी. जगदीश अंकल मेरे पापा के बहुत ख़ास दोस्त है. हमारा फॅमिली रीलेशन है, पर मेरी उनसे नही बनती. वो पापा से मेरी शिकायत करते रहते थे. उन्होने पापा को बता दिया था की मैं स्मोक करता हू. पापा ने मुझे बेल्ट से मारा था. उनका बेटा पढ़ाई में तोड़ा मेरे से ज़्यादा ब्रिलियेंट था, तो वो मुझे ताना मारते रहते थे. और आज भी वो मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करते रहते है.
मम्मी: मैने कहा था ना बेटा तुझे अछा नही लगेगा.
मैं: मम्मी आपने ये बहुत ग़लत किया. कितनी बार कर चुके हो उनसे? कितने साल से आप दोनो का चल रहा है? (मम्मी कुछ बोल नही रही थी. वो मेरे से नज़रें चुरा रही थी. )
मैं: ठीक है आपको नही बताना तो मैं आपसे बात नही करूँगा (मैं उठ कर जाने लगा, तो मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया).
मम्मी: बेटा तुझे सब बताती हू. हमारा 15 साल से अफेर चल रहा है. तू वादा कर की जगदीश अंकल पर गुस्सा नही करेगा. तुम्हे पता नही पर जगदीश अंकल मेरा सहारा थे. तेरे पापा से ज़्यादा वो मेरा ख़याल रखते थे.
मैं (उनको ताना मारते हुए): श तो वो मेरा दूसरा बाप बना हुआ था. साला चूतिया, मदारचोड़.
मैं खड़ा हो गया, और मैं कुछ आयेज बोलू उससे पहले मम्मी ने मुझे ज़ोर से थप्पड़ मार दिया. उसके बाद क्या हुआ मैं आपको अगले पार्ट में बतौँगा.