कहानी जिसमें बेटे ने अपनी मां को चोद कर उसको जीत लिया

मैं यूपी का रहने वाला हूं। ये मेरी इस सीरीज का पार्ट-3 है। इसके बहुत सारे पार्ट अभी आयेंगे। मेरी एक और सीरीज है, अकबर-बीरबल, उसे भी पढ़े। अब अपनी कहानी शुरू करते है।

पिछली कहानी के पार्ट

मां की चूदाई का सफर-1

मां की चूदाई का सफर-2

तब मैं बाहर चला गया, और मैं मेडिकल से विग्रया की 4 टैबलेट ले आया। मैं 1 घंटे तक चोद सकता था, फिर भी दवा लेकर आया था। क्योंकि मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। और मैं साथ में एक दारू की बॉटल भी ले आया।

मैं ये सब छुपा कर घर पर आ गया। 2 मिनट बाद पापा भी आ गए। वो मुर्गी लेकर आए और बोले-

पापा: देख मैं मुर्गी लेकर आ गया हूं। इसकी टांग खाना।

इतना सुनते ही मम्मी चुपके से हंसने लगी, और मैंने भी सोचा अब पापा को कौन बताए की मुर्गी कौन सी वाली थी। मम्मी ने मुर्गी बनाई, तब तक मैंने अपनी झांट को साफ कर लिया ।

तभी मुझे मम्मी ने खाने को बुलाया।

लेकिन मैंने बोला: अभी नहीं, बाद में खाऊंगा। पापा को खाना खिला दो, उन्हें नाइट में ड्यूटी पर जाना है।

मैं बताना भूल गया, पापा की नाइट ड्यूटी चल रही थी, रात 10 बजे से सुबह के 10 बजे तक।

फिर भी पापा ने मुझे बुलाया और कहा: खाना बाद में खा लेना, लेकिन साथ में बैठ ना थोड़ा।

तभी मेरे दिमाग में आया और वो विग्र्या की दवा खा कर मैं नीचे गया, और सब के साथ में बैठ गया। मम्मी पापा साथ में खाना खा रहे थे। तभी मम्मी ने अनजाने में वो मुर्गी की टांग पापा को रख दी।

पापा: यार ये टांग मेरे राजा बेटे को खानी थी। ये रहने दो।

इतना सुनते ही मेरी स्माइल निकल गई, और साथ में मम्मी की भी। तभी मम्मी बोली-

मम्मी: आप खा लो, उसके लिए रखी है टांग (धीरे से बोली तांकि सिर्फ मुझे सुनाई दे, कि बेटे के लिए है आज 2 टांगे, देखते है क्या करता है )

मैं: हा पापा, आप खा लो, मैं बाद में खा लूंगा।

पापा: ठीक है।

खाना खा कर पापा ड्यूटी के लिए निकल गए।

तभी मम्मी बोली: बेटा देख कर सब खिड़की बंद कर दे। तब तक मैं काम कर लेती हूं सब।

और मुझे सेक्सी वाली स्माइल पास की। फिर मैंने सब खिड़की और गेट बंद किए, और तब तक मम्मी भी बेडरूम में आ गई।

वो बोली: 5 मिनट रुको, मैं तैयार होकर आती हूं।

उन्होंने 2 पीस वाली नाईटी पहनी थी। क्या कमाल की लग रही थी वो। एक दम गोरी-गोरी टांगे, उस पर मरून कलर की नाइटी। मानो आसमान से कोई हूर आई हो। उन्हें देख कर मेरा मुंह खुला का खुला रह गया।

मम्मी ने मुझे देखा और कहा: सिर्फ देखते ही रहोगे, या कुछ करोगे भी?

तो मैंने तुरंत उन्हे उठा कर बेड पर रखा, और उनके पिंक-पिंक होंठो को चूसने लगा। तभी मम्मी ने रोका और कहा-

मम्मी: याद है, मैंने कुछ कहा था?

मैं: क्या कहा था आपने?

मम्मी: तेरे लिए एक ऑफर है मेरे पास। अगर तूने मेरी चूत की आग बुझा दी, तो मैं किसी को भी अपनी चूत देखने तक नहीं दूंगी, जब तक तू नहीं बोलेगा। याद आया मेरे राजा बेटे?

मैं: हां मेरी जान, आज मैं तेरी ऐसी चुदाई करने वाला हूं, कि तुम मेरी रण्डी बनने की भीख मांगोगी।

मम्मी: अच्छा?

मैं: हां, और कल तुम अगर ठीक से चल पाई ना तो मैं तेरा बेटा नहीं।

मम्मी: देखते है।

इतना बोलते ही वो खुद मुझे स्मूच देने लगी। मैंने मम्मी को किस करते हुए मम्मी की नाइटी को उपर से निकाल दिया, और उनके बड़े-बड़े बूब्स देख कर मैं हैरान रह गया। क्या बूब्स थे यार, एक दम बड़े-बड़े, और उन पर ब्राउन निप्पल।

मैं बिना देर किए उनके बूब्स चूसने लगा, और एक को दबाने लगा। तब मम्मी को भी मजा आने लगा। वो भी आह आह आह करने लगी। तभी मैंने बिना देर किए मम्मी को पूरा नंगा कर दिया, और उनकी क्लीन शेव चूत देख कर मेरी आंखो में चमक आ गई। अब मैं उनकी चूत घूर रहा था।

तभी मम्मी ने बोला: आज मेरे बेटे का टेस्ट है। तो मैदान की घास काट दी।

और वो हसने लगी। लेकिन मैं अभी भी घूर रहा था। तब मम्मी ने कहा-

मम्मी: क्या देख रहा है?

मैं: मेरे जन्मस्थान को‌।

इतना बोलते ही मैं और मम्मी बहुत जोर से हसने लगे, और मैंने बिना देर किए मम्मी की चूत चूसनी शुरू कर दी।

मैंने अपनी जीभ मम्मी की चूत में डालनी शुरू कर दी, और जोर-जोर से चूसने लगा। कभी-कभी मैं उनकी चूत के बाहर निकले हिस्से को आपने दातों से काट देता था धीरे-धीरे,‌तो मम्मी की आह निकल जाती।

तभी मम्मी बोलने लगी: बस कर बस कर।

लेकिन मैं रुका नहीं। तभी मम्मी का शरीर अकड़ने लगा, और एक दम से उन्होंने मेरे सर को अपनी चूत में घुसा लिया। फिर अचानक से मम्मी की चूत से उनका काम रस निकला, जो कि थोड़ा नमकीन था। मैं सारा का सारा पी गया, और उनकी चूत को चाट कर साफ कर दिया।

तब मम्मी ने मेरी चड्डी निकाल दी, और मेरा 11 इंच का लंड देख कर बोली-

मम्मी: इतना बड़ा मैंने अब तक नहीं लिया है।

और फिर वो मेरा लंड चूसने लगी। वो कभी लंड का टोपा चूसती, तो कभी मेरे गोटे। ऐसा करते-करते 30 मिनट में मेरा पानी निकला। वो सब पी गई, और थोड़ा लंड चूसने के बाद मेरा लंड खड़ा हो गया। तब मम्मी ने कहा-

मम्मी: मुझे मम्मी की तरह नहीं, एक रण्डी की तरह चोदना। बेटे तेरी रण्डी तैयार है, चुदाई शुरू करो!

मैं: मम्मी मन तो कर रहा है तुम्हें कुचलने का, मगर तुम्हे देख कर प्यार करने का मन कर रहा है।

तो मम्मी बोली: राजा प्यार करने नहीं, मै तो सिर्फ चुदने आयी हूं तेरे पास। तेरा जैसे मन करे वैसे रगड़ ले मुझे। अगर मुझे खुश नहीं किया ना, तो शर्त याद हैं ना?

मैं: तो फिर तैयार हो जा मेरी जान आज।

तो मम्मी बोली: मैं जान नहीं रंडी हूं, पेल दे बस तू जान बनाने का ख्वाब मत ले। और आजा अब बकचोदी बहुत हो गयी।

मैं: रूक रंडी, अभी तेरी सारी गर्मी निकलाता हूं। बहन की लोड़ी, मुझसे बकवास कर रही है।

तो मम्मी बोली: हा कुत्ते, तेरे जैसे बहुत आए गये, तू भी आजा अब।

तभी मैंने अपने हाथों से मम्मी की दोनों चूचियों को पूरी ताकत से दबा दिया ।

मैं: रंडी, अब रहा नहीं जाता।

तो मम्मी बोली: ठीक है कुत्ते, चढ़ जा, बता किस स्टाइल में करेगा?

मैं: तुझे जैसे चुदना पसंद है वेसै ही।

तो मम्मी बोली: कुत्ते मैं रंडी हूं घरवाली नहीं। तेरा मन करे वैसे पेल, नाटक मत कर।

इतना सुनते ही मैंने बेड पर मम्मी को लिटा दिया, और मम्मी की गांड के नीचे दो तकिये लगा कर उनकी टागों को पूरा फैला कर लंड चूत पर रख कर खिसने लगा।

तो मम्मी भी आहें निकालने लगी। मम्मी की चूत से रस लगातार धीरे-धीरे निकल रहा था, और उधर मम्मी की थूक से मेरा 11 इंच का काला लंड चमक रहा था।

तभी मैंने मम्मी की चूत मे थोड़ा सा लंड पूरी ताकत से घुसा दिया। मम्मी की एक हल्की आह निकली। दूसरे झटके मे लगभग 7 इच से ज्यादा लंड चूत मे घुस चुका था। अब बाकी का जो बचा था, उसके लिए उनके कंधो को कस कर पकड़ लिया। मम्मी भी तैयार थी। तभी मैंने जोर का झटका लगा कर मम्मी की चूत में पूरा लंड फसा दिया।

मम्मी इतनी जोर से चीखी, कि अगर पास में कोई होता तो उसे पता चल जाता कि अंदर जोरदार चुदाई चल रही है। मगर दर्द हुआ तो चीख निकल पड़ी। चीख सुनते ही मैं हसने लगा और कहा-

मैं: तेरी गांड तो अभी से फटने लगी कुतिया।

तो मम्मी ने रोते हुए: कहां कुत्ते, वो तो 20 साल पहले ही फट चुकी है, तू तो बस चोद ले। सील खोलने वाले तो मर्द अलग थे वो।

मैं: कुतिया, उनके लंड से आगे की चूत में आज फाड़ने वाला हूं तेरी।

फिर मैं मम्मी को एक बेहरम की तरह चोदने लगा। करीब 5 मिन में मम्मी मेरा साथ देने लगी, और आह आह आह और जोर से बोलने लगी।

मम्मी को मैं जितनी ताकत से चोदता, उतना ही मम्मी जोर से चोदने को कहती। तो मैं और ताकत से लंड को चूत में डालता, और चूत के इस जोरदार युद्ध में आज भी जीत तो चूत की होनी थी।

ऐसा करते-करते मुझे 1 घंटा हो गया, और मम्मी भी 2 बार झड़ चुकी थी

तभी मम्मी बोली: कुत्ते कितना चोदेगा? मेरी चूत में जलन होने लगी है, अब बस कर।

लेकिन तभी मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है।

मैं: मेरी रण्डी, मेरा पानी निकलने वाला है।

तो वो बोली: कुत्ते, अपने लंड का माल तो चखा दे। अंदर मत डालना।

तभी मैंने लंड बाहर निकाल लिया, और मम्मी के मुंह में डाल कर मम्मी के सर को पकड़ कर उसे चोदने लगा। एक मिनट के बाद मेरे लंड ने तीन लंड जितना वीर्य एक लंड से उगल कर मम्मी के मुंह को पूरा माल से भर दिया। मम्मी ने माल गटक कर मेरा लंड साफ कर दिया।

तभी 10 मिनट के बाद वो उठ कर बाथरूम जाने लगी, तो मैंने देखा कि वो अपनी टांगे फैला कर चल रही थी। फिर वो 5 मिनट में अपनी चूत साफ करके आई।

मैं: क्यों मेरी जान, रण्डी बनना है क्या?

मम्मी: जा मेरे राजा, आज से मैं तेरी हुई। कैसे भी मुझे चोद मैं माना नहीं करूंगी।

मैं: क्या हुआ मम्मी, आप पैर फैला कर चल रही थी?

मम्मी: हां तो तूने ऐसे चूत मारी है, कि मेरी चूत फट गई। तूने सही कहा था, कि मुझे चलने लायक नही छोड़ेगा।

मैं: तो शर्त के हिसाब से मैं जीता या हारा?

मम्मी: तू पूरे नंबर से पास हो गया है मेरे राजा। अब सो जा, मैं बहुत थक गई हूं। और मेरी चूत में जलन हो रही है, और थोड़ी फट भी गई है।

मैं: अभी तो चूत ही फटी है, अभी गांड बाकी है।

इतना सुनते ही मम्मी डर गई और बोली: एक बार चूत में लिया तो चूत फट गई, और गांड में लूंगी तो क्या होगा?

तभी मुझे याद आया कि मैं दारू लाया था।

तो मैंने कहा: मम्मी दारू लाया हूं उसे पीलो, तो दर्द कम होगा।

अगले पार्ट में बताऊंगा कि मैंने कैसे मम्मी की गांड मारी।

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