बेटे ने मा के मंन में जगाई वासना

हेलो दोस्तों, मेरा नाम राज है. मेरी आगे 20 साल है. अभी मैं 2न्ड एअर कॉलेज में हू. मेरी फॅमिली में मैं, पापा, मा, और मेरी बाहें रूपाली (19 साल की है). वो अभी 1स्ट्रीट एअर में है.

पापा का मेडिकल है तो वो सुबह मेडिकल चले जाते थे. सिर्फ़ दोपहर में ही घर आते थे खाना खाने के लिए. आस-पास हॉस्पिटल्स होने की वजह से हमारा मेडिकल भी बहुत अछा चलता था. मेडिकल पे 3-4 लड़के थे काम करने के लिए. लेकिन फिर भी मुझे ही पापा को खाना देने के लिए मेडिकल जाना पड़ता था. क्यूंकी उन्हे लड़कों पे भरोसा नही था.

खैर बात करू मा की, तो वो 43 साल की है. हाइट में मैं उनसे 2 इंच बड़ा ही हू. बुत उनके फिगर की बात करू तो उनकी मोटी चौड़ी गांद है, और भारी-भारी चूचियाँ है. अब स्टोरी पे आते है.

ये उस रात की बात है, जब मैं अपने रूम से निकल के किचन की तरफ जेया रहा था पानी की बॉटल भरने के लिए. करीब रात के सवा बारह बाज रहे थे, तो मा के रूम के पास पहुँचते ही हल्की-हल्की मा की सिसकियों की आवाज़ आ रही थी. मैं वही खड़े हो कर कान लगा के सुनने लगा.

फिर मैं दबे पावं उनकी जाली वाली विंडो में से हल्के से पर्दे को उंगलियों से हटा कर देखने लगा. मैने देखा मा पापा के उपर चढ़ि थी बिल्कुल नंगी. रूम में नाइट लाइट ओं होने की वजह से मुझे सॉफ-सॉफ सब कुछ दिख रहा था, और दर्र भी लग रहा था की कही वो मुझे ना देख ले.

पर मैं वाहा खड़े हो कर देखते रहा, की मा कैसे पापा के सीने पे अपने हाथो को रख कर अपनी गांद उपर-नीचे कर रही थी सिसकियाँ लेते हुए. और पापा अपनी हाथो से उनकी गांद को झटके दे रहे थे. मा की भारी-भारी एक-दूं गोरी चूचियाँ उछाले मार रही थी.

उनके बाल भी पुर खुले हुए थे. फिर मा पापा के सीने पे से हाथ हटा कर उनके सीने पे सो गयी उनकी बाहों में. और सोक ही वो एक-दूसरे को धक्के मार रहे थे धीरे-धीरे. मेरा भी लॉडा खड़ा हो गया था ये सब देख कर. मैं पहली बार मा को एक-दूं नंगे देख रहा था.

तभी मा पापा के उपर से उठी, और बगल में लेट गयी बिखरे बालों के साथ अपनी दोनो टाँगो को फैला कर. तब पापा ने बेड की ड्रॉयर से क्रीम निकली. वो टाइगर क्रीम था, जिससे लंड बिल्कुल सख़्त हो जाता है, और लिमिट बढ़ जाती है. मेडिकल पे बैठने की वजह से मुझे ये सब पता था.

तब पापा ने उसको अपने हाथो से अपने लंड पे लगाया. फिर मा की टाँगो को अपने कंधे पे रख कर उनकी मशीन में अपना सख़्त लॉडा आराम से डाल कर तेज़ी से आयेज-पीछे करने लगे. साथ में वो उनकी भारी चूचियों को अपने दोनो हाथो से दबाने लगे.

मैं भी अपने हाथ को लोवर के अंदर डाल के लंड को सहला रहा था. मैं खड़े-खड़े ही लोवर के अंदर से ही लॉड को धीरे-धीरे आयेज-पीछे कर रहा था. मा बिल्कुल मदहोश थी चूड़ने में. फिर पापा कुछ देर बाद मा की मशीन में ही झाड़ गये. उसके बाद उन्होने एक-दूसरे को लीप किस किया.

फिर मा ने अपने पेटिकोट से पापा के लॉड को सॉफ किया, और खुद को भी. इतना देखते ही मैं दबे पावं वही से अपने रूम की तरफ भाग आया की कही वो मुझे देख ना ले. मैने रूम में पहुँचते ही सबसे पहले अपने पुर कपड़े निकाल दिए. सब का अपना-अपना रूम था, तो कोई दिक्कत नही थी.

फिर मैं मूठ मारने लगा. करीब उस रात मैने 3 बार मूठ मारी थी. फिर थकान की वजह से सो गया. अगले दिन से मुझे मा को छोड़ने का हवस सी चढ़ गयी. किसी भी तरह बस मैं मा को छोड़ना चाहता था.

मैं दोपहर में मेडिकल से आने के बाद मा के रूम में गया, और उनके बेड की ड्रॉयर चेक करने लगा. मैने देखा वाहा पे कॉंडम के 2 डब्बे थे चॉक्लेट फ्लेवर, टाइगर क्रीम थी, और एक गंदी किताब थी जिसका नाम था शीला की छूट. खुद का मेडिकल होने की वजह से पापा ने तो पूरा स्टॉक ही रख दिया था.

लेकिन ये सब देखने के बाद मैं इमगीन करने लगा मा के बारे में. मैं आँख बंद करके सोचने लगा की मैं मा की टांगे उठा के बिल्कुल पापा की तरह उन्हे छोड़ रहा हू. तभी मा आ गयी और बोली-

मा: क्या कर रहा है तू राज यहा पे. चल किचन में लिस्ट देती हू सब्ज़िया लानी है.

फिर मैं चला गया सब्ज़िया लेने. वापस जब किचन में आया मा को सब्ज़िया देने, तो देखा उनकी ब्रा की एलास्टिक दिख रही थी. ये देख के मेरा तो अचानक से खड़ा हो गया वही पे. तब मा जैसे सब्ज़िया नीचे रखने लगी, तो मैं तुरंत उनके पीछे खड़ा हो गया. मेरा लंड तुरंत उनकी गांद से टकरा गया झटके से.

मा बोली: अर्रे यहा क्या खड़ा है? तू जेया अब मुझे काम करने दे.

मैं बिल्कुल बेचैन सा और पागल सा होने लगा उनको छोड़ने के लिए. फिर करीब 2 हफ़्तो बाद रात को पापा घर आए, और खाने पे बताने लगे की वो अपने दोस्तों के साथ जम्मू जेया रहे थे घूमने 1 हफ्ते के लिए. मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया की अब तो मुझे ही मेडिकल पे बैठना होगा.

लेकिन फिर मेरे दिमाग़ में आइडिया आया की पापा तो अब रहेंगे नही घर पे. तो क्यूँ ना मैं कुछ करू. तो मैं सोचने लगा और सोचते-सोचते आइडिया आया की मम्मी को सेक्स की डॉवा दे डू रात को खाने के बाद. फिर उनके साथ करूँगा सेक्स. फिर मैं इंतेज़ार करता रहा पापा के जाने का.

पापा के जाने के बाद उसी रात मैने रात को मा के दूध में धीरे से सेक्स की 1 टॅबलेट डाल के मिक्स कर दी. मुझे पता था पापा नही थे, तो मा रूम लॉक नही करेगी. फिर मैने रात के 12 बजे तक का वेट किया. उसके बाद उनके रूम में गया, क्यूंकी अब रूपाली भी सो चुकी होगी.

रूम में जाते ही मैं देखा की वो सो नही पा रही थी, और मदहोश हो रही थी. मैं फिर उनके पास गया, और धीरे से उनकी चूचियों को मसल दिया. मुझे लगा मा सेक्स की भूख में सब चलने देंगी. लेकिन ऐसा नही हुआ.

मा पता नही कैसे अचानक से उठ गयी. मैं तो बिल्कुल दर्र गया, और मेरे हाथ-पैर काँपने लगे. मा ने मुझे एक थप्पड़ खींच के मारा और बोली-

मा: बदतमीज़, कमीने, बेशरम तुझे शरम नही आई रे कमीने, अपनी ही मा के साथ ऐसा करते हुए?

मैं तुरंत उनके पैर पकड़ने लगा, और उनसे माफी माँगने लगा, और गिड़गिदने लगा की मा मुझे माफ़ करदो, मुझसे ग़लती हो गये. फिर वो 5 मिनिट बाद मान गयी और बोली-

मा: जेया सोजा, मगर आइन्दा अगर ऐसा हुआ तो मैं नही छ्चोड़ूँगी तुझे. और तेरे पापा से भी बता दूँगी.

मैं बोला: ओक मा, अब ऐसा नही होगा.

फिर अगले दिन सुबह मैं मा के सामने जब भी जाता, तो शरम के मारे मैं कुछ कह नही पाता था. तभी मैने हिम्मत जुटाई, मा के पास गया, और बोला-

मैं: मा मुझे माफ़ करदो ना. मैं मानता हू मुझसे ग़लती हो गयी. अब आइन्दा से नही होगी. तू मुझसे बात तो कर.

फिर वो बोली: तुझे देख के गुस्सा तो बहुत आ रहा है. क्या करू फिर भी तुझे एक मौका देती हू. चल ठीक है, लेकिन तू ये बता तू मेरे रूम में अचानक से कैसे आ गया? आख़िर तेरी हिम्मत कैसे हो गयी अचानक से?

मैं बोला: रहने दो ना मा अब जो हो गया.

वो बोली: नही बता.

फिर मैने उनको सब कुछ खुल के बता दिया की कैसे मैने पापा और उनको सब कुछ करते देखा, और फिर उनके रूम में कॉंडम और वो सब देखा. तो वो बिल्कुल शर्मा गयी, और कुछ नही बोली.

फिर मैने कहा: यी सब देखने के बाद मैं अपना आपा खो बैठा, और फिर पापा के जाने के बाद मैने आपको सेक्स की डॉवा दी. तभी मैं आपके कमरे में आया था. मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया था. सॉरी मा.

मा का चेहरा देखने लायक था. मुझे लग रहा था की वो ये सब सुन के जोशीली हो गयी थी. क्यूंकी पापा भी नही थे उनकी ठुकाई करने के लिए.

तो वो बोली: कोई नही, जो हो गया सो हो गया.

फिर उस दिन से मा मुझसे बहुत सही से बात कर रही थी. पता नही क्यूँ शायद उनकी वासना भी जाग उठी थी मेरे प्रति. वो मुझसे अजीब बिहेव करने लगी थी. जैसे अपने बूब्स की क्लीवेज दिखना जान-बूझ के. मैं सब कुछ समझ रहा था, लेकिन उस दिन के बाद से मुझे बहुत दर्र भी लग रहा था.

पापा को गये हुए अब 4 दिन हो गये थे. फिर उसी दिन मैने तान लिया था की अब तो चाहे जो हो जाए, मा को तो छोड़ के ही रहूँगा. उनकी हरकते ही ऐसी होने लगी थी. तो मैं उस रात मेडिकल से वियाग्रा की दो टॅब्लेट्स लेके आया था. खाने के बाद मैने मा के दूध में उसको मिला दिया, और इंतेज़ार करने लगा. शायद मा उस रात चूड़ने के लिए झटपटा रही थी.

फिर वो करीब रात के 11:30 पे मेरे रूम में आई, शायद जब उनसे रहा नही गया. मैं तो जाग ही रहा था. आते ही वो मुझसे बोली-

मा: सच-सच बता राज, आज भी तूने मेरे दूध में उस दिन की तरह कोई टॅब्लेट्स मिलाई है ना?

मैं डरते हुए बोला: नही-नही मा.

तो वो बोली: बेटा मैं पहली बार ये टॅब्लेट्स नही खा रही हू, जो मुझे पता नही चलेगा. तुझे क्या लगा. तू मुझे छोड़ना चाहता है ना? तो आ आज मैं भी देखती हू कितनी हवस है तुझमे.

ये कह के अंदर से दरवाज़ा बंद करने लगी, और आते ही मेरे लंड को अपने हाथो से मसालने लगी.

बाकी आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में पढ़िए, की कैसे मैने मा के साथ-साथ रूपाली को भी छोड़ा. जिस किसी को भी मुझसे बात करनी है, या कोई हेल्प चाहिए तो मुझे मैल कर सकता है.

मी एमाइल ई’द: राज़्स1813@गमाल.कॉम

थॅंकआइयू.

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