ही, मैं कारण आज फिर एक स्टोरी के साथ हाज़िर हू. मेरी मा का नाम रीना है. वो एक मस्त गड्राई गोरी माल है, जिसे देख किसी का लंड बोल जाए. वो गोरी है, और बदन 34-30-36 का है. हाइट 5.5 फीट की है, और असली माल दिखती है.
मेरी मा और मैं पुणे में रहते थे. वाहा मैं पढ़ाई करता था और मेरे पापा कुछ सालो से चेन्नई में काम करते थे. मेरी मा ढीले स्लीव्ले ब्लाउस मॉडर्न बनने के लिए पहनती थी, जिसमे तोड़ा झुकते ही उसके बड़े चुचे पुर लटक जाते. ऐसे भी उसकी क्लीवेज गोरे बदन पर दिखती रहती, जिससे सारे लड़के उसे हमेशा घूरते रहते थे.
मेरी मा का बिहेवियर बहुत अछा था. वो किसी से भी तुरंत बात करने लगती थी. इसलिए मेरे बहुत सारे दोस्त और सोसाइटी के लड़के भी मा से बातें करते रहते थे. एक बार की बात थी, मेरी लड़ाई क्लास के एक लड़के राहुल से हो गयी थी. उसने मुझे गाली दी. उसने तभी कुछ ऐसा खा जो मेरे दिमाग़ में बैठ गया.
राहुल: सेयेल मेरी मा को क्या गाली दे रहा है, अपनी मा को देखा है साली कैसे अपने आधे चुचे और कमर दिखा के सब का लंड खड़ा करती है. साली की पतली कमर और इतनी बड़ी गांद बिना लंड लिए थोड़ी हुए है. रोज़ सोसाइटी में लंड लेती होगी रंडी.
ये बात पर सब हासणे लगे, और मैं चुप हो गया. मैं घर आया तो मा पड़ोस के भैया से सोफा में सात कर बातें कर रही थी. ये देख मुझे क्या मालूम क्यूँ घबराहट होने लगी. फिर सपने में मेरी मा को लंड पर चूड़ते देखा. इस पर मेरी नींद खुल गयी.
मैं अपने आपको समझा नही पा रहा था. मा सोई थी तो मैने मा का फ्ब खोला. उसमे ज़्यादातर सेक्स से रिलेटेड वीडियोस आ रही थी. मैं तड़प में था. मैने मा की एक पिक खोली. मा येल्लो सारी में थी. उसमे लोगों ने मा को गंदे कॉमेंट्स किए थे. एक जिसे देख मेरा लंड खड़ा हो गया.
एक ने लिखा था: ऐसा कमसिन बदन अफ. आजा तेरे इन तड़प्ते चुचो को आधे से पूरा आज़ाद कर डू, और तुझे अपने लंड का पानी चखा डू.
ये देखते ही मैने अपना लंड निकाला, और मेरा मूठ निकल गया, और मेरी मा की पिक पर भर गया. मैं दर्र गया. मैने फोन सॉफ करके वापस रख दिया. फिर मैं डेली मा को कभी किसी लड़के से बात करते, उसके हाथ को पकड़ते देखने पर, या अपने किसी दोस्त से मज़ाक करने पर उसके चूड़ने का इमॅजिन करके मूठ मार लेता.
एक दिन पापा का कॉल आया की मैं और मा दोनो गाओं चले जाए. पड़ोस में रिश्तेदार की शादी थी, और पापा खुद 2 दिन बाद आएँगे. हमने अगले ही दिन ट्रेन पकड़ी और चल दिया. हमारा गाओं बिहार में था. मा ने उस दिन रेड कलर की शिफ्फॉन सारी और रेड ब्लाउस पहना, जो और ढीला था.
उसके स्लीव्ले ब्लाउस से सिर्फ़ चुचे के निपल ढके थे, बाकी सब दिख रहा था. सब लोग मा को घूर के देख रहे थे. ट्रेन में हमारे सामने सीट पर एक कपल था. मा उनसे बात-चीत करने लगी, जैसा उनका बिहेवियर था. लेकिन उसका हज़्बेंड मा के आधे गोरे नंगे बदन को देखे जेया रहा था, और देखे भी क्यूँ ना. ऐसी माल खुद अपना दिखा रही थी. तभी हमने देखा रात होते ही वो दोनो चुदाई करने लगे, जिस पर नीचे की सीट आवाज़ कर रही थी. मा नीचे बर्त पर ही सोई थी, तभी आवाज़ आ रही थी.
वाइफ: अभी यहा करना ज़रूरी है?
हज़्बेंड: ह साली देख रही है साली कितनी मस्त माल है. मुझे तो अभी भी नही लग रहा ये बच्चे की मा है.
वाइफ: सेयेल तू नही सुधरेगा, उतार मेरे उपर से.
हज़्बेंड: चुप साली, देख रही है उसका गोरा बदन? ऐसी होती तो हर वक़्त नंगा छोड़ता.
वाइफ: रंडी जैसे अपने बदन को दिखा रही है साली, मा है ये?
हज़्बेंड: यही तो तड़प है.
मुझे ये सुन कर अजीब ख़याल आने लगे. तभी मैने देखा मा उठी, और बातरूम चली गयी. मॉर्निंग हो गयी. अब हमारा जंक्षन आने ही वाला था. तभी वो आदमी मा के लिए छाई लेकर आया और साथ में बैठ गया. ये देख उसकी पत्नी घूर रही थी.
पहली बार मैने मा को ऐसे स्माइल देते देखा था. वो उसके चेहरे से सॉफ लग रहा था की उसने रात की सारी बातें सुन ली थी. हमारा जंक्षन आ गया और हमने ऑटो बुक कर लिया घर जाने के लिए. ट्रेन लाते थी इसलिए शाम हो गयी थी. हम जब पहुँचे तो वाहा 3-4 काले लड़के हमारे घर के गाते के पास सिगरेट पी रहे थे.
मा जैसे ही ऑटो से उतरी, वो सब मा को घूर्ने लगे. उनके शरीर में बस निपल्स छ्चोढ़ पूरा कामुक बदन दिख रहा था. वैसे भी ऐसे माल को कों नही देखे? मा स्माइल करते उनके सामने से चली, और मैं गाते खोल अंदर आया. हमारा घर गाओं के स्टाइल में था. बीच में आँगन और साइड में रूम्स. पुर घर में अंधेरा था.
मा: रूको तुम, मैं उन भैया से कहती हू.
मा ने आवाज़ लगाई: सुन रहे है आप लोग? जी हमारे घर में लाइट नही है, तोड़ा चेंजर घुमा देते.
उसमे से एक लड़का काली, मज़बूत, और बदसूरत सी शकल का, अंदर आया और बोला-
लड़का: यहा अभी लाइट नही है. तू नयी आई है यहा?
मा: जी ये हमारा घर है. हम पुणे में रहते है. शादी में आए है.
लड़का: चल स्टूल देदे चेंजर घूमने के लिए.
मा: जी लाती हू.
मा स्टूल ले जेया कर वाहा खड़ी हो गयी. वो उपर चढ़ गया, और चेंजर चेंज कर दिया. तभी उसकी नज़र नीचे पड़ी. शायद मा के गोरे बदन पर थोड़ी से ढके हुए चुचे उपर से उसे पुर दिख रहे थे. क्यूंकी वो घूरता रहा था.
अचानक उसके शॉर्ट्स में उसका लंड सलामी लेने लगा था. मा को अचानक एहसास हुआ, तो वो अपने पल्लू को उपर खींच कर पीछे मूड गयी. तभी वो स्टूल से नीचे उतरा, जिससे उसके हाथ मा की नंगे पीठ पर सतत गये. मा के रोंगटे खड़े हो गये, और आँखें बंद. वो तुरंत अंदर घर में भागती आई, और बाग से पानी निकाल कर पिया और हाँफने लगी.
मा: कुछ नही, रूम खोलती हू.
मा रूम की तरफ बढ़ी, और अचानक कहती है: ओह नो, मैं तो के वही भूल गयी. अब लगता है लॉक तोड़ना पड़ेगा. फिर उसे बुलाना पड़ेगा.
मुझे याद था की मा ने बाग में के रखी थी. लेकिन मैं समझा नही वो ऐसा क्यूँ कह रही थी.
मा: सुन रहे है जी, हमारे घर का लॉक तोड़ दोगे प्लीज़.
लड़के ने कुछ कहा, और स्माइल करता हुए अंदर आ गया. मा उसके पीछे थी. लड़का टाला देखने झुका. मा भी झुकी, और मा के गोरे चुचे पुर दिख रहे थे. जिस पर वो लड़का उसे टेढ़ी आँखों से देखने लगा. मा भी उसे देख रही थी. मुझे समझ नही आ रहा था जो डेली मैं इमॅजिन करता था, मा की हरकतें वैसे ही थी. मा उसके हाथो में सतत गयी.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.