बेटे के सामने मा के चुदने की हॉट कहानी

रफ़ीक अंकल मम्मी के गड्राए भरे हुए जिस्म पर हाथ घूमते हुए मम्मी के होंठो को चूस रहा था. मम्मी किस करती हुई पापा को देखने लगी, और पापा की तरफ इशारा करती हुई अंकल से बोली.

मम्मी: उठ गये तो?

अंकल मम्मी की चिकनी लचकदार कमर को मसलता हुआ बोला-

अंकल: उम्म उर्मिला, अब ये सुबा तक नही उठने वाला है.

मम्मी रफ़ीक अंकल के मूह को गुस्से में पकड़ कर अंकल की आँखों में आँखें डाल कर हासणे लगी. फिर वो बोली-

मम्मी: बहुत हरामी हो आप ना.

मम्मी रफ़ीक अंकल के होंठो पर अपने रसीले होंठ रख कर ज़बरदस्त किस करने लगी. मेरी मम्मी इतनी प्यासी होगी मुझे यकीन नही हो रहा था. रफ़ीक अंकल मम्मी की फूली हुई गांद को पेटिकोट के उपर से दबाने लगे.

रफ़ीक अंकल: उंह हरामी तो मैं हू उर्मिला. अब तो तुम भी हरामी हो चुकी हो.

मम्मी अपनी जीभ निकाल कर अंकल के मूह में देने लगी. अंकल मम्मी की जीभ को चूसने लगा. रफ़ीक अंकल ने मम्मी के बालों को खुला कर दिया था, और मम्मी के बड़े-बड़े बूब्स को ब्लाउस के उपर से मसालने लगा.

वो अपनी जीभ निकाल कर मम्मी के मूह में देने लगा, और मम्मी अंकल की जीभ को चूसने लगी. मम्मी के मूह से सिसकारी निकालने लगी. रफ़ीक अंकल मम्मी को पागलों की तरह चूमने लगा.

अंकल ने मम्मी के ब्लाउस को उनके कंधो से तोड़ा सरका दिया, और कंधो को चूमने लगा. मम्मी धीरे-धीरे रफ़ीक के साथ मस्ती में घुलने लगी.

अंकल: पैसों की क्यूँ ज़रूरत पद गयी इसको?

मम्मी: नुकसान हो गया है इनको इसलिए.

अंकल: झूठ बोल रहा है. ज़रूर गाओं में जो औरत फ़ससा रखी है, उसी को देना होगा पैसा.

मम्मी: क्या! आपको कैसे पता ये सब?

अंकल: इसने मुझे बताया था एक बार.

मम्मी तोड़ा सोचने लगी.

अंकल: क्या हुआ, क्या सोच रही हो?

मम्मी: इसका मतलब है ये मुझसे झूठ बोले.

अंकल: हा, इसीलिए तो गाओं जाता है ये बार-बार.

फिर अंकल मम्मी के बालों से खेलता हुआ मम्मी को चूमने लगा.

अंकल: इसलिए तुमसे कहता हू, ज़्यादा फिकर मत किया करो इसकी.

रफ़ीक अंकल मम्मी के पेटिकोट को उपर करके मम्मी की मखमली टाँगो और जांघों पर हाथ घूमने लगा. मम्मी ने अंकल की शर्ट को निकाल दिया, और अंकल की बालों से भारी चेस्ट को चूमने लगी.

अब तक पता नही आप में से कितने लोगों का लंड खड़ा हो गया होगा. दोस्तों मेरा भी लंड उठ चुका था. अंदर का नज़ारा देख कर मैं बहुत एग्ज़ाइटेड होने लगा.

अंकल मम्मी को उल्टा करके मम्मी की नंगी चिकनी पीठ को अपनी जीभ से चाटने लगा. मम्मी के मूह से आ उम्म्म निकालने लगी. मम्मी ने रेड कलर की पनटी पहनी थी. अंकल मम्मी की गांद को पनटी के उपर से मसालने लगा.

अंकल: उउउंह उर्मिला, तुम्हारा ये नशीला बदन उउंह. तुम्हारी फूली हुई गांद.

मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था मम्मी और अंकल पर. दोनो मदारचोड़ मस्ती कर रहे थे मेरे बाप के सामने. और मेरा गन्दू बाप पी कर बेहोश पड़ा था. मेरी रंडी मों को थोड़ी भी शरम हया नही थी. मम्मी बदचलन औरत की तरह गैर मर्द के साथ रंगरलिया माना रही थी.

फिर मम्मी ने अपनी दोनो टांगे अंकल की कमर के अगाल-बगल डाल दी. रफ़ीक अंकल मम्मी की चिकनी टाँगो और जांघों पर हाथ घूमता हुआ मम्मी के बड़े बूब्स को मसालने लगा. वो मम्मी के होंठो को चूसने लगा.

ऐसा सीन आज-कल की वेबसेरीएस में बहुत देखने को मिल जाएँगे आपको. मम्मी का ये सीन देख कर मुझे सपना (सप्पू) भाभी की सीरीस याद आ गयी. मम्मी का जिस्म भी बिल्कुल सपना भाभी की तरह भरा हुआ है.

रफ़ीक अंकल मम्मी के बड़े पॅपीट जैसे बूब्स को उनके ब्लाउस से बाहर निकाल कर अपने हाथो से दबाने लगा. मम्मी के मूह से हल्की-हल्की सिसकारी निकालने लगी. अंकल मम्मी के बूब्स के निपल को मूह में लेकर बूब्स को चूसने लगा.

अंकल: आअहह उर्मिला बहुत मीठे-मीठे आम है तेरे उंह.

मम्मी के फेस पर हल्की मुस्कान आ गयी.

मम्मी: उउउहह रफ़ीक, ये मीठे-मीठे आम सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही है.

रफ़ीक अंकल पागल की तरह मम्मी के बूब्स के साथ खेलने लगा. अंकल के प्रेस करने से मम्मी के बूब्स ज़्यादा कड़क और कठोर हो गये थे.

उसके बाद रफ़ीक अंकल अपनी पंत खोलने लगा, और अपना अंडरवेर निकाल कर मदारचोड़ नंगा हो गया. उहफफफफ्फ़ अंकल का लंड देख कर मैं भी पिघलने लगा. कितना ज़बरदस्त लंड था अंकल का.

मेरा भी मॅन करने लगा की मैं भी अंकल का लंड अपनी गांद में ले लू. इतना मस्त लंड था छोड़ू अंकल का. फिर मम्मी घुटनो के बाल बैठ कर अंकल के फौलादी लंड को अपने हाथ में लेकर मूठ मारने लगी.

फिर वो पापा की तरफ देखती हुई अंकल के लंड के टोपे को अपने मूह में डाल कर चूसने लगी. ये देख कर मेरा लोड्‍ा एक-दूं खड़ा हो गया, और मैं अपने लंड की मूठ मारने लगा.

मुझे पता है आप लोगों में से भी कितने लोगो का लंड खड़ा हो चुका है, और कितनो के भोंसडे में खुजली होने लगी है. खैर मुझे क्या करना है, मैं भी एंजाय कर रहा हू. आप लोग भी एंजाय कीजिए.

रफ़ीक अंकल मम्मी के बालों को पकड़ कर मम्मी के मूह में अपना लंड डाल रहा था.

अंकल: आअहह उर्मिला, चूस मेरा लोड्‍ा आअहह. देख अशोक तेरी बीवी कितना मस्त लंड चूस रही है मेरा.

और अंकल हासणे लगा. उधर मम्मी भी पापा की तरफ देख कर हासणे लगी. मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी. लेकिन क्या करू, अब तो झानतु अंकल ही मेरा बाप बन चुका था.

मम्मी मूह से बहुत सारा थूक निकाल कर अंकल के लंड पर थूकती, और फिर अपने हाथो से थूक को लंड पर माल कर लंड की मूठ मारने लगती. फिर वो लंड को मूह में डाल कर चूसने लगती, और लंड के टोपे को अपने होंठो पर घूमती.

मम्मी बिल्कुल पोर्नस्तर की तरह अंकल का लंड चूस रही थी. अंकल का लंड मम्मी की थूक से चमकने लगा था. लंड पर बड़ी-बड़ी झांते भी गीली हो गयी थी. उफफफफ्फ़ बहुत ज़बरदस्त नज़ारा चल रहा था अंदर.

ये सब देख कर मेरे रोंगटे ही खड़े हो गये थे. मम्मी लंड के नीचे वाले पार्ट (अंकल के अंडकोष) को अपने मूह में लेकर अंकल के गोतों को जामुन की तरह चूसने लगी.

थोड़ी देर बाद मम्मी ने लंड चूसना बंद कर दिया, और एक कपड़े से लंड को अची तरह सॉफ करने लगी. रफ़ीक ने मम्मी को अपनी गोद में उठा लिया, और पलंग पर लिटा दिया. और फिर मम्मी की दोनो टाँगो को एडी (हील्स) से पकड़ कर उठा लिया.

फिर वो मम्मी के पैरों की उंगलियो को अपने मूह में लेने लगा. उःफ्फ् ये नज़ारा बिल्कुल नया था मेरे लिए भी, और मम्मी के लिए भी. मम्मी को मीठी-मीठी खुजली होने लगी थी. मम्मी का फेस खुशी से चमक रहा था.

अंकल मम्मी के पैरों को चूमते हुए उपर की तरफ आने लगा, और मम्मी की टाँगो को चूमने लगा. और फिर मम्मी के घुटनो को चूमता हुआ मम्मी की जांघों को चूमने लगा.

रफ़ीक अंकल मम्मी की फूली हुई गांद पर हाथ घूमता हुआ मम्मी की पनटी को निकालने लगा. उसने मम्मी की पनटी को उनकी टाँगो से बाहर निकाल दिया, और मम्मी को सेक्सी नज़रो से देखता हुआ पनटी को सूंघने लगा.

अंकल: आहह उर्मिला, क्या खुश्बू है.

अंकल को ऐसा करते देख मम्मी हस्स दी और बोली-

मम्मी: हॅट बेशरम.

मम्मी की छूट पर घुंघराली झाँते देख कर मेरे लंड ने पानी छ्चोढ़ दिया. बहुत हॉट लग रही थी मम्मी. अंकल ने मम्मी की रसीली छूट पर अपना मूह लगा दिया, और मम्मी की रसीली छूट को चूसने लगा.

मम्मी: आहह हा आअहह उफ़फ्फ़..

मम्मी ने अपनी आँखें बंद किए हुए पलंग की चादर को ज़ोर से पकड़ कर लंबी सिसकारी ली.

अंकल: उउउहहा कितना नमकीन पानी है तुम्हारी छूट का.

मम्मी: आहह उफ़फ्फ़.

रफ़ीक मम्मी की छूट को सहलाता हुआ उसमे उंगली करने लगा. मम्मी की हालत बहुत खराब हो रही थी. रफ़ीक मदारचोड़ एक नंबर का रंडी-बाज़ खिलाड़ी बन चुका था.

मम्मी: ऑश रफ़ीक, बस करो, पागल हो जौंगी मैं.

मम्मी की उत्तेजना देख कर अंकल मर्दानी स्माइल करने लगा. रफ़ीक अंकल ने उठ कर मम्मी की गांद की नीचे 2 तकिये लगाए, और मम्मी की दोनो टाँगो को चौड़ा कर दिया. फिर उसने अपना लंड मम्मी की छूट पर रख दिया.

मम्मी: कॉंडम नही है क्या?

अंकल: नही लाया.

अंकल मम्मी की छूट पर थूका, और थूक को लंड से मम्मी की छूट पर रगड़ता हुआ अपना लंड मम्मी की छूट में डाल दिया.

मम्मी: आआहह कुछ हो गया तो?

अंकल: कुछ नही होगा.

अंकल मम्मी के बूब्स को मसालने लगा और झुक कर बूब्स को मूह में लेकर चूसने लगा. वो हल्के-हल्के धक्के मार कर मम्मी को छोड़ने लगा.

अंकल: उउउंम उर्मिला, देखना आज तुझे तेरे पति के सामने कैसे छोड़ता हू.

मम्मी अंकल की बात सुन कर हस्स दी, और अंकल को अपनी बाहों में ज़ोर से जाकड़ लिया. फिर वो अंकल की नंगी पीठ पर हाथ घूमने लगी. अंकल मम्मी की छूट पर शॉट मारते हुए मम्मी को छोड़ने लगा. मम्मी पापा की तरफ देखती हुई आहह आअहह करने लगी.

अंकल: आहह उर्मिला.

मम्मी: आह रफ़ीक.

अंकल अपने दोनो हाथ पलंग पर टीका कर मम्मी को छोड़ने लगा.

मम्मी: आअहह.

मम्मी की आँखें बोझल हो रही थी. वो अंकल की चेस्ट पर हाथ घूमने लगी.

मदारचोड़ रफ़ीक अंकल आज मम्मी को बिना कॉंडम के छोड़ रहा था. थोड़ी देर छोड़ने के बाद अंकल अपना लंड मम्मी की छूट से निकाल कर पलंग से नीचे उतार गया.

अंकल का लंड मम्मी की छूट के पानी से चमक रहा था. रफ़ीक ने मम्मी का पेटिकोट उठा कर अपना लंड सॉफ किया, और फिर मम्मी की छूट को सॉफ करने लगा. रफ़ीक मम्मी को पलंग के कॉर्नर में लाया, और मम्मी की दोनो टाँगो को उपर की तरफ खड़ी कर दिया.

मम्मी ने अपनी टांगे रफ़ीक अंकल के कंधो पर रख दी. रफ़ीक मम्मी की छूट पर थूक कर अपने लंड से थूक छूट पर माल दिया, और फिर तोड़ा ज़ोर देकर अपने लंड का टोपा मम्मी की छूट में डाल दिया. फिर वो अपनी कमर आयेज-पीछे करके मम्मी को छोड़ने लगा.

मम्मी: स्शह.

अंकल अपने दोनो हाथो से मम्मी के दोनो पैरों को पकड़ लिया और घपा-घाप मम्मी को छोड़ने लगा.

मम्मी: आह ह्म आअहह.

अंकल: आअहह मेरी जान उर्मिला. उूुउऊहह.

अंदर का नज़ारा किसी ब्लू फिल्म से कम नही लग रहा था. मूठ मारते-मारते मेरा लंड दुखने लगा था. लेकिन रफ़ीक अंकल मम्मी को लंबे-लंबे शॉट मार कर छोड़ रहा था. दोस्तों मुझे अब रफ़ीक को अंकल नही कहना चाहिए. क्यूंकी अब तो रफ़ीक मेरा बाप बन चुका था.

मेरा नया बाप मेरी मा को थोक रहा था, और मैं बाहर खड़ा अंदर का नज़ारा देख कर मूठ मार रहा था.

अंकल: उर्मिला, साली बहुत आग है तेरे अंदर आअहह.

रफ़ीक अंकल लंबे-लंबे शॉट मार रहा था. हर धक्के में मम्मी की गांद तुप तुप तुप बजने लगी. और मम्मी के बूब्स तेज़ी से उपर-नीचे होने लगे.

मम्मी: आआहह उउंम्म रफ़ीक बुझा दे मेरी आग को.

अंकल: मैं ही बूझौँगा तेरी आग को मेरी जान. ये झानतु तो तेरी आग बुझा नही पाता.

मम्मी अंकल की बात सुन कर पापा की तरफ देख कर हासणे लगी, और अंकल का हाथ पकड़ कर अंकल को अपने उपर खींच लिया. फिर वो अंकल को सेक्सी नज़ारो से देखती हुई बोली-

मम्मी: तो आप बुझा दीजिए मेरी आग को.

ये कह कर मम्मी अंकल के होंठो को ज़बरदस्त चूसने लगी. और अंकल घपा-घाप मम्मी को छोड़ने लगा. मम्मी ने अपनी टांगे अंकल की कमर पर बाँध ली. रफ़ीक अंकल मम्मी को छोड़ता हुआ मम्मी के रसीले होंठो का रस्स-पॅयन कर रहा था.

और फिर वो मम्मी की गर्दन को चूमने लगा. मम्मी ने काम-वासना में अंकल को अपनी बाहों में भर लिया, और अंकल की पीठ पर हाथ घूमने लगी. ये नज़ारा देख मैं अपने आप को रोक नही पाया, और मेरे लंड ने फिरसे पानी छ्चोढ़ दिया.

दोनो नंगे जिस्म एक हो चुके थे. मम्मी के बूब्स अंकल की चेस्ट में डब गये. अंकल मम्मी के बूब्स को मसालने लगा.

अंकल: आआहह उर्मिला, बहुत मज़ा आ रहा है तुझे छोड़ने में उउउः.

मम्मी: आअहह.

थोड़ी देर छोड़ने के बाद अंकल रुक गया, और मम्मी को किस करने लगा. मुझे लगा अंकल झाड़ चुका था, लेकिन जब उसने अपना लंड मम्मी की छूट से निकाला, उसका लंड ज़्यादा अकड़ने लगा था. अंकल का लंड मम्मी की छूट के पानी से चमकने लगा, और मम्मी अपनी छूट के दाने को अपने हाथ से मसालने लगी.

मम्मी की छूट के अंदर गोल छेड़ दिखने लगा था, जिसमे से पानी तपाक रहा था. रफ़ीक मम्मी के पेटिकोट से अपना लंड पोंछने लगा, और पेटिकोट मम्मी के उपर फेंक दिया. मम्मी अपने पेटिकोट से अपनी छूट पोंछने लगी.

उसके बाद रफ़ीक अंकल ने मम्मी को पलंग से नीचे खड़ी कर दिया, और मम्मी को झुका दिया. मम्मी पलंग पर दोनो हाथ रख कर घोड़ी बन गयी. मैं समझ गया अब रफ़ीक अंकल मेरी मम्मी की गांद मारने वाला था.

फिर अंकल मम्मी की फूली हुई गांद पर हाथ घूमने लगा. और फिर गांद के छेड़ में उंगली करने लगा. मम्मी भी समझ गयी थी, इसीलिए अंकल को कुछ नही बोली. फिर अंकल मम्मी की गांद पर थूका.

उसके बाद उसने अपने लंड का टोपा मम्मी की गांद की छेड़ पर टीका दिया, और फिर अपने लंड को हाथ से मज़बूत पकड़ कर ज़ोर देकर टोपा मम्मी की गांद में डाल दिया.

मम्मी: आआहह.

उसके बाद अंकल अपनी गांद धीरे-धीरे आयेज-पीछे करने लगा, और अंकल का लंड मम्मी की गांद को चीरता हुआ अंदर चला गया.

मम्मी: उऊहह.

मम्मी की गांद अंकल के लंड को एक-दूं जाकड़ रखी थी. रफ़ीक अंकल ने मम्मी की गांद को मज़बूती से पकड़ लिया, और फिर अपना लंड मम्मी की गांद से निकाल कर ज़ोर से धक्का मारा.

मम्मी: आआहह मदारचोड़ क्या कर रहे हो? दर्द हो रहा है ना.

अंकल मम्मी के मूह से गाली सुन कर हासणे लगा, और झुक कर मम्मी की नंगी पीठ को जीभ से चाटने लगा. वो मम्मी के बड़े बूब्स जो लटक रहे थे, उनको दबाने लगा.

मम्मी: आआअहह रफ़ीक बहुत दर्द हो रहा है यार.

अंकल: उहह मेरी डार्लिंग, दर्द में ही तो मज़ा आता है.

ये कह कर अंकल मम्मी के कंधो को चूमने लगा, और धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू कर दिया. रफ़ीक अंकल मम्मी की कमर को पकड़ घपा-घाप शॉट मारने लगा.

अंकल: आहह मेरी जान उउउहह.

मम्मी: अया.

रफ़ीक अंकल मम्मी के मोटे-मोटे छूतदों को पकड़ कर घपा-घाप मम्मी की गांद मारने लगा.

मम्मी दर्द के मारे चिल्लाने लगी. रफ़ीक मम्मी की गांद पर थप्पड़ मरने लगा ज़ोर-ज़ोर से.

मम्मी: आअहह रफ़ीक, मत करो प्लीज़. आवाज़ बाहर जाएगी

अंकल: आआहह मेरी रांड़ उउउहह बहुत गांद मटका-मटका कर चलती है ना तू.

मम्मी: आहह, हरामी मेरी गांद पर ही नज़र रहती है तेरी.

मम्मी हस्ती हुई सिसकारी लेने लगी. उनकी बात सुन कर अंकल भी हासणे लगा.

अंकल: आअहह मेरी रांड़, तेरी गांद है ही इतनी मस्त.

ये कहते हुए अंकल मम्मी की गांद पर ज़ोर से थप्पड़ मारने लगा.

मम्मी: रफ़ीक मत करो ना.

मम्मी एक हाथ पीछे करके अंकल को थप्पड़ मारने से रोकने लगी. अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ लिया. अब मम्मी सिर्फ़ एक हाथ के सहारे झुकी थी. मम्मी ने भी अंकल के हाथ में टाइट मुति बंद कर ली.

अंकल मम्मी की घपा-घाप गांद पेल रहा था. अंकल के धक्को से मम्मी की गांद तुप तुप बजने लगी. और मम्मी के बूब्स ज़ोरो से हिलने लगे. अंकल रुकने का नाम ही नही ले रहा था.

रफ़ीक अंकल दूसरे हाथ से मम्मी के बालों को पकड़ लिया, और बालों को खींचता हुआ ज़ोर-ज़ोर से मम्मी की गांद पर धक्के मारने लगा.

मम्मी: आहह उफ़फ्फ़.

मम्मी घोड़ी की तरह अपना मूह उपर करने लगी. दोनो मस्त एक-दूसरे के साथ मस्ती करते हुए आनंद ले रहे थे. रफ़ीक अंकल को मस्त सुशील संस्कारी औरत मिली थी छोड़ने के लिए. और मम्मी को भी मस्त सांड़ जैसा छोड़ने वाला मर्द मिला था.

अंकल: आअहह मेरी गड्राई घोड़ी आअहह.

मम्मी: रफ़ीक मेरे घोड़े, और ज़ोर से छोड़ अपनी घोड़ी को आअहह.

मम्मी हासणे लगी, और अंकल भी हासणे लगा. फिर अंकल झुक कर मम्मी का दूसरा हाथ भी पीछे की तरफ लाकर आया, और अब अंकल ने मम्मी के दोनो हाथो को मज़बूत पकड़ लिया, और घपा-घाप गांद मारने लगा.

तो बे कंटिन्यू….

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