बेटे के मां को ब्लैकमेल करके मज़े लेने की कहानी

मैं यूपी का रहने वाला हूं। ये मेरी इस सीरीज का पार्ट 2 है। इसके बहुत सारे पार्ट अभी आयेंगे । मेरी एक और सीरीज है, अकबर-बीरबल, उसे भी पढ़े। अब अपनी कहानी शुरू करते है।

मैं: मम्मी कहा पर चोट लगी है?

मम्मी: पैर में लगी है बताया था न तुझे।

मैं: पैर में लगी है या कही और?

मम्मी ( थोड़ी सी डर कर): तेरा क्या मतलब?

मैं: पैर में चोट लगी है या चूत मे?

मम्मी ने ये सुनते ही एक चांटा खीच के मारा मुझे। मुझे गुस्सा आया तो मैंने वो विडियो उन्हे दिखाई। इससे वो एक दम डर गई और बोली-

मम्मी: बेटा ये तेरे पास कहा से आई?

मैं: वही से जब आप अपनी चूत का भोसड़ा बनवा रही थी उस सोनी से।

मम्मी: प्लीज ये वीडियो किसी को भी मत दिखाना।

मैं: नहीं मैं ये वीडियो पापा जी को दिखाऊंगा, कि उनकी बीवी उनकी पीठ पीछे किसी से चुद जाती है। वो भी एक रण्डी की तरह।

मम्मी: प्लीज मत दिखाना उन्हें, नहीं तो वो मुझे मार देंगे।

इतने में मम्मी ने झटके के साथ मोबाइल पकड़ कर दीवार से मार कर मोबाइल तोड़ दिया और हंसने लगी।

मम्मी: अब क्या दिखाएगा आपने बाप को?

मैं (थोड़ा सोच कर और थोड़ी सी स्माइल के साथ मम्मी को देखते हुए): नहीं मेरी प्यारी मम्मी, मैंने ये वीडियो पहले से ही आपने कंप्यूटर में और जीमेल पर सेव कर दी थी।

इतना सुनते ही मम्मी एक दम शॉक में हो गई, और उनकी हसी अचानक से गायब हो गई।

फिर वो बोली: क्या चाहिए?

मैं: वही जो तुम उस सोनी को दे रही थी।

मम्मी: क्या?

मैं: तेरी चूत।

मम्मी: नहीं मैं नहीं कर सकती हूं। तू मेरा बेटा है, और मैं तेरी सगी मां हूं, कोई सौतेली नहीं।

तभी मैंने अपना 11 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड बाहर निकाल दिया। मेरा तब लंड खड़ा भी नहीं था, तब भी 6 इंच का था। ऐसा लंड देख कर मम्मी बोली-

मम्मी: ये तेरा लंड है?

मैं: हां, क्यों क्या हुआ?

मम्मी: इसलिए क्योंकि बहुत बड़ा है तेरा लंड।‌ इतना बड़ा लंड मैने सिर्फ चुदाई की फिल्म में देखा है। इतना बड़ा ना मैंने कभी लिया है। अभी खड़ा भी नहीं है, फिर भी इतना बड़ा। अगर खड़ा होगा तो कितना बड़ा होगा।

मैं: अच्छा तो चलो इसे खड़ा करके खुद देख लो।

मम्मी इतना सुनते ही नीचे बैठ कर मेरा लंड अपने मुंह में लेकर मेरा लंड चूसने लगी। 10 मिनट मेरा लंड चूसने के बाद मेरा लंड अपनी पूरी औकात में आ गया। मैं मम्मी के जूड़े को पकड़ कर अपना लंड मम्मी के मुंह के अंदर बाहर कर रहा था।

इसके साथ में मेरे मुंह से आह आह आह की सिसकारियां निकल रही थी।

तभी मम्मी मेरा लंड आपने मुंह से निकाल कर मेरे गोटे चूसने लगी। इतने में तो स्वर्ग में पहुंच गया था, ऐसा लग रहा था। तभी मुझे याद आया कि (मैं अभी ये नहीं भूला था की मम्मी ने मेरा मोबाइल तोड़ दिया था, और इसका बदला मुझे मम्मी से लेना था)

फिर मम्मी ने मेरा लंड फिर से मुंह में लेना शुरू कर दिया, और 10 मिनट लंड चूसने के बाद मैंने मम्मी के मुंह में अपना पानी छोड़ दिया। मम्मी मेरा पूरा पानी मुझे दिखाते हुए पूरा पी गई, और मेरे लंड को भी अपने मुंह से साफ कर दिया।

तभी मेरा मन हुआ कि मैं मम्मी की चूत का पानी टेस्ट करुं। तो मैने मां की सारी उठा दी, और उनकी पैंटी की रबर पकड़ी ही थी, कि तभी डोर बेल बजी और बाहर से पापा की आवाज आई। पापा की आवाज सुन कर मेरे और मम्मी की जैसे सांस ही थम गई।

तभी मैंने मम्मी को बोला: आप जाकर गेट खोले, और मुझसे छत पर मिलो।

इतना बोल कर मैं छत पर चला गया। फिर 10 मिनट में मम्मी छत पर आ गई तो मैंने पूछा-

मैं: कहां है पापा?

तो मम्मी ने बताया: वो बाथरूम में है, बताओ क्या काम है (थोड़ी स्माइल के साथ में)?

मैं: काम तो है।

मम्मी: क्या है मेरे राजा?

और वो एक हाथ मेरी जांघ पर फेरने लगी।

मैं: तेरी गांड फाड़नी है ।

मम्मी: वो तो कल कर लेना।

मैं: हां लेकिन कैसा लगा मेरा लंड?

मम्मी: बहुत बड़ा है। ऐसा लंड मैने कभी नहीं देखा।

मैं: अच्छा वैसे लंड बहुत अच्छा चूसती हो तुम।

इतना सुनते ही मम्मी थोड़ी सी हसने लगी और बोली: एक्सपरटाईज़ है बेटा।

मैं: अच्छा?

मम्मी: हां मेरे राजा।

मैं: कल तुम वो काली वाली साड़ी और वो डायमंड वाला जूड़ा पहनना।

मम्मी: ठीक हैं मेरे राजा, पर वो साड़ी ही क्यों?

मैं: उस साड़ी में तुम ना बहुत बड़ी रण्डी लगती हो।

और जूड़ा पकड़ कर तुम्हारे मुंह को चोदने में तो बहुत मजा आता है।

मम्मी: जूड़ा।

मैं: हां मेरी रण्डी, क्योंकि तेरे मुंह की क्या बात है।

मम्मी: तेरे लिए एक ऑफर है मेरे पास। अगर तूने मेरी चूत की आग बुझा दी, तो मैं किसी को भी अपनी चूत देखने तक नहीं दूंगी, जब तक तू नहीं बोलेगा।

मैं: अच्छा।

मम्मी: हां मेरे राजा।

मैं: मैं जिससे चाहूं उससे तेरा भोसड़ा मरवा सकता हूं?

मम्मी: हां, लेकिन उससे पहले मेरी आग बुझा दे। तब अगर आग नहीं बुझी तो तुझे भी नहीं मिलने वाली हूं मैं, समझा?

मैं: ठीक है मम्मी।

इतने में पापा आ जाते है, और पूछते है: क्या बात हो रही है मां बेटे में अकेले-अकेले में? मुझे भी कोई बताओ कि क्या हुआ।

मम्मी: कुछ नहीं जी, ये आपका बेटा बोल रहा था कि उसे आज मुर्गी की टांग खानी है।

पापा: बेटा मुर्गी की नहीं मुर्गे की।

मैं (मम्मी की तरफ स्माइल करते हुए): नहीं पापा, मुझे मुर्गी की ही खानी है।

इतना सुनते ही मम्मी मेरी तरफ शॉक वाली नजर से देखते हुए।

पापा: ठीक है, मैं ले आता हूं एक मुर्गी।

मैं: ठीक है पापा।

मम्मी: ठीक है जी जल्दी लाना। क्योंकि खाना खा कर आपको भी रात में काम पर जाना है।

पापा: हा याद है मुझे कि काम पर जाना है।‌ इसलिए मैं जल्दी मुर्गी लेकर आता हूं।

इतना बोल कर पापा बाहर चले गए

मम्मी ( मेरी ओर देखते हुए): मुर्गी की टांग खानी है?

मैं: हा मेरी रण्डी।

इतना बोलते ही मम्मी की जांघ पकड़ कर बोला: ये वाली खानी है।

मम्मी ( स्माइल करते हुए): हा रात में खा लेना। तेरी आज परीक्षा भी है चुदाई की।

मैं: हा मेरी रण्डी, आज तेरी चूत और गांड दोनो फाड़ने वाला हूं।

तब मैं बाहर चला गया और मैं मेडिकल से विग्रया की 4 टैबलेट ले आया। मैं 1 घंटे तक चोद सकता था फिर भी दवा लेकर आया था। क्योंकि मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। और मैं साथ में एक दारू की बॉटल भी ले आया।

मैं ये सब छुपा कर घर पर आ गया। 2 मिनट बाद पापा भी आ गए। वो मुर्गी लेकर आए और बोले-

पापा: देख मैं मुर्गी लेकर आ गया हूं। इसकी टांग खाना।

इतना सुनते ही मम्मी चुपके से हंसने लगी, और मैंने भी सोचा अब पापा को कौन बताए की मुर्गी कौन सी वाली है।

आगे क्या हुआ वो आप सब को अगले पार्ट में पता चलेगा कि कैसे मम्मी की चूत मारी।

यह कहानी भी पड़े  मेरी सहेली निशा की चुदाई


error: Content is protected !!