हेलो दोस्तों, मैं पुजारा लेकर आ गया हू आपके सामने फिर एक बार “मा से प्यार” का अगला भाग, जहा आप लोग पढ़ेंगे की कैसे मैने और मा ने शादी करके सुहग्रात मनाई, और हमारे मा बेटे के रिश्ते को एक कदम आयेज बढ़ाया.
तो चलिए अब आप लोगों को बोर ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हू.
पिछले पार्ट में:
जैसे ही पापा ने कहा की अब हम दोनो मा बेटे के साथ पति-पत्नी बॅन चुके थे, और फिर तभी मैने कहा मा से जल्दी आओ कंट्रोल नही हो रहा है चुदाई को लेकर. अब आयेज की कहानी.
जब मा किचन की तरफ गयी सिर्फ़ सारी में लिपटी हुई, तब मैने पीछे से कहा-
मैं: मा वही पे सुहग्रात के लिए मैने शादी का लाल जोड़ा रखा हुआ है. उसको पहन कर ही कमरे में आना.
मा: ठीक है जी.
जैसे ही मैने मा के मूह से जी शब्द सुना, मेरे तो पैरों तले से ज़मीन ही खिसक गयी. क्यूंकी मा के मूह से जी सुनना किसी सपने से कम नही था. तभी पापा मुझे होश में लाए, क्यूंकी मैं सपनो में जो खो गया था. और उधर मा अंदर किचन में 2 गोली वियाग्रा के साथ तैयार कर रही थी और साथ-साथ मेरा दिया हुआ शादी का गिफ्ट भी खोलने को तैयार थी.
फिर जैसे ही मा ने वो गिफ्ट खोला, तो देखा की उसमे एक-एक लाल लहंगा और हाफ स्लीव्स ब्लाउस था लेस वाला, और ट्रॅन्स्परेंट ब्रा पनटी रखी थी. कुछ सेडक्टिव गहनो के साथ कुछ मेकप का भी समान रखा था, जिसको देख कर मा खुश हो गयी. फिर जल्दी से मा तैयार होने लगी, उधर मैने भी पापा से कहा-
मैं: पापा आप खुश तो है ना, की मैं आपकी पत्नी उर्फ मेरी मा के साथ अभी बिस्तर पर संभोग करने वाला हू?
पापा कुछ सोचने के बाद बोले: अर्रे बेटा, अगर औरत घर के अंदर ही संभोग करे तो ठीक है. बाहर करने से तो बेहतर है. मुझे तकलीफ़ नही है, और तू तो पहले ही सवारी करवा चुका है तेरी मा को, बदमाश!
मैं: अर्रे क्या पापा, आप भी ना.
पापा: चल ले तेरी मा कमरे में गयी है. तैयार होकर जेया, और माना ले सुहग्रात आज आचे से. मैं इधर ही आज बाहर सौंगा घर के.
मैं: पर आप ऐसी ठंड में सो पाओगे?
पापा: हा बेटा, वैसे भी तू आज रहम नही खाएगा तेरी मा पे. तो आवाज़ आएगी तो नींद आएगी नही. इससे अछा मैं बाहर ही सो जौ, जेया अब, ऑल थे बेस्ट.
जैसे ही पापा सोने गये, मैं अंदर आ गया. अंदर आके देखा ज़मीन पे बिस्तर लगा हुआ था, और नाइट लाइट चालू थी कमरे की. और मा घूँघट ओढ़े हुए बैठी हुई थी. तभी मैने दरवाज़ा बंद किया और कहा
मैं: मेरी रानी, मेरी प्रिय, मा आज हम दोनो के लिए ख़ास दिन है. क्यूंकी अब हमारा एक रिश्ता और जुड़ चुका है.
मा: इधर आइए ना जी. वाहा ऐसे खड़े क्यूँ है? जिस पल का इंतेज़ार आपको था, उसी पल का इंतेज़ार मुझे भी था.
मैं इतना सुनते ही मा के करीब गया, और वाहा नीचे जेया कर बैठ गया बिस्तर पर. फिर मैने मा का हाथ पकड़ा, और सहलाने लगा अपने दूसरे हाथ से मा की उत्तेजना बढ़ने के लिए. ताकि वो जाम कर चुड़े बिना फिकर के. फिर मैने थोड़ी देर बिना कुछ कहे मा के हाथो को सहलाया, और उनका घूँघट उठा के पीछे किया.
मैं मा का चेहरा देखता रहा आचे से. तभी मा ने मेरे हाथ अलग किए, और दूध का ग्लास दिया.
मा ( ग्लास आयेज ला कर): ये लीजिए जी, दूध पी लीजिए.
मैने ग्लास अपने हाथो में लिया एक स्माइल के साथ. फिर मैने पॉकेट में से वियाग्रा की गोली निकली, और 1 गोली उसमे डाल दी, और उंगली से मिला कर आधा ग्लास पिया धीरे-धीरे से. मैने बचा हुआ ग्लास मा के चेहरे के सामने किया, और कहा-
मैं: ये लो मेरी बेगम, बचा हुआ दूध तुम पियो. आज इसकी तुम्हे भी ज़रूरत पड़ेगी.
फिर मैने अपने हाथो से मा को बचा हुआ दूध पीला दिया, और साइड रखा ग्लास को. फिर मैने एक गहरी साँस ली और कहा-
मैं: मा अब हमारा रिश्ता बदलने वाला है तैयार रहिए.
और ये बोल कर मैने उनके गाल को चूम लिया प्यार से. फिर मैं उनकी बगल में आकर बैठ गया, और उनके कपड़े उतारने चालू किए.
पहले मैने उनका घूँघट निकाल के साइड फेंका बिस्तर के, और उनकी हल्की सी निकली हुई ज़ुल्फोन पर उंगली घुमाने लगा, और अपनी गरम साँस छ्चोढने लगा. फिर उनके चेहरे के पास आ कर मैने उनके गुलाबी लिपस्टिक वाले होंठो को चूमना चालू किया प्यार से.
जैसे-जैसे मैं मा के होंठो में मगन हुआ, उनके उपर अपना वेट डालते हुए उनको बिस्तर पर गिराने लगा. फिर मैं उनके उपर आके होंठो को चूस्टे हुए चूचियाँ दबाने लगा. उनकी शादी के जोड़े के उपर से ही कुछ देर उनको चूमने के बाद, मैने चुम्मि तोड़ी, और फिर साइड होके उनसे चिपक कर बैठ गया. फिर मैने कहा-
मैं: मेरी प्यारी मा, मेरी रंडी, ई लोवे योउ सो मच. बहुत-बहुत शुक्रिया मुझसे शादी करके मेरे लंड की रानी बनने का डिसिशन लिया.
मा: बेटा अगर तू मुझे एहसास नही दिलाता की असली प्यार एक मा-बेटे के बीच होता है, जब एक बेटा अपना रस्स मा के उपर गिरता है, तो कोई मा कैसे ठुकराएगी इस प्यार को ह्म.
ये शब्द सुन कर मेरा मूड और बढ़ गया. उपर से वियाग्रा का असर. तभी मैने अपने दोनो हाथ आयेज बढ़ा कर मा के कपड़े उतारने चालू किए. पहले मैने उनका घूँघट अलग किया. फिर उनको तोड़ा सा उठा के उनके गले से गहने और बाकी चीज़े निकाल के साइड रखी, और फिर उनके लहँगे की डोर खोली और कहा-
मैं: उपर उठो हल्का सा, मा लहंगा उतारना है.
जैसे ही मा ने कमर उपर की, मैने उनकी डोर खोल के लहंगा खींच के उतार के साइड कर दिया और मेरी प्यारी की जाँघो पर हाथ फेरने लगा एक-एक करके. मैने देखा मा का चेहरा लाल पड़ने लगा था इतना चूड़ने के बाद भी, और मैं धीरे-धीरे उनकी जाँघो को सहलाते हुए गरम करने लगा.
फिर मैने उनकी पनटी खींच के अलग कर दी, और देखा मा ने छूट एक-दूं सॉफ कर रखी थी मेरे लिए. जिसको देख मैने स्माइल की.
ये शब्द सुन कर मेरा मूड और बढ़ गया. उपर से वियाग्रा का असर. तभी मैने अपने दोनो हाथ आयेज बढ़ा कर मा के कपड़े उतारने चालू किए. पहले मैने उनका घूँघट अलग किया. फिर उनको तोड़ा सा उठा के उनके गले से गहने और बाकी चीज़े निकाल के साइड रखी, और फिर उनके लहँगे की डोर खोली और कहा-
मैं: उपर उठो हल्का सा, मा लहंगा उतारना है.
जैसे ही मा ने कमर उपर की, मैने उनकी डोर खोल के लहंगा खींच के उतार के साइड कर दिया और मेरी प्यारी की जाँघो पर हाथ फेरने लगा एक-एक करके. मैने देखा मा का चेहरा लाल पड़ने लगा था इतना चूड़ने के बाद भी, और मैं धीरे-धीरे उनकी जाँघो को सहलाते हुए गरम करने लगा.
फिर मैने उनकी पनटी खींच के अलग कर दी, और देखा मा ने छूट एक-दूं सॉफ कर रखी थी मेरे लिए. जिसको देख मैने स्माइल की.मैं: अर्रे वाह, मेरी मा तुमने तो अपनी छूट चिकनी कर दी मेरे लिए. उफ़फ्फ़! बड़ी प्यारी लग रही हो आप तो इधर बिस्तर पर.
इतना कहते हुए मैं उनके उपर नाभि पे उंगली घूमते हुए चूचियों की तरफ गया, और इशारा किया की हुक खोलो.
तो मा ने तुरंत अपने ब्लाउस का हुक खोला, और मैने बड़े प्यार से ब्लाउस निकाला, और साथ-साथ ब्रा खींच के फाड़ दी और फेंक दी साइड में. फिर उनके बदन पर मंगलसूत्रा और माँग में सिंदूर देख कर मैं उतावला हो गया बहुत ज़्यादा. पैरों में पायल, उफफफ्फ़ बस पूछो मत.
तभी मैं उठा, और अपने बदन से लूँगी निकालने लगा सामने खड़े होके. और उसको उतारते ही मैं मा के सामने पूरा नंगा हो गया और कहा-
मैं: चलो मा उठो, और बातरूम चलो मेरे साथ.
मा: क्यूँ, क्या हो गया?
मैं: अर्रे चलो तो सही मेरी प्यारी मा.
मैने उनको हाथ दे कर उठाया, और बातरूम ले गया, और वाहा उनको अपने हाथो से धकेल के बिताया और अपना लंड पकड़ के उनके सामने निशाना बना के मूतना चालू किया. मेरे गरमा-गरम लंड के मूट का आनंद लेते हुए वो कहती है-
मा: अफ बेटा.
इधर मैं उनकी चूचियों को भिगोने लगता हू अपने मूट से. देखते ही देखते मा का बदन मूट से भीग गया, और मुझे सुकून मिला काफ़ी हल्का हो कर. मैने मा को हाथ पकड़ के उठाया, और कहा-
मैं: चलो मा बिस्तर पर. अब वक़्त आ गया है संभोग का, और पतिव्रता होने का
मा: आहह बेटा, चल अब मुझसे रुका नही जेया रहा तेरे लंड की सवारी करने के लिए.
मैं: आहह मेरी रानी, चलो फिर.
और मैं मा को उठा के बातरूम से बाहर लाया, और खुद बिस्तर पर लेट गया, और इशारा किया की लंड चूज़ मेरा वो. मा ने स्माइल करते हुए मेरे लिंग को पकड़ा, और वही नीचे पूरी मूट से भीगी बैठ गयी. फिर वो मूह करीब ला कर चूसने लगी, और मैं आँखें बंद करके उनके लंड चूसने का आनंद लेने लगा.
मैं: ओह गॉश! आहह मा क्या जादू है आपके मूह का. उफ़फ्फ़! और चूसो मेरी रंडी उम्म्म उफ़फ्फ़.
इधर मा मेरा लंड चूज़ जेया रही थी अंदर तक ले-ले कर मेरे टट्टो को दबाते हुए. आहह ऐसे ही करीब 10-15 मिनिट की चूसा के बाद मैने उनके बाल पकड़े, और खींच के कहा-
मैं: मा कुटिया बनो आज. आज असली सुहग्रात का मज़ा देता हू.
मा: उहह पीछे से लेगा मेरा राजा छूट को. ले आजा और समा जा और बना ले मुझे अपनी कुटिया.
मा को ये नही पता था की मैं उनकी गांद का छेड़ खोलने वाला था. फिर उनकी कमर पकड़ के मैने ढेर सारा थूक गिराया, और गांद का छेड़ मसालने लगा. और लंड के सूपदे पे तेल लगा के छेड़ में सेट किया और कहा-
मैं: आअहह, आज आपकी गांद मारने वाला हू. पति होने के नाते मेरा हक़ है इस पर अब.
मा: मुझे दर्द होगा, तोड़ा आराम से. तेरा मोटा लंड कैसे लूँगी मैं?
मैं: अर्रे सब हो जाएगा, तुम बस चुप-छाप कुटिया बन के रहो बिना नखरे किए.
जैसे ही मैने बोला, फिर तुरंत सूपड़ा उनकी गांद की छेड़ में सेट किया. फिर मैं सूपड़ा धकेलने लगा ज़ोर से. अभी सिर्फ़ सूपड़ा ही अंदर गया था, की मा ज़ोर से चिल्लाई आहह करके.
मैं: श… मा क्या कर रही हो?
मा: अर्रे बेटा तू बोल तो सही की अंदर डालेगा अब.
मैं: अगर मैं बोलता तो तुम मुझे अंदर डालने नही देती ना मेरी प्यारी मा. आहह कितनी टाइट गांद है उफफफ्फ़.
मा: उई मा, निकाल बेटा. मारेगा क्या आहह उहह? प्लीज़ बेटा, निकाल ले तेरा लंड आहह.
मैं: बस मा तोड़ा सहन कर लो. अंदर चला जाएगा 1-2 धक्कों में.
इतना कहते ही मैने उनको उल्टा पेट के सहारे लिटा दिया वही. फिर तोड़ा ज़ोर से धक्का लगा के लंड को गांद के छेड़ में घुसने लगा, और बहुत ताक़त लगाने के बाद आख़िर गांद में मेरा पूरा लंड घुस गया.
उफ़फ्फ़ ह, वही कुछ देर लेटने के बाद मैने हाथो के सपोर्ट से उठ कर गांद मारनी चालू कर दी मा की, हम दोनो की सुहग्रात पर आहह उफफफ्फ़.
मा: ओह बेटा, आराम से छोड़ आहह आह ह आह उहह उहह उम्म आह एस्स आह. बेटा बहुत दर्द हो रहा है, आराम से आहह.
मैं: श मा, चुप मेरी रंडी, और चुप-छाप चुड अपने पातिदेव से. श यॅ आह उहह उम्म्म श एस मज़ा आ गया.
कुछ देर ऐसे ही चुदाई के बाद मैने धक्के कम किए और सीधा करके उनको लिटाया. फिर मैने लंड छूट में घुसा के चुदाई चालू कर दी. वियाग्रा के जोश में मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा.
मा: श यॅ आह ह आह उहह उम्म आह बेटा छोड़ उम्म, छोड़ अपनी रंडी को मेरे राजा. आज माना ले अपनी सुहग्रात आहह उहह उम्म्म. बहुत खुश हू मैं आह उहह.
ऐसे ही चुदाई चलती रही और पता ही नही चला कब हमारी चुदाई को 2 घंटे हो गये. फिर मैं फारिघ् होने वाला था, तो छूट में ही माल छ्चोढ़ दिया, और वही उनकी चूचियों में सिर रख के सोने लगा.
उधर मा मेरे बालो को सहलाते हुए लेती रही गहरी साँसे लेते हुए उम्म्म ह. फिर हम दोनो ऐसे ही गहरी साँसे लेते हुए नंगे सो गये, और उधर पापा बाहर सो गये.
दोस्तों इस पार्ट को यही कठाम करता हू. बहुत ही जल्द अगला पार्ट लेकर अवँगा. आप लोगों के सामने और पहले ही आप सब से माफी माँगता हू. कुछ वक़्त से बिज़ी चल रहा था, तो लिख नही पाया. उमीद करूँगा आपको ये पार्ट अछा लगेगा मेरी पिछली कहानी की तरह. कृपया अपनी फीडबॅक मुझे