अभी अभी जैसा उसने फ़िल्म में देखा था, वहीदा ने कहा- भाई जान, अपना लण्ड तो चूसने दो, मजा आयेगा।
उसने जल्दी से खुद की फ्राक उतार दी। अब तक रफ़ीक भी जोश में आ चुका था। वह अपनी छोटी बहन वहीदा की लेने के लिए तैयार था।
तब समीर ने भी अपने कपड़े उतार दिये।
आह !
वहीदा की छोटी सी गुलाबी फ़ुद्दी कैसी पानी पानी हो रही थी। रफ़ीक का गोरा लण्ड कैसा मस्त हो कर लहरा रहा था। उसने उल्टा सुल्टा पोज बना कर लण्ड को वहीदा के मुख की ओर कर दिया और खुद का मुख वहीदा की फ़ुद्दी की तरफ़ कर दिया। रफ़ीक ने अपने चूतड़ वहीदा के मुख पर दबा दिये। लण्ड चुटकी के मुख में आ चुका था।
हमीदा- समीर भाई, तू चाट ना मेरी फ़ुद्दी !
तभी हमीदा की चूत को एक ठण्डा सा मीठा सा अहसास हुआ। भाई की जीभ हमीदा की चूत में घुसने की कोशिश कर रही थी। समीर ने अपनी बाजी की चूत चाटनी आरम्भ कर दी थी, हमीदा उसका लण्ड फ़िल्म की भांति मस्ती से मुख में लेकर गपागप चाट रही थी।
समीर बेकाबू सा होने लगा था, हमीदा को लगा कि उसके भाई का लण्ड अपनी बाजी को चोदने के लिये तड़प रहा था।
तभी रफ़ीक ने पलट कर वहीदा को दबा लिया- बस बहना बस ! अब नहीं रहा जाता है।
उसका स्वर काम आवेग से थरथरा रहा था।
“भाई जान, मुझसे भी नहीं रहा जा रहा है !” वहीदा भी चुदाने को आतुर आवेश से कांप रही थी।
रफ़ीक ने वहीदा को लिपटा लिया और उसके होंठ चूसने लगा। तभी उसका सख्त लण्ड की ठसक वहीदा की चूत में महसूस होने लगी। उधर समीर का लण्ड हमीदा बाजी की चूत में घुसता जा रहा था।
वहीदा बेसुध होने लगी थी, काम में अंधी होकर भाई से ही चुदवाना चाह रही थी। शरीर आग का गोला बन गया था। जैसे ही रफ़ीक ने एक झटका मारा, वहीदा की चीख पूरे कमरे में गूंज उठी, दर्द के मारे वो अपनी सुध-बुध खो चुकी थी।
समीर अपनी बाजी की चूचियों को नोच खसोट कर उसे जन्नत की सैर करा रहा था, बाजी चूत उछाल उछाल कर भरपूर जवाब दे रही थी, कस कर चुदाई हो रही थी, कमरे में भीगी चूत की फ़च फ़च आवाजें गूंजने लगी।
जब हमीदा झड़ गई तो भी समीर शॉट पर शॉट मार रहा था। हमीदा लस्त सी नीचे चूत की पिटाई सह रही थी।
हमीदा ने समीर को धीरे धीरे करने को कहा। उधर वहीदा की चूत गीली थी और रफ़ीक का लंड हर धक्के के साथ अंदर समाता जा रहा था, थोड़ी ही देर में पूरा लंड अंदर समा गया। फिर वो थोड़ी देर उनसे लिपट कर यों ही पड़ा रहा और उनकी चूचियों से खेलता रहा।
अब तक दर्द के साथ कुछ मजा आने लगा था, उसकी सिसकारियाँ शुरु हो गई थी- आआ ह्ह ओह्ह ओफ्फ्फ्फ उम्म्म अह्ह्ह्ह अह !
वहीदा ने अपने भाई को कस कर पकड़ रखा था, फिर रफ़ीक ने धीरे धीरे चोदना शुरु किया, दोनों टाँगों को पकड़ा और अपनी स्पीड तेज़ की।
हमीदा ने समीर को कहा- अब बस कर ! अब नहीं सहा जा रहा।
इस पर समीर ने रफ़ीक को कहा- तू बाजी के साथ आ जा, वहीदा को मैं चोदूंगा।
वहीदा सातवें आसमान में थी और पूरे जोश में भी ! और लगातार उसकी सिसकारियाँ बढ़ रही थी।
समीर रफ़ीक को हटा कर वहीदा पर छा गया।
धीरे धीरे समीर की गति तेज़ होती जा रही थी और वहीदा की सिसकारियाँ भी !
अब बाजी ने रफ़ीक के लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और कुछ ही समय में रफ़ीक हमीदा के मुख में झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया।
उस दिन समीर ने अपनी बाजी हमीदा और वहीदा दोनों को चोदा और रफ़ीक कभी हमीदा बाजी को चोदता तो कभी वहीदा को।