बरसात की रात एक लड़की के साथ

उसके बदन को छुआ
अब हम दोनों बैड पे थे, कुछ देर बातें करते करते धीरे धीरे मैं अनुष्का की जांघें सहलाने लगा। उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैं थोड़ा और बातें करते करते अपना हाथ उसके मम्मों तक ले गया।

मैं धीरे धीरे उसको मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही सहला रहा था, उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ, शायद वो भी आज के मौसम और इस बारिश का मज़ा लेना चाहती थी, तो मैंने एक हाथ उसकी शर्ट के अंदर डाल दिया।

तो एक बार तो वो थोड़ा उठने का नाटक करने लगी परन्तु मैंने जब कहा- क्या हुआ अनुष्का डार्लिंग?
तो वो वैसे ही लेट गई और बोली- अरे धीरे करो न!
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मुझे परमिशन मिल गई थी।
फिर क्या था, मैंने धीरे धीरे उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और फिर उसकी शर्ट के बटन खोल दिए, अब मैं उसके बिना ब्रा के नंगे मम्मों को देख रहा था।

मैंने देखा उसकी आँखों में भी वासना थी, मैंने उसके दोनों मम्मों को दबाना शुरू किया और इस बार मैंने उसके एक निप्पल पर किस भी कर दी थी तो अनुष्का के मुंह से सिसकारी निकल गई।

मैंने उसके दोनों मम्मो को चुसना शुरू कर दिया। मैं जैसे जैसे उसके मम्मे चूस रहा था तो उसका चेहरा लाल होता जा रहा था। अनुष्का के होंठों पे मैंने पहले अपनी जीभ रखी और फिर उसके होंठों को आने मुंह में ले लिया।

मैं उसे किस कर रहा था, मैं उसको स्मूच करने लगा था और अनुष्का की लोअर में हाथ डाल दिया।

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मैंने जैसे ही ओअर में हाथ डाल तो वहाँ पैंटी नहीं थी, क्योंकि पैंटी तो गीली हो चुकी थी इसलिए उसने निकाल दी होगी।

मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और उसकी शर्ट भी निकाल दी।
अब अनुष्का सिसकारियाँ लेने लगी, उसे मज़ा आ रहा था।

मैंने अनुष्का के होंठों को, मम्मों को, उसकी जांघों को, उसकी बाजू को, उसकी नाभि को, उसकी आँखों को, हर जगह किस किया और उसे बहुत हद तक फॉर प्ले किया ता कि वो बहुत ज्यादा उतेजित हो जाए।

मेरे ऐसा करने से उसकी चूत पानी छोड़ने की कगार तक पहुँच गई थी, और ऐसे में वो बहुत तेज सिसकारने भी लगी थी।

अब मैंने अनुष्का के मज़े को दुगना करते हुए आखिर उसकी चूत पे अपनी जीभ रख दी, उसकी गीली चूत से गीला गीला पानी मेरी जीभ पर आया, तो मैंने उसे चाट लिया।
‘उम्हा उन्हा उमाहा…’ करके मैं उसकी चूत चाट रहा था।

मैं हाथ से उसके मम्मे को भी मसल रहा था और अब एक उंगली से उसकी गांड को भी छुआ, उंगली थोड़ी सी उसकी गांड में डाल भी दी थी।

अनुष्का भी इस मौसम और जवानी का मज़ा ले रही थी, वो बोलने लगी ‘आऊ आह आह उई सर आह आह आप बहुत अछे हो उमंह आह आज ले लो मुझे मज़ा दे दे दो ऐसे ही उमंह…’

ऐसे ही वो बोल रही थी, मैं भी उसकी चूत में अपनी जीभ अंदर तक घुसा कर उसकी चूत को कुरेद रहा था।

मैंने देखा कि अनुष्का झड़ने लगी है, अनुष्का ने भी मुझे कस कर पकड लिया था और तेज तेज सिसकारियाँ निकाल रही थी।

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तभी मैंने अनुष्का की चूत को समूच किया और उसकी गांड में भी एक उंगली आगे पीछे करने लगा, उसकी चूत के दाने को दांतों से काटने लगा।

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