हेलो रीडर्स, मैं साहिल फिरसे आ गया हू आप लोगों के लिए एक न्यू स्टोरी लेकर, जो मेरे पड़ोस की भाभी और मेरे बीच की है. उमीद करता हू आप लोगों को पसंद आएगी.
जो लोग मुझे नही जानते, मेरा नाम साहिल है. मैं महाराष्ट्रा का रहने वाला हू. मेरी आगे 23 साल है. आज मैं आप सब को अपनी एक ट्रू स्टोरी बताने जेया रहा हू, जो की मेरी पड़ोसन और मेरी स्टोरी है. उनका नाम रागिनी है.
रागिनी भाभी की उमार 28 साल है. दिखने में एक-दूं वो ‘पूजा हेगड़े’ लगती है. उनका फिगर 34-28-36 है. एक-दूं खूबसूरत, गोरी, मक्खन जैसी. वो ज़्यादातर सारी पहनती है.
उनके घर में उनकी सास, ननद, और उनके हज़्बेंड रहते है. उनके हज़्बेंड का नाम मुकेश है. वो एक छ्होटा सा बिज़्नेस चलाते है, और अक्सर घर से बाहर रहते है. मुकेश भैया से मेरी बहुत बनती है, और भाभी से भी. जब भी भाभी को कोई काम पड़े वो मुझे ही बुलाती थी, और पड़ोसी होने के नाते मैं हमेशा हेल्प करता था.
आप लोगों का ज़्यादा टाइम ना गावते हुए कहानी शुरू करते है. बात है 1 महीना पहले की. जब मुकेश भैया उनकी मम्मी को लेके दूसरे शहर गये थे और रागिनी भाभी की ननद कॉलेज ट्रिप पे गयी हुई थी. रागिनी भाभी अकेली थी, तो उन्होने मुकेश भैया से बोला की साहिल को घर भेज दो. मुकेश भैया ने मुझे कॉल करके बोला और मैं चला गया.
मैं जब घर पहुँचा तो देखा भाभी हॉल में बैठी थी. मैं गया और भाभी के साथ बैठ गया.
मैने पूछा: बताइए भाभी क्या हुआ?
भाभी ने कहा: आपके भैया भी नही है, और दीदी भी यहा नही है. मैं अकेला फील कर रही थी, तो मैने मुकेश से कहा आपको भेज दो. आप बिज़ी तो नही थे ना?
मैं: भाभी आपके लिए ऑल्वेज़ फ्री.
भाभी हासणे लगी और बोली: अछा जी, भाभी के लिए ही सारा टाइम, तो गफ़ को टाइम कब दोगे?
मैने कहा: होगी तो दूँगा ना भाभी.
भाभी: झूठ, आपकी तो पक्का गफ़ होगी.
मैं: नही भाभी, सच में नही है. आप जैसी चाहिए मुझे.
भाभी शॉक होते हुए: मुझ जैसी क्यूँ भला?
मैं: आप जैसी सुंदर.
भाभी शरमाते हुए: तुम भी ना साहिल झूठी तारीफ करना कोई तुमसे सीखे.
हम दोनो ऐसे ही बातें कर रहे थे. अचानक मौसम खराब हो गया और बिजली कडकने लगी. शाम के 6 बाज रहे थे, और अचानक लाइट चली गयी. घर में अंधेरा हो गया, और भाभी उठते हुए अचानक से मेरी गोद में गिर गयी, जिससे मेरा लंड उनकी गांद में चुभने लगा. वो फिरसे उठी, पर तब तक मेरा लंड खड़ा हो गया था, जो उन्होने भी फील किया.
भाभी बोली: बिजली हो रही है साहिल, मुझे दर्र लग रहा है.
मैं: भाभी दररो मत, मैं हू.
मैने फोन की टॉर्च ओं की, और हम बातें करने लगे. जब भी बिजली कदकट्ी, वो मेरे करीब आ जाती. हम दोनो आजू-बाजू में बैठे हुए थे. मेरा लंड सलामी दे रहा था जब से भाभी की नरम गांद को फील किया था.
मैने भाभी को बोला: भाभी वॉशरूम जाना है.
वो बोली: रूको मैं भी चलती हू. बिजली हो रही है, और मुझे दर्र लग रहा है.
फिर वो मेरे साथ में आ गयी. मैं उनके रूम के बातरूम में गया. मुझे इतनी ज़ोर से लगी थी, की मैं दरवाज़ा लगाना भी भूल गया और सस्यू करने लगा. अचानक बहुत ज़ोर की बिजली कदकी और भाभी सीधे बातरूम में आ गयी और खड़ी हो गयी.
मेरा लंड एक-दूं खड़ा टाइट था. वो उन्होने देख लिया, और देखती ही रही बिना पालक झपकाए. मैने जल्दी से पंत में लंड डाला और वो भी मूह घुमा के खड़ी हो गयी.
मैं: भाभी आप दररो मत, मैं हू यहा.
भाभी: चलो तुम बाहर.
हम दोनो बाहर आए और उनके रूम में बैठ गये. बारिश बहुत हो रही थी.
भाभी बोली: छाई पियोगे?
मैने हा कहा, पर वो दर्र रही थी अकेले जाने में. फिर किचन में मैं उनके साथ गया. रास्ते में जाते हुए उनको याद आया बाहर कपड़े सूखने डाले थे. उन्होने मुझे कहा-
भाभी: चलो कपड़े लेके आते है.
फिर मैं और वो कपड़े लाने गये. मैं बाहर जाके कपड़े निकालने लगा और भीग गया. कपड़े निकालते हुए वापस जब आया तो भाभी बोली-
भाभी: साहिल तुम तो पुर भीग गये.
मैने कहा: कोई बात नही भाभी, सूख जाएँगे कपड़े.
भाभी बोले: नही तुम ये उतार दो
मैने बोला: भाभी फिर मैं क्या पहनुंगा?
तब भाभी ने कहा: टवल लपेट लेना, कपड़े सूख जाएँगे तब पहन लेना.
मैने हा कर दी. मेरे सब कपड़े भीग गये थे, इन फॅक्ट अंडरवेर भी. मैने सब कपड़े निकाले अंडरवेर नही निकाला.
तब भाभी ने बोला: वो भी भीग गया है. तुम टवल लपेट लो, और उतार लो उसे.
ये बोल के वो रूम से बाहर चली गयी. मैं पूरा नंगा हो गया, और टवल लपेट लिया, और बाहर आ गया. भाभी छाई लाई और मुझे दी. मैं जब बैठा था, तो मेरा खड़ा लंड भाभी को सॉफ दिख रहा था. वो उसको घूर रही थी. मैं मॅन ही मॅन सोच रहा था काश भाभी को छोड़ने मिल जाए, तो मज़ा आ जाएगा. भाभी की नज़र मेरे लंड पर थी, जो मैने नोटीस कर लिया. फिर भाभी बोली-
भाभी: साहिल कितना रोमॅंटिक मौसम हो गया ना?
मैं: शादी-शुदा लोगों के लिए, और गफ़-ब्फ वाले जो लोग है उनके लिए रोमॅंटिक है भाभी. हम जैसे सिंगल इस मौसम में सिर्फ़ परेशन होते है.
भाभी ये सुन के हासणे लगी: क्यूँ शादी-शुदा क्या करते है?
मैने कहा: रोमॅन्स.
तब भाभी ने कहा: तो तुम भी कर लो.
और वो बेडरूम में चली गयी. 2 मिनिट हुए होंगे वो वापस आई. जब वो आई, तो मैं उनको देखता ही रह गया. वो सिर्फ़ ब्रा पनटी में थी. मैं शॉक हो गया तो भाभी बोल-ई
भाभी: ऐसे क्या देख रहे हो? करना है कुछ?
मइए कहा: हा भाभी, अगर आप हा बोलो तो.
वो मेरे करीब आई और मेरा टवल निकाल लिया, और किस करने लगी. हम दोनो डीप्ली एक-दूसरे के लिप्स चूस रहे थे, बीते कर रहे थे, और एक दूसरे की बॉडी सहला रहे थे. मैने भाभी की ब्रा के उपर से बूब्स दबाने शुरू किए, तो भाभी सिसकारियाँ भरने लगी.
भाभी: उम्म आहह याहह.
मैं ब्रा खोल के दूध चूसने लगा. निपल्स चूसने लगा, और भाभी बस मोन किए जेया रही थी आहह उम्म उम्म्म साहिल.
मैं एक हाथ भाभी की पनटी पे लेके गया, और रगड़ने लगा. भाभी की छूट गीली हो गयी थी. मैने मौका पाते ही पनटी निकाल दी.
फिर छूट में एक उंगली घुसा दी. अचानक हुए इस हमले से भाभी सिहर उठी. उन्होने मुझे कस्स के जाकड़ लिया और आहह आहह की आवाज़ निकालने लगी. मैने भाभी को सोफे पे लिटाया, और छूट चाटने लगा. भाभी को करेंट लग गया वो मेरा फेस छूट में दबाने लगी, फड़फड़ने लगी.
भाभी: आहह साहिल, ऐसे ना करो आहह. ये क्या कर रहे हो? ये एहसास नया है मेरे लिए. खा जाओ साहिल इसे खा जाओ.
मैने छूट चूस्टे-चूस्टे उन्हे किस किया, और लंड को भाभी की छूट पे सहलाने लगा.
भाभी: आहह साहिल, मत तड़पाव बुझा दो मेरी प्यास. तेरे भैया को मेरी पड़ी ही नही है.
मैं: भाभी अब मैं हू ना.
मैने लंड को छूट पे रखा और तेज़ धक्का मारा. लंड पूरा अंदर चला गया.
भाभी चीखने लगी: आहह आराम से कर, दर्द हो रहा है.
मैने चुदाई जारी रखी, और थोड़ी देर में भाभी को भी मज़ा आने लगा. हम दोनो चुदाई में मगन थे. बारिश का मौसम था, और हम दोनो नंगे कमरे में फॅक-फॅक की आवाज़ के साथ चुदाई कर रहे थे. इस दौरान भाभी 3 बार झाड़ गयी थी. अब मैं भी झड़ने वाला था.
मैने पूछा: भाभी कहा निकालु?
भाभी बोली: अंदर ही निकाल दे.
मैं अपनी स्पीड बढ़ा के चुदाई करता रहा, और 2 मिनिट बाद मेरा माल भाभी की छूट में समा गया. हम दोनो तक गये और एक-दूसरे से लिपट गये.
मैने घर पे कॉल किया आज घर नही अवँगा और हम दोनो उस दिन रात भर चुदाई करते रहे.
तो दोस्तों ये थी मेरी और रागिनी भाभी की चुदाई स्टोरी. आपको कैसी लगी मुझे ज़रूर बताए.
आपके सुझाव मुझे मैल करना ना भूले.