बारबर शॉप पर लंड चूस कर माल पिया

हेलो दोस्तों, मेरा नाम आरियाँ है, और मैं चंडीगार्ह के पास कुरली एक जगह है वाहा का रहने वाला हू. मेरी उमर अभी 27 साल की है, रंग गोरा, और शरीर लंबा और तोड़ा भरा हुआ है.

मैं अभी देल्ही में रहता हू. मेरे घर में मेरे पापा-मम्मी रहते है. ये कहानी तब की है जब मैं 19 साल का था, और मुझे सेक्स की कोई नालेज नही थी. तब मैं तोड़ा मोटा था, और गोरा-चितता था. हमारे यहा मार्केट में एक ही नाई था, जहा मैं बाल कटवाने जाता था.

पहले तो मेरे साथ मेरे पापा ही जाते थे, और बाल कटवाते थे. फिर मैं उनके साथ ही वापस आता था. वो नाई मुझे और मेरे पापा को जानता था, और बड़े प्यार से बुलाता था मुझे अपने पास, और बाल काट-ता था.

गर्मियों के दिन थे. मे का महीना था. मेरे बाल काफ़ी बड़े हो चुके थे. मैने पापा को बोला की बाल कटवाने है, पर पापा काम में बिज़ी होने के कारण जेया नही पा रहे थे. तो उन्होने मुझे नाई की दुकान पर छ्चोढ़ दिया, और उसे बता दिया की देख लेना, और मुझे बोल दिया की मैं बाल कटवा कर घर चला जौ.

नाई ने तब हा में सिर हिलाया और पापा चले गये. उसके पास एक-दो कस्टमर्स और थे मुझसे पहले. तब 12 बाज रहे थे. उसने मुझे बैठने के लिए कहा, और कहा की उनके बाद मेरा नंबर आएगा. मैं बैठ गया. पर इस बार वो मुझे कुछ अलग तरीके से देख रहा था, और बार-बार मुझे पूच रहा था की कुछ चाहिए तो नही.

उसकी दुकान में 2 चेर्स लगी हुई थी दरवाज़े से एंटर करते ही, जहा वो सब के बाल काट-ता था. पीछे की साइड एक रूम था जहा लेटने के लिए छ्होटा सा सोफा टाइप रखा हुआ था. वाहा वो दोपहर को रेस्ट करता था, और एक कुर्सी और एक शीशा लगा हुआ था, जहा पर वो बाल काट सकता था. जब उसके सारे कस्टमर चले गये, तब एक बाज रहा था, और दुकान में सिर्फ़ हम दोनो थे बस.

उसने मुझे बोला: तुम अपनी शर्ट उतार दो, नही तो तुम्हे गर्मी लगेगी, और बाल चिपक जाएँगे उसपे, जिससे वो तुम्हे चुभेंगे.

मैने कहा: ठीक है.

मुझे उसके पास जाते हुए 5-6 महीने ही हुए थे. आज गर्मी में अकेले बाल कटवा रहा था, तो मैने भी हा कर दी. क्यूंकी मुझे भी गर्मी लग रही थी, और मैने त-शर्ट उतार कर अंकल को दे दी.

उस टाइम मैने नीचे शॉर्ट, अंदर अंडरवेर, और उपर बनियान पहना हुआ था. उसने मुझे कुर्सी पर बैठने को कहा, और वो मेरी शर्ट अंदर वाले रूम में टाँगने चले गये. जब वो बाहर आए, उन्होने पहले दुकान का मैं दरवाज़ा बंद किया. पर कुण्डी नही लगाई, और मेरे पास आए. उन्होने मुझे देखा और कहा-

अंकल: वाह बेटा, तुम तो बहुत गोरे-चीतते हो!

मैने हंजी अंकल बोला और तोड़ा हस्स दिया.

अंकल: मॅन करता है तुम्हारे मोटे-मोटे गाल पे पप्पी कर लू.

मैं तोड़ा शरमाते हुए हस्स रहा था, और उन्हे देख रहा था.

अंकल: मैं तुम्हे पप्पी कर लू?

मैं: हंजी कर लो (और अपना चेहरा नीचे कर लिया).

वो मेरे पास आए, और उन्होने मुझे गाल पर किस कर लिया, और बोला-

अंकल: मज़ा आ गया (और पंत के उपर से अपना लंड सहलाने लगे).

फिर उन्होने मेरे बाल काटने शुरू कर दिए. बाल काट-ते हुए वो मुझे बार-बार पूच रहे थे, की कुछ चाहिए तो नही. फिर वो बीच-बीच में मुझे किस कर रहे थे. कभी इस गाल पर, कभी उस गाल पर, और बोल रहे थे-

अंकल: मज़ा आ गया.

वो अपने लंड को पंत के उपर से बार-बार सहला रहे थे. फिर थोड़ी देर बाद उन्होने अपना लंड मेरी बाजू पर टच किया, और दबाया, और फिर पीछे हो गये, और मेरी तरफ देखा. मुझे कुछ समझ नही आया, पर कुछ गरम-गरम सा लगा मुझे अपनी बाजू पर.

जब मैने कुछ नही बोला तब उनकी भी हिम्मत और बढ़ गयी. वो फिरसे बाल काटने लगे और अपने लंड को मेरी बाजू से बार-बार सहलाने लगे. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था, पर अछा लग रहा था. उनके लंड की गर्माहट महसूस हो रही थी, और लंड की खुश्बू भी आ रही थी, जो की बहुत अची लग रही थी. उनकी भी हिम्मत बढ़ रही थी. फिर जब वो लंड सहला रहे थे, तब उन्होने बोला की-

अंकल: गर्मी बहुत हो गयी है, और पसीना बहुत आ रहा है. मॅन कर रहा है की मैं भी शर्ट निकाल डू.

मैं: तो निकाल दो ना अंकल.

उन्होने हा में सिर हिलाया, और वो मैं डोर बंद करने गये. उन्होने आधा शटर नीचे कर दिया, और मैं डोर को कुण्डी लगा दी. मैने पूछा तो उन्होने बोला की उन्होने नीचे कुछ नही पहना और अगर कोई आ गया तो ऐसे अछा नही लगेगा इसलिए.

मैने कहा ओक. फिर वो मेरे पास आए और उन्होने अपनी शर्ट निकाल दी, और अंदर रूम में टाँग दी. अब वो सिर्फ़ पंत में थे. उन्होने फिरसे बाल काटने शुरू किए, और अपना लंड मेरी बाजू से सहलाने लगे. जब मेरे बाल काट गये, तो वो पीछे को हुए और उनकी पंत में तंबू सा बना हुआ था.

मैने उनसे पूछा: ये क्या है?

तो उन्होने बोला: कुछ नही.

और वो मेरे पास आए, और लंड मेरी बाजू पर लगाया. इस बार वो तोड़ा चुबा, और उसमे से तेज़ खुश्बू आई लंड की.

मैने फिर पूछा: ये क्या है?

तो उन्होने बोला: देखना चाहते हो?

मैने कहा: हा.

उन्होने पूछा: तुम्हे कैसा लगा जब मैने इसे तुम्हारी बाजू पर लगाया?

मैने कहा: कुछ गरम-गरम सा लगा, पर अछा लग रहा था.

उन्होने कहा: ठीक है, चलो मैं तुम्हे दिखता हू ये क्या है. पर हमे अंदर वाले रूम मैं जाना पड़ेगा.

मैं: ठीक है चलो.

हम अंदर वाले रूम में गये. वाहा छ्होटा सा पंखा लगा हुआ था, और एक चोट्टा सा बल्ब जल रहा था. बस इतनी जगह थी की वाहा कुर्सी रखने के बाद थोड़ी-थोड़ी जगह ही बची हुई थी खड़े होने के लिए. वो रूम तोड़ा गरम भी था बाहर वाले रूम से.

हम अंदर आए और उन्होने कहा: तुम अपनी पंत और बनियान भी उतार दो. यहा गर्मी है.

और फिर वो उस रूम के आयेज परदा करने लगे.

मैं तोड़ा सा हिचकिचाया और बोला: तोड़ा अजीब लगेगा.

उन्होने बोला: नही अजीब लगेगा. मैं भी अपनी पंत उतार दूँगा. तो हम दोनो सेम-सेम हो जाएँगे.

मैने कहा ओक, और अपनी पंत और बनियान उतार दी, और सिर्फ़ अंडरवेर में आ गया. उन्होने मुझे देखा और मेरे पास आए, और मेरे गालों पर किस किया, और मुझे कस्स के अपने सीने से लगा लिया. मुझे उनका गरम लंड अपने पेट पर महसूस हो रहा था. उन्होने मुझे अपने से अलग किया, और बोला-

अंकल: कुर्सी पर बैठ जाओ. मैं तुम्हे दिखता हू की ये क्या है.

मैं कुर्सी पर बैठ गया, और उन्होने अपनी पंत खोली, और उतार दी. उनके अंडरवेर में तंबू बना हुआ था, और वो तोड़ा गीला भी हो रखा था उपर से. उन्होने अपनी पंत टाँग दी और मेरे करीब आए, और कहा देखो.

मैने कहा: क्या देखु? कुछ नही दिख रहा. सिर्फ़ आपका अंडरवेर दिख रहा है, जिसमे कुछ तंबू बना हुआ है, और थोड़े बाल से दिख रहे थे अंडरवेर से बाहर निकलते हुए.

फिर उन्होने अपना अंडरवेर भी नीचे कर दिया, और उनका लंड बाहर आ गया, और कहा अब देखो. मैने देखा उनके लंड पर बहुत सारे बड़े-बड़े बाल थे, जिनमे से तेज़ खुश्बू आ रही थी. उनका लंड काफ़ी बड़ा था शायद 8 इंच का होगा, और 2.5 इंच मोटा होगा. बिल्कुल तन्ना हुआ था. आयेज पिंक कलर का टोपा था, जिसमे से प्रेकुं की बूंदे निकल रही थी.

उन्होने पूछा: कैसा लगा? मैने कहा: अछा है. ये तो डंडे की तरह है.

उन्होने कहा: इसे छ्छू कर देखो.

मैने उसे च्छुआ, वो काफ़ी गरम था, और मेरे हाथ में पूरा नही आ रहा था. एक बात तो बताना भूल गया. नाई अंकल की आगे 45 की होगी तब.

उन्होने कहा: अब इस पर एक किस दो.

मैने कहा: नही, इसमे से आपका सस्यू निकल रहा है. उन्होने कहा: ये सस्यू नही है. ये अमृत है. तुम एक बार किस दे कर देखो, और इस अमृत को छातो, तुम्हे अछा लगेगा.

मैने कहा: ठीक है.

मैने लंड के टोपे पर किस किया, और प्रेकुं को छाता. उसका टेस्ट कुछ नमकीन सा था, पर मुझे सच में अछा लगा.

मैने कहा: हा अछा तो है.

उन्होने कहा: और पीना चाहोगे?

मैने कहा: हा.

उन्होने कहा: उसके लिए जैसा मैं कहता हू वैसा-वैसा करना होगा.

मैने कहा: ठीक है.

उन्होने सबसे पहले मुझे नंगा किया, और मेरी गांद को पकड़ा, और कहा-

अंकल: लंड पर किस करो.

मैने वैसा ही किया और पुर लंड पर किस किया.

फिर उन्होने कहा: कुर्सी पर बैठ जाओ, और दोनो हाथो से पकड़ कर आयेज-पीछे करो, और मूह में डाल कर चूसो, जैसे लॉलिपोप चूस्टे है.

मैने वैसा ही किया. मुझे मज़ा आ रहा था बहुत, और मैं मज़े से चूस रहा था. अंकल बीच-बीच में मेरी गांद सहलाते और कस्स कर पकड़ते. मैं चूस रहा था, और वो उम्म्म आहह आअहह उूउउंम चूसो इस लंड को आचे से चूसो बोल रहे थे.

5 मिनिट चूसने के बाद उन्होने मुझे खड़ा किया, और मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए, और मुझे किस करने लगे. फिर मेरी गांद को दबाने लगे, और उसे टच करने लगे. उन्होने अपनी जीभ मेरे मूह में डाल दी थी, और वो मुझे ऐसे ही 2 मिनिट तक किस करते रहे.

किस ख़तम करने के बाद उन्होने मुझे पूछा: कैसा लगा?

मैने कहा: मज़ा आया बहुत. उन्होने कहा: ठीक है.

और फिरसे लंड मेरे मूह में दे दिया. मैं उसे कभी चूस्टा, कभी उस पर किस करता. उनका सारा प्रेकुं मैं मज़े से पी रहा था. 5-10 मिनिट चूसने के बाद उन्होने कहा-

अंकल: अमृत निकालने वाला है, तेज़-तेज़ चूसो.

उन्होने सारा कम मेरे मूह मैं निकाल दिया. बहुत सारा था कम, मेरे मूह से बाहर निकालने लगा, और मैने हाथ नीचे करके उसे हाथ में पकड़ लिया.

अंकल ने देखा और कहा: पी जाओ इसे.

मिने वैसा ही किया और सारा कम पी गया, और हाथ वाला भी चाट लिया.

उन्होने पूछा: कैसा लगा?

मैने कहा: नमकीन था, और तोड़ा चिपचिपा भी. पर अछा था.

उन्होने बोला: मज़ा आया तुम्हे?

मैने कहा: हा, बहुत मज़ा आया.

फिर उन्होने कहा: लंड को चूस कर और चाट कर सॉफ कर दो.

मैने वैसा ही किया. फिर उन्होने मुझे एक डीप किस किया होंठो पर, और मुझे कपड़े पहनाए. उसके बाद मेरे बाल सेट किए आचे से. ये सब उन्होने नंगे रह कर ही किया. उनका लंड एक-दूं सिकुड गया था, और छ्होटा हो गया था.

फिर आते हुए उन्होने मुझे कहा: लंड पर किस कर दो आचे से.

मैने वैसा ही किया. फिर उन्होने भी कपड़े पहने और मुझा कहा: मज़ा आया तुम्हे?

मैने कहा: हा.

तो उन्होने कहा: फिरसे मज़ा लेना चाहते हो?

मैने कहा: हा.

उन्होने कहा: ठीक है. यहा जो भी कुछ हुआ किसी से मत कहना, और अगली बार जब आना हो बाल कटवाने तो अकेले आना. मुझे पहले बता दिया करना ताकि तुम्हे तब ही बूलौऊ जब कोई ना हो दुकान में.

मैने कहा: ठीक है.

और मैं वॉया से घर आ गया. उसके बाद मैं जब भी बाल कटवाने जाता था, तो अकेला जाता था, और उन्हे पहले बता देता था. वो मुझे टाइम बता देते थे, और फिर हम दोनो दुकान में अकेले होते थे. वो शटर नीचे कर देते थे, और मुझे पूरा नंगा करके और खुद पुर नंगे हो कर मेरे बाल फटाफट काट देते थे.

फिर मुझसे अपना लंड चुस्वते थे, और मुझे अपना कम पाइलेट थे, और मैं भी मज़े से पीटा था. कभी कभी वो जूस में मिक्स करके पाइलेट थे अपना कम, और मैं पी जाता था पूरा. ऐसे ही उन्होने मुझे अपना लंड 3 साल तक चुस्वाया, और मुझे अपना कम पिलाते रहे.

कभी-कभी जब मैं मार्केट जाता था, और वो अकेले होते थे दुकान में, तो वो मुझे अंदर बुलाते और एक डीप किस करते मेरे होंठो पर. फिर लंड पर किस करवाते थे आचे से. और फिर वापस भेज देते थे ताकि मुझे ज़्यादा देर ना हो.

अगले पार्ट मैं बतौँगा की उन्होने कैसे मेरी गांद मारी मुझे अपने रूम पर बुला कर, और मुझे अपने रंडी बनाया. अगर आपको ये स्टोरी अची लगी तो प्लीज़ मुझे आरियांशार्मा015@गमाल.कॉम पर मैल करके ज़रूर बताना, या फिर नीचे कॉमेंट करके ज़रूर बताना.

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