इतने में लाइट चली गई और अँधेरा गुप्प हो गया, मुझे पता नहीं क्या सूझा, मैंने नेहा के करीब जाकर उसके होठों पर एक चुंबन कर दिया। वो भी एकदम हुए इस हमले से चौंक गई पर फिर भी उसने भी मेरा साथ दिया जब तक उजाले के लिए कुछ जलाया जाता, हम होठों का रसपान करते रहे।
अब नेहा की शादी में मात्र 8 दिन बचे थे, हम कोई मौका नहीं छोड़ रहे थे, जहाँ मौका मिलता एक दूसरे को चूमते थे। नेहा बहुत खुश थी।
उस दिन नेहा को पास के एक शहर में एक परिचित के घर खाना खाने जाना था। हमारे इधर शादी से पहले दूल्हा हो या दुल्हन, उसे खाने पर सब अपने यहाँ बुलाते हैं।
नेहा ने मुझे साथ ले जाने की फरमाइश की और किसी को कोई तकलीफ नहीं थी क्योंकि बचपन से सब जानते थे कि नेहा और मैं कितने अच्छे दोस्त थे, सबको यही लग रहा था कि थोड़े दिन की लड़ाई के बाद अब हमारे बीच सब सामान्य था।
पर उन्हें क्या पता था अब सामान्य से कुछ खास था हमारे बीच!
हम दोनों घर से शहर के लिए फॉरव्हीलर से निकले सफ़र में!
नेहा ने मुझसे पूछा- अमित, मेरे मना करने के बाद की जिन्दगी के बारे में कुछ बता?
मैं बोला- नेहा, तुझसे कुछ नहीं छुपा सकता! उसके बाद मैं बहुत बिगड़ गया, मैंने बहुत लडकियों से दोस्ती की और बहुत गलत काम किये, दारू भी बहुत पी। तेरे बिना जीना मुमकिन नहीं था इसलिए अपना मन बहलाने के लिए ये सब किया।
वो बोली- बस दोस्ती ही की या और भी कुछ?
मैं बोला- मैंने बहुत सी लड़कियों के साथ सेक्स भी किया है।
‘अपनी लाइफ के लिए भी कुछ किया या बस ये सब ही किया है?’
मैं बोला- मैंने BCA कर लिया है और मेरा एक शासकीय पद के लिए चयन भी हो गया है। बहुत जल्द तेरा अमित एक सरकारी मुलाजिम होगा!
वो बोली- क्या बात कर रहा है? तू तो इन 4 सालो मैं असली हीरो बन गया है… जीरो से हीरो!
मैं बोला- तूने ठुकरा दिया तो मैं इतना बदल गया तो अगर तूने मेरा साथ दिया होता तो आज बात ही और कुछ होती!
उसने बोला- अब छोड़… आज मैं बहुत खुश हूँ, तूने मेरा दिल खुश कर दिया, आज तुझे जो मांगना है मांग?
मैं बोला- अभी अपन शहर जा रहे हैं तो अपन कोई फिल्म देखने चलेंगे।
वो बोली- बिल्कुल चलेंगे, मैं खुद घर पर शाम तक का बोल के आई हूँ तो अपन पूरा दिन साथ घूमेंगे, खूब मजे करेंगे।
हम फिल्म देखने पहुँच ही गए, हमने कॉरनर सीट ली और थोड़ी देर में हमारे हाथ एक दूसरे के हाथ में थे। फिल्म में ज्यादा भीड़ भी नहीं थी तो हम एक दूसरे के होठों का रसपान भी करने लगे।
दोस्तो, इन 4 सालों में इतनी लड़कियों को मसला था कि पता ही नहीं चला कब मेरे हाथ उसकी चुची को मसलने लगे। वो भी गर्म हो गई।
जैसे ही मैं उसका बोबा मसलता, वो ‘ऊऊउ ह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह्ह ह्हह्ह अमी…त आह…’ की आवाज निकालती जा रही थी।
मैंने उसका हाथ पकड़ के अपने लवड़े पर जीन्स के उपर से ही रख दिया, उसने भी लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी।
वो दिन बहुत यादगार बन गया, हमने बहुत मजा किया और शाम 6 बजे घर आये।
उसके बाद भी चैन नहीं मिला था तो घर के बाथरूम के बाहर की जगह मैं रात 9 बजे दोनों ने एक दूसरे के होंठ चूसे।
अगले 5 दिन हमने कोई मौका नहीं छोड़ा, कभी उसने मुझे पकड़ा, कभी मैंने उसे! उसकी चुची को भी खूब मसला और उसकी ऊऊऊ ऊऊउ आआ आआआ ह्हह्ह ह्ह्हा निकलती रही।
अब शादी में बस 3 दिन बचे थे, अगले दिन बारात आने वाली थी और दुल्हन एक अपने बचपन के दोस्त के साथ लगी थी मजा लेने में! नेहा से मैंने कहा- नेहा तू तो शादी के बाद चली जाएगी तो मैं तुझसे पूरी रात के लिए मिलना चाहता हूँ। पता नहीं फिर कब मिलेंगे तो हम पूरी रात चिपक के सोयेंगे और एक दूसरे को खूब प्यार करेंगे।
वो बोली- वो तो ठीक है, पर घर मेहमानों से भरा पड़ा है। ऐसे मैं कोई हमें देख ना ले?
मैं बोला- तू तो अपने रूम में अकेली सोती है, मैं सबके सोने के बाद चुपचाप आ जाऊँगा और सुबह सबके जागने से पहले चला जाऊँगा!
वो बोली- ठीक है, आज रात को 11-12 बजे बाद आ जाना!
उस पूरे दिन हम दोनों को बेचैनी रही, दोनों रात का इंतजार करते रहे!
दोस्तो क्या पल थे वो भी!
इसके बाद की कहानी में वही सब हुआ जो आप अन्य कहानियों में पढ़ते रहते हैं।