बड़े मामा और मेरा किरायेदार-1

मेरा नाम शोयिब है 19 साल का हूँ, बचपन से ही मोटा सा हूँ, लाल गाल और गोल गांद है. मेरे आस पास के अंकल आते जाते गाल पकड़ते रहते हैं और चूतड़ पे हाथ फेरते रहते हैं. लेकिन मैं किसी से मूह नही लगता.

देल्ही के जामिया मे रहता हूँ, घर मे मम्मी पापा और एक बेहन है. एक दो फ्लोर का घर है हमारा जिसमे दो कमरे नीचे और दो उपेर बने हुए हैं. नीचे एक कमरे मे मम्मी पापा, एक मे बेहन रहती है.

उपेर एक कमरा मेरा है और एक मे किरायेदार है. जिनका नाम राजवीर उन्हे मैं चाचा बुलाता हूँ, आगे 48 लंबे चौड़े शरीर के मालिक हैं. वो अकेले ही रहते हैं उनकी फॅमिली कानपुर मे रहती है. वो गाओं साल मे 2 या 3 बार जाते हैं. उनकी एक छाई की दुकान है पास मे ही.

एक दिन चाचा अपने साथ एक लड़के को लेकर आए. उसे वो अपना भतीजा बता रहे थे. बोले ये पास मे ही एक फॅक्टरी मे काम करता है. उसकी आगे भी लगभग 19 ही होगी. वो उस दिन रात को वहीं रुका.

रात को मई मैं गाते पे टाला लगाना भूल गया था. तो याद आया और मैं टाला लगाने के लिए बाहर आया तो चाचा के रूम की लाइट ओं थी और करहने की आवाज़ आ रही थी. मुझे लगा चाचा की तबीयत खराब है शायद तो मैने सोचा खिड़की सी देखता हूँ.

जैसे ही मैने अंदर नज़र डाली तो मेरे अंदर एक करेंट सा दौड़ गया. चाचा एकद्ूम नंगे थे वो लड़का बेड पे लेता था और चाचा उसकी च्चती पे बैठ थे और चाचा का लंड जो के कम से कम 8″ लंबा और 4″ मोटा होगा. उस लड़के के मूह मे अंदर बाहर कर रहे थे. और उसे गंदी गंदी गाली, मेरी रंडी, मदारचोड़ ले चूस और चूस.

ऐसे ही 15 मिन्स करने के बाद स्पीड बढ़ा दी और एक दूं से अपना लंड उसके मूह मे अंदर तक डाल के झतके लेने लगे. जब बाहर लंड निकाला तो उनके लंड सी कुछ सफेद सा रस तपाक रहा था. जैसे ही पीछे हुआ जाने को खिड़की पे मेरा सिर लग गया और मेरी आ निकल गयी. जो की उन्होने सुन ली थी.

सुबह वो लड़का चला गया.

जब सुबह चाचा दुकान पे जा रहे थे मेरे गाल पे किस किया और आँख मारी मेरी तरफ. मैं समझ गया रात जो मैं देख रहा था उन्हे पता चल गया.

शाम को जब चाचा दुकान से लौटे तो उनके हाथ मे कोल्ड ड्रिंक और चॉक्लेट थी. उन्होने आते ही सब मुझे दे दिया और मुझे गले से लगाकर मेरे चूतड़ को दबा दिया.

जब वो मेरे गले लगे तो उनका लंड मेरे पेट पीवेस चुभ रहा था. मतलब उनका लंड खड़ा था उस वक़्त. लेकिन मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था. उन्होने उस वक़्त शराब भी पी रखी थी.

ऐसे ही दिन गुज़रते गये. एक दिन मेरे घर मेरे डोर के मामा आए वो अपने दोस्त की बेटे की शादी मे शामिल होने आए थे. शादी निपटा के वो आज हमारे घर ही रुक गये थे. बोले कल कुछ शॉपिंग करके फिर गाओं जौंगा.

मेरे मामा का नाम नॉवब है उनकी आगे 45 और एकद्ूम काले दिखते हैं. बड़ी बड़ी दाढ़ी मच रखते हैं और पहलवानों के जैसा शरीर है.

शाम को सबने खाना खाया और थोड़ी देर बातें करने के बाद पापा बोले मामा से की आप उपेर शोयिब के कमरे मे सो जाओ.

मामा बोले ठीक है हम दोनो उपेर सो जाएँगे.

फिर मामा ने पापा से एक लूँगी लेकर बाँध ली और उपेर आ गये. मेरे रूम मे एक सिंगल बेड ही है. हम बाहर गॅली मे ही थे जब तक रेजवीर चाचा भी आ गये. मैने मामा को उनसे मिलवाया तो वो उनके गाओं के पास मे ही एक गाओं है वाहा के निकले. तो थोड़ी देर मे ही जान पहचान बन गयी.

चाचा – शोयिब तुम आज मेरे रूम मे लेट जाओ सिंगल बेड पे दो लोगों को दिक्कत हो जाएगी सोने मे. मेरे रूम मे डबल बेड भी है.

मामा – कोई बात नही शोयिब आपके रूम मे सो जाएगा.

और मामा सोने चले गये.

चाचा – शोयिब तुमने खाना ना खाया हो तो मेरे साथ खा लो.

मैं – नही मैं खा चुका हूँ, अब सौंगा बस.

चाचा – कोई नही बेड पे लेट जाओ तुम मई खाना खा के सौंगा.

मैने एक सिल्क की शॉर्ट और एक कट स्लिप त वाली बनियान पहन रखी थी. जिसमे मेरे बूब्स और गांद दोनो बाहर निकले हुए थे. चाचा बड़े ध्यान सी मेरे च्चती की तरफ देख रहे थे.

चाचा खाना खाने के लिए बैठे तो उन्होने अपने कपड़े उतार दिए. अब वो सिर्फ़ अंडरवेर और बनियान मे थे. फ्रिड्ज से एक हाफ बलाइंडर की शराब निकाल के लाए और धीरे धीरे पेग बना के पीने लगे.

मेरी आँख लग गयी कुछ देर बाद मेरी आँख खुली तो चाचा खाना खा चुके थे. और ग्लास मे थोड़ी सी शराब बची हुई थी. वो ग्लास टेबल पे ही रख के बेड पे मेरे पास मे ही लेट गये. गर्मी होने के वजह से उन्होने बनियान भी उतार दी.

मुझे नींद नही आ रही थी अचानक चाचा ने करवट और सीधे होकर लेट गये जिससे उनकी च्चती उपर छत की तरफ हो गयी. जब मेरी नज़र नीचे के तरफ गयी तो मैं चौंक गया. क्यूंकी उनका लंड अंडरवेर से बाहर था और बिल्कुल सीधा खड़ा था.

मेरे अंदर काम वासना जाग गयी. ऐसा लग रहा था की अभी पूरा लंड अपने मूह मे लेकर चूज़ डालूं. फिर दर्र भी लग रहा था की अगर जाग गये तो क्या होगा.

फिर भी मैं धीरे सी नीचे को सरक गया. जिससे के मेरा मूह बिल्कुल चाचा के कमार के बराबर आ गया. अचानक चाचा ने मेरी तरफ करवट ली तो उनका लंड सीधा मेरे होंठ से जा लगा. उनके लंड पे छ्होटे लेकिन घने काले बाल थे जिनकी खुश्बू से मैं मदहोश होने लगा.

अब ना चाहते हुए भी मैं अपना मूह खोल दिया. जिससे के उनका मोटा तगड़ा लंड मेरे मूह मे चला गया. मैं धीरे धीरे उसे चूज़ लगा जिससे के वो और भी टाइट हो गया.

अब मुश्किल सी पूरा लंड मेरे मूह मे जा रहा था. अचानक से चाचा का हाथ मेरे सिर पे आया और मेरे सिर को अपने लंड पे दबा दिया. जिससे की पूरा लंड मेरे मूह मे समा गया.

चाचा – शोयिब मेरी जान क्या मस्त बूब्स हैं तेरे तू एकद्ूम लड़की है. चूस मेरी जान अपने चाचा के इस लंड को. और चूस चाट जा इसे.

अब उनका एक हाथ मेरी गांद पे था. उन्होने एक दूं से मेरे निक्कर को मेरी गांद सी लग कर दिया और मेरे चूतड़ को सहलाने लगे और मेरे मूह को लगातार छोड़े जा रहे थे.

उन्होने मेरे चेस्ट पे कई जगह काट के निशान बना दिए. अचानक उन्होने एक उंगली मेरी गांद के अंदर घाप सी घुसा दी. जिससे के मेरी चीख निकल गयी.

मुझे किसी के चलने की आवाज़ आई तो पता चला के मामा पेशाब करने को उठे हैं. कुछ देर बाद मामा ने मुझे आवाज़ देकर बुलाया. मैं फटाफट अपना निक्कर पहन और उनके रूम मे गया.

मामा – क्या हुआ चीख क्यूँ रहे थे?

मैं – मामा वो चूहा आ गया था बेड पे अचानक.

मामा – वही चूहा जो तुम्हारे मूह मे अंदर बाहर हो रहा था?

ये सुन कर तो मेरी गांद ही फट गयी. मैं कुछ बोल भी नही पा रहा था अब.

मामा – चलो अब चाचा के रूम मे ही चलो.

मैने सोचा अब चाचा को भी कुछ बोलेंगे. जब अंदर गये तो चाचा अंडरवेर मे बेड पे बैठे थे.

यह कहानी भी पड़े  वासना का खेल बेटे और मा के बीच


error: Content is protected !!