बड़ा लंड देख के छूट में लगी आग

ही रीडर्स, ये मेरी पहली स्टोरी है जो मैं ट्ंकॉक शो पर लिख रहा हू. और इस स्टोरी में आपको बतौँगा की कैसे जग्गू भाई, मीनाक्षी, तारक मेहता, अंजलि मेहता और दया भाभी के बीच एक बहुत रोमांचक ट्विस्ट आता है.

एक दिन तारक मेहता कुछ ग्रोसरी लेने किराना स्टोर जाते है. वाहा वॉशिंग पवर को लेके उसके साथ बहस हो जाती है. जग्गू भाई को भी मिसांडरस्टॅंडिंग हो जाती है और गोकुलधाम सोसाइटी में उसकी बहुत बहस और ड्रामे-बाज़ी के होने के बाद फिर उनकी मिसांडरस्टॅंडिंग डोर होती है.

पर जब जग्गू भाई अपनी गांग के साथ जब गोकुलधाम में होता है, दया को उसकी हाइट और बॉडी से अट्रॅक्षन हो जाता है. वो सोचती है की जग्गू भाई जैसा लंबा चौड़ा आदमी उसकी चुदाई करे तो मज़ा आ जाए.

अंजलि मेहता भी उसकी पर्सनॅलिटी से थोड़ी देर थम जाती है. दया तो पुर दिन जग्गू भाई के ख़यालो में खोई रहती है, और अपनी चूत में एक बार उंगली कर देती है.

तारक मेहता भी तोड़ा सोच में था की मीनाक्षी में कों सी बात थी, जो जग्गू भाई उसको लेकर इतना सेन्सिटिव हो गया था. तारक ये सब सोच में था, की तभी उसके घर की डोरबेल बजती है. वो जब डोर ओपन करता है तो सामने जग्गू भाई होता है. इससे वो तोड़ा सोक्केड हो जाता है.

वो अंजलि को आवाज़ लगता है और वो भी भाग के लिविंग रूम में आ जाती है. जग्गू भाई को देख कर अंजलि को भी एक सुकून मिलता है. लेकिन वो थोड़ी दररी हुई थी. उसको कुछ समझ नही आ रहा था, की जग्गू भाई को लेकर उसको क्या फील हो रहा था.

जग्गू भाई वाहा अपनी सेक्सी वाइफ मीनाक्षी को लेकर आता है, और तारक और अंजलि से उनका इंट्रोडक्षन करवाता है. तारक तो मीनाक्षी को देख कर खुश हो जाता है.

मीनाक्षी एक ग़ज़ब की औरत थी. ब्लॅक कलर की सारी में सेक्सी बॉम्ब लग रही थी. तारक को जब पता चलता है की मीनाक्षी उसके आर्टिकल की बहुत बड़ी फन थी, तो उसके मॅन में लड्डू फुट रहे थे.

वो सोच रहा था की मीनाक्षी जैसा माल छोड़ने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए. पर उसकी जग्गू भाई को लेकर थोड़ी गांद फाटती पड़ी थी. तारक का काम तो जग्गू भाई कर देता है. उसको मीनाक्षी के लिए फिल्म राइट करवानी थी.

तारक एक टाइम तो माना कर देता है. और बोल देता है की मैं सोच कर बताता हू. अब यही से असली कहानी शुरू होती है. दूसरे दिन अंजलि दया के घर जाती है, और पूरी कहानी बताती है. दया ये बात सुन कर खुश हो जाती है, और उसको एक मस्त आइडिया आता है. वो अंजलि को कहती है-

दया: आप मेहता साब को समझाओ की वो मीनाक्षी के लिए फिल्म लिखे. हमे भी मीनाक्षी की फिल्म की शूटिंग देखने जाने का मौका मिलेगा.

अंजलि फिर जग्गू भाई के ख़याल में खो जाती है. दया भी जग्गू भाई से कैसे चुडवाए उसकी प्लॅनिंग करती है, और छूट में उंगली करती है. रात को तारक ऑफीस से आता है तो अंजलि उनको फिल्म राइट करने को बोलती है. तारक भी सोच ही रहा था, की अछा मौका था मीनाक्षी के पास रहने का.

मीनाक्षी को याद करते ही उसका लंड खड़ा हो जाता है, और वो अंजलि को लिविंग रूम में ही पॅशन से लिप्स किस करता है. अंजलि बहुत हॉर्नी हो जाती है. वो तारक का लंड पंत के उपर से पकड़ लेती है. फिर वो नीचे बैठ जाती है, और तारक की पंत अंडरवेर के साथ खींच के उतार देती है. फिर वो उसका लंड मूह में लेती है.

तारक अपनी आँखें बंद करके मीनाक्षी के ख़यालो में खो जाता है. अंजलि तारक का लंड एक रंडी की तरह ले रही थी. तारक मोन कर रहा था, और वो अंजलि के मूह में झाड़ जाता है. तारक अंजलि को मीनाक्षी समझ के सेक्स कर रहा था, और उसको अंजलि बहुत एंजाय कर रही थी.

अंजलि को उसी टाइम जग्गू भाई के ख़याल आ रहे थे. वो दोनो चरम सुख पा रहे थे. दोनो ने आज कुछ नया एक्सपीरियेन्स किया था. फिर दोनो फिरसे किस करते है और खाना खा के सो जाते है.

नेक्स्ट दे दया अंजलि के घर जाती है. अंजलि कुछ परेशन लग रही थी.

दया: क्या हुआ अंजलि भाभी? क्यूँ इतना उदास बैठी हो?

अंजलि: कुछ नही दया भाभी, वो मैं ये सोच रही थी (और वो चुप हो जाती है).

दया: अंजलि भाभी कुछ तो बात है. आप मुझे बोल सकती है (अंजलि को दया पे पूरा भरोसा होता है, और वो उसको बता देती है).

अंजलि: दया भाभी मैने जब से जग्गू भाई को देखा है, बस उसी के ख़याल आते है. पता नही पर मुझे अछा फील होता है.

( दया ये सुन के खुश हो जाती है)

दया: अंजलि भाभी आपको जग्गू भाई पसंद आ गये है ना?

( अंजलि शर्मा जाती है)

दया: मुझे भी जग्गू भाई पसंद आ गये है. मैं तो उनको सोच-सोच के मेरी छूट में उंगली कर रही हू (अंजलि ये सुन कर शॉक्ड हो जाती है).

अंजलि: दया भाभी ये आप क्या बोल रही है? आप भी मेरी तरह. (अंजलि चुप हो जाती है और दया उसकी और देखती है. वो शर्मा जाती है, और फिर दोनो हस्स पड़ती है)

दया: अंजलि भाभी क्या इरादा है आपका?

अंजलि: जो आप कहे.

दया तोड़ा सोचती है, और अंजलि को पूरा प्लान समझा देती है. अंजलि खुश हो जाती है और दया को टाइट हग कर देती है. दया हॉर्नी हो जाती है. वो अंजलि को लीप किस करती है. अंजलि के लिए ये 1स्ट्रीट टाइम था की कोई औरत उसको किस कर रही थी. अंजलि तोड़ा विरोध करती है, लेकिन दया टाइट उसको किस करती है.

फिर अंजलि भी रेस्पॉन्स करती है. अंजलि फिर रीयलाइज़ करती है, और दया को अपने से तोड़ा डोर करती है.

अंजलि: दया भाभी आज क्या हो गया? आपका ये रूप पहली बार देखा मैने.

दया: अंजलि भाभी ये भी मेरा पहली बार है. पता नही आपके साथ ये कैसे हो गया. पर मुझे सच में अछा लगा.

अंजलि: मुझे भी.

फिर दया अंजलि को फिर से लीप किस करती है. इस बार दोनो पॅशनेट्ली एक-दूसरे को किस करती है. और उसी टाइम तारक डोरबेल बजता है. वो दोनो एक-दूसरे से अलग होते है. दया अपनी सारी ठीक कर रही होती है. तारक घर में आ जाता है और कहता है-

तारक: क्या बात है दया भाभी, आप यहा? सब ठीक तो है ना?

दया: हा मेहता साब सब ठीक है. टापू के पापा सूरत गये है. बापू जी और टापू गाओं गये है. मैं घर में अकेली हू. बोर हो रही थी, तो यहा आ गयी.

तारक: तो दया भाभी आप कल हमारे साथ जग्गू भाई के फार्महाउस चलिए.

अंजलि और दया खुश हो जाती है और दोनो साथ में बोलती है.

दया आंड अंजलि: क्यूँ?

तारक: जग्गू भाई का ऑफर मैने आक्सेप्ट कर लिया है. कल मुझे उनके फार्महाउस पे बुलाया है. अब मैं और अंजलि अकेले वाहा जाए उससे अछा आप भी हमे जाय्न कर लो.

(दया तोड़ा सोचने का नाटक करती है )

दया: ठीक है मेहता साहब, मैं भी चलूंगी.

(फिर दया अंजलि को आँख मार्टी है, और अपने घर चली जाती है)

आयेज क्या-क्या होता है मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा.

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