हेलो मेरे प्यारे दोस्तों. तो ये कहानी का 7त पार्ट है. और अब तक आपने देखा होगा की कैसे हमारे मम्मी पापा हमारे सामने सेक्स करके तक चुके थे, और बेड पे लेते रिलॅक्स करने लगे थे. चारो के जिस्म पे पसीने छूट रहे थे.
मोना: अछा आप दोनो को रिलॅक्स ही करना हो, तो जाओ सोफे पर चले जाओ. हम बच्चो पे नज़र रखते है.
फिर इसी तरह पापा और चाचू उठे और एक नॅपकिन लेकर पापा सोफे पे बैठ गये, और चाचू बातरूम चले गये. शायद शवर लेने, क्यूंकी जब वो कुछ देर बाद आए तो वो अपने बाल सूखा रहे थे, और उनकी बॉडी थोड़ी गीली थी. फिर वो पापा को सोफा पर जाय्न कर लिए.
निराल: तो सोनू, राहुल तुम दोनो को करना है सेक्स?
मैने सोनू की तरफ देखा. सोनू तोड़ा शर्मा रही थी, और इशारों-इशारों में उसने धीरे से हा कहा.
मोना: राहुल बेटा, तुम्हे?
राहुल: अगर सोनू राज़ी है तो मैं भी करना चाहता हू चाची.
मोना: ओके गुड, लेकिन एक बात प्रॉमिस करो, की तुम दोनो इसके बाद हम में से किसी की भी गैर हाज़री में ये नही करोगे. जब हम होंगे, तब ही तुम्हे करना होगा हमारे सामने.
राहुल: प्रॉमिस चाची.
सोनू: ओके मुम्मा.
निराल: वेरी गुड बच्चो. सोनू बेटा, यहा बीच में लेट जाओ.
फिर मम्मी ने दो पिल्लो रखे, और सोनू उस पर सर रख के लेट गयी. एक तरफ मम्मी थी तो दूसरी तरफ चाची.
मोना: राहुल, आयेज आओ आंड जैसे तुमने तुम्हारे डॅडी और चाचू को देखा ठीक वैसे ही अपनी लुल्ली यहा सोनू की छूट में डालना. लेकिन उससे पहले योउ हॅव तो लीक हेर पुसी.
राहुल: एस चाची.
फिर मैने सोनू की टाँगो को तोड़ा खोला. उसकी छूट एक-दूं क्लीन थी. मैने जैसे देखा था ठीक वैसे ही पहले थाइस पे, फिर कभी ब्लॅडर पे, कभी छूट के लिप्स पे किस करना शुरू किया. सोनू कभी-कभी बहुत ज़्यादा हिलने लगती, जैसे करेंट लगा हो.
दरअसल उसे तो टिकल जैसा फील हो रहा था. खैर मुझे ये टेस्ट अछा लगने लगा था. फिर जैसे मम्मी ने बताया था, मैने वैसे ही सोनू की छूट के उपर छ्होतू सा जो क्लिट होता है, उसे चाटना शुरू किया. और मानो सोनू जैसे पागल की तरह हिलने लगती.
सोनू: मम्मी बहुत गुदगुदी हो रही है.
मोना (सोनू के हाथ पकड़े): इट’स ओके बेटा. यही तो मज़ा है. नाउ राहुल, शी इस रेडी. योउ नो ना, नेक्स्ट क्या करना है?
राहुल: ये (लुल्ली) इसके अंदर (छूट) डालना है ना?
निराल: एस बेटा, लेकिन उससे पहले (मम्मी ने अपने हाथो में काफ़ी सारा थूक लिया और मेरी लुल्ली पे लगा के 2 मिनिट तक रब किया.)
मम्मी के कोमल-कोमल हाथ कितने सेक्सी लग रहा थे, ये मैं बयान भी नही कर सकता.
निराल: नाउ गो. लेकिन राहुल, बहुत धीरे से. सोनू बेटा, शुरू में दुखेगा. बुत इट’स ओके.
फिर मम्मी और चाची ने सोनू के हाथो को पकड़ा, और मैने अपना लोड्ा सोनू की छ्होटी सी टाइट सी, और प्यारी सी छूट पे सेट किया. वैसे तो शुरू शुरू में अंदर नही जेया रहा था. लेकिन धीरे-धीरे जैसे-जैसे मैं धक्के लगते गया, तो अंदर जाता गया.
सोनू को दर्द तो हो रहा था. लेकिन उसने उसकी मम्मी और मेरी मम्मी को देखा था एंजाय करते हुए. इसलिए वो मोटीवेटेड थी, की जैसा मम्मी ने कहा था थोड़ी देर बाद मज़ा आएगा. इसलिए उसे इतना दर्द बयान नही करना था.
खैर इस तरह मैने और सोनू ने पहली बार अपनी वर्जिनिटी खोई, वो भी पेरेंट्स की हाज़री में. कुछ देर ऐसे करने के बाद, मुझे लगा की सस्यू आ रही थी, तो मैने अपना लोड्ा बाहर निकाला, और वॉशरूम की तरफ जाने ही लगा था, की चाची ने रोक लिया.
मोना: राहुल बेटा रुक, सस्यू आ रही है?
राहुल: हा चाची.
मोना: इधर आ.
फिर मैं सोनू की टाँगो के बीच ही बैठा था, और चाची ने अपने हाथ पे तोड़ा थूक लिया, और मेरा टाइट लोड्ा पकड़ लिया. वो उसे हिलने लगी, और मेरी मम्मी ने भी अपना हाथ मेरी बॉल्स पे रख दिया, और उसे सहलाने लगी.
करीब एक ही मिनिट में मैने 4-5 बार ज़ोर की पिचकारी निकली. और वो सोनू के पेट पे पूरी फैल गयी. कुछ सेकेंड्स बाद मुझे ऐसा लगा की जैसे नींद सी आने लगी.
मोना: सोनू बेटा, तू ठीक है?
सोनू: मम्मी तोड़ा दर्द हो रहा है.
मोना: चल तुझे गरम पानी से नहला देती हू. उसके बाद योउ विल बे गुड.
मैं तो वही सो गया और कब आँख लग गयी पता ही नही चला. दूसरी तरफ मोना चाची ने बातरूम में जेया कर सोनू को आचे से गरम पानी में नहलाया और सोनू बस अपनी पनटी पहन कर मेरे बाजू में सो गयी थी.
उसके बाद मम्मी और चाची ने भी पापा और चाचू को जाय्न किया.
विवेक: आप दोनो ने उन्हे ये सीखा कर काफ़ी अछा काम किया.
निराल: हा देवर जी, वो बस आज कल की दुनिया में ये सीखना ज़रूरी है बच्चो को. क्या सही है क्या ग़लत. ताकि वो आधी अधूरी बातें सुन कर कुछ ग़लत ना कर बैठे.
विकास: ये तो ठीक है भाभी. लेकिन हमने स्वापिंग तो की ही नही.
मोना: ओह हो जीजू, आपको अभी भी मेरी लेनी है? थके नही आप?
निराल: मोना, कोई ही मर्द होगा जो ऐसा मौका हाथ से गावा देगा? और सच काहु तो मेरी भी इक्चा है उनके अलावा किसी और का लंड चूसने की.
मोना: अछा लेट’स दो वन थिंग. हम अभी आप दोनो को ब्लोवजोब दे देते है. बाकी नेक्स्ट टाइम कर लेंगे.
विवेक: ये क्या बात हुई? हमने तो सेक्स करने का डिसाइड किया था ना.
निराल: जीजू इतना बेसबर क्यूँ हो रहे हो? मैं दूँगी आपको, लेकिन अब तो ये घर की बात है. कल हमे निकलना है यहा से. फिर घर पहुँच के हम कभी भी कर सकते है ना अब तो.
विकास: हा विवेक, वैसे भी आज रेस्ट करना पड़ेगा, कल पूरा दिन ड्राइव भी करना है हमे.
ये बात करते-करते कब मोना चाची पापा के पैरों के पास बैठ गयी, और मम्मी चाचू के पैरों के पास, पता ही नही चला. फिर चाची ने पहले पापा के लोड को किस किया 2-3 जगह, और फिर हाथ में पकड़ कर हिलने लगी थी.
दूसरी तरफ मम्मी ने भी थूक लगा कर चाचू के लंड को गीला कर दिया था, और उन्होने तो चूसना भी शुरू कर दिया था. मम्मी वैसे चूसने के साथ-साथ बॉल्स भी सहला रही थी. और यहा चाची ने भी लंड को मूह में ले लिया था, और वो पापा का लंड पूरी तरह अंदर तक ले पा रही थी.
खैर इसमे कुछ अलग तो था नही. फिर पापा और चाचू खड़े हुए और मम्मी और चाची घुटनो पर ही बैठी रही. फिर तोड़ा हिलने के बाद पापा ने अपना सारा माल चाची के मूह पे उड़ा दिया, और चाची के बालों पे और आँखों पे उड़ाया. दूसरी तरफ चाचू का सारा माल मम्मी के नाक पे और गालों पे उड़ा.
फिर पापा घूम कर टिश्यू पेपर ढूँढ ही रहे थे की मोना चाची ने पापा की गांद पे ज़ोर से स्पॅंक करते हुए बोला-
मोना: जीजू सीधा बातरूम में जेया कर सॉफ कर लीजिए ना.
मम्मी और चाचू हासणे लगे थे ये स्पॅंक देख कर और चाची मुस्कुरा रही थी.
तो दोस्तों ये कहानी आपको कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताए कॉमेंट्स करके और मैल करके.
अगर आपको ये कहानी पसंद आई हो तो ज़रूर मुझे बताए, और ये इस कहानी का आखरी पार्ट है.