बाप के साथ मिल कर बेटे ने की मा की चुदाई

हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका इस फॅमिली सेक्स कहानी के आखरी और सबसे मज़ेदार पार्ट में. ये मेरी कहानी का 5त पार्ट है, और उम्मेड करता हू आपने इसके पहले के 4 पार्ट्स ज़रूर पढ़े होंगे.

तो जैसा की आपने पढ़ा होगा, की रात में हम तीनो साथ नहाए और फिर सो गये थे. सुबह के कुछ 7 बजे होंगे जब मेरी आँख खुली थी, और मैं बेड की एक साइड करवट लेकर सोया हुआ था. जैसे ही मेरी आँख खुली कुछ आवाज़ से, तो मैने करवट ली बेड वाली साइड जहाँ मम्मी-पापा सोए हुए थे.

तो मम्मी पापा के उपर लेती हुई थी. और जैसे ही मैं उनकी तरफ मुड़ा, तो मम्मी पापा के उपर ही सो गयी, और दोनो ने ब्लंकेट ओढ़ ली. फिर मेरी तरफ देख कर बोली-

श्रुति: गुड मॉर्निंग मेरा बच्चा.

राहुल: गुड मॉर्निंग मम्मी, पापा (आधी नींद में).

पापा: गुड मॉर्निंग बेटा.

राहुल: यार आप दोनो सुबह-सुबह भी बही रुकते? इतनी देर से सोए थे, अभी भी आपकी आवाज़ से नींद उडद गयी.

श्रुति: बेटा, हम दोनो को तो जल्दी उठने की आदत है. और वैसे भी सुबह-सुबह तेरे पापा मूड में आ गये थे. तो हमने सोचा… वैसे भी अर्ली मॉर्निंग सेक्स इस वेरी गुड फॉर हेल्त.

राहुल: मम्मी सोने दो ना.

फिर जैसे ही मैने ब्लंकेट खुद पर ओढ़ने के लिए खींचा, तो मम्मी ने पकड़ लिया और कहा-

श्रुति: बेटा, हमने कुछ भी नही पहना है.

राहुल: मम्मी यार!

इतने में पापा ने अपना लंड से मम्मी की छूट में 2-3 बार स्ट्रोक मारा, जिससे मम्मी तोड़ा गुस्सा हो गयी.

श्रुति: आपको किस बात की जल्दी है? देख नही रहे मा-बेटा बात कर रहे है?

पापा: जान ऐसे बीच में रुकना अची बात नही है ना.

श्रुति: कुछ नही होगा. सबर करो तोड़ा (पापा से).

और तू, क्या सोने दो सोने दो? जब देखो तब देर से उठता है. मुझे तो दर्र है कहीं तेरा लंड भी देर से ना उठता हो. मैं कह देती हू, मेरी बहू से बिल्कुल भी तेरी कंप्लेंट नही आनी चाहिए.

पापा: तुम तो उसकी शादी तक पहुँच गयी? कमाल करती हो जान.

श्रुति: मा को बेटे की चिंता तो होगी ना, क्यूँ बेटा? सुबह-सुबह पापा की तरह तेरा भी खड़ा होता है की नही नींद में (नॉटी स्माइल देते हुए)?

राहुल: हा, मतलब होता ही है. क्यूँ नही होगा?

श्रुति: चल झूठा.

राहुल: होता है मम्मी मॉर्निंग बोनेर तो.

श्रुति: अछा? दिखा तो ज़रा.

राहुल: इसमे क्या दिखना मम्मी. मैं दूसरी साइड मूह करके सोता हू. पापा आप कंटिन्यू करो.

इतने में मम्मी ने मेरे उपर से ब्लंकेट हटा दिया, और मेरे शॉर्ट्स की तरफ देखने लगी.

श्रुति: देखा, तेरी सुबह तो वैसे भी दोपहर के 12 बजे होती है ना? तभी उठेगा तेरा नूनन्ू भी (स्माइल करते हुए).

पापा: जान उसकी भी शादी होने दो, और हमारे घर की बहू अगर तुम्हारी तरह खूबसूरत हुई ना, तो मैं बोलता हू, हमारे बेटे का भी मेरी तरह सुबह-सुबह रोज़ खड़ा रहेगा.

श्रुति: आप तो रहने ही दो. कभी-कभी तो आपका भी उठने का नाम ही नही लेता. मुझे ही लंड उठना पड़ता है.

वैसे आपको बता डू की यहाँ तक मैने मम्मी को पूरी तरह नही देखा था बिना कपड़ों के. कभी-कभी बस ऐसे आधे कपड़ों में, या ऐसे साइड से इसी तरह देखा था. हमारे बीच इतने इन्सिडेंट्स हुए, उसमे भी मम्मी ने खुद को च्छुपाए ही रखा था. इसलिए मुझे अब एक्सपेक्टेशन ही नही थी, की मैं कभी उन्हे पूरी तरह देख पौँगा.

श्रुति: वैसे राहुल, क्या लगता है? पापा कितनी देर में झाड़ जाएँगे?

राहुल: ये मुझे कैसे पता मम्मी?

पापा: उस दिन जब देख रहा था, तब अंदाज़ा नही लगा बेटा?

राहुल (शॉक में आते हुए की पापा को कैसे पता चला).

श्रुति: ऐसे क्या सोच रहा है बेटा?

पापा: हमे सब पता है बेटा. हमने ये मिल कर ही फैंसला किया था.

श्रुति: और राहुल, अब हमे लगता है, की हमे हमारे इस रिश्ते को एक कदम आयेज बढ़ाना चाहिए

राहुल: एग्ज़ॅक्ट्ली आपका क्या मतलब है मम्मी?

मम्मी पापा ने मेरी तरफ देखा और दोनो ने उपर से ब्लंकेट हटा दी. वो दोनो आक्च्युयली में बिना कपड़ों के थे, और मम्मी मेरे सामने पहली बार खुद को एक्सपोज़ कर रही थी.

उनके बूब्स पापा की चेस्ट पे दबे हुए थे, और मस्त मुलायम जिस्म मेरे सामने था. और आँखों को सबसे खूबसूरत लगने वाली बात थी, जो उनकी कमर पे काला धागा था वो. पता नही क्यूँ मुझे वो बहुत अट्रॅक्टिव लगता है. ये सब मैं सोच ही रहा था की इतने में उन्होने बात की-

पापा: आक्च्युयली तेरी मम्मी की इक्चा थी की उसे लाइफ में एक बार थ्रीसम करना था. हमे किसी अजनबी के साथ करना सही नही लगा, इसलिए हमने काफ़ी सालों से सोचा था.

श्रुति: और फिर राहुल, बहुत सोच समझ कर हमने ये फैंसला किया की मेरी इक्चा तेरे अलावा और कोई पूरी नही कर सकता. ई होप तू मुझे समझ पाएगा.

राहुल: हा मम्मी, लेकिन मुझे समझ नही आ रहा सही है या ग़लत.

श्रुति: ये सिर्फ़ हम तीनो का सीक्रेट रहेगा. और एक बात, जो होगा सिर्फ़ आज के लिए होगा. अगर तुझे सही लगे तो तू हम दोनो को जाय्न कर सकता है.

मैने 2 मिनिट सोचा, और फिर मुझे लगा की मम्मी पापा हमारे लिए इतना सॅक्रिफाइस करते है. और जब उन्हे खुश करने का मौका मिला है तो मैं कैसे माना कर डू. मैं भी राज़ी हो गया.

श्रुति: ये हुई ना बात. मेरा बच्चा. मुझे पता था, तू कभी मुझे नाराज़ नही करेगा.

राहुल: लेकिन मम्मी मैने अब तक कभी रियल में नही किया है. अगर मैं खुश नही कर पाया तो?

पापा: फर्स्ट टाइम का एक्सपीरियेन्स हमेशा अछा होता है बेटा.

श्रुति: हा, और तू बस मेरे बारे में सोच. बाकी मैं संभाल लूँगी तुझे और तेरे नूनन्ू को.

राहुल: थॅंक योउ मुम्मा. ई लोवे योउ.

श्रुति: लोवे योउ मेरा बच्चा. अब उतार कपड़े और जल्दी-जल्दी आजा मुम्मा के पीछे.

मम्मी खुश हो कर पापा के लंड पे राइड करने लगी, और मैं अपने कपड़े उतारने लगा. ये बातें करते-करते ही मेरा लंड खड़ा हो चुका था, जो दोनो को सॉफ-सॉफ नज़र आ गया था. इसके बाद मैं पापा की टाँगों के बीच घुटनो पे बैठा, और मम्मी के ठीक पीछे. मुझे लगा पापा अपना लंड निकालेंगे, और फिर मैं मम्मी की रसीली छूट में डालूँगा.

श्रुति: रुका क्यूँ है बेटा?

राहुल: वो मम्मी डाल रहा हू बस.

इतने में पापा मम्मी को छोड़ रहे थे की बीच में 1-2 बार लंड छूट से निकल जाता, और मम्मी उसे पकड़ कर फिर छूट में डाल देती. जैसे ही इस बार पापा का लंड बाहर निकला, तो मैं अपना लंड मम्मी की छूट पे पीछे से रखने लगा. मम्मी ने लंड हाथ से हटा दिया, और पापा का ही लंड लेकर बैठ गयी.

श्रुति: राहुल, मेरी छूट सिर्फ़ पापा के लिए है. इस्पे किसी और का हक़ नही है. ठीक है?

राहुल: तो मम्मी मैं?

श्रुति: खुद सोच (मस्ती में).

इतने में पापा ने अपनी उंगलियाँ मम्मी की गांद की तरफ की और मुझे इशारा दिया. जिसके बाद मैने अपना लंड मम्मी की गांद पे टच किया, और सेट करके कोशिश करने लगा अंदर डालने की.

श्रुति: आपने इशारा किया?

पापा (सिर्फ़ स्माइल करते हुए).

श्रुति: सब समझती हू (फिर वो पापा को किस करने लगी).

फिर मैने देखा की वो दोनो मेरे लिए रुके हुए थे ताकि मैं अपना टाइम लू, और लंड ठीक से गांद में डाल साकु. खैर काफ़ी कोशिश करने के बाद मैं पूरी तरह मम्मी की गांद में लंड डाल चुका था.

इसके बाद मम्मी के चेहरे पे एक मुस्कान थी, और फिर धीरे-धीरे मैने देखा की पापा ने स्ट्रोक्स मारने शुरू कर दिए. मैने भी धीरे-धीरे मम्मी की गांद मारनी शुरू रखी, और लाइफ का पहला सेक्स अगर अनल सेक्स हो तो इससे ज़्यादा अची किस्मत और क्या हो सकती है भला?

खैर फिर मैने पीछे से मम्मी को हग किया, और देखते ही देखते प्यार करते-करते मैने और पापा ने अपना सारा पानी मम्मी के दोनो होल्स में ही निकाल दिया. उसके बाद मैने काफ़ी देर मम्मी की पीठ पे किस किया, और पापा ने मम्मी के बूब्स पे.

उसके बाद हम ब्रेकफास्ट करने चले गये, और उसके बाद हमारे बीच सेक्स तो नही हुआ, लेकिन हम काफ़ी नज़दीक आ चुके थे एक-दूसरे के.

तो दोस्तो आपको ये फॅमिली सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे कॉमेंट्स करके ज़रूर बताए, या फिर एमाइल करके. थॅंक योउ.

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