फिर मैने उसके एक निपल को मूह में लिया, पीछे साइड रह के ही, और एक हाथ से उसकी आस दबा रहा था. अब वो नही रह पा रही थी, और मेरे लंड को उपर-नीचे कर रही थी ज़ोर-ज़ोर से. फिर मैने उसे अपने उपर लिया, और उसके बूब्स आचे से चूज़.
कुछ देर बाद मैने उसे नीचे किया, और लंड मूह में लिया. वाह क्या फील था वो, एक-दूं लॉलिपोप जैसे चूस रही थी. मैं उसके मूह में ही झाड़ गया, और वो पूरा माल पी गयी. फिर मैने उसे उपर लिया और उसको नंगा कर दिया पूरा, और मैं भी हो गया.
अब मैं उसकी छूट चाटने लगा. दोस्तों जब मैं उसकी छूट चाट रहा था, तो वो ज़्यादा ही फील ले रही थी, और धीरे-धीरे वो मुझे अपने अशोल के पास ले गयी. मैं समझ गया की इसे डर्टी सेक्स भी पसंद है, और मुझे भी डर्टी सेक्स ही पसंद है, तो मैने उसके अशोल को बहुत आचे से रग़ाद-रग़ाद के छाता, और उसमे उंगली भी की.
उसे दर्द भी हुआ क्यूंकी उसने कभी सेक्स नही किया था. फिर मैने उसे सीधा लिटाया, और उसके उपर आ गया, और लंड सेट किया उसकी छूट पे. उसके बाद धीरे से लंड अंदर डाला, तो वो चिल्ला उठी-
नीता: पापा नही, बहुत दर्द हो रहा है.
मैने कहा: बेटा बस 2 मिनिट होगा. फिर सही हो जाएगा.
फिर मैने लंड अंदर डाला. वो चिल्ला रही थी, पर मैं नही रुका, और धीरे-धीरे अंदर डालता गया. फिर एक आवाज़ आई उसकी सील टूटने की हल्की सी, और खून भी आ रहा था. मैने अपनी स्पीड बधाई और खूब छोड़ा. ऐसे ही कुछ 30 मिनिट छोड़ने के बाद वो झाड़ गयी.
अब मैं भी झड़ने वाला था, तो लंड निकाल के उसके मूह में दे दिया. वो झट से लंड मूह मेरे लेके मुझे ब्लोवजोब दे रही थी. फिर उसने मेरा पूरा माल पी लिया, और हम दोनो बेड पे लेट गये.
मैने पूछा: कैसा लगा बेटा?
उसने कहा: बहुत मज़ा आया पापा. ई लोवे योउ.
मैने भी लोवे योउ टू कहा. फिर हम दोनो साथ में फ्रेश होने और शवर लेने गये. मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी थी, और नीता को भी लगी थी.
मैने कहा: वेट, मैं पेशाब कर लेता हू.
तो मैं साइड में गया करने.
तभी उसने माना किया और बोली: पापा नही, रुक जाओ.
मैने कहा: क्या हुआ?
तो उसने कहा: मुझे भी आई है. एक काम करते है, हम दोनो एक-दूसरे के पेशाब से नहाते है.
मैने कहा: ये तो अछा आइडिया है चलो.
फिर हम एक-दूसरे के उपर पेशाब किए तो नीता बोली: पापा मुझे आपका पेशाब पीना है.
मैना कहा: ठीक है, मुझे भी अपना पिलाओ.
फिर जो पेशाब बचा था, हमने पी लिया, और मैने कहा: पेशाब तो पी लिया, लेकिन एक चीज़ और चाहिए मुझे.
उसने बोला: पापा आपको जो चाहिए लेलो. आस मारनी है मार लो. लेकिन कुछ दिन रुक के. पहले मेरी छूट मारो. अभी मैं आस के लिए रेडी नही हू.
मैने कहा: आस नही चाहिए.
उसने पूछा: क्या चाहिए?
मैं बोला: अभी नही, सुबा बतौँगा.
तो वो बोली: ठीक है.
फिर हम सो गये. जब हम सुबा उठे, तो नीता को थोड़ी प्राब्लम हो रही थी चलने में. लेकिन हल्की, ज़्यादा नही. तो मैने ऑफीस कॉल किया, और 3 दिन की लीव ली.
उसने पूछा: पापा अब बताओ आपको क्या चाहिए?
तो मैं बोला: पहले छाई तो दो.
उसने कहा: लाती हू, बताओ तो.
मैं बोला: छाई लाओ, बताता हू.
फिर वो छाई लेके आई और कहा: अब बताओ.
मैं बोला: यहा आओ, बैठो मेरी गोद में.
वो आके बैठ गयी.
मैने कहा: क्या तुम फ्रेश हो गयी?
उसने कहा: नही पापा, अभी गयी नही. जौंगी, बहुत ज़ोर की आई है. लेकिन आपके उठने का टाइम को गया था, तो मैने सोचा आपको छाई देके जौ.
मैने कहा: अछा किया नही गयी.
उसने पूछा: क्यूँ पापा?
मैं बोला: अभी बताता हू, छाई पी लेने दो.
उसने बोला: पापा बोलो ना, मुझे जाना है. ज़ोर से टट्टी आई है.
और तभी उसने एक पाद मारा और वो तोड़ा शर्मा गयी.
मैने कहा: वाह क्या फ्रेशनेस है.
वो हासणे लगी और बोली: आप भी ना पापा.
और मेरी छाई ख़तम हो गयी. फिर मैने उसे अपनी गोद में उठाया और टाय्लेट के अंदर ले गया और बोला-
मैं: अब करो.
वो बोली: पापा आप जाओ.
मैं बोला: नही मैं यही रहूँगा और देखूँगा.
उसने कहा: मेरे को शरम आती है.
मैने बोला: जब कल अशोल चटवा रही थी तब नही आई?
वो बोली: पापा आपको एक बात बोलू?
मैं: हा बोलो.
वो बोली: पापा मुझे ना थोड़ी डर्टी हरकतें पसंद है.
मैने पूछा: किस टाइप की हरकतें?
वो बोली: जैसे कही भी पेशाब करना, कही भी टट्टी करना, और घर में नंगा रहना, टट्टी कर के धोना नही.
तो मैं बोला: वाह बेटा, पूरी बाप पे गयी है.
वो खुश हो गयी और बोली: क्या पापा, आपको भी पसंद है.
मैं बोला: हा बेटा.
और उसे फिर गोद में लिया, और डिन्नर वाले टेबल पे ले गया.
फिर बोला: बेटा यहा करो.
वो खुश हो गयी और खड़े होके ज़ोर लगाने लगी.
मैने कहा: बेटा खड़े होके ज़्यादा ज़ोर लगाना पड़ता है. लेकिन मज़ा भी बहुत आता है.
उसने भी कहा: हा पापा, सही कहा आपने. इसीलिए खड़ी होके कर रही हू.
तो मैने थोड़ी हेल्प की, और उसकी गांद के होल पे थूक लगाई, और चाटने लगा. वो पाद मार रही थी.
तो मैं बोला: वाह बेटा, पूरी बाप पे गयी है.
वो खुश हो गयी और बोली: क्या पापा, आपको भी पसंद है.
मैं बोला: हा बेटा.
और उसे फिर गोद में लिया, और डिन्नर वाले टेबल पे ले गया.
फिर बोला: बेटा यहा करो.
वो खुश हो गयी और खड़े होके ज़ोर लगाने लगी.
मैने कहा: बेटा खड़े होके ज़्यादा ज़ोर लगाना पड़ता है. लेकिन मज़ा भी बहुत आता है.
उसने भी कहा: हा पापा, सही कहा आपने. इसीलिए खड़ी होके कर रही हू.
तो मैने थोड़ी हेल्प की, और उसकी गांद के होल पे थूक लगाई, और चाटने लगा. वो पाद मार रही थी.
नीता: पापा मुझे वापस टट्टी लगी है.
मैं बोला: इतना क्या खा रही थी?
वो बोली: अब लगी है.
मैं बोला: एक काम करो, तुम ज़मीन पे करो. हम उसी के उपर सेक्स करेंगे.
फिर उसने ज़मीन पे टट्टी की ज़्यादा, और मैं उसको उसकी टट्टी पे लिटा दिया. पहले से हमारी पुर बॉडी पे टट्टी थी. मैने उसको लिटा के उसकी छूट में लंड डाल के छोड़ना चालू किया, और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ता गया. मैने टट्टी हाथ में लेके उसकी गांद के अंदर वापस डाली, फिर अपना लंड सेट किया, और गांद में एक झटके में अंदर डाल दिया.
वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई और उसकी गांद से टट्टी और खून एक साथ बाहर आ रहे थे. फिर मैने कुछ 15 मिनिट गांद मारी, और माल अंदर ही छ्चोढ़ दिया. उसके बाद हम फ्रेश होने चले गये. जब नहा के आए, तो वो बोली-
नीता: पापा मैं टट्टी सॉफ कर देती हू. फिर आप नास्टा बाहर से मंगवा लेना.
तो मैं बोला: कोई ज़रूरत नही तुमको सॉफ करने की. मेरे को मालूम है क्या करना है. मेरी जो पुरानी कंवली है रंडी, वो करेगी आके.
नीता बोली: पापा लेकिन वो ये सब देख के क्या बोलेगी?
मैं बोला: कुछ नही बोलेगी, वो खुद रॅंड है. मैने उसको अपनी टट्टी खिलाई भी है.
फिर मैने उसे कॉल किया. वो 1 घंटे में आ गयी, और डोर नॉक की. मैं गया और वो अंदर आई और बोली-
कंवली: क्या साहब, अपने टट्टी किया है क्या कही?
नैने कहा: हा, तभी तुझे बुलाया है.
वो बोली: ठीक है मैं सॉफ कर देती हू.
मैं बोला: रुक जेया, अभी नही. पहले तुझे इस्पे लिटा के छोड़ूँगा.
फिर वो बोली: ठीक है.
फिर वो अपने कपड़े उतारने लगी और बोली: क्या बात है साहब, आपने 3 दिन से बुलाया नही. कोई मिल गयी है क्या?
मैं बोला: हा, तेरे को किसी से मिलवाना है.
मैने आवाज़ लगाई: नीता बेटा, बाहर आओ.
वो बोली: साहब नीता आपकी बेटी यहा क्या कर रही है? और ये सब कैसे?
मैं बोला: वो सब छ्चोढ़, सब हो गया है.
फिर उसने अपने कपड़े भी निकाल दिए, और मैं उसको नीता की टट्टी में लिटा दिया. मैं उसके उपर टट्टी कर रहा था, तभी नीता आई और बोली-
नीता: क्या पापा, आपका सही है. मेरे को भी बोल सकते थे ना की आप आंटी को बुला रहे हो. मैं भी नही करती टट्टी.
तो कंवली बोली: कोई बात नही नीता बेटा, जब लगेगी बुला लेना. मैं आ जौगी.
तो मैं बोला: आ जौंगी नही, अब तू यही रहेगी. वापस तेरे समान लेके आजा.
अभी फिर मैं उसके उपर टट्टी किया और थोड़ी सी उसने खाई भी. तभी नीता आई और थोड़ी खा ली उसने भी.
वो बोली: ह्म, टेस्टी है पापा.
और हम तीनो हासणे लगे. फिर कंवली की चुदाई भी की. उसकी गांद भी मारी, और उसको भेज दिया समान लाने. उसने सब सॉफ भी कर दिया था. फिर हम फ्रेश हो गये और नाश्ता भी आ गया था.
वो खा के हम बेडरूम में गये. मैने नीता को फिरसे चोदा, और गांद ही मारी बहुत बुरी तरह से. फिर हम तक के सो गये, और अब हमेशा का है, हम लोग का यही चलता है.
बाइ दोस्तों.