ही फ्रेंड्स, मैं रागिनी अगरवाल. ये मेरी कहानी की पार्ट 2 है. आपने मेरी पहले वाली स्टोरी पढ़ ही ली होगी. आख़िर लोगों को पसद आई है. आयेज बढ़ने से पहले बता डू. मैं 19 की हू, बुत मेरी बॉडी देख कर कोई भी बोलेगा की 22 की हू. मेरी बॉडी 34सी-28-34 है. काफ़ी हो कर्वी हू अवर ग्लास के जैसे. लोंग हेर है, ब्लॅक और लिप्स पिंक है.
अब बिना किसी देरी के स्टोरी पे चलते है. मैं और पापा दोनो एरपोर्ट के लिए निकले थे कार से. मैने एक ड्रेस पहनी हुई थी, और पापा पंत-शर्ट में थे. मेरी ड्रेस डीप नेक वाली थी.
मैने ये ड्रेस इंटेन्षनली वेर की थी, ताकि पापा जिन्हे मेरी क्लीवेज देखना पसंद है. वो मेरे मुलायम, गोरे बदन में जो 2 सॉफ्ट से मोटे गोल 34सी साइज़ की ब्रेस्ट्स है, उन्हे आचे से देख सके. और मैं उनकी इस बेचैनी को एंजाय कर साकु (सच बतौ ये सभी लड़कियाँ करती है अपने रिलेटिव्स के साथ और आक्ट इनोसेंट करती है).
पापा ड्राइव कर रहे थे, और मैं मस्त एक थाइ के उपर दूसरे थाइस को रख कर बैठी थी. ड्रेस मेरी पनटी के थोड़ी नीचे तक आ कर रुकी हुई थी. जब-जब पापा गियर चेंज करते, तब उनकी फिंगर्स मेरी थाइस को चू लेती. ये 30 मिनिट्स से चल रहा था, और मैं सॉंग्स में डूबी हुई आखों को बंद करके ये टच के मज़े ले रही थी.
मैं सोच रही थी, की काश पापा मेरे बदन के नशे में डूब जाए, और कुछ ग़लत कर दे, जिससे मैं ग़लत नही समझूंगी. क्यूंकी मैं भी कही ना कही ये चाहने लगी और आख़िर अब 18 से 19 साल की होने वाली थी, और मैं वर्जिन थी. मैं ये चाहती थी, की पापा जो मम्मी के जाने के बाद अकेले हो गये थे, वो 10 साल तक मेरे हो जाए. ताकि 29 की आगे मैं जब शादी करके जौ, तो पताका बन के जौ.
तभी मेरे मॅन में एक आइडिया आया. क्या पता गोआ में कुछ हो जाए, और मैने कार में फ्लर्ट करना शुरू कर दिया.
रागिनी: आप चाहो तो हाथ उपर रख सकते हो (नॉटी स्माइल करते हुए आखों को बंद रखते हुए ).
इस बीच मैने उपर वाले थाइ को प्रेशर किया, जिससे और फैल जाए और मेरी गोरी-गोरी लेग्स पापा को आचे से दिखे.
पापा स्लोली हाथ मेरे थाइस पे रखते हुए स्माइल करने लगे, और प्यार से सहलाने लगे. ये टच उफ़फ्फ़… एक लड़की ही बता सकती है जब कोई मर्द थाइस को ऐसे टच करता है, उस टाइम स्टमक में कितनी बटरफ्लाइस उड़ने लगती है, और पनटी वेट होने लगती है. ये हाल हो रहा था मेरा.
मैं ऐसे बैठी हुई थी, जिससे मेरी आस कर्व आचे से दिखे. पापा का ध्यान रास्ते पे कम मेरी थाइस, मेरी कुवर्व्स, और मेरी क्लीवेज पर ज़्यादा था. इस बीच मैने एक शरारत की. अपने हेर्स को क्लीवेज के उपर रख दिया, ताकि पापा देख ना पाए, और उन्हे बेचैनी होने लगे.
पापा: डियर तुम्हारे बाल बहुत सुंदर है.
रागिनी: उम्म, क्या सिर्फ़ हेर्स ही आचे है मेरे डियर?
पापा: और भी बहुत सारी बातें है, पर मैं तुम्हारा पापा हू ना, सब नही बता सकता.
रागिनी: याद है हमने प्रॉमिस किया था इस ट्रिप में आप मेरे ब्फ हो और मैं आपकी गफ़?
पापा: हा याद है (मेरी थाइस को स्क्वीज़ करते हुए).
रागिनी: तो आचे ब्फ के जैसे तारीफ करो आप हीही.
पापा: अछा जी ( थाइस से हाथ हटा कर मेरे हेर्स को इयर्स के पीछे रख दिया, ताकि क्लीवेज दिख सके).
अब शायद दोनो को समझ आ चुका था, की वो मेरी क्लीवेज को देखना चाहते थे. ये बातें-वाते तो एक बहाना था. फिर हम दोनो एरपोर्ट पहुँच गये. बोरडिंग के बाद मुझे नींद आने लगी, और पनटी भी क्लीन करनी थी. तो मैं पापा को बोल कर वॉशरूम जाने लगी.
रागिनी: मुझे वॉशरूम जाना है.
पापा: कुछ वैसी बात है क्या (दर्र गये कही मुझे पीरियड्स तो नही हुए. घबराते हुए वो मेरे पेट पर हाथ रख दिए)?
रागिनी: नही बाबा, वॉशरूम जेया रही हू बस (नॉटी स्माइल करते हुए और उनके हाथो को अपने पेट से हटते हुए).
मैं उठी और अपनी ड्रेस अड्जस्ट करते हुए पीछे हाथ को अपनी कर्व पे ब्रश करते हुए निकल गयी. जब मैं वॉशरूम में बैठी थी, मैने देखा मेरी पनटी पूरी वेट हो गयी थी. अंदर ही अंदर मैं खुश हुई और पापा के हाथ के टच को मिस करने लगी, जो अभी कुछ देर पहले मेरे स्टमक पर थे.
पापा: अछा जी ( थाइस से हाथ हटा कर मेरे हेर्स को इयर्स के पीछे रख दिया, ताकि क्लीवेज दिख सके).
अब शायद दोनो को समझ आ चुका था, की वो मेरी क्लीवेज को देखना चाहते थे. ये बातें-वाते तो एक बहाना था. फिर हम दोनो एरपोर्ट पहुँच गये. बोरडिंग के बाद मुझे नींद आने लगी, और पनटी भी क्लीन करनी थी. तो मैं पापा को बोल कर वॉशरूम जाने लगी.
रागिनी: मुझे वॉशरूम जाना है.
पापा: कुछ वैसी बात है क्या (दर्र गये कही मुझे पीरियड्स तो नही हुए. घबराते हुए वो मेरे पेट पर हाथ रख दिए)?
रागिनी: नही बाबा, वॉशरूम जेया रही हू बस (नॉटी स्माइल करते हुए और उनके हाथो को अपने पेट से हटते हुए).
मैं उठी और अपनी ड्रेस अड्जस्ट करते हुए पीछे हाथ को अपनी कर्व पे ब्रश करते हुए निकल गयी. जब मैं वॉशरूम में बैठी थी, मैने देखा मेरी पनटी पूरी वेट हो गयी थी. अंदर ही अंदर मैं खुश हुई और पापा के हाथ के टच को मिस करने लगी, जो अभी कुछ देर पहले मेरे स्टमक पर थे.मैने ये भी सोचा की पापा मेरी आस को भी घूर रहे थे, जब मैं वॉक करके वॉशरूम जेया रही थी. ये सारे आक्षन्स मुझमे मेरी जवानी को आग लगाने की सारी कोशिश कर रहे थे. फिर मैं वापस गयी सीट पे बैठ गयी.
पापा: ज़्यादा टाइम लग गया.
रागिनी: नही बिल्कुल नही. आपको पता है, जब मैं जेया रही थी सामने सारे अंकल्स कैसे घूर रहे थे.
पापा: अवव डियर, मेरी गफ़ इतनी हॉट है, किसी का भी दिल फिसल जाए.
रागिनी: हीही अछा जी, और आपका?
पापा मेरे फोर्हेड पर किस करते हुए बोले: मैं पहले से ही लट्तू हू हहा.
रागिनी: अवव डॅडी.
और उन्हे हग कर ली.
पापा: डॅडी नही डार्लिंग बोलो.
रागिनी: इस डॅडी का मतलब डार्लिंग से भी ज़्यादा है.
ये सुनते ही पापा के होश उडद गये, और उनकी पंत में टेंट बन गया, जो मेरी एल्बो से टच हुआ. क्यूंकी मैने उनके उपर हाथ रखे हुए थे हग की वजह से.
फिर उन्होने अपना हाथ मेरे स्टमक में रखा, और प्यार से रब करने लगे. मैं ये सोच रही थी तोड़ा और पापा को मज़ा देती हू, और मैने अपने बाग से दुपट्टा निकाला, और अपने उपर डाल लिया. पापा भी समझ गये थे, की मुझे उनका टच अछा लग रहा था, और वो पूरी जर्नी में अपना हाथ मेरे पेट पर रब करते रहे.
कभी-कभी उनका हाथ मेरी ब्रेस्ट कर्व के नीचे चला जाता. बहुत बार उन्होने ट्राइ किया मेरी ब्रेस्ट्स को अपने हाथ में कप्स को पकड़ने का, पर शायद वो दर्र रहे थे. इस बीच मैने भी अपना एल्बो उनके टेंट मैं तोड़ा प्रेस कर दिया. उन्होने थोड़ी से आहें भारी आ. मेरी ये सुनते ही नींद टूटी, और हम दोनो ठीक हुए, और एरपोर्ट से कॅब की वाहा से निकालने के बाद.
कॅब वाला ड्राइवर मुझे ऐसे घूर रहा था, जैसे अगर मैं मिल गयी तो मुझे अपने गंदे हाथो से मसल-मसल के छोड़ेगा. अफ क्या-क्या सोचने लगी हू मैं हीही. कॅब ड्राइवर मिरर अड्जस्टमेंट किया, और मेरे उपर मिरर सेट किया. वो बुद्धा था करीब 48 यियर्ज़ का. रास्ते में मैने भी पापा को जेलस करने के लिए उनसे बातें करनी शुरू कर दी.
रागिनी: आप यहा टूरिस्ट प्लेसस जानते हो भैया?
ड्राइवर: हा बेटा, सब जानता हू. यही काम है मेरा, चाहो तो आपको पूरा गोआ घुमा डू.
रागिनी: हा ये सही रहेगा. बुत फर्स्ट दे रिज़ॉर्ट में रुकूंगी. नेक्स्ट दे आपको बुला लूँगी, आप आओगे ना?
ड्राइवर: अर्रे बेटा, आप बस याद करो, किसी भी टाइम हाज़िर हू आपके लिए.
रागिनी: वाह, आपके जैसा बंदा हो लाइफ में तो बात ही क्या है ( तोड़ा सा आयेज हुई ताकि उसे क्लीवेज दिखे). पर आपको कॉल कैसे करूँगी. आप नंबर डेडॉ.
ड्राइवर: हा मैं अपना फोन नंबर दे देता हू.
फिर मैने अपने फोन में दियलेर ओपन करके दिया, और उसने मेरे हाथो को टच किया. मेरे हाथो के मज़े लिए उसने. फिर उसने नंबर दिया मुझे, और नामे मुझे पता नही था. तो फोन वापस देते हुए उसने कॉल भी लगा दिया, ताकि मेरा नंबर उसे मिल जाए.
रागिनी: भैया आपका नामे क्या है?
ड्राइवर: ज़फ़र नामे है मेरा.
रागिनी: ओक ज़फ़र भाई-जान रख देती हू.
ड्राइवर: आप जान ही रखो (धीरे से बोलते हुए और अपने लिप्स को बीते करते हुए बोला).
पापा ने सुना नही और वो कॉल पर होटेल में बातें कर रहे थे. पर मेरी बातें करने की वजह से उनका मूह बन गया था, और रिज़ॉर्ट में आते ही मैने ज़फ़र को बोला-
रागिनी: आप कल आ जाना.
वो फिर नॉटी स्माइल देते हुए बोले: मैं रात को ही आ जौंगा, और वेट करूँगा.
फिर हम दोनो रूम में चले गये, मैं और मेरे पापा. आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट में दूँगी