अन्तर्वासना का तोहफा- फिर से मिली कुंवारी चूत-1

हेलो दोस्तो, कैसे हो आप सब!
मैं दीपक, सोनीपत, हरियाणा से आपके लिए एक नई कहानी लेकर हाजिर हूँ।

मेरी पिछली कहानी को आप सबने बहुत प्यार दिया, पर कुछ लोगों ने इसे झूठ बताया।
उन सब दोस्तों को मैं बता देना चाहता हूँ कि मैंने सिर्फ सच्चाई लिखी है, जो मेरे साथ बीती है, कोई झूठी कहानी नहीं।

आप लोगो ने अब तक पढ़ा कि कैसे मैंने परी को चोदा और उसने मुझसे भाभी की चूत फड़वाई और मैंने भाभी को माँ बनाया।

मेरी पहली कहानी
जन्मदिन के तोहफे में मिली कुंवारी चूत

को पढ़कर मेरे पास बहुत सी ईमेल आई जिनमें लोगों ने मेरी कहानी को सराहा और मुझे आगे लिखने के लिए कहा।
पर उन सब ईमेल में एक मेल आई थी पायल की, उसने मेरी कहानी की प्रशंसा की।
जिसके जवाब में मैंने उसको शुक्रिया अदा किया और उससे उसका बायो-डाटा पूछा।
उसने अपना नाम पायल बताया, वो जयपुर में रहती है।

मैंने उसको दोस्ती करने के लिए पूछा, तो उसने कहा कि थोड़ा वक़्त बात करते हैं, उसके बाद सोचकर बताऊँगी कि दोस्ती हो सकती है या नहीं।

उसके बाद ऐसे ही ईमेल में हम दोनों की बातें होने लगी और कुछ टाइम बाद उसने मेरी दोस्ती स्वीकार कर ली।
मेरे पूछने पर उसने बताया कि वो आर्ट्स स्ट्रीम से हॉस्टल में रह कर ग्रेजुएशन कर रही है।

यह सुनकर तो मेरा दिल ख़ुशी से उछलने लगा कि शायद एक और मस्त चूत चोदने को मिल सकती है और क्या पता मेरे इस जन्मदिन पर भी एक कुंवारी चूत का उदघाटन करने को मिल जाए!
यही सोचकर मैं उससे बात करने लगा।

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लेकिन मैंने उसको अपने बारे कुछ गलत नहीं बताया, सिर्फ सच्चाई बताई।

फिर बातों- बातों में उसने बताया कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और वो आज तक कुंवारी है।
यह सुनकर तो मेरे दिल की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और मेरा लण्ड पैंट में तन गया और बाहर आने के लिए छटपटाने लगा।
बस उसकी कुंवारी चूत को ख्यालों में लाकर अपने लण्ड को हिलाने लगा और उसको शांत किया।

उसको पटाने के लिए मैं उससे बाते करने लगा, लेकिन जैसे जैसे बाते आगे बढ़ती गई, मैंने जाना कि यह लड़की बहुत शरीफ है और इसके साथ झूठ बोलकर दोस्ती करना अच्छा नहीं है।
तो मैंने उसको बताया कि मैं सिर्फ सेक्स करने के लिए उससे बातें कर रहा हूँ, मैं सिर्फ तेरी कुंवारी चूत को भोगना चाहता हूँ।

यह बात जानकर उसने कहा कि मैंने उसको सब सच बताया इसलिए वो मुझसे गुस्सा नहीं है पर अगर बाद में पता चलता तो मुझसे बात करना बंद कर देती।
उसके सच्चे दिल की बातें सुनकर मुझे अच्छा लगा, मेरे दिल में अपनी एक खास जगह बना ली और मैं उसको देखे बिन उसको पसंद करने लगा।

धीरे धीरे बातों का सिलसिला आगे बढ़ा और एक दिन मैंने उससे उसका नंबर माँगा तो उसने मना कर दिया।
फेसबुक पर बात करने को कहा तो कहने लगी कि वो फेसबुक पर नहीं है।
मैं जब भी नंबर मांगता या उसको देखने के लिए एक फोटो मांगता तो बस एक जवाब मिलता कि उसको डर लगता है कि कही मैं उसके फोटो का कोई मिसयूज न कर लूं।

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फिर मैंने भी उस पर ज्यादा दबाव ना दिया फोटो भेजने के लिए, बस ऐसे ही नार्मल बाते करके अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाता रहा।
मैं उससे कई बार मिलने के लिए कहता, पर इतनी दूर होने के कारण मिलना नहीं हो पा रहा था।

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