अजनबी दोस्त के साथ मेरा पहला अनुभव

हेलो दोस्तो,
आज मैं आपके साथ अपनी एक कहानी शेयर कर रहा हूँ। जो मेरी रियल कहानी है। मैं नागपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 29 साल है। पिछले कुछ सालों से मेरा इंटरेस्ट लड़को में भी होने लगा है। वैसे मेरा रंग एक दम साफ है, मेरी गाँड़ भी गोल शेप में है।

बहुत से लोगों से मैं ऑनलाइन चैट कर चुका था, जब ये सिलसिला शुरू हुआ था तो पहले केवल टेक्स्ट करता था फिर धीरे धीरे हिम्मत बढ़ी तो वॉइस करने लगा और फिर मेरी प्यास बढ़ने लगी तो वीडियो कॉल पर भी मैं अपनी गाँड़ का प्रदर्शन करने लगा। इसी बीच मैंने अपनी मस्त गाँड़ की फोटोज भी इंडियन गे साइट्स पर भी पोस्ट की।

अब मेरी प्यास और तड़प बढ़ने लगी। मैं किसी से मिलने के लिए बेताब था। इसी बीच मेरी मुलाकात एक साइट पर एक लड़के से हुई जिसकी ऐज 21 साल थी और जो मुझसे मिलना भी चाहता था, क्योकि मैं अजय से कुछ 1 महीने से बात कर रहा था।

फिर एक बार अजय ने बताया वो नागपुर आने वाला है, और अगर मैं चाहूं तो हम मिल सकते है। अरे, ये तो मेरे दिल की होने वाली थी। खैर अजय के बताये दिन और समय पर मैं उस होटल में गया जहाँ अजय रुका हुआ था। होटल का डोर मैंने नॉक किया, तो अजय ने दरवाजा खोल कर सीधा मुझे अंदर खिंच लिया और मुझसे लिपट गया।

वो बोला – ओ मनीष , बहुत मन था तुमसे मिलने का, मुझे तुम्हें बाहों में लेकर मज़ा आ रहा है।

मैंने भी अजय को टाइट पकड़ा और बोला – हा अजय तड़प तो मैं भी रहा हूँ। आज मैं बस तुम्हारा हूं, तुम मेरे साथ जो चाहो करो मैं मना नही करूँगा।

अजय मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा, मेरी कमर से उसने अपना हाथ मेरी टी शर्ट के अंदर डाला और बोला, क्या सच में मनीष, मैं जो चाहूं कर लूं तुम्हारे साथ, मुझे मना तो नहीं करोगे और न रोकोगे?

मैं बोला – हा अजय, आज बस हम दोनों है,और मैं बस तुम्हारा हूं, मुझे जैसे चाहते हो यूज़ कर लो।

फिर अजय ने मेरी टीशर्ट ऊपर कर के खोल दी, और बोला – तो सुनो फिर मुझे मालिक बोलो, और बताओ क्या तुम अपने मालिक के लिए तैयार हो मनीष। मैं – जी मेरे मालिक, आपका ये गुलाम तैयार हैं। अजय मेरे बदन को चूमने लगा, वो मेरे बूब्स को दबाने लगा। फिर कुछ देर बाद अजय में मुझे अपना बैग खोलने को कहा।

उसके बैग से उसने रस्सी निकाली और मेरे हाथ आगे कर के बांध दिए।

उफ़्फ़ अजय, मेरे मालिक ये क्या कर रहे हो? मैंने कहा।

अजय – आज तुझे बहुत मज़ा आने वाला है मनीष।

फिर अजय ने मेरी जीन्स का बटन खोला और मेरी अंडरवियर के साथ मेरी जीन्स भी खोल दी। मैं, अजय के सामने एक दम नंगा खड़ा था। उफ्फ्फ, आज पहली बार मैं किसी मर्द के साथ नंगा था। अजय ने मुझे बहुत प्यार से देखा और फिर मेरी छोटी सी लुल्ली ओर बॉल्स को पकड़ के दबाने लगा।

अहह, उफ्फ्फ अजय, आह मेरे मालिक। मैं कहरने लगा और अजय बड़े प्यार से आराम से धीरे धीरे मेरे लंड और बॉल्स मसलने लगा।

अब अजय मेरे पीछे आया। और मेरी गाँड़ से आकर चिपक गया। उफ्फ्फ यार मनीष, क्या मस्त गाँड़ पाई है तूने यार। उसने मेरी गाँड़ पर एक साथ 20 – 25 किस करते हुए कहा। उफ्फ्फ आह, उफ्फ्फ मालिक, मेरे बदन में सिरहन होने लगी।

अजय में एक दम से मेरी गाँड़ पर एक चांटा मारा। आऊच, उफ़्फ़, मालिक, अहह, मैं सिहर उठा। मेरी कामुक आवाज़ ने अजय को और पागल कर दिया। अब अजय में मुझे पैर फैला कर झुकने को कहा। मैंने वैसा ही किया अब अजय ने मेरी गाँड़ पर, एक और चांटा मारा।

अहह उफ्फ्फ, आऊच, मैं तो एक दम उछल पड़ा। अजय ने मेरी गाँड़ पर हाथ फेरते हुए कहा, क्यो मेरी जान,दर्द हो रहा है क्या। मैंने कहा – अहह मेरे मालिक, दर्द नही, मज़ा आ रहा है। उफ़्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है मेरे मालिक।

बस फिर क्या था अजय ने अपने बैग से एक पैडल निकाला और मुझसे कहा तो मनीष फिर सीधे खड़े हो जाओ, और अबकी बार काउंटिंग भी करना। जैसे ही मैं सीधा हुआ ताड की आवाज़ मेरी गाँड़ से आई और मेरी गाँड़ पर एक पैडल पढ़ा।

आ ओऊच, उफ्फ्फ उफ़्फ़फ़ ओह्ह, मेरे मालिक 1, अजय ने फिर दूसरा स्ट्रोक दिया, अहह उफ़्फ़फ़ 2, मेरे मालिक। अजय ने एक के बाद एक रुक रुक कर मेरी गाँड़ पर सटा सट 10 बार मारा और अब मेरी गाँड़ दुःखने लगी।

मेरे लंड से पानी की धार जो प्री कम चिकना पानी होता है, टपकने लगा। अजय ने पास रखी एक ब्रेड पर मेरे लंड से वो पानी साफ किया, और ब्रेड मेरे मुंह मे रख दी। जिसे मैं खा गया। अहह, बहुत मज़ा आ रहा है मालिक, मैंने कहा।

अब अजय ने अपने कपड़े खोल दिये और पूरा नंगा हो गया। उसने मुझसे कहा कि मैं बेड पर लेट जाऊ वो बाथरूम करके बस वापस अभी आया। जैसे ही अजय बाथरूम के दरवाजे तक पहुँचा, मैंने उसे आवाज़ दी, मालिक सुनो, आज मेरा गाला सुख रहा है।

अजय ने एक बार मेरी तरफ देखा, और मुस्कुराते हुवे मेरी तरफ आते हुए बोला, अरे मनीष, फिर तैयार हो जाओ, मैं तुरंत अपने घुटनों पर बैठ गया। अजय मेरे पास आया, ओर अपना 7 इंच का लौड़ा उसने मेरे मुंह के ऊपर सेट किया और बोला, तो मनीष तैयार हो?

जी मालिक, मैंने कहा।

तो फिर लो, उफ़्फ़फ़ अजय का एक दम गरम गरम पेशाब, नमकीन पानी मेरे मुंह मे था। उफ़्फ़फ़ और ऐसे ही मैं अजय का लौड़ा चूसने लगा। करीब 4-5 मिनट अजय का लौड़ा मेरे मुंह की गर्मी से फन फन करने लगा।

मैंने अजय की जांघ पकड़ रखी थी, और अजय मेरे मुंह की चुदाई कर रहा था। कुछ देर बाद अजय मेरे मुंह मे ही झड़ गया। उसकी मलाई जैसा वीर्य अब मेरे मुंह के ऊपर था।

अजय बुरी तरह से हांफ रहा था और मैं उससे चिपका हुवा था। थोड़ी देर बाद अजय और मैं साथ मे बाथरूम गए, मैंने अपना मुंह साफ किया और अजय ने अपना लौड़ा। इसके बाद हम दोनों नंगे ही बेड पर आ गए। अजय मुझसे चिपका हुवा था और धीरे धीरे मेरी गाँड़ के होल में उंगली डाल रहा था। पर हम दोनों थक चुके थे।

अब अजय खुद उल्टा लेट गया और मुझे इशारे से अपनी गाँड़ चाटने को कहा। मैं भी तुरंत उठ कर अजय की गाँड़ चाटने लगा। उसकी गाँड़ से एक अजीब सी महक आ रही थी जो मुझे और मदहोश कर रही थी।

कुछ देर बाद अजय सीधा हुवा और मैंने उसके लौड़े को मुँह में लिया तो उसका लौड़ा एक बार फिर तन गया। अजय ने साइड से एक कंडोम उठाया, पर मैंने कहा, मेरे मालिक इसकी कोई ज़रूरत नही।

अजय ने मुझे स्माइल दी और मुझे गाँड़ ऊची कर के घोड़ी बनने को कहा, मैंने वैसा ही किया अजय ने मेरी गाँड़ पर बहुत सारा वेसलीन लगाया, और अपने लौड़े को मेरी गाँड़ के छेद पर सेट करके बोला, मनीष क्या तैयार हो?

जी मेरे मालिक मेरी गाँड़ को आज बेरहमी से चोदो।

अजय ने एक ही झटके में अपना पूरा लौड़ा मेरी गाँड़ में पेल दिया। आओऊच्छ, उफ़्फ़फ़फ़ अहह, आ आ आ आ आ आ आ उफ़्फ़फ़फ़ आ ह अहह, मैं एक दम उछल पड़ा और अजय मेरी गाँड़ में धक्के दे देकर मुझे चोदने लगा।

उफ़्फ़फ़, मुझे और अजय को बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ ही देर ऐसे चोदने के बाद अजय ने अपना सारा माल मेरी गाँड़ में ही निकाल दिया। उसके बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए।

(ये मेरी सच्ची कहानी है, आपको पसंद आई तो मुझे कमेंट करें)

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