Vidhwa Naukrani Sang Chut Chudai Ka Khel

बोली- रहने दो बाबू.. कोई आ जाएगा।
मैंने बोला- आज शाम तक कोई नहीं आएगा.. और वैसे भी तुमने सुबह जो किया.. उसके बाद मैं कैसे रहने दूँ?

वो थोड़ा घबड़ा गई और बोली- सुबह.. क्या किया मैंने?
मैंने कहा- वही.. मेरे कमरे में जो किया था।

वो बोली- बहुत दिनों बाद वो देखा था.. तो मुझसे रुका नहीं गया।
मैंने कहा- वो क्या देखा था.. उसका कुछ नाम तो होगा।
तब वो बोली- आपका लंड..

मैंने पूछा- कैसा लगा?
रामा बोली- बहुत बड़ा और अच्छा है।

मैं- दुबारा देखना है क्या?
रामा शर्मा कर कहा- हाँ.. पर कोई आ गया तो..

मैं- शाम तक कोई नहीं आएगा।
रामा- सच में कोई नहीं आएगा?

मैं- हाँ कोई नहीं आएगा.. तुम चाहो तो शाम तक यहीं रुक जाओ?
रामा- मुझे दूसरे घर में भी काम करने जाना है।
मैं- वहाँ बोल दो कि तुम्हारी तबीयत खराब है।
रामा- हाँ ठीक है।

रामा ने वहाँ फोन करके बोल दिया कि आज वो काम पर नहीं आएगी.. उसकी तबीयत ठीक नहीं है और मैं और रामा मेरे कमरे में आ गए। कमरे में आते ही मैंने रामा को अपने गले लगा लिया और उसकी चूचियाँ कुर्ते के ऊपर से ही दबाने लगा।

उसने अपना सर मेरी छाती पर रख लिया और सिसकारियाँ लेने लगी- ओफ.. उह.. सीसी..

वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगी। मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, उसने अन्दर चड्डी नहीं पहनी थी।
नाड़ा खुलते ही उसकी सलवार उसके घुटने पर जा कर अटक गई और मैंने अपना हाथ उसकी बुर पर रख दिया।

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उसने ‘सीसीई..’ करके एक लंबी आह भरी और मेरे से लिपट गई।

मैंने उसे गोद में उठा लिया और बिस्तर पर लिटा दिया और उसका कुर्ता उतार दिया.. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। मैंने उसके दाएं मम्मे को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा।
वो तड़पने लगी और मेरा सर अपनी छातियों पर दबा दिया।

मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और दुबारा उसके मम्मे चूसने लगा और एक हाथ से उसकी बुर सहलाने लगा।
कुछ देर बाद उसने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और सीधे मेरी पैंट खोलने लगी।

मैंने चड्डी नहीं पहनी थी.. पैंट खुलते ही मेरा लंबा लंड उसके सामने आ गया और मेरे बिना कुछ बोले ही रामा ने मेरे लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
रामा मेरा लंड ऐसे चूस रही थी.. जैसे कब से लंड की प्यासी हो।

उसकी कुछ मिनट की जबरदस्त चुसाई ने मेरे लण्ड का पानी निकाल दिया और वो सारा पानी पी गई।

अब मेरी बारी थी तो मैंने उसकी टाँगें फैला दीं और अपना मुँह उसकी बुर पर रख दिया और अपनी जीभ उसकी बुर के अन्दर सरका दी।

आह्ह.. गजब का स्वाद था उसकी बुर का..
उसने ‘सीई.. सीई ओह्ह..’ करना चालू कर दिया और कुछ ही देर बाद मेरे मुँह को अपने नमकीन पानी से भर दिया।

इस बीच मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.. मैंने सोचा कि अब इसको चोद देता हूँ.. पर शायद उसको शायद मुझसे ज़्यादा जल्दी थी।
उसने मुझे बिस्तर पर धक्का दिया और मेरे लंड को अपनी बुर पर सैट करके उसे अन्दर लेने की कोशिश करने लगी।

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इस बीच मैंने नीचे से धक्का मारा और लंड ‘पुउच..’ की आवाज़ के साथ उसकी बुर में घुस गया और उसकी चीख निकल गई।
वो मेरी सवारी करने लगी.. सच में बहुत अच्छी तरहे से मेरे लंड के मज़े ले रही थी।

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