विधवा माँ विमला की चूत मे बडा लंडा डाला

हैल्लो दोस्तों, आज में आपको अपनी माँ विमला को मैंने कैसे चोदा इस कहानी में बता रहा हूँ। मेरा नाम उमेश है और मेरी उम्र 30 साल है। मेरी माँ का नाम विमला देवी है, उसकी उम्र 52 साल है, मेरी माँ मोटी है और उसके बूब्स बहुत बड़े-बड़े है। मेरी माँ साड़ी पहनती है और उसकी गांड बहुत सेक्सी लगती है। मेरे पिताजी 5 साल पहले हार्ट अटैक से मर चुके है, माँ और में अकेले दिल्ली में रहते है। अब मेरे जवान होने के कारण मुझे चुदाई करने का बहुत मन होता था, लेकिन मेरे कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी। अब मुझे मेरी माँ विमला बहुत सेक्सी लगती थी और मेरा उसे चोदने का बहुत मन करता था। फिर एक दिन सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि माँ किचन में परांठे बना रही है। अब गर्मी होने की वजह से उसे नहाने जाना था इसलिए वो अपने सफेद पेटीकोट और ब्लाउज में ही किचन में परांठे बना रही थी। मेरी माँ अंदर पेंटी नहीं पहनती है। फिर मैंने सुबह किचन में देखा तो पसीने की वजह से उसकी गांड मुझे साफ-साफ दिख रही थी। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था, तो तभी माँ बोली।

विमला : उठ गया बेटा उमेश, तेरे लिए परांठे बना रही हूँ जरा मुझे ऊपर की अलमारी से राजमा का डब्बा उतार दे, मेरा हाथ ऊपर तक नहीं जाता है, में शाम को अपने बेटे के लिए राजमा बनाउंगी।

हमारी किचन बहुत छोटी है। अब में माँ के पीछे खड़ा होकर अलमारी से डब्बा उतारने लगा था। अब मेरे कच्छे से मेरा लंड उफान मार रहा था। अब में मौका पाकर अपनी माँ की मोटी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा था। तो तब माँ को ऐसा लगा कि गलती से हो रहा है, क्योंकि किचन छोटी है। फिर मैंने जोर का झटका मारा और अपना 7 इंच का लंड माँ की गांड में रगड़ने लगा था। तो तभी माँ ने कहा कि अरे जल्दी से ऊपर से डब्बा उतार दे। तो तब मैंने कहा कि माँ वो ऊपर सबसे पीछे रखा है, मेरा हाथ नहीं जा रहा है, एक काम करता हूँ आपको गोद में उठा लेता हूँ।

विमला : ठीक है उठा ले गोद में, लेकिन गिरा मत देना।

उमेश : ठीक है माँ, तुम चिंता मत करो।

फिर मैंने चालाकी से अपने कच्छे से अपना लंड बाहर निकालकर माँ की गांड से सटाकर उसको गोद में उठा लिया और उसको ऊपर उठाकर घचा-घच झटके मारने लगा था।

विमला : आहह बेटा, ऐसे धक्के क्यों मार रहा है?

उमेश : माँ तुम बहुत भारी हो इसलिए तुम्हें पीछे से धक्के मारकर उठा रहा हूँ।

विमला : आहह रहने दे बेटा, मुझे नीचे उतार दे, मुझे अजीब सा महसूस हो रहा है, आहह।

उमेश : नहीं माँ, प्लीज मुझे राजमा खाना है, डब्बा उतार दो में तुम्हें ऐसे ही उठाकर रखूंगा, प्लीज।

अब में माँ की गांड में अपने लंड से झटके मार रहा था और अब उसे भी मेरे लंड का अपनी गांड में अहसास हो रहा था और अब वो सिसकारियां भरती हुई ना चाहते हुए भी मना कर रही थी।

विमला : आहह, आहह, बेटा रहने दे, आआह। तभी माँ बोली कि हाँ मैंने डब्बा उठा लिया, अब मुझे नीचे छोड़ दे, आहह।

फिर मैंने माँ के चूतडों में दो चार धक्के और मारे घचा-घच और अपना माल उसकी गांड में पेटीकोट पर ही छिड़क दिया।

अब माँ समझ चुकी थी कि में उसे पसंद करता हूँ और उसको चोदना चाहता हूँ।

विमला : बेटा अब हट जा, अब मुझे नहाने जाना है।

अब मेरी माँ पसीने में भीग गई थी और 52 साल की उम्र में उसका गदराया हुआ बदन उसकी गांड में पसीने के साथ लगा हुआ मेरा वीर्य साफ दिख रहा था। अब माँ नहाने के लिए बाथरूम में जाने लगी थी।

विमला : हट जा बेटा उमेश, में नहाने जा रही हूँ।

उमेश : रुक जाओ माँ, मुझे पहले बाथरूम से अपना कुछ सामान लेना है और यह कहकर में बाथरूम में गया और एक छोटा सा वीडियो कैमरा लगाकर आ गया। मेरी माँ बुलंदशहर गाँव की है, वो यह सब नहीं पहचानती थी। फिर माँ के नहाने के बाद मैंने कैमरा चैक किया तो मैंने देखा कि वो एकदम नंगी होकर अपनी झांटो वाली चूत में सरसों का तेल लगाकर अपनी चूत को जोर-जोर से सहला रही थी और अपनी एक उंगली अपनी चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी। अब में समझ गया था कि मैंने उसकी गांड में अपना लंड रगड़कर उसकी आग भड़का दी थी, लेकिन मेरी माँ मुझसे चुदाई कैसे करा सकती थी? अब मुझे ही कुछ करना था। अब में जो भी मौका मिलता था तो में उसे छोड़ता नहीं था।

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फिर एक बार माँ झुककर पोछा लगा रही थी, तो तभी में पीछे से आया और माँ की गांड से चिपककर खड़ा हो गया और बोला कि माँ पोछा दो में लगा दूँ और 5-6 बार अपने लंड से उसकी गांड में झटके मार दिए। फिर तब माँ भी कुछ नहीं बोली, शायद अब उसे भी अच्छा लग रहा था। अब वो भी चाहती थी कि घर में ही उसकी चुदाई हो जाए और बदनामी भी ना हो। मेरी माँ विमला फर्श पर ही बिस्तर लगाकर सोती है। अब में जब भी बाथरूम पेशाब करने जाता, तो माँ को सोते देखकर उसके कपड़ो के ऊपर से ही उसकी चूत अपना हाथ फैरकर पेशाब करने जाता था और धीरे से कह देता मेरी जान लंड लेगी क्या? और वो धीरे से खांसकर करवट लेकर सो जाती थी। अब मुझे यह तो पता चल गया था कि उसने मेरे दिल की बात सुन ली है। फिर एक दिन मैंने सोते हुए माँ की मैक्सी ऊपर करके उसकी चूत में उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा। तो तभी उसकी चूत में से पानी बहने लगा और वो धीरे-धीरे सिसकारी लेने लगी थी, लेकिन सोने का नाटक करने लगी। अब में समझ गया था कि आज माँ चुदना चाहती है और नंगा होकर उसके ऊपर आ गया था।

उमेश : विमला आज तुझे रातभर चोद-चोदकर अपनी रखैल बना लूंगा, मेरी जान अब सोने का नाटक मतकर, आज तू अपने बेटे की लुगाई बन जा, मेरी रंडी माँ तू रंडी है जो मेरे सामने नंगी पड़ी है, सुन रही है ना तू में क्या बोल रहा हूँ?

विमला : हम्म्म्म हाँ सुन रही हूँ, आआह, आहह बेटा चोद ले मेरी चूत, में भी तेरा मोटा लंड लेना चाहती हूँ, आआह, आआह, चोद मेरी चूत मेरे बेटे, तेरी माँ विमला आज से तेरी रखेल है, ओह उमेश, आआह, मेरी चूत आआह, आआह, बेटे तेरा लंड तेरे पापा से भी लंबा और मोटा है, मेरी चूत में घपा-घप घपा-घप घुस रहा है, आआह, ऊऊँ, आहह, उमेश चोद।

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उमेश : हाँ माँ अब तू मेरी रखैल बनकर रहेगी, अब में तुझे ऐसे ही चोदा करूँगा, अब हम बाहर माँ बेटे बनकर रहेंगे और घर में तू मेरी बीवी बनकर नंगी होकर मेरे साथ रहेगी, चल अब मेरा लंड चूस, आआह, आआह, आहह, ऊहह, ऊहह, आह, विमला में तेरे मुँह में अपना वीर्य डाल रहा हूँ, मेरी जान पी जा इसे, आआह, आह और फिर मैंने अपनी माँ के मुँह में अपने लंड से पिचकारी छोड़ दी, फच-फच तो मेरी माँ विमला मेरा सारा वीर्य पी गई।

उमेश : विमला तूने मेरी जिंदगी जन्नत बना दी मेरी जान।

विमला : बेटा तूने भी तो अपनी बूढ़ी विधवा माँ की चूत की प्यास बुझा दी, अब हम माँ बेटे रोज ऐसे ही चुदाई करेंगे।

फिर हम दोनो सो गये। फिर सुबह 6 बजे उठते ही मैंने अपनी माँ की चूत के दर्शन किये और फिर उसकी दोनों टांगे फैलाकर सबसे पहले उसकी चूत पर वैसलीन लगा दी और झट से अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया और घपा-घप झटके मारने लगा था। तो तभी मेरी माँ उठ गई और बोली।

विमला : आह, आह, बेटा तू उठ गया, सुबह-सुबह ही अपनी माँ की चूत चोद रहा है, आआह चोद ले बेटे, मुझे भी मजा आ रहा है, आआह, आ, आआह, आ।

अब मेरी माँ की चुदाई की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी, घचा-घच, खचा-खच, घपा-घप, फच-फच, खच-खच। अब मेरी माँ विमला की चीखे निकल रही थी आआह, आई चोद ले मेरे बेटे अपनी माँ की चूत, आआह। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर मैंने माँ की चूत 1 घंटे तक मारी और फिर उससे बोला कि माँ तेरी चूत के बाल बहुत बड़े हो गए है, आज बाथरूम में नहाते समय तेरी चूत के बाल शेव कर देता हूँ, चल नहाने। फिर में माँ को बाथरुम में ले गया और शॉवर चला दिया और उससे कहा कि माँ पहले मेरा लंड चूस ले। फिर माँ ने झट से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी थी। फिर उसने 10 मिनट तक मेरा लंड चूसा। फिर मैंने उससे कहा कि विमला अब झुककर खड़ी हो जा मेरी जान, अब मुझे तेरी गांड मारनी है। फिर तभी माँ बोली कि ठीक है बेटा। फिर मैंने वहाँ रखी तेल की शीशी उठाई और थोड़ा सा तेल अपनी माँ की गांड के छेद पर लगा दिया और थोड़ा अपने लंड के सुपाड़े पर भी लगा लिया और अपना लंड उसकी मोटी गांड पर रखकर एक जोरदार झटका मारा तो मेरा लंड माँ की गांड में पूरा घुस गया था।

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विमला : आआह, आ बेटा आराम से आआह।

अब में अपनी माँ की गांड में जोर-जोर से झटके मारने लगा था। अब मुझे उसकी गांड मारकर बहुत मजा आ रहा था, सचमुच मेरी माँ विमला की गांड सेक्सी लग रही थी। अब में धका-धक उसकी गांड चोद रहा था और वो भी पूरे मजे लेकर अपनी गांड मरवा रही थी।

विमला : आआह चोद मेरे बेटे अपनी माँ की गांड, फाड़ दे इसे, आह, आह, चोद, बहुत सालों के बाद किसी ने मेरी गांड मारी है, बेटा मार ले मेरी गांड, आआह।

उमेश : माँ तेरी गांड बहुत अच्छी है, तेरा बेटा अब रोज तेरी गांड मारेगा।

अब में जोर-जोर से उसकी गांड में धक्के मारने लगा था घचा-घच, खचा-खच और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने एक जोरदार झटके के साथ अपना सारा वीर्य माँ की गांड में भर दिया।

फिर माँ ने मेरा लंड चूसकर साफ कर दिया। फिर मैंने माँ को बाथरूम में एक स्टूल पर बैठा दिया और बोला कि माँ अब में तेरी झांटो के बाल शेव कर देता हूँ और फिर में शेव बनाने का लेजर ले आया और अपनी माँ विमला की चूत पर शेम्पू से झाग लगा दिया और फिर उसकी चूत के बाल साफ कर दिए। अब शेविंग के बाद विमला की चूत अब और भी चिकनी और सुंदर दिख रही थी।

विमला : बेटा उमेश, अब नहा लेते है, फिर कमरे में मुझे चोद लेना।

उमेश : ठीक है माँ।

फिर नहाने के बाद मेरी माँ किचन में नंगी ही नाश्ता बनाने चली गई। फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे लिए मेरे कमरे में गर्मा गर्म नाश्ता बनाकर ले आई। अब में अपने कमरे में ब्लू फ़िल्म लगाकर अपना लंड सहला रहा था। फिर मैंने माँ से कहा कि माँ आज तुम मेरे लंड पर बैठकर नाश्ता करो। तो तभी माँ भी मेरी गोद में बैठ गई और फिर हमने ब्लू फ़िल्म देखते हुए नाश्ता किया। फिर में अपनी माँ को उठाकर बोला कि माँ आज तुझे शहद चटाऊंगा, तुझे वो बहुत पसंद है ना और यह कहते हुए मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा शहद लगा लिया और बोला कि ये ले मेरी जान चूस अपने बेटे का लंड। अब मेरी माँ विमला खुश हो गई थी और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी। अब मेरा लंड भी खड़ा होकर मेरी माँ को सलामी दे रहा था। फिर मैंने माँ को ले जाकर बेड पर लेटा दिया। अब वो भी अपनी दोनों टांगे फैलाकर लेट गई थी और अपनी चूत पर हाथ फैरते हुए मुझे अपने पास इशारे से बुलाने लगी थी। अब में भी उसकी चिकनी चूत देखकर बेकाबू हो रहा था और उसके ऊपर चढ़ गया था।

विमला : बेटा आजा चोद ले अपनी माँ को, मेरी चूत सिर्फ तेरे लिए है उमेश, मेरे बेटे आज अपनी माँ को चोद-चोदकर जनन्त की सैर करा दे।

उमेश : हाँ मेरी जान, आज तेरी जमकर चुदाई करूँगा।

फिर मैंने अपनी माँ की चूत पर अपना लंड रखकर एक जोरदार झटका मारकर घुसेड़ दिया। अब उसने अपनी दोनों टांगें ऊपर उठाकर खोल ली थी और हर झटके में मेरा साथ दे रही थी। अब में भी उसकी चूत में अपने लंड से घपा-घप, घचा-घच झटके मार रहा था। अब मेरी माँ को मस्ती चढ़ रही थी। अब वो भी चिल्ला रही थी हाँ बेटा चोद, आह, आह, आ, आह, चोद मेरी चूत और जोर से, आह, आह, आह, आ और अंदर डाल, हाँ और जोर से, हे भगवान कितना लंबा लंड है तेरा? चोद अपनी माँ को, आह, आआह। अब मुझे भी माँ को चोदने में बहुत मजा आ रहा था।

उमेश : मेरी जान ले अपने बेटे के लंड का मजा, साली रंडी, अब तू मेरी रखेल है, अब तू रोज चुदेगी, विमला तू मेरी बीवी है, यह ले। अब पूरा कमरा खचा-खच, खचा-खच की आवाज से गूंज रहा था। अब माँ सिसकारियां भर रही थी आआह, आह, आह, आह। फिर उसके बाद मैंने अपने लंड से निकला सारा माल अपनी माँ विमला की चूत में डाल दिया। अब मेरी माँ विमला और में पिछले 5 साल से चुदाई कर रहे है। अब मेरी माँ के सामने में दारू और सिगरेट पीता हूँ और वो मेरा लंड चूसती है और चुदाई कराती है। अब हम दोनों बहुत खुश है और चुदाई का भरपूर आनंद लेते है ।।



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