वियाग्रा खाई हुई मा को बेटे ने चोदा

अब तक आपने पढ़ा कैसे शुरू हुआ हमारा फोरप्ले, और क्या-क्या हुआ जानने के लिए पिछले पार्ट पढ़े. इस पार्ट में आप पढ़ेंगे चुदाई रसम कैसे शुरू हुआ, और फिर क्या-क्या हुआ. इट मे बे टूसम इट मे बे थ्रीसम.

तो 8:30 बजे मा रेडी होके बाहर आई, और मैं रेडी होके बाहर इंतेज़ार कर रहा था. मा को देख के मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. वो बहुत खूबसूरत लग रही थी. ब्लॅक सारी, मॅचिंग ब्लाउस सिल्क जैसी, गले में मंगलसूत्रा, एक डाइमंड का नेकलेस, चूड़ी, ऑरेंज लिपस्टिक, पूरा साज-धज के आई.

मैं बोला: मा ऐसे जाओगी तो सब आपको ही देखते रह जाएँगे.

मा: क्या मैं इतनी सुंदर लग रही हू सच में?

मैं: आप तो उर्वशी को भी मॅट दे सकते हो.

मा: चल झूठा!

मैं: सॅकी.

मा: अब खड़े-खड़े बातें ही करेगा, या चलेगा भी?

हम फिर कार लेके निकले एक रेस्टोरेंट में. वाहा हमने खाना ऑर्डर किया, और मैने 2 चांपैगञ ऑर्डर की.

मा बोली: ये क्यूँ मँगवाया?

मैं बोला: आज एंजाय करेंगे आचे से.

मा बोली: मुझे नही पीना, मुझे चढ़ गयी तो?

मैं बोला: कुछ नही होगा. ये इतना असर नही करता.

एक-दो बार कन्विन्स करने के बाद वो तैयार हो गयी पीने को. मैं वॉशरूम से आ रहा हू बोल के गया, और वेटर से वो चांपैगञ की ट्रे लिया, और जेब से एक वियाग्रा की गोली जो मैने पाउडर कर दी थी घर से आने से पहले, मिला दी. मैं मा को वो ग्लास दिया और मैने भी एक ग्लास लिया. फिर चियर्स करके पीने लगा, और उनको इशारा किया तो उन्होने थोड़ी सी मूह में ली.

वो फिर झीजकने लगी और बोली: ये तो कड़वा है.

मैं बोला: ऐसा ही टेस्ट है, और तोड़ा पियोगी तो अछा लगेगा.

फिर उनको तोड़ा नशा चढ़ने लगा, और उन्होने 2 और ग्लास मँगवाए और पुर पी गयी. खाना ख़तम करने के बाद जब उठी, तो वो लड़खड़ाने लगी. मैने उनको पकड़ के गाड़ी में बिताया.

वो बोली: तूने माना किया था नही चढ़ेगी, हरामी.

मैं सीट बेल्ट लगा के ड्राइव करने को गया. घर पहुँचते-पहुँचते 40-45 मिनिट हो गये थे. तब तक वियाग्रा का असर होना शुरू हो गया था. उनको पसीना आ रहा था, और फेशियल एक्सप्रेशन्स से भी लग रहा था वो हॉर्नी होने लगी थी. फिर उनको गोदी में उठाते हुए उनके रूम में लेके सुलाया, और अपने रूम में चला गया.

मैं फ्रेश हुआ, और कुछ देर इंतेज़ार किया. मुझे मालूम था वियाग्रा का पूरा असर होने पर वो कुछ ना कुछ ज़रूर करेंगी. 10 मिनिट बाद जब मैं उनके रूम में गया तो उन्होने सारी उतार कर फेंक दी थी, और पनटी भी. ब्लाउस के बटन्स खुले थे, और ब्रा उपर किए हुए थे. वो पेटिकोट उपर करके छूट में उंगली कर रही थी, और मोन कर रही थी.

उनको नशे में कुछ भी मालूम नही पद रहा था, और वो इतनी हॉर्नी हो गयी थी, की कुछ भी देखा नही मैं देख रहा था ये नही. फिर मैं जैसे ही पूरा डोर खोल कर अंदर गया, तो वो चौंकते हुए अपने कपड़े ठीक करने लगी.

फिर उन्होने पूछा: तू कब आया.

मैं बोला: जब आप अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

तो उन्होने कहा: तमीज़ से बात कर, मैं मम्मी हू तेरी.

मैं उठ के उनके पास गया और वो बोली: तू कुछ मिलाया था क्या उस चांपैगञ में.

मैने मुस्कुराते हुए कहा: हा, एक वियाग्रा.

तो मुझे डाँटने लगी: हरंखोर, क्यूँ किया ऐसा.

मैं बोला: आपको छोड़ना चाहता था. आप ऐसे नही मानेंगी तो ये तरकीब लगाई.

और ये कहते हुए उनको पकड़ के किस करने लगा. तो वो मुझे धक्का देने लगी, और कहने लगी-

मा: छ्चोढ़-छ्चोढ़ मुझे. मत कर ये. प्लीज़ छ्चोढ़ मुझे.

पर मैं नही रुका, और किस करते-करते उनकी जीभ चूसने लगा. कभी उपर के लिप्स कभी नीचे के. क्या मस्त नरम-नरम होंठ थे यार, एक-दूं मज़ा आ रहा था. कुछ देर अपोज़ करने के बाद मूड उनका भी बन गया. क्यूंकी वियाग्रा है ही ऐसी चीज़, आग लगा देता है पूरा.

फिर वो सपोर्ट करने लगी, और ज़ोर-ज़ोर से स्मूच करने लगी. पुर कमरे में पूछ पूछ की आवाज़ गूंजने लगी. फिर मैं हाथ नीचे लेके ब्रा के उपर से ही बूब्स दबाने लगा, और किस करने लगा. 5-7 मिनिट बाद वो खुद हाथ पीछे लेके ब्रा का हुक खोल दी, और मेरा मूह लेके अपने बूब्स पर लगा दिया.

फिर वो बोली: चूस बेटा, आचे से चूस. खुश कर दे अपनी मा को.

मैं ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा, और वो मोन करने लगी, आह ह ऑश. मैं ज़ोर से दबाने और चूसने लगा था. धीरे-धीरे हाथ उनके पेट पर फिरने लगा, और उनकी नेवेल से खेलने लगा. फिर पेटिकोट का नाडा खोल के निकाल के फेंक दिया, और बूब्स दबाते हुए नीचे चाट-चाट के आने लगा. पूरा बदन महक रहा था मा का. मैं सूंघने और चाटने लगा.

धीरे-धीरे जीभ को उनकी नेवेल तक लिया, और चाटने और चूसने लगा. वो तड़प रही थी, और मोन कर रही थी. कुछ देर चूसने के बाद फिर किस करने लगा, और टंग लीक करने लगा. फिर चाट-ते हुए नीचे छूट के बाल तक गया, और होंठ से दबा के खींचने लगा हल्का-हल्का.

उनको बहुत मज़ा आ रहा था. फिर धीरे से छूट को छ्छूने लगा. वो पूरा गरम हो गयी थी, और लार भी आने लगी थी. मैने छूट में एक उंगली डाल दी, तो वो तड़प उठी, और आहह आह आ करने लगी.

वो अब बोल रही थी: बेटा, और मत तडपा, छोड़ दे अपनी मा को. बुझा दे अपनी मा की प्यास. बहुत दिन से प्यासी है तेरी मा.

मैं इग्नोर करके अपने काम में लगा रहा. मुझे पता था ज़्यादा तड़पने से उनको और भी मज़ा आएगा. फिर मैं छूट पर अपनी जीभ ले गया, और बाहर से चाटने लगा. वो तड़प रही थी. 4-5 मिनिट बाहर से चाटने के बाद मैने पूरी छूट को मूह में ले लिया, और चूसने लगा किसी जानवर की तरह.

वो मोन करती रही, और तड़पति रही. फिर मुझे खींचा उपर, और मुझे नंगा कर दिया, और मेरा लंड चूसने लगी बिल्कुल टाइम ना गावते हुए. मैं उनके बालों से खेलने लगा, और वो मेरा लंड चूस्टी रही. उन्होने पूरा लंड गीला कर दिया और पूछा कॉंडम कहा है.

मैं बोला: नही मा, मुझे ऐसे ही पहला एक्सपीरियेन्स करना है.

तो वो मान गयी, क्यूंकी उनसे अब रहा नही जेया रहा था. मैने वो एक्सट्रा टाइमिंग लोशन लेके मा को दिया, और वो मसाज देने लगी. फिर मेरे 7.3 इंच का लंड को पकड़ते हुए अपनी छूट के पास ले गयी, और उसे अंदर डालने लगी. लेकिन बहुत बड़ा था तो जेया नही रहा था.

तो वो मुझे बोली: जल्दी डाल, नही तो मैं मॅर जौंगी.

इतना जोश था उनमे तब. मैं भी तोड़ा सेट करके दबाने लगा. नही गया तो मैने एक धक्का मारा, और टोपा अंदर घुस गया, और वो चीखने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था उनकी चीख सुन के. फिर मैं थोड़ी देर वेट किया, और एक और धक्का मारा ज़ोर का, तो लगभग 4 इंच अंदर घुस गया.

मा ज़ोर से चीखी, और रोने लगी. उनका पूरा नशा उतार गया था, और वो रोने लगी, और बोलने लगी-

मा: निकाल-निकाल इसे. नही तो मेरी छूट फटत जाएगी. मैं मॅर जौंगी. नही से सकती.

और मैं झुक के उनको किस करने लगा लंड अंदर रख के. 30-40 सेकेंड बाद जब वो थोड़ी शांत हुई, तो बोली-

मा: पूरा डाल दे बेटा.

और मैने खड़े होके एक ज़ोरदार स्ट्रोक मारा, तो पूरा लंड अंदर चला गया, और मा फिर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी.

वो कहने लगी: नही बेटा, मुझसे नही होगा. तू निकाल दे. जल्दी बाहर निकाल, नही तो मैं सच में मॅर जौंगी. तेरे पैर पड़ती हू, निकाल दे बेटा प्लीज़. मुझसे सहन नही हो रहा.

नीचे देखा तो खून नीचे बह रहा था, और बेड पर पद रहा था. मैं तोड़ा घबरा गया, और कुछ 1-1:30 मिनिट रुक गया. लेकिन लंड बाहर नही निकाला. मैं मा के बूब्स दबाते हुए उन्हे किस करने लगा. कुछ देर बाद जब वो नॉर्मल हुई, तो मैं हल्का-हल्का स्ट्रोक मारने लगा. तो वो तोड़ा दर्द में मोन करने लगी.

तब वो बहुत प्यारी लग रही थी. धीरे-धीरे 10 मिनिट छोड़ ने के बाद जब उनको तोड़ा अछा फील हुआ, तो वो बोली-

मा: ज़ोर-ज़ोर से छोड़.

मैं भी ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. पुर कमरे में बस फूच फूच फूच ठप ठप ठप की आवाज़े गूँज रही थी. दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था. फिर हम पोज़िशन चेंज किए, और मिशनरी पोज़िशन में आ गये. फिर 10-15 मिनिट छोड़ा तो उनका निकालने वाला हो गया था.

अब उनका बदन अकड़ने लगा था. मैं ज़ोर-ज़ोर से छोड़ रहा था. फिर वो मुझे कस्स के पकड़ के झाड़ गयी, और बहाल होके पड़ी रही. मैं भी तक गया था, तो एक मिनिट रेस्ट किया. फिर मैं नीचे लेता, और वो उठी. उन्होने अपनी छूट को सॉफ किया टिश्यू से खून और उनके काम-रस्स को. फिर मेरा लंड सॉफ किया, और फिर मेरे उपर आई और बैठ के लंड को सही जगह सेट करने लगी, और बैठ गयी.

अब वो खुद अपनी गांद उठा के छुड़वाने लगी. 10 मिनिट के आस-पास हुए होंगे. वो भी तक गयी और बोली-

मा: तेरा आज निकलेगा या नही?

मैं हस्स के उनको उठाया गोदी में, और तेआपोय के उपर लेके बिताया और बोला घोड़ी बन जाओ. वो मुस्कुरा कर बनने लगी, और मैं पीछे से लंड उनकी छूट में सेट करके छोड़ने लगा. मैं नीचे झुक के उनके बूब्स जो की हवा में झूल रहे थे उनको दबाने लगा, और 25 मिनिट तक छोड़ता रहा. अब मेरा माल निकालने वाला था, तो मैं पूछा कहा निकालु.

वो बोली: मेरे मूह में दे. मुझे फिरसे पीना है तेरा रस्स, बहुत टेस्टी है.

फिर उसी पोज़िशन में मा को रख कर मैं आयेज गया, और उनको मौत फक करने लगा, और 5 मिनिट बाद झाड़ गया. सुबह से ज़्यादा कम निकला और वो सारा पी गयी. फिर उनका मूह सॉफ किया फिर उनको किस करते हुए दोनो बातरूम में गये, और वाहा दोनो नहाने लगे. बचपन की तरह वो मुझे नहलाने लगी थी.

फिर मैने उनको नहलाया, और सॉफ होके जाके बेड पर पड़े. बिना कपड़ो के दोनो बहुत तक गये थे, तो कब दोनो को नींद आ गयी, पता ही नही चला.

बस यही तक था हमारा सफ़र. इससे आयेज अगले पार्ट में पढ़ेंगे नया ट्विस्ट. युवर्ज़ लोविंगली:- रघुवीर

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