उत्तेजना से भारी मा बेटे की चुदाई

मम्मी सेक्स स्टोरी कंटिन्यूस-

मम्मी को मेरे लंड का पानी पिलाने के बाद मैं टेरेस पर आ गया. वो भी अपने आप को फ्रेश करके आ गयी. वो सब आंटीस के साथ बैठ कर बातें करने लगी. उनको देख कर मुझे ऐसा फील होने लगा की जो अभी संस्कारी औरत बन कर बैठी थी. वो थोड़ी देर पहले अपने बेटे और पति के दोस्त का लंड चूस कर आई थी.

मम्मी का बात करने का तरीका इतना डीसेंट है, की बाकी सब को मम्मी का असली रूप पता ही नही चल रहा था. वैसे पहले मुझे कहा पता था की मम्मी ऐसी है. मैं भी उनको धार्मिक और संस्कारी समझ रहा था. मम्मी की यहीं क्वालिटी मुझ उनको और चाहने पर मजबूर कर रही थी.

जगदीश अंकल भी सब अंकल के साथ कॅषुयल बातें कर रहे थे. उसके बाद शाम का टाइम हो रहा था, तो सब लोग पतंग उड़ाने का मज़ा ले रहे थे. बहुत मस्ती मज़ाक के बाद हमने म्यूज़िक लगा कर साथ में डॅन्स किया, गरबा खेला. सब गेस्ट का डिन्नर हमारे घर पर था. डिन्नर के बाद सभी गेस्ट अपने-अपने घर चले गये. तब तक रात के 10 बाज गये थे.

मम्मी: चलो अभी, अब थोड़ी मेरी काम में हेल्प करो. घर की सॉफ-सफाई करनी पड़ेगी.

पापा उठ कर उनके बेडरूम की तरफ जेया रहे थे तो मम्मी ने उनसे पूछा: आप कहाँ जेया रहे हो?

पापा: मैं सोने जेया रहा हू.

मम्मी: हा आप शांति से सो जाओ. हम दोनो मा बेटा अकेले घर की सफाई करे.

पापा: ठीक है, बताओ क्या काम है?

मम्मी (हेस्ट हुए): आप तक गये है जेया कर सो जाइए. अभी तुम भी दिन भर पतंग उड़ा कर तक गये हो. तुम भी सो जाओ.

मैं: पापा आप सो जाओ. मैं और मम्मी सफाई कर लेंगे.

मम्मी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी. पापा भी सोने चले गये. मम्मी मुझे टीज़ करते हुए सब काम कर रही थी. वो अपनी सेक्सी अड़ाओ से मुझे सिड्यूस कर रही थी. हुमको सफाई करते हुए रात के 11 बाज गये. मम्मी अपने रूम मैं चली गयी. मैं मायूस हो गया, मुझे लगा अब मम्मी भी सो जाएँगी.

मैं हॉल में बैठ कर मेरा मोबाइल चला रहा था. थोड़ी देर के बाद मम्मी मेरे पास आ कर बैठ गयी. मैने देखा तो मम्मी ने अब तक चेंज नही किया था. मम्मी अभी भी सारी पहने हुई थी. उनके हाथ में मोबाइल था, और वो किसी से छत कर रही थी.

मैं: पापा सो गये क्या?

मम्मी (नॉटी स्माइल देते हुए): हा, तभी तो तेरे साथ बैठी हू. टेन्षन ना कर, तेरे पापा भी सो गये है, और मैने ब्रश भी कर लिया है (वो मुझे इसलिए बता रही थी, क्यूंकी दोपहर को उन्होने जगदीश अंकल का लंड चूसा था).

मैं (उनके कंधे पर हाथ रख कर): तो क्या इरादा है आपका?

मम्मी: मेरे इरादे सही नही है.

मैं मम्मी की आँखों में देख रहा था. वो मॅन ही मॅन मुस्कुरा रही थी. मम्मी की इसी अड़ाओ पर तो मैं मरता हू दोस्तों. मम्मी ने अपनी आँखों से मुझे बेडरूम में चलने का इशारा किया, और सेक्सी स्माइल दी. मैं और मम्मी साथ में खड़े हो गये. मैं उनकी सारी के उपर से उनकी गांद को सहलाते हुए उनको मेरे बेडरूम में लेकर गया. मम्मी की सारी के उपर से गांद को सहलाना हर एक इन्सेस्ट बॉय का सपना होता है.

बेडरूम में एंटर होते ही मैने डोर लॉक कर दिया. मैं मम्मी को वहीं सारी में देख कर पागल हो रहा था. मैं तुरंत उनके गले के पीछे हाथ डाल कर उनके लिप्स चूसने लगा. मम्मी भी मुझे फुल रेस्पॉन्स करने लगी. मेरे दोनो हाथ पीछे से मम्मी की गांद को सहला रहा थे, और मैं उनकी गांद को दबा रहा था.

वो करने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और साथ में उनको फ्रेंच किस कर रहा था. मैं अब गांद से एक हाथ हटा कर उनकी सारी के उपर से बूब्स पर रख कर दबाने लगा.

मैं: मम्मी अछा हुआ आपने अभी तक चेंज नही किया. जब से आपको इस सारी में देखा हू, तब से सेक्स करने की इक्चा हो रही थी.

मम्मी: मुझे पता है बेटा, इसलिए तो चेंज नही किया. मुझे ऐसा क्यूँ फील रो रहा है जब जगदीश ने मुझे दबोच कर मज़ा लिया, ये जानने के बाद तुम और वाइल्ड हो गये हो?

मैं: मम्मी ये आपने बहुत सही गेस किया है. आप जब अपनी सारी ठीक कर रही थी, तब मैं समझ गया था की जगदीश अंकल आपका मज़ा लेकर गये थे. और वो आप अपना पल्लू सही कर रही थी, वो नज़ारा मुझे और एग्ज़ाइट कर रहा था. अभी भी आपके जिस्म से जगदीश अंकल के पर्फ्यूम की स्मेल आ रही है. वो मुझे और एग्ज़ाइट कर रही है. सोच रहा हू क्या नज़ारा होगा जब आपको जगदीश अंकल ने दबोच कर किस किया होगा.

मम्मी: बेटा तुम क्या बोल रहे हो? क्या अब तुम्हे अपनी मुम्मा को जगदीश की बाहों में होना अछा लगता है?

मैं: जब आपने पहली बार बताया था की आप जगदीश अंकल से चूड़ी हो. तब मुझे बहुत गुस्सा आया था. उस टाइम पर मैं आप दोनो को सेक्स करते इमॅजिन कर रहा था. और मुझे और गुस्सा आ रहा था. पर मुझे धीरे-धीरे रीयलाइज़ हुआ की मैं ये एंजाय कर रहा हू. मुझे ये और एग्ज़ाइटिंग लगने लगा. और आज जब सच में आप दोनो के बीच हुआ, और आपको सारी ठीक करते देखा, वो सीन क्या काहु मुम्मा. काश वो नज़ारा मैं अपनी आँखों के सामने देख पाता.

मम्मी: तो क्या तुम मुझे जगदीश की बाहों में देखना चाहते हो?

मैं: मेरी बहुत इक्चा है आप किसी और से सेक्स करे, और मैं अपनी आँखों से देख साकु.

मम्मी (हेस्ट हुए): तुम ना अभी पागल हो गये हो. कुछ भी बोल रहे हो.

मैं: मुम्मा मैं सच में आपको ऐसे देखना चाहता हू.

मम्मी: अछा क्या तुम किसी और से मुझे सेक्स करते हुए देख से पाओगे? जलन नही होगी अपनी मुम्मा को किसी और की रंडी बनते देख कर?

मैं: पता नही मेरे अंदर क्या होगा. पर जो कुछ होगा मैं उसके लिए बहुत एग्ज़ाइटेड हू. मुम्मा प्लीज़ कुछ अरेंज करो ना. मैं अपनी आँखों से आपकी चुदाई देख साकु.

मम्मी: बेटा जो तू बोल रहा है. वो पता है कितना रिस्की है?

मैं: पर मुम्मा मुझे आप और जगदीश अंकल का सोच कर ही मज़ा आ रहा है.

मम्मी (मेरे लिप्स को काट कर): तेरी बातें सुन कर अब मुझे भी मज़ा आ रहा है. मैं सोच रही हू जब मैं जगदीश के साथ मज़ा कर रही होंगी, और तुम मुझे च्छूप के से देखते होगे, तब मुझे छुड़वाने में कितना मज़ा आएगा.

मैं: हा मम्मी मुझे आपको ऐसे ही देखना है.

मम्मी: ठीक है बेटा, कुछ सोच कर प्लॅनिंग करते है.

अब मैं जोश में आ गया था. मैने मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया, और उसके उपर चढ़ कर उनके जिस्म को चूमने लगा. आज मैं मम्मी की सारी नही निकाल रहा था, और उनको सारी के उपर से ही चूम रहा था. पता नही मम्मी को उस सारी में देख कर ही मेरा जोश बढ़ रहा था.

जब तक मम्मी ने वो सारी पहनी थी, मैं जगदीश अंकल वाला टाइम ही सोच रहा था, और मुझे उसी में मज़ा आ रहा था. मैं मम्मी के होंठो को चूस रहा था, और सोच रहा था जगदीश अंकल भी ऐसे ही ये नरम रसीले होंठ चूसने का मज़ा लेते होंगे.

मम्मी अब बहुत गरम हो गयी थी. वो मेरे से लिपट गयी, और मेरी त-शर्ट को निकाल कर मेरी बॉडी को चूमने लगी. उन्होने मेरा पंत भी निकाल दी, और मेरा लंड मूह में लेकर चूसने लगी. मम्मी की सारी बिखर गयी थी, और उनके आयेज से ब्लाउस के 2 हुक खुल गये थे. मुझे उनकी क्लीवेज बड़ी लंबी दिख रही थी. वो देख कर मेरे अंदर और जोश भर गया.

मम्मी मेरे लंड चूस्टे हुवे अपना गिरता पल्लू संभाल रही थी. जो लोग अपनी मा को छोड़ना चाहते है, वो बस ये इमॅजिन करे की आपकी मम्मी आपका लंड चूस रही है, और ऐसे ही अपना पल्लू संभाल रही है. तो आपको वो देख कर कितना मज़ा आएगा. मम्मी ने मेरा लंड गीला कर दिया था. अब मम्मी खड़ी हो गयी, और अपनी सारी खोलने लगी. मैने उनका हाथ पकड़ लिया.

मैं: मुम्मा आज आप ये सारी नही निकालो. आज आपको ये सारी में देख कर मेरा जोश बढ़ रहा है.

मम्मी मेरी और देख कर मुस्कुराइ, और बिस्तर पर मेरे से लिपट गयी. मैं उनके बूब्स को मसालते हुए किस करने लगा. मैने अब आयेज से ब्रा के हुक खोल दिए. मम्मी ने नीचे वाइट ब्रा पहनी थी. वाइट ब्रा देख कर मुझे वो दिन याद आ गया जब मैने पहली बार मम्मी को नानी के घर वाइट ब्रा में देखा था.

मैने जल्दी से उनका ग्रीन ब्लाउस निकाल दिया. अब मम्मी मेरे सामने वाइट ब्रा और वाइट बिखरी हुई सारी में थी. अफ क्या सेक्सी माल लग रही थी. कसम से वो नज़ारा कोई देख लेता वो पागल हो जाता. मैं ब्रा के उपर से बूब्स मसालने लगा. मम्मी भी सेक्सी मादक आवाज़ निकाल रही थी. मम्मी में अब गरम जोश भर गया था.

उनको अब मैने घोड़ी बना दिया. दोस्तों पीछे से मम्मी की वाइट ब्रा के स्ट्रॅप और सारी में बँधी उनकी मोटी गांद देख कर मेरा लंड झटके मारने लगा. मैने अब मम्मी की सारी को कमर तक उठा दिया, और उनकी ब्लॅक पनटी को निकाल दिया. मैने देखा की मम्मी की पनटी उनके रस्स से पूरी गीली हो गयी थी.

मम्मी इतनी गरम हो गयी थी की उसकी छूट से रस्स बहने लगा था. उनकी चिकनी छूट पर उनका पानी चमक रहा था, और अपने आप कुछ बूंदे तपाक रही थी. ये देख कर तो मेरे से रहा नही जेया रहा था. मेरी तरह मम्मी भी बातों से उत्सुक हो गयी थी.

मेरे से रहा नही गया क्यूंकी मेरा लंड अपने आप ही झटके मार रहा था. मुझे तो लगा मैं कहीं ऐसे ही झाड़ ना जौ. मैने बिना टाइम गवाए छूट में लंड उतार दिया. मम्मी ने सेक्सी आ के साथ मेरे लंड का स्वागत किया. मम्मी और मेरी थाइस टकराने से ठप ठप की आवाज़ आ रही थी. और मम्मी की छूट इतनी गीली थी, की जब लंड अंदर-बाहर हो रहा था, तब छाप-छाप की आवाज़ आ रही थी.

मैं भी ऐसे हल्के-हल्के धक्को के साथ मम्मी की गरम छूट का फील ले रहा था. अगर मैं स्पीड बढ़ा देता, तो मेरा तुरत ही निकल जाने वाला था. मैं कैसे भी करके स्पर्म को रोक रहा था.

मम्मी: बेटा तू आज स्लो चुदाई कर रहा है. मेरी तो जान निकल रही है. ऐसी तड़प तो आज तक नही हुई. बहुत मज़ा आ रहा है. मुझे ऐसे ही तडपा-तडपा कर छोड़.

मैं जीतने स्लो धक्के मार रहा था, मम्मी की छूट से इतना ज़्यादा पानी बह रहा था. मैं कितनी बार मम्मी की चुदाई कर चुका था, पर उस दिन जो हम दोनो फील कर रहे थे, वो कुछ अलग ही एक्सपीरियेन्स था. मम्मी को घोड़ी बना कर मुझे उस दिन जितना सेक्सी नज़ारा कभी नही मिला था. उस दिन लग रहा था की मैं रियल में मेरी मम्मी को छोड़ रहा था.

मा को छोड़ने का असली मज़ा सारी में ही आता है. और जब उनको किसी और के साथ वहीं सारी में देखा हो, तो उसी सारी में छोड़ने में एक अलग ही फीलिंग आती है. मम्मी के अभी तक की सब सेक्सी निघट्य, ब्रा पनटी, और लाइनाये उस सारी के आयेज कुछ नही थी.

मुझे लगा अब मैं अपने आप को झड़ने से रोक नही पौँगा, तो मैने लंड बाहर निकाल दिया, और मम्मी को सीधा करके उनकी छूट पर मूह रख कर छूट चाटने लगा. मम्मी की छूट से लगातार पानी बह रहा था, और मैं अंदर तक जीभ डाल कर चाट रहा था. उनको मैं अपनी ज़ुबान से छोड़ रहा था.

उनकी छूट पूरी खुल चुकी थी. कुछ 10 मिनिट छूट चाटने के बाद मैं नॉर्मल हो गया. अब मैं मम्मी का एक पैर कंधे पर रख कर छोड़ने लगा. इस बार मैं उनको पूरी ताक़त के साथ छोड़ रहा था. मेरे धक्को के साथ वाइट ब्रा में मम्मी के बूब्स बाउन्स हो रहे थे. मम्मी की आ निकल रही थी.

मैं उनकी ऐसे कुछ 10 मिनिट चुदाई करने के बाद छूट में झाड़ गया. हम दोनो का स्पर्म मिक्स हो कर उनकी चूत से बह रहा था, जो मम्मी ने अपनी सारी से सॉफ किया. हम दोनो इतना थके हुए थे, की ऐसे ही लिपट कर सो गये.

मैने उस रात मम्मी को और दो बार छोड़ा. पता नही मम्मी को उस दिन वो सारी में देख कर बार-बार लंड खड़ा हो जाता था. वो सारी में हम दोनो की बहुत सी मेमोरी जुड़ गयी थी. मम्मी ने भी कहा की मेरी इतनी सालों की चुदाई में ये रात बहुत ख़ास थी. सुबह 4 बजे मम्मी उठ कर उनके बेडरूम में चली गयी. आप को सेक्स स्टोरी कैसी लग रही है प्लीज़ कॉमेंट करके बताना.

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