उप की सेक्सी टीचर के अफेर का खुलासा

दोस्तों मेरा नाम आकाश है. मैं उप का रहने वाला हू. मेरी उमर 19 साल है, और मैं कॉलेज फर्स्ट एअर में पढ़ता हू. हाइट मेरी 5’9″ है, और लंड मेरा 6 इंच का है. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा की कैसे मैने अपनी टीचर रिचा की चुदाई की. तो चलिए कहानी शुरू करता हू.

मैं कॉलेज में ब.आ. कर रहा हू, और मेरा सब्जेक्ट कॉंबिनेशन मेद्स और एकनॉमिक्स है. मुझे मेद्स अछा लगता है, लेकिन अगर समझने वाला ठीक से ना समझाए तो मुझे प्रॉब्लम्स आती है. हमारे स्कूल में एक टीचर थी, जिसका नाम था रिचा. वो बड़ा अछा मेद्स पढ़ती थी.

जब कॉलेज में मुझे मेद्स समझ नही आया, तो मैने घर वालो को मुझे रिचा मेडम के पास टुटीओन लगवाने को कहा. फिर मैं अपने दाद के साथ रिचा माँ के घर चला गया. वाहा जाके पता चला की माँ की मॅरेज हो चुकी थी. ये सुन कर मुझे टेन्षन हो गयी, की अब मुझे मेद्स कों पढ़ाएगा.

लेकिन तभी मेडम की मम्मी ने कहा की वो अब भी पढ़ती थी, लेकिन अपने ससुराल में. ये सुन कर मैं खुश हो गया. फिर हमने उनके ससुराल का अड्रेस लिया, और चल पड़े. वाहा पहुँचे तो उनकी सास ने दरवाज़ा खोला.

पापा ने उनको बताया की मैं मेडम का ओल्ड स्टूडेंट था, और मेरी टुटीओन रखवनी थी मेडम के पास. उन्होने हमे अंदर बिताया, और मेडम को बुलाने चली गयी. तकरीबन 5 मिनिट बाद रिचा मेडम बाहर आई. जैसे ही मैने उनको देखा, मेरी आँखें बड़ी हो गयी, और मूह में पानी आ गया.

जिस रिचा मेडम को मैं जानता था, वो एक दुबली-पतली और गोरे रंग की लड़की थी. लेकिन अब तो उनका रंग रूप ही बदल चुका था. मेडम दुबली-पतली से गड्राई हुई लड़की बन चुकी थी. उनका शरीर काफ़ी भर गया था. उनका फिगर अब 36-30-36 के आस-पास था.

रिचा मेडम ने मरून रंग की पाजामी-कुरती पहनी थी, जिसमे वो खूब जाच रही थी. घर में होने की वजह से उन्होने दुपट्टा नही लिया था, तो उनकी हल्की क्लीवेज दिख रही थी. गले में मंगलसूत्रा, होंठो पर लिपस्टिक, और माँग में सिंदूर क्या कमाल लग रहे थे.

उनको देखते ही मेरी बॉडी में एक करेंट सा लगा. मुझे ऐसी फीलिंग आई जैसी पहले उनके लिए कभी नही आई थी. दिल तो कर रहा था उन्हे खा जौ. लेकिन फिर मैने अपनी फीलिंग्स पर कंट्रोल किया. फिर पापा ने उनसे मेरी टुटीओन की बात की, और वो मान गयी. मुझे उन्होने शाम का टाइम दे दिया.

अगले दिन मैं ठीक टाइम पर उनके घर पहुँच गया. क्यूंकी कॉलेज का मैं अकेला ही स्टूडेंट था, तो वो मुझे अकेले को ही पढ़ने वाली थी. आज उन्होने लेगैंग्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. लेगैंग्स में उनकी गांद और जांघें मोटी और सेक्सी लग रही थी, और त-शर्ट में उनके बूब्स टाइट थे.

वो बेड पर बैठी थी, और मैं चेर पर बैठा था. बेड पर नोटबुक रख थी, और वो झुक कर उस पर लिख रही थी. उनकी त-शर्ट डीप नेक थी, तो उनकी क्लीवेज मुझे सॉफ नज़र आ रही थी. नीचे मेडम ने रेड ब्रा पहनी थी. वो सीन देख कर तो मेरा ध्यान वही टिक गया, और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं तो पढ़ाई करने गया था उनके पास. लेकिन अब लगता था की पढ़ाई नही हो सकती थी वाहा.

फिर ऐसे ही कुछ दिन बीट गये. टुटीओन पर मैं मेडम के जिस्म को देखता, और घर पर जाके उनको सोच कर मूठ मारता. फिर एक दिन मेरे हाथ एक इन्फर्मेशन लगी. मैं बैठा क्वेस्चन सॉल्व कर रहा था, और मेडम किचन में कुछ काम कर रही थी.

उनका फोन बेड पर ही पड़ा था. तभी उसपे एक मेसेज आया. मैने लोकक्सक्रीन पर से ही देखा, तो उसमे लिखा था-

मेसेज: जानू जब मिलॉगी तो तुम्हे ठंडा कर दूँगा.

ये मेसेज देखते ही मेरा इंटेरेस्ट जाग गया. मैने झट से फोन हाथ में लिया, और उसको ओपन करने लगा. मेडम के फोन का पासवर्ड मुझे पता था, क्यूंकी मैने काई बार उनको पासवर्ड लगा कर फोन ओपन करते देखा था.

जब मैने फोन ओपन किया, तो व्हातसपप पर उस नंबर से अची-ख़ासी छत की हुई थी. छत पढ़ने से पहले मैं जल्दी से रूम के बाहर गया, और मेडम को आवाज़ देके पूछा-

मैं: मेडम आप कितनी देर में आ रही हो?

मेडम: बस 15 मिनिट में आ रही हू.

फिर मैं अंदर आ गया, और मैने छत पढ़नी शुरू की. वो नंबर किसी सूरज के नाम पर सवे किया हुआ था.

सूरज: कैसी हो जान?

मेडम: मैं ठीक हू, तुम बताओ?

सूरज: तुम्हारे बिना मैं ठीक नही हू बिल्कुल भी. मुझे तुमसे मिलना है, और प्यार करना है.

मेडम: अभी कुछ दिन पहले ही तो किया था. अब सबर रखो तोड़ा. मेरे पति वापस आ गये है अपने ट्रिप से. अगले ट्रिप तक कुछ नही.

सूरज: तब तक पता नही कैसे जी पौँगा मैं. मुझे बिल्कुल अछा नही लगता जब वो घोड़ू तुम्हारे उपर चढ़ता है.

मेडम: वो जितना मर्ज़ी चढ़ ले, लेकिन उससे कुछ होता तो है नही. मज़ा तो मुझे तुम्हारे साथ ही आता है. घर वालो ने भी कैसे लड़के से शादी कर दी है. सिर्फ़ पैसे देख कर मुझे उसके पल्ले बाँध दिया. अब पता नही मेरी सेक्स लाइफ का क्या होगा.

सूरज: मैं हू ना तुम्हारी सेक्स लाइफ बढ़िया बनाने के लिए.

मेडम: लेकिन तुम हर रोज़ तो नही आ सकते ना.

सूरज: वो तो है.

तभी मुझे मेडम के आने की आवाज़ आई, और मैने जल्दी से फोन बंद करके वापस उसकी जगह पर रख दिया. अब मैं ये बात समझ चुका था, की मेडम के हज़्बेंड उन्हे वो सुख नही देते थे, जो सुख एक शादी-शुदा लड़की अपने पति से चाहती है. इसलिए उन्होने बाहर किसी के साथ रीलेशन रखा हुआ था.

मैं ये जान कर खुश भी था, क्यूंकी अब मैं जो चाहता था वो मेडम के साथ कर सकता था. फिर मैं स्टडी करने के बाद अपने घर चला गया. घर जाके मैने मेडम के नाम की मूठ मारी, और सोचने लगा की अब मैं कैसे मेडम को छोड़ सकता था.

इसके आयेज की कहानी आपको कहानी के अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी. तो दोस्तों जल्दी ही मिलते है अगले पार्ट के साथ.

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