प्रकाश अंकल ने मेरी छूट में स्पर्म निकाल दिया. मैं भी तक कर उनके उपर लेट गयी. प्रकाश अंकल के चेहरे पे खुशी थी, और मेरे फेस पर सॅटिस्फॅक्षन. अंकल ने मेरे बालों को कान के पीछे किया, और मुझे स्मूच किया. वो मेरे लिप्स को चूस रहे थे.
जब किस ख़तम हुआ तो मैं मुस्कुरा कर बातरूम में चली गयी. जब मैं फ्रेश हो कर आई तो मैं उनके पास नंगी हग करके सो गयी. मैने अंकल के गाल पर किस किया और कहा-
काव्या (मैं): अंकल जी कैसा लगा मेरा गिफ्ट?
प्रकाश अंकल: बहुत ही बढ़िया. सच काहु तो बहुत को छोड़ चुका हू, पर तुम सब से अलग हो. मेरा मॅन अभी भी नही भरा है.
काव्या: अछा इतनी अची लग रही हू मैं आपको?
अंकल: हा बेबी, मेरा मॅन करेगा तो आ जाओगी ना?
काव्या: हा, पर मैं आपकी इक्चा पूरी करू तो बदले में आपको भी मेरी इक्चा पूरी करनी पड़ेगी?
अंकल: ठीक है जान, तेरे लिए तो कुछ भी करने को तैयार हू. बस मुझे तुम ऐसे ही प्यार देते रहना.
अंकल फ्रेश होने बातरूम में चले गये. मैं वाइन का ग्लास पकड़ कर रॉकिंग चेर में बैठ गयी. मैं पूरी नंगी थी, तो मैने अपने पैर पर पैर रख कर छूट को च्छूपा दिया, और एक हाथ से दोनो बूब्स च्छूपा कर बैठ गयी. अंकल बाहर आए तब मैं वाइन पी रही थी.
अंकल: क्या जान, तुम भी अकेले-अकेले. ऐसा सही लगता है क्या?
मैं: अंकल जी आपके लिए ही तो है.
अंकल मेरे पास आ कर ग्लास पकड़ने लगे. मैने नॉटी अंदाज़ में ग्लास नही दिया, और कहा-
मैं: अंकल जी, ऐसे नही.
अंकल: तो कैसे मेरी जान?
मैने उनको घुटनो पर बिता दिया. अंकल को लगा मैं अपने हाथो से उनको वाइन पिलौंगी. पर मैने अपने पैर खोल दिए, और उनका सर छूट पर रख दिया. वो छूट चाटने लगे. तब मैं अपने बूब्स की दरार में वाइन डालने लगी, जो की मेरे पेट से गुज़र कर छूट पर जेया रही थी. अंकल तो मेरी हरकत से एग्ज़ाइटेड हो गये, और वाइन चाटने लगे. साथ में मेरी छूट भी चाट रहे थे. मैं तो फिरसे चूड़ने को रेडी हो गयी थी.
अंकल का लंड भी तोड़ा खड़ा हो रहा था. मैने भी उनको खड़ा करके उनके लंड को आचे से तैयार किया. अब मैं घोड़ी बन गयी, और अंकल ने मुझे डॉगी स्टाइल में छोड़ना शुरू कर दिया. वो पीछे से मेरी गांद पर थप्पड़ मार रहे थे. मैं भी दर्द के साथ चिल्ला रही थी.
साला अंकल मेरे बाल खींच कर कुटिया बना कर छोड़ रहा था. पता नही पर मर्द दूसरो की बीवी के साथ काफ़ी वाइल्ड हो जाते है. और गैर मर्द के साथ चूड़ने में भी एक नशा है. मैं तो कहती हू हर एक लेडी को लाइफ में एक बार तो किसी और से चुदाई करवानी चाहिए. अगर आपका पति स्वापिंग नही कर सकता, तो उसको चीट करके भी आपको एक बार तो बाहर मज़े से चूड़ना ही चाहिए.
मुझे लगातार 15 मिनिट तक छोड़ने के बाद भी अंकल का नही निकल रहा था. मैं 2 बार झाड़ चुकी थी. फिर अंकल बोले-
अंकल: बेबी तुम्हारी गांद का च्छेद तो काफ़ी बड़ा लग रहा है. लगता है बहुत गांद मरवाई है.
मैं: हा अंकल, मुझे अछा लगता है मर्दों से गांद मरवाना.
अंकल: कितने आदमियों से चुड चुकी हो?
मैं: बहुत कम. आपके जितना अछा रेकॉर्ड नही है. ( मैं नॉटी स्माइल देते हुए बोली) और आप जैसा मर्द मिल जाए तो किसी और की ज़रूरत भी नही है.
अंकल मेरी बातों से खुश हो रहे थे. मैने अब बिस्तर पर घोड़ी बन कर गांद उपर कर दी और बोली-
मैं: आइए अंकल, मेरी छूट को सूजा दिया है. अब थोड़ी गांद की भी सेवा कर दीजिए.
अंकल: डॅन्स कर रहे थे, तभी सारी उपर करके गांद में लंड पेलने का मॅन कर रहा था. आज तो मेरा दिन बना दिया जान. तुम तो किसी भी चीज़ में माना नही कर रही.
मैं: आपको देखा तब से आपकी मर्दानगी पर फिदा हो गयी हू. अब से आप जब कहो तब आपके लिए हाज़िर होगी आपकी ये डार्लिंग.
अंकल अब मेरी गांद पर जीभ रख कर अशोल को चाटने लगे. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था. अब तो मेरी गांद में बहुत खुजली होने लगी.
मैं: अंकल मैं तो कब से रेडी हू. प्लीज़ अब गांद मार लो मेरी. अब रहा नही जेया रहा प्लीज़.
अंकल ने उनका लंड रखा और एक ही झटके मैं आधा घुसा दिया. मुझे अब मरवाने की आदत थी, पर अंकल का लंड मोटा होने के कारण गांद में जलन हो रही थी. मैं मोन करती हुई अपनी गांद मरवा रही थी. मेरी सिसकारी से अंकल को और जोश आ रहा था. ऐसे ही वो मेरी गांद फाड़ते रहे, और मैं चुड़वति रही. आख़िर में उनकी स्पीड बढ़ गयी.
मैने कहा: अंकल मुझे आपका स्पर्म टेस्ट करना है.
अंकल ने अब लंड बाहर निकाला और बेड पर खड़े हो गये. मैने भी लंड के पास मूह रखा तो मुझे उसमे से मेरी गांद की बदबू आ रही थी. मैने सोचा कहा फ़ासस गयी. अब मैने एग्ज़ाइट्मेंट में कहा की मुझे स्पर्म टेस्ट करना है, अब माना भी नही कर सकती थी.
लेकिन साला मुझे क्या हुआ, मैं बार-बार उनका लंड सूंघ रही थी. मुझे अब मज़ा आने लगा था. मैने अब बिना कुछ सोचे अपनी आँखें बंद करके लंड मूह में लिया. मुझे बहुत गंदा फील हुआ और उल्टी आने लगी.
फिर मैने अंकल को बोला: अंकल चलो ना बातरूम में शवर के नीचे, एक और रौंद लगते है.
अंकल मेरी बात से खुश हुए और वो मेरा हाथ पकड़ कर बातरूम में ले कर गये. फिर उन्होने शवर ओं कर दिया. हम दोनो पुर गीले हो गये थे. सच काहु तो अंकल अब मुझे और सेक्सी लगने लगे. मैं उनकी आँखों में देख रही थी और वो मेरी आँखों में.
मेरी नशीली आँखों को देख कर उन्होने अब मुझे दबोच कर लीप किस किया. कुछ 2-3 मिनिट तक उन्होने मुझे डीप किस किया. उनका लंड तंन गया था. मैने भी उनका लंड पकड़ कर छूट मैं डाला, और खड़े-खड़े छुड़वाने लगी. अंकल बहुत स्ट्रॉंग और एक्सपीरियेन्स्ड थे. बातरूम में उन्होने मुझे ऐसे छोड़ा की मैं लाइफ में नही भूल सकती.
10 मिनिट की लगातार चुदाई के बाद मैं नीचे बैठ कर लंड चूसने लगी. कुछ 2 मिनिट बाद स्पर्म का फावरा निकला जो मैं चाट गयी. कुछ बूंदे मेरे फेस पर थी. वो अंकल ने उंगली में लेकर चाट ली. मुझे तोड़ा अजीब लगा. अब उन्होने मुझे खड़ा किया, और अपनी जीभ से मेरा फेस पर लगा उनका स्पर्म चाटने लगे.
अंकल की इसी हरकत से मैं और हॉर्नी हो गयी और उनको स्मूच करके शवर के नीचे नहा रही थी. हमने दोनो को आचे से सॉफ किया और हम दोनो टवल लपेट कर बाहर आए, और नंगे ही सो गये.
रात को जब मेरी आँख खुली, तो मैने देखा कुछ 3 बाज रहे थे. कभी सोचा नही था की ऐसे ही 1स्ट्रीट मीटिंग में किसी से चुड जौंगी. ये सब बहुत जल्दी में हुआ था, और मुझे और एग्ज़ाइट कर रहा था. मैं मेरी हुई चुदाई को याद करके और हॉर्नी हो रही थी. मुझे और छुड़वाने का मॅन करने लगा, पर प्रकाश अंकल गहरी नींद में थे.
मैने सोचा क्यूँ ना बाहर जेया कर देखु मेरे हज़्बेंड अनुज और प्रतीक की शिल्पा और नयना आंटी के साथ कैसे पार्टी चल रही थी. मैने अपनी सारी पहनी, और पर्स से मेरा मेकप कीट लेकर तोड़ा टच-उप किया. मैं चाहती थी की अनुज को पता ना चले की मैं प्रकाश अंकल से चुड गयी थी.
अब मैं बाहर आई तो हॉल में पूरा अंधेरा था. मैं हल्की रोशनी में उपर के स्टेर पर चलने लगी. मैने सोचा एक बार सेजल और प्रियल आंटी का सेक्स देख लू. पर मुझे उनके कमरे की लाइट ऑफ दिखी, तो मुझे लगा वो दोनो तक कर सो गये थे. आंटी का बंगलो इतना बड़ा था की मुझे कुछ समझ नही आ अरहा था कों कहा किसके साथ था.
मैं धीरे-धीरे सब बेडरूम चेक कर रही थी. मुझे एक बेडरूम में लाइट ओं दिखी, तो मैं धीरे से उस तरफ गयी. मैने खिड़की से देखा की वाहा दोनो अंकल सोए हुए थे और वाहा प्रतीक भी थे. प्रतीक की पंत की बेल्ट खुली थी, और शर्ट के बटन भी. प्रतीक को वाहा देख कर मैं थोड़ी हैरान हुई, क्यूंकी मेरे हिसाब से उसको नयना आंटी के पास होना चाहिए था.
तो मैं चुपके से देखने लगी. अब प्रतीक ने 2 ग्लास लेकर हार्ड पेग बनाया और दोनो अंकल को नींद में उठा कर पीला दिया. मैं समझ गयी ये दोनो अंकल्स की दारू उतरने नही दे रहे, जिससे उनको आंटी के साथ मज़ा करने को मिले. अब प्रतीक बाहर आने लगे तो मैं च्छूप गयी, क्यूंकी उनके हिसाब से मैं अब सेजल के साथ सो रही थी.
मुझे वाहा देख लेता तो मैने और सेजल ने जो सेक्स किया, उसके बारे में पता चल जाता. और आंटी के घर पर मैं कोई ऐसी चीज़ होने देना नही चाहती थी, जिससे किसी का घर संसार खराब हो. मैने अब धीरे से प्रतीक को फॉलो किया. वो जिस कमरे में था वाहा देखना मुश्किल था. बेडरूम में दो खिड़की थी, पर दोनो बंद थी.
मैने थोड़ी कोशिश की, पर कुछ दिख नही रहा था. लेकिन जब थोड़ी हवा चली तो कर्टन हटा तो मुझे हल्का दिखने लगा. वो देख कर मेरे अंदर और चुल्ल मच गयी. मैने देखा की शिल्पा आंटी ब्रा पनटी में बेड पर बैठी थी, और वो स्मोक कर रही है. अनुज की बॅक मेरी साइड पर थी, और शायद नयना आंटी अनुज का लंड चूस रही थी. अनुज उनके बालों को सहला रहे थे.
मैं समझ गयी की ये लोग ग्रूप सेक्स कर रहे थे. अब प्रतीक अंदर आए तो शिल्पा आंटी उनकी पंत खोल कर लंड चूसने लगी. प्रतीक का लंड छोड़ने के लिए रेडी हो गया. तब वो नयना आंटी के पास गया, और उनकी चुदाई करने लगा. अनुज अब शिल्पा आंटी को छोड़ने लगे.
दोनो आंटीस की मोटी गांद और बड़े-बड़े बूब्स अफ. मॅन कर रहा था मैं भी उनको मसल कर चूसू. अनुज और प्रतीक दोनो सेक्सी आंटीस का मज़ा लूट रहे थे. मुझे इतना कुछ नही दिख रहा था, पर दोनो आंटी भी मस्ती से छुड़वा रही थी. ये सीन देख कर मैं भी गरम हो गयी, और सारी के उपर से छूट सहलाने लगी. मेरा मॅन कर रहा था की मैं भी उनको जाय्न करू. पर शायद दोनो आंटीस के लिए ये इतना ईज़ी नही होता.
मैने सोचा फिरसे अंकल के साथ बेडरूम में सो जाती हू. मैं जब नीचे जाने लगी, तब मुझे उपर के साइड कुछ आवाज़ आई. मैने सोचा देख लेती हू. मुझे जब उपर टेरेस का गाते ओपन दिखा, तो मैने बाहर गयी. वाहा प्रियल आंटी का बेटा विकी था. वो स्मोक कर रहा था. उसने मुझे देख कर सिगरेट फेंक दी, और अपने हाथो से धुआ हटाने लगा.
मैने कहा: इट’स ओक यार, मुझे उससे कोई इश्यू नही है, ( और स्माइल करते हुए) डॉन’त वरी. मैं किसी को नही बतौँगी.
विकी: थॅंक्स. वैसे आप यहा क्या कर रही हो?
काव्या: मुझे नींद नही आ रही थी, तो सोचा तोड़ा बाहर की फ्रेश एर का मज़ा लू. वैसे तुम यहा हो, तो तुम्हारी गफ़ कहा पर?
विकी (तोड़ा डरते हुए): वॉट!? कों गफ़? मेरी कोई गफ़ नही है.
काव्या: मुझे सब पता है. नयना आंटी की बेटी के साथ तुम..
विकी (अब पूरा दर्र गया था): अर्रे आप ये क्या बोल रही है? मेरा उसके साथ ऐसा कुछ नही है.
काव्या (उसको अपने शहोल्दर से धक्का मार कर): चल झूठ मत बोलो. मैने देखा है तुम दोनो को किस करते हुए. और इतना दर्र क्यूँ रहे हो. निशा अची लड़की है. फॅमिली में बता दो तुम उसको लीके करते हो.
विकी: अर्रे आप समझ नही रहे. मैं उसके बारे में फॅमिली को नही बता सकता.
काव्या: क्यूँ?
विकी: हम इतने सीरीयस रिलेशन्षिप में नही है. और अभी से मैं इन सब चक्करों में नही पड़ना चाहता.
काव्या: बात तो सही है. तुम यहा हो तो वो कहा है? आज तो अची प्राइवसी मिली थी, तो कुछ किया की नही?
विकी (ब्लश करते हुए): क्या आप भी!
मैने अब विकी का हाथ पकड़ा और उसके साथ चिपक कर खड़ी हो गयी. हम दोनो एक-दूसरे की आँखों में देखने लगे. अब इससे आगे क्या हुआ, वो मैं आपको अगले पार्ट में बतौँगी. आपको स्टोरी अची लगे तो प्लीज़ कॉमेंट करे और अपने सेक्स पार्ट्नर से शेर करे.