भतीजी ने चखा चाचा के लंड का स्वाद

हेलो दोस्तों, मेरा नाम रीना है, और मेरी उमर 21 है, और मैं आमेडबॅड से हू. अगर कोई आमेडबॅड से है, और अगर लेज़्बीयन सेक्स में इंट्रेस्टेड हो, तो मैल या फीडबॅक ज़रूर देना. और पिछली स्टोरी पर कोई फीडबॅक ही नही मिला है, तो इस कहानी पर फीडबॅक ज़रूर देना. एमाइल ईद क्राज़्ीबल्ल893@गमाल.कॉम

है.

इस कहानी में पढ़िए की कैसे मेरे अंकल ने मेरी छूट और गांद मारी है. ये बात करोना के टाइम की है. जब हर जगह लॉक्कडोवन् लगा हुआ था, और कही बाहर आ-जेया नही सकते थे.

हम एक सोसाइटी में रहते है. हमारे यहा 2 घर है. एक मेरा घर, और दूसरा मेरे अंकल (चाचा) यानी मेरे पापा के भाई का. उनका नाम जातीं है (नाम बदला हुआ). अंकल की आगे 40 है. उनको एक लड़की 20 साल की, और एक लड़का है 14 साल का. वो दोनो भाइयों में छ्होटे है, और उनकी वाइफ का नाम प्रीति है.

लॉक्कडोवन् होने के कारण हम कभी उनके घर, तो वो कभी हमारे घर सोने के लिए आया करते थे. फिर जब कभी सब उनके घर चले जाते थे, और मैं घर पर अकेली होती थी, तब मैं फिंगरिंग किया करती थी.

एक दिन इसी तरह से सब मेरे घर से वाहा सोने गये. लेकिन मैने ना कहा की मुझे आज नही आना है वाहा. क्यूंकी मैं उस दिन बहुत हॉर्नी फील कर रही थी. मेरी छूट में बहुत आग लगी थी. इसलिए मैने ना कहा, और सब उनके घर चले गये.

हमारा और उनका घर कुछ घर छ्चोढ़ के ही है. तो कोई प्राब्लम भी नही थी. फिर जब सब गये तो मैं नहाने चली गयी. मैने नहा-धो के नाइट ड्रेस पहन ली, और मैं सोने चली गयी. लेकिन मैं दरवाज़ा बंद करना भूल गयी थी.

बेडरूम में जाके मैने अपने मोबाइल में पॉर्न देखना स्टार्ट कर दिया लेज़्बीयन वाला. वो पॉर्न इतना इनटेन्स था की मैने धीरे-धीरे अपनी नाइट पंत उतार दी, और अपनी पनटी भी उतार दी. फिर मैं ज़ोर-ज़ोर से फिंगरिंग करने लगी.

मैं: आह ऑश मा आह, आज इस रंडी छूट का सारा पानी निकाल दूँगी.

ऐसा मॅन में बोल के ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी. फिंगरिंग के प्लेषर के कारण मेरी आँखें भी उपर चढ़ गयी थी आ. लेकिन वाहा पता नही किसी काम से मेरे अंकल अचानक मेरे घर आए हुए थे. फिर जब उन्होने मेरे आवाज़ सुनी, तो वो दबे पावं मेरे कमरे की तरफ आयेज बढ़े.

जब उन्होने ये सब जो मैं कर रही थी देखा, तो वो भी अपनी पंत उतार कर अपना लंड हिलने लगे. क्यूंकी मैं फिंगरिंग करते हुए उनका नाम ही ले रही थी.

मैं: ह ऑश अंकल प्लीज़ छोड़ दो इस रंडी छूट को. इसका सारा पानी निकाल दो. अपनी कुटिया बना लो मुझे. रंडी की तरह छोड़ो आ. मदारचोड़ इस छूट की आग शांत कर दो आ.

(अगर कोई लेज़्बीयन आमेडबॅड से या मुंबई से है तो मैल पर मेसेज कर सकती है. क्यूंकी मैं कुछ दीनो बाद मुंबई जाने वाली हू)

मैं पागलों की तरह चिल्लाए जेया रही थी. लेकिन वाहा जातीं अंकल ये सब सुन रहे थे. वो मुझे देख और सुन कर अपना लंड हिला रहे थे. फिर मेरी नज़र दरवाज़े पर पड़ी, और मैं देख कर शॉक हो गयी की अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल रखा था, और ज़ोर-ज़ोर से हिला रहे थे.

तभी उन्होने भी मुझे देख लिया, और अब वो मेरी तरफ आ रहे थे. मेरे पास आके उन्होने मुझसे कहा की-

अंकल: बहुत आग लगी है तेरी छूट में हैईना रंडी? मेरा भी काई दीनो से बहुत मॅन कर रहा है. अछा हुआ आज तू मिल गयी. आज तेरी छूट की सारी आग मिटा दूँगा. उपर देख मेरी जान.

अंकल को देख कर मैं शॉक हो गयी थी, और मैने मेरी नज़र नीचे झुका दी थी दर्र के मारे. अपने बदन को मैने च्छूपा लिया था. लेकिन जब उन्होने ये कहा तो मैने उपर देखा. मेरी पहली नज़र सीधी उनके लंड पर गयी. वो लंड लगभग 6 इंच लंबा था. मुझे दर्र तो लग रहा था, लेकिन हॉर्नी होने के कारण लंड देख कर छूट में पानी भी आ रहा था.

अंकल: सिर्फ़ देखती ही रहेगी या चूसेगी भी? आजा यहा, ले चूस मेरा लंड. अब से ये लंड तेरा और तू मेरी है रंडी. ले चूस चल.

मैं अंकल के पास गयी और उनके लंड को धीरे से टच किया. फिर में लंड को सहलाने लगी. उनका लंड बहुत मोटा था.

फिर अंकल ने कहा: सिर्फ़ हाथ ही लगाएगी या मूह में भी लेगी? मदारचोड़ ले मूह में, मूह खोल अपना.

मैं: ह ये बहुत मोटा है. ये मेरे मूह में नही जाएगा.

अंकल: मूह में क्या तेरी गांद में भी जाएगा छिनाल. साली मदारचोड़ कही की.

फिर अंकल ने मेरा मूह खुलवाया, और मेरे मूह में लंड डाल दिया. वो लंड को ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगे. आह, मुझे पहले अजीब लग रहा था. लेकिन फिर मज़ा आने लगा, और मैं भी मज़े लेके चूसने लगी आह.

अंकल: ले रंडी और चूस. आज से तू मेरे रंडी है. पता नही था की मेरे भाई की बेटी इतनी बड़ी हो गयी है. पहले पता होता तो पहले ही छोड़ देता. आह, क्या माल है रे तू.

अब अंकल मेरे बाल पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से मेरे मूह को छोड़ रहे थे, और मैं भी मज़े लेके कभी उनका टोपा तो कभी उनकी बॉल्स चूस रही थी. फिर अंकल ने मेरी त-शर्ट के अंदर हाथ डाला, और मेरे बूब्स को हाथ लगाया. वो मेरे बूब्स को मसालने लगे और मालिश करने लगे.

फिर एक-दूं से मेरे बूब्स को ज़ोर से दबा दिया. मेरी तो ह निकल गयी. उसके बाद अंकल पीछे से मेरी गांद पे हाथ रख के सहलाने लगे आ, और बोलने लगे-

अंकल: आहह क्या गांद है रे तेरी. आज इस गांद को छोड़ने में बहुत मज़ा आएगा. आज तेरी छूट को भोंसड़ा बना दूँगा. तुझे लड़की से औरत बना दूँगा. ह मेरी रंडी.

इसके आयेज की कहानी के लिए मुझे फीडबॅक ज़रूर देना. अगर मुझे अछा रेस्पॉन्स मिला तो ही नेक्स्ट पार्ट उपलोआड करूँगी. दोस्तों अगर आपको कहानी अची लगी हो तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद. बाइ, टके केर.

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