अंकल ने चोदी मेरी मा

फिर मैने सोचा की मेरे अंकल ही तो है कुछ ग़लत नही होगा. इतने मे अंकल ने मेरा ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को मे आगे से दूध के उपर से संभाले हुई थी और अंकल दोनो हाथो से मेरी पीठ पे पाउडर लगाए जा रहे थे. मेरी कमर तक पाउडर लगा रहे थे अंकल.

कभी दोनो हाथो को उपर ले जाते तो कभी नीचे. फिर अंकल ने कहा की अब तुम ब्रा को छ्चोड़ दो मंजू मे सही से पाउडर लगता हू. मे मॅन ही मॅन दर्र रही थी और एक तरफ भरोसा भी था अंकल पे. पर मैने अंकल की बात पे ध्यान नही दिया और ब्रा पहने रही.

पर अंकल ने मुझे खुद अपने तरफ घुमा के खड़ा कर दिया. और मेरे दोनो हाथो को मेरे दूध के उपर से हाथ कर नीचे कर दिया. जैसे ही मैने दोनो हाथ नीचे किए मेरी ब्रा खुद नीचे सरक गयी. बाकी अंकल ने खुद मेरे बदन से हाथ के बेड पे रख दी.

अब मेरे दोनो बड़े बड़े अंकल की नरज़ो के सामने थे और ताने हुए दूध लटक रहे थे. ये देख अंकल बोले की मंजू तुम सिर्फ़ ब्रा ही नही बिना ब्रा के भी कितनी अची एर सुंदर लगती हो.

फिर अंकल ने हाथ मे लगे हुए पावडर को ही मेरे दूध मे लगाना शुरू किया. अंकल मेरे निपल को घुमा के और दाना के देखने लगे. मे वही चुप छाप खड़ी रही नीचे नज़र झुका के. फिर मेरी नज़र अंकल मे लंड पे पड़ी मैने देखा की अंकल का लंड का टोपा चड्डी के उपर से बाहर आ गया था.

मैने कहा अंकल आपका लंड फिर बाहर आ गया है. अंकल ने कहा मंजू इतने आचे दूध देख के तो इसे बाहर आना ही था ना. मैने कहा अंकल अपने लंड को अंदर कर लीजिए प्लीज़.

अंकल ने कहा मंजू परेशन मत हो तुम.

मैने कहा अंकल आपको कंफर्टबल नही लग रहा है तो आप लूँगी या अपनी चड्डी पहें लीजिए. पर आपकी और अंकु के पापा की अंडरवेर का साइज़ तो एक ही है. फिर भी आपको टाइट क्यू पद रही है?

तभी अंकल ने हास के बोला और बैठे बैठे अपनी चड्डी उतार दी बोले की खुद देख लो अपनी आँखो से. मे तो अंकल का लंड देख के डांग रह गयी. मैने मॅन ही मॅन सोचा की जब उस दिन बाथरूण मे देखा था तब भी बड़ा था. पर अब तो कुछ और ही ज़्यादा बड़ा लग लग रहा है.

अब अंकल का लंड पूरा ताना हुआ था और अंकल का लंड पूरी तरह सलामी दे रहा था. मैने कहा अंकल आपका तो बहुर बड़ा लंड है और आपके भी बहोट बाल है आंटी तो दर गयी होगी.

अंकल मेरे दोनो निपल को मसल के बोले की हन मंजू वो तो है पर वो मेरे लंड की खूब मालिश करती थी एक टाइम पे तभी इसे ऐसा बनाया है. और पहले से ही मेरा काफ़ी बड़ा रहा है.

हन अंकल देख के ही ऐसा लग रहा है आपका इनसे भी बड़ा है और मोटा भी. फिर मेरी इस बात को सुन के अंकल हासणे लगे. और फिर मैने कहा की अंकल ये सही नही है जो हो रहा है. अंकल ने कहा कुछ नही होता मंजू मुझे तुम दोस्त मनती हो या अंकल?

जी दोस्त मनती हू पर आप बड़े है तो मेरे अंकल की हो लगे.

हन तो अगर दोस्त मानती हो तो दोस्ती मे कोई बाते छुपाई थोड़ी जाती है. इसलिए अब तुम ये सब सोचना बंद करो और जाओ जा के नारियल का तेल और उसमे कपूर डाल के ले आओ. मैने पूछा वो क्यू?

अंकल तो बोले की तुम्हारी पीठ की मालिश कर देता हू बहोट फ़र्क पड़ेगा इससे तुम्हारी खुजली मे. मैने कई बार माना काइया पर अंकल ने मेरी एक ना सुनी फिर मे नारियल का तेल और कपूर मिले के ले आई कटोरी मे.

फिर मुझे बेड पे उल्टे लेटने को बोला अंकल ने. मे वैसे ही उल्टा लेट गयी. अब अंकल ने तेल हाथ मे ले के मेरी पीठ पे डालना शुरू किया और पूरी पीठ मे लगाने लगे. मे उल्टा हो के हाथ को उपर कर के आराम से लेती थी. और मॅन ही मॅन सोच रही थी की मेरे पति ने कभी इस तरह मेरे लिए नही किया बिना कहे खुद से. मे रिलॅक्स हो के लेती रही और अंकल मेरी पीठ मे तेल लगते रहे.

उसके बाद वो मेरी कमर के नीचे पहुचे और मेरी गंद पे भी तेल लगाने लगे. पर पनटी की वजह से उन्हे दिक्कत हो रही थी. इसलिए उन्होने कहा की मे सीधे लेट जौ, मे पलट के सीधे लेट गयी. उसके बाद वो मेरे बगल मे आके बैठ गये और मेरे दूध पे तेल डालने लगे. मेरे दोनो निपल को दोनो उंगलियो से घूमने लगे.

मैने अपनी आँखे बंद कर ली और मॅन ही मॅन मज़े लेने लगी. अंकल ने पूछा क्या हुआ मंजू कैसा लग रहा है?

मैने कहा अंकल अछा लग रहा है बहोट.

अंकल ने पूरे तेल को मेरे दोनो दूध मे लगा के सूखा दिया था. मे असंखे बंद की हुई थी. तभी मुझे महसूस हुआ की अंकल ने मेरे रिघ्त वेल निपल को अपने मूह मे ले लिया और अपने होतो से उसे चूसने लगे.

मैने अपनी आँखे खोल के तुरंत कहा अंकल ये मत करिए घबराहट हो रही. तो अंकल बोले थोड़ी देर होगी बस. पर अंकल को नही पता था की मे भी उनसे अपने दूध चुस्वा के मज़े लेने लगी थी.

अब अंकल बरी बरी मेरे दोनो निपल को चूसने लगे और अपने थूक से मेरे निपल गीले कर दिए थे. फिर अंकल मेरे पेट तक पहुचे तेल लगने के लिए. फिर मेरी नाभि मे तेल डाल के भर दिया. क्यूकी मेरी नाभि कही बड़ी थी अंदर तक और मेरे लेट मे खूब सारा तेल लगाने लगे. तेल कभी इधर बहे तो कभी उधर.

फिर अंकल ने पनटी पनटी उतरनी चाही पर मैने अपने पैरो को सिकोड लिया था और माना करने लगी. मैने कहा अंकल नीचे नही लगवाना तेल.

अंकल ने पूछा क्यू?

तो मैने कहा बस नीचे नही अंकल प्लीज़ कुछ ब हो जाए.

पर अंकल ने विश्वास दिलाया की वो मेरे नीचे नही लगाएँगे तेल. अंकल बोले की तेल नही लगवाना है पर पनटी तो उतार दो. क्यूकी तेल से खराब हो रही थी.

फिर मैने अपनी टाँगे खोल दी और अंकल ने खुश हो के मेरी पनटी भी उतार दी. अंकल मेरे जाँघो मे तेल लगाने लगे. फिर अंकल ने जाँघो मे तेल लगते हुए बोला की तुम्हारी छूट कितनी अची है गोरी है शादी के बाद भी इतनी.

अंकल अपना हाथ बार बार मेरी छूट की तरफ ला रहे थे और हटा लेते. पर मुझे अंकल की आँखो मे दिख गया था की वो मेरी छूट पर भी तेल लगाना चाह रहे थे.

फिर मैने खुद ही कह दिया की अंकल अब लगा रहे है तो नीचे भी लगा ही दीजिए तेल. पर जैसा सोचा था वैसा बिल्कुल भी नही हुआ. अंकल ने मेरी छूट मे तेल नही लगाया.

बल्कि उन्होने मेरी टाँगे फैला के मेरी छूट को सूँघा और मेरी छूट की महक को महसूस किया. और बोले वा मुझ क्या छूट है तुम्हारी दिल खुश हो गया. बहोट अरसे बाद किसी की ऐसी छूट देखने को मिली. वरना हमेशा तुम्हारी आंटी की ही देखनी पड़ती और फिर हम दोनो हासणे लगे.

पर अंकल बोले इसमे मे तेल नही लगौँगा.

तो फिर क्या लगाओगे अंकल?

अंकल ने कहा खुद ही देख लो और मुझे बेड के साइड पे पेर नीचे रख के लिटाया. और फिर मेरे दोनो पैरो के बीच मे आ के बैठ गये और मेरी छूट के छेड़ को खोल के देखने लगे. फिर वो छूट के छेड़ पे अपनी जीभ लगा के चाटने लगे और पूछने लगे कैसा लग रहा है?

मैने दबी आवाज़ मे कहा अछा लग रहा है बहोट.

फिर अंकल रुके नही अपनी जीभ से खूब सारा थूक निकल के मेरी छूट पे गिरा दिया और छूट को चाटने लगे. अब मेरे भी मॅन मे यही चल रहा था की मेरी छूट चाटते रहे और अंकल मेरी छूट चाटते रहे. अपनी जीभ को मेरी छूट के अंदर जीभ डाल की जीभ को इधर उधर करने लगे.

ऐसा करते हुए उन्हे 10 मीं हो चुका था और इधर मेरी जान निकल निकल रही थी. मे सिसकिया ले रही थी और अपने मूह पे हाथ रख के मैने अंकल के सर को पकड़ के अपनी छूट मे लेना चाहा. पर वो पहले से ही छूट छत रहे थे.

उसके तुरंत कुछ देर बाद मे इकड़म से ढीली पद गयी. क्यूकी मेरी छूट का पानी निकल चुका था और मे तक चुकी थी. पर अंकल अभी भी मेरी छूट पे लगे रस को छत के ख़तम करने मे लगे हुए थे.

फिर 5 मीं बाद मैने अपनी आँखे खोली अंकल पेशाब कर के आ चुके थे. मैने कहा अंकल आपका लंड तो अभी भी ताना हुआ खड़ा है.

तो अंकल बोले की हन अब तुम भी तो मेरे लंड की मालिश करोगी. वैसे भी बहोट टाइम हो गया लंड की मालिश कराए.

मैने मॅन मे ही सोच लिया था आज कुछ ग़लत होने वाला है और हो के रहेगा.

फिर अंकल से मैने बेड पे लेटने को कहा और और वो भी सीधे हो के लेट गये. मे उनके पैरो के पास बैठी थी और उनका लंड मेरे सामने था. मैने अंकल के लंड को अपने हाथ मे ले के बोला की ये तो अंकु के पापा से सच मे बड़ा और मोटा है.

ये कह के मैने अंकल के लंड को सहलाना शुरू किया. अब मेरी भी छूट तड़प रही थी अंकल का लंड लेने को. इसलिए मे जल्दी जल्दी उंले लंड खड़ा कर रही थी.

बिना अंकल के कुछ कहे ही मैने उनका लंड अपने मूह मे ले लिया और खूब चूसने लगी. उनके लंड को कुलफी की तरह चारो तरफ से चाट रही थी और चाट चाट के गीला कर रही थी.

अब मेरे से भी नही रहा जा रहा था. मे भी लगातार लंड चूस रही थी. मेरे मूह मे पूरा लंड भी नही आ पा रहा था इतना बड़ा और मोटा जो था लंड.

फिर अंकल ने मुझसे कहा की मंजू अब रुक जाओ अब तुम्हे मुझे छोड़ना है, अब तुम बिस्तर पे लेट जाओ. मे बिस्तर पे लेट गयी और अंकल से कहा की अलमारी मे कॉंडम रखा है निकल लीजिए.

पर अंकल बोले अरे नही मेरी रानी ऐसी छूट को तो बिना कॉंडम के ही छोड़ा जाएगा. जब तक मे उन्हे ना बोलती उन्होने मेरी छूट के दरवाजे पर अपने लंड का सूपड़ा, मतलब तोड़ा रख दिया था और मेरी छूट मे डालने लग गये थे.

लंड इतना ताना हुआ था की मेरी छूट लंड लेने को तड़प रही थी. फिर अंकल ने लंड को धीरे धीरे कर के मेरी छूट मे डाल दिया. जब पूरा अंदर चला गया तो मेरी चीख निकल गयी.

अंकल बोले लगता है तेरे पति ने तेरी छूट आज तक आचे नही मारी.

ये कह के लंड को अंदर बाहर करने लग गये. लंड अब पूरी तरह से मेरी छूट मे समा गया था और लंड का पूरा मज़ा ले रही थी. सबसे अची बात मुझे ये लगी की वो लंड से अंदर ही अंदर रुक रुक झटके मार रहे थे. जिससे मुझे और भी मज़ा आ रहा था.

अंकल से मैने कहा और तेज़ छोड़िए तेज़ तेज़… अंकल लंड को तेज़ी के साथ छोड़ने लगे इतना तेज़ की बेड भी हिलने लगा. उसके तुरंत ही कुछ मिंटो मे अंकल का सारा पानी मेरी छूट मे ही छोड़ दिया.

मेरे बहोट कहने पर भी वो नही माने और अपने लंड का सफेद रस मेरी छूट के अंदर ही गिरा दिया. फिर अंकल मेरे उपर ऐसे ही लेते रहे कुछ देर तक और फिर बगल मे लेट के मुझे अपनी बाहो मे ले के सो गये.

तो बे कंटिन्यूड…

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