ही फ्रेंड्स मेरा नाम अरुण है. मैं 20 साल का नौजवान लड़का हू, जाईपुर से हू, और कॉलेज में पढ़ता हू. मेरी हाइट 5’8″ है, और लंड 6 इंच का है. मेरी फॅमिली में मैं और मेरी मा है बस. मेरे पापा की डेत 10 साल पहले हो गयी थी.
अब मैं आपको अपनी मा के बारे में बता देता हू. मेरी मा 44 साल की एक फिट आंड हॉट लेडी है. मा का रंग गोरा है, और बॉडी हेवी और फिट है. वो रेग्युलर जिम जाती है, और खुद को फिर रखा हुआ है.
उनका साइज़ 38-30-40 है. अब आप खुद ही समझ लीजिए की मा कैसी होंगी. कोई भी ऐसा मर्द नही होगा, जो मा को इग्नोर कर सके. मेरे पापा गवर्नमेंट जॉब पे थे. पापा की डेत के बाद वो जॉब मा को मिल गयी. इसलिए हमे पैसों की कोई दिक्कत नही हुई. अब मैं कहानी पर आते है.
काफ़ी सालों से मैं देखता था की मा के काई मैल फ्रेंड्स थे. काई बार काई अंकल्स मम्मी को मिलने आते थे. लेकिन मुझे इन चीज़ो की समझ नही थी. फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, तो मुझे लगने लगा की इतने सारे आदमी मम्मी से क्यूँ मिलने आते थे, और वो कों थे. 19 साल का होने के बाद एक दिन मैने मम्मी से पूछा-
मैं: मम्मी ये जो आपके इतने सारे फ्रेंड्स है, वो घर पे क्यूँ आते है?
मम्मी: बेटा काम से आते है. ऑफीस में जो काम पेंडिंग रह जाता है, वो करने घर पर आ जाते है.
मैने मम्मी की बात मान तो ली, लेकिन मेरा दिल नही मानता था. फिर मैने सोचा की पता किया जाए, की आख़िर-कार वो अंकल्स आके मा के साथ करते क्या थे.
फिर एक दिन मम्मी और रमेश अंकल साथ में ऑफीस से वापस आए. वो दोनो रमेश अंकल की गाड़ी में आए थे. रमेश अंकल को मैने सबसे ज़्यादा बार घर आते देखा था. वो हफ्ते में कम से कम 3 बार तो आते ही थे.
जब वो अंदर आए तो मैं हॉल में बैठा था. रात के 8 बाज चुके थे, और वो लोग खाना बाहर से लाए थे. फिर हमने खाना खाया, और खाने के बाद मम्मी अंकल को अपने रूम में ले गयी, और मैं अपने रूम में चला गया.
हमारे घर में 2 फ्लोर थे. नीचे के 2 अलग कमरो में मैं और मम्मी सोते थे. लेकिन जब भी कोई अंकल आते थे, तो मम्मी उपर के रूम में चली जाती थी. लेकिन आज मुझे जानना था की आख़िर उपर के कमरे में वो लोग करते क्या थे. क्या मुझे जो लगता था वही करते थे, या सच में काम करते थे.
जब उनको उपर गये 1 घंटा हो गया, तो मैं धीरे से उपर गया, और उनके दरवाज़े के बाहर खड़ा हो गया. अंदर से मुझे आवाज़े आ रही थी-
मा: आ रमेश, ज़ोर से करो ना. बहुत मज़ा आ रहा है.
रमेश अंकल: आ मेरी रंडी, तू लंड की बहुत भूखी है. ये ले, और ले कुटिया.
मा: ऐसे ही कुटिया की तरह छोड़ो मुझे मेरी जान.
इन आवाज़ो को सुन कर मैं समझ ना गया की अंदर क्या हो रहा था. मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, और मैं नीचे जाने लगा. लेकिन पता नही फिर मेरे मॅन में क्या आया, की मेरा अंदर देखने का मॅन करने लगा.
ये सोच कर मैने दरवाज़े को हल्का धक्का दिया. दरवाज़ा अंदर से लॉक नही था, तो तोड़ा खुल गया. मैने अंदर देखा, तो मम्मी घोड़ी बनी हुई थी. और रमेश अंकल उन्हे पीछे से छोड़ रहे थे. क्या कमाल का सीन था. मम्मी के बूब्स हवा में उछाल रहे थे, और वो आ आ की आवाज़े निकाल रही थी.
इतना सेक्सी सीन देख कर मैं गुस्सा भूल गया, और मेरा लंड खड़ा हो गया. मेरा दिल करने लगा की मैं भी अंदर जाके मम्मी को ऐसे ही छोड़ू. तभी रमेश अंकल की नज़र मुझ पर पड़ी, और हमारा आइ कॉंटॅक्ट हुआ.
20 सेकेंड उनके साथ आइ कॉंटॅक्ट में रहने के बाद मैं नीचे आ गया. 5 मिनिट बाद रमेश अंकल नीचे आए पानी पीने के लिए. मैं बाहर ही बैठा था. मैने उनसे कहा-
मैं: अंकल आप ऐसा कैसे कर सकते है?
रमेश: देख मैं कोई ज़बरदस्ती नही कर रहा. तुम्हारी मा भी यही करना चाहती है.
मैं: लेकिन आप तो पापा के भी फ्रेंड थे. अपने ही फ्रेंड की बीवी के साथ ये सब. ये तो धोखा हुआ ना.
रमेश: इसमे धोखे वाली कोई बात नही है. तुम्हारे पापा अब इस दुनिया में नही रहे. और तुम्हारी मा किसी ना किसी से तो चूड़ेगी ही सही. अगर मैने छोड़ लिया तो क्या बुरा किया.
रमेश: अगर तुम चाहो तो तुम भी छोड़ सकते हो. मैं तुम्हारी मा को माना लूँगा.
मैं: आप ये कैसी बात कर रहे हो?
रमेश: ज़्यादा भोला मत बन. मैने देखा है तेरा लंड खड़ा था उपर. और बेडरूम में औरत एक रंडी है. ना वो बेहन है, ना मा. तो फिर तू भी एंजाय कर ले. जिस छूट को बाहर वाले इतने बंदे छोड़ रहे है. अगर तू छोड़ लेगा तो क्या हो जाएगा.
मैं अंकल की बातों से कन्विन्स हो गया, और मैने हामी भर दी. फिर अंकल मुझे उपर ले गये. उन्होने मुझे बाहर रुकने को कहा, और अंदर जाके मम्मी से बात की. 5 मिनिट बाद मुझे अंदर बुलाया गया. मम्मी अभी भी नंगी बैठी थी.
मुझे देख कर मम्मी ने स्माइल की, और बेड से उतार कर मेरे पास आ गयी. अपनी नंगी मम्मी को इतने पास से देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने त-शर्ट और शॉर्ट्स डाला था. मम्मी फिर घुटनो के बाल बैठ गयी.
जब मैने नीचे देखा, तो वो स्माइल करते हुए मेरे शॉर्ट्स में हाथ डालने लगी. फिर उन्होने मेरा लंड अंडरवेर से बाहर निकाला, और मूह में डाल लिया. ओह बाप रे! इतना मज़ा आता है लंड चुसवाने में. मैं तो हैरान रह गया.
मम्मी बिल्कुल किसी पोर्नस्तर की तरह मेरा लंड चूस रही थी, और मुझे देख रही थी. अब मैं ये भूल गया था की वो मेरी मा थी. मैने मम्मी के बाल पकड़े, और उनके मूह में लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. मैं ज़ोर-ज़ोर से उनके मूह को छोड़ने लगा, और उनकी थूक से मेरा लंड पूरा गीला हो गया.
कुछ देर लंड चूसने के बार मम्मी उठी, और हम किस करने लगे. मैं अपने हाथो से मम्मी के बूब्स दबाने लगा. फिर कुछ देर मैने मम्मी के निपल्स चूज़. उसके बार मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे बेड पर ले गयी.
वाहा जाके मुझे लिटाया, और खुद मेरे उपर आके बैठ गयी. फिर वो अपनी छूट मेरे लंड पर रगड़ने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मम्मी ने लंड पकड़ कर छूट पर सेट किया, और उस पर बैठ गयी. हम दोनो के मूह से ह निकला, और मम्मी ने गांद आके-पीछे करके चूड़ना शुरू कर दिया.
मैं तो मानो जन्नत में था, मुझे इतना मज़ा आ रहा था. मैने मम्मी के बूब्स पकड़ लिए, और उनको दबाने लगा. तभी मम्मी नीचे झुकी और मेरे उपर लेट गयी. फिर अंकल पीछे से आए, और मम्मी के चूतड़ खोल कर उनकी गांद के च्छेद पर थूका.
फिर उन्होने अपना लंड उनकी गांद पर सेट किया, और ज़ोर के धक्के से अपना लंड अंदर घुसा दिया. मम्मी की चीख निकली, और अंकल ने मम्मी की गांद छोड़नी शुरू कर दी. अब हम दोनो मम्मी के दोनो च्छेदो को मज़े से छोड़ रहे थे, और मम्मी भी किसी रंडी की तरह चुड रही थी.
मेरा निकालने वाला था, तो मैने मम्मी को बोला. मम्मी ने गौर नही किया, तो मेरा माल मम्मी के अंदर ही निकल गया. फिर अंकल भी मम्मी की गांद में झाड़ गये. उसके बाद हम तीनो बेड पर नंगे ही लेट गये.
इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में. कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.