हेलो फ्रेंड्स, मेरी ऑफीस सेक्स स्टोरी में आप सब का वेलकम. मेरा नाम कमाल है, और मैं देल्ही में रोहिणी में रहता हू. मैने अभी-अभी न्यू कंपनी जाय्न की है, और वहाँ 10 से 12 लोग काम करते है. मेरा काम इन्वेंटरी और अकाउंट्स का वर्क है.
जब मेरा वहाँ सबसे इंट्रोडक्षन हो रहा था, तो वहाँ एक बहुत ही खूबसूरत लॅडीस से इंट्रोडक्षन हुआ. क्या मस्त माल थी वो, ना ज़्यादा मोटी, ना ज़्यादा पतली. उसकी गांद देख कर मैं उस पर फिदा हो गया. दोस्तों उसकी उमर 42 साल है, लेकिन देखने में 35-36 साल की लगती है. उसका नाम भावना है. उसका फिगर एक-दूं मस्त है, 32-36-32 होगा. जब वो चलती है, तो लंड खड़ा हो जाता है.
धीरे-धीरे मेरी उससे बात होनी शुरू हुई, और हम काफ़ी आचे फ्रेंड्स बन गये. फिर मैने उसकी फॅमिली के बारे में पूछा, तो उसने कहा-
भावना: मेरी एक बेटी है, जो अभी 15 साल की है, और एक बेटा है, जो अभी 12 साल का है.
उसके पति ट्रॅवेल एजेन्सी में काम करते थे. जब उसने अपने पति का बताया तो अपसेट हो गयी. मैं समझ गया था की उसका पति उसे बिल्कुल टाइम नही देता था.
नवेंबर का टाइम था, और हमे बॉस ने मुझे और भावना को किसी पार्टी से मिलने के लिए चंडीगार्ह भेजा. हमे फ्राइडे को निकलना था, और भावना भी रेडी थी, तो हम निकल गये. रास्ते में मैने प्लान कर लिया था, की भावना को कैसे भी करके छोड़ना था. तो मैने भावना को बहुत सारे चॉक्लेट्स और एक गिफ्ट यानी शो पीस दिया.
वो खुश हो गयी, तो उसने मुझसे पूछा: ये किस लिए?
तो मैने कहा: मुझे आप बहुत अची लगी, और आपका नेचर बहुत अछा लगा. आपके साथ काम करने में अछा लगता है. तो इतना तो मेरा हक बनता है.
वो मुझे सिर कह कर बुलाती थी, क्यूंकी मैं सीनियर था कंपनी में.
तो मैने कहा: भावना आप मुझे सिर मत कहा करो. आप मुझे मेरे नाम से बुलाया करो.
वो मान गयी. फिर हम डाइरेक्ट चंडीगार्ह पहुँच गये, और हम सीधा पार्टी से मिले. वहाँ मीटिंग ख़तम होने के बाद चंडीगार्ह में ही होटेल में 2 रूम्स बुक किए थे, तो मैने भावना से कहा-
मैं: आप अब रेडी हो जाओ. फिर हम बाहर ही डिन्नर करने चलेंगे.
वो मान गयी. थोड़ी देर बाद भावना का कॉल आया, की मैं रेडी हू.
तो मैने कहा: मैं भी रेडी हू.
जब मैने उसके रूम के दरवाज़े पर नॉक किया, तो उसने दरवाज़ा खोला. जैसे ही उसने गाते खोला, मैं उसको देखते ही पागल हो गया. उसने ग्रीन कलर का सूट पहना हुआ था, और वो किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी. 2 मिनिट मैं उसे ऐसे ही देखता रहा. फिर हम चल पड़े. हम पास के रेस्टोरेंट में गये.
मैने उससे पूछा: आप ड्रिंक करते हो?
तो उसने कहा: नॉर्मली कभी-कभी.
फिर मैने 2 बियर मँगवाई, और हमने साथ में बियर पी और बातें करने लगे.
मैं कहा: आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो. काश मुझे आपके जैसे वाइफ मिले, और मैं ऐसे ही उसको देखता राहु.
फिर हमने डिन्नर किया, और फिर हम वहाँ से निकल गये. मैने भावना से कहा-
मैं: मुझे आप अची लगती हो सच में. मुझे आपका साथ अछा लगता है.
वो कुछ नही बोली. उसकी नज़रें नीचे थी. मैने देखा, तो उसकी आँखों में आँसू थे. फिर मैने पूछा, तो उसने बताया-
भावना: मेरे हज़्बेंड मुझे पूछते तक नही. बस काम में ही बिज़ी रहते है.
फिर मैने उसे चुप कराया. उसके बाद हम होटेल आ गये अपने-अपने रूम में. लेकिन थोड़ी देर बाद भावना मेरे रूम में आई.
मैने पूछा: क्या हुआ?
तो उसने कहा: नींद नही आ रही है.
टाइम देखा तो 11 बाज रहे थे घड़ी में. फिर मैने उसका हाथ अपने हाथ में लिया, और पूछा-
मैं: क्यूँ नही आ रही है आपको नींद?
तो वो मेरी आँखों में देखने लगी, और मैं उसकी आँखों में देख रहा था. बस उसके बाद हम आयेज बढ़े, और मैं उसको किस करने लगा, स्मूच करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.
5 मिनिट किस करने का बाद मैने उसकी कुरती उतार दी. उसने रेड कलर की ब्रा पहनी हुई थी. देखते ही मैं उसके बूब्स चूसने लगा. फिर मैने उसकी सलवार का नाडा खोल दिया, और उसकी पनटी के अंदर हाथ डाल कर उंगली करने लगा. उसकी छूट पहले से ही गीली थी, और उसकी छूट पर एक भी बाल नही था.
उसकी सलवार और पनटी मैने निकाल दी. जैसे ही मैने उसे पूरी नंगी देखा, मैं उस पर टूट पड़ा. उसकी टांगे इतनी गोरी और मोटी थी. मैं उसकी टाँगों पर किस करने लगा. उसके बाद जैसे ही मैने उसकी छूट चाटना शुरू किया, वो पागल हो गयी.
भावना: एयाया श आह, और चूसो जान, और चूसो. मज़ा आ रहा है.
5 मिनिट चूसने के बाद मैने अपना अंडरवेर उतरा. उसने जैसे ही मेरा लंड देखा, वो खुश हो गयी, और उसने लंड मूह में ले लिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था लंड चुसवाने में.
फिर वो कहने लगी: अब डाल दो मेरी छूट में.
फिर जैसे ही मैने उसकी छूट में लंड को सेट किया, तो वो आधा ही घुसा. मैने दूसरा झटका मारा तो पूरा लंड अंदर चला गया. वो चिल्ला उठी. उसकी छूट टाइट हो गयी थी काफ़ी टाइम से ना चूड़ने की वजह से. जैसे ही मैं स्पीड तेज़ कर रहा था, वो बोली-
भावना: आ आ आ मैं मॅर गयी. ऐसे ही करो जान, बहुत मज़ा आ रहा है.
15 मिनिट की चुदाई के बाद वो झाड़ चुकी थी. फिर मैने उसको डॉगी स्टाइल में छोड़ा. 10 मिनिट बाद मैं झड़ने वाला था, तो मैने कहा-
मैं: मेरा निकालने वाला है.
भावना ने कहा: मेरे अंदर ही डाल दो.
फिर मैं डिसचार्ज होने के बाद उसके उपर लेट गया. हम तक गये थे, और रात के 12:30 बाज चुके थे. मैने भावना से पूछा-
मैं: कैसी लगी चुदाई?
तो वो बहुत खुश थी.
वो कह रही थी: आप बहुत अछा सेक्स करते हो. इतनी देर तक तो मेरे पति ने भी कभी नही किया, जितना आपने किया है. अब से मैं आपकी हू, जब कहोगे तब मैं आपके पास अवँगी.
मैने उससे कहा: ई लोवे योउ जान.
उसने भी मुझे कहा: ई लोवे योउ 2.
और फिर वो वॉशरूम जाने लगी. जैसे ही वो वॉशरूम जाने लगी, मैने देखा उसकी क्या मस्त गोरी गांद थी. मेरा फिर खड़ा हो गया, और मैं उसके पीछे-पीछे चल दिया. फिर मैं उसके साथ शवर लेने लगा.
मैने कहा: भावना मुझे तुम्हारी गांद लेनी है.
वो माना कर रही थी: नही, पीछे दर्द होगा. मैने कभी पीछे नही किया.
फिर मेरे बहुत कहने पर वो मान गयी. मैने उसकी आचे से गांद चाटने लगा. उसको किस करने लगा.
मैने कहा: जान मैं आराम से डालूँगा.
फिर मैने अपने लंड पर आचे से आयिल लगाया, और उसकी गांद पर भी. जैसे ही मैने ज़ोर का झटका मारा, पूरा लंड गांद को चीरता हुआ अंदर चला गया. वो चिल्ला उठी, और रोने लगी.
भावना: निकालो इसे, बहुत दर्द होने लगा है.
उसकी आँखों में भी आँसू आ गये. पर मैने एक ना सुनी. फिर थोड़ी देर बाद जब दर्द कम हुआ, तो मैं फिर झटके लगाने लगा, और उससे भी मज़ा आने लगा.
भावना: एयाया आआआ और ज़ोर से, और ज़ोर से जान, मेरे राजा आह.
20 मिनिट गांद मारने के बाद मैने उसकी गांद में ही सारा माल छोढ़ दिया, और फिर शवर लिया और बाहर आया तो टाइम 2 बाज गये थे. फिर स्मूच किया. वो बहुत खुश हो गयी थी. वो अपने होटेल वाले रूम में चली गयी. फिर मैं भी सो गया.
अब जब भी मौका मिलता है, हम सेक्स करते है. कभी होटेल में, कभी उसके घर पर.
तो कैसी लगी आपको मेरी ऑफीस सेक्स स्टोरी मुझे कॉमेंट करके बताना. देल्ही की भाभी या आंटी को सेक्स करना है, तो मुझे मैल करे.