ट्रेन में मिली लड़की के साथ ग़लतफहमी की कहानी

हेलो दोस्तों, मेरा नाम डीप शर्मा है, और मैं बेसिकली एंपी से बिलॉंग करता हू. मैं एक मंक कंपनी में काम करता हू. मुझे ट्रॅवेलिंग में काफ़ी रूचि है, और मैं घूमता रहता हू यहा से वाहा. मैं लगभग इंडिया के सारे स्टेट्स ट्रॅवेल कर चुका हुआ हू, और हमेशा टाइम निकाल कर घूमने के लिए निकल पड़ता हू.

बॉस लीव ना दे तो मैं कुछ बहाना करके निकल आता हू. बिकॉज़ कंपनी में काफ़ी स्ट्रेस रहता है और वर्क लोड भी. तो दोस्तों मैं रेग्युलर रीडर हू यहा, और मैने ऑलमोस्ट सभी ऑतर्स की स्टोरीस पढ़ी है. काफ़ी मज़ा आता है स्टोरी पढ़ कर. सीरीस वाली स्टोरीस ज़्यादा अची लगती है.

मैं काफ़ी टाइम से सोच रहा था की मैं भी स्टोरी लिखू. बुत बिज़ी शेड्यूल के कारण मैं इतना टाइप नही पाता हू, और बीच में स्टोरी को छ्चोढना पड़ता है. कुछ स्टोरीस लिखने के बाद भी सब्मिट नही हो पाई. मैं इस बार काफ़ी उमीद से लिख रहा हू, की मेरी स्टोरी भी पब्लिश हो और मैं अपना एक्सपीरियेन्स सब के साथ शेर करू.

बिकॉज़ सेक्स को करने से नही, जानने से और पढ़ने से काफ़ी न्यू वाइब्स मिलती है, जो सेक्स लाइफ के लिए काफ़ी इंपॉर्टेंट है. एक टाइम के बाद नया-पन्न फील नही होता है. और अगर आप सेक्स के बारे में स्टडी करोगे, तो कुछ हमेशा नया फील करोगे.

तो मैं डीप शर्मा न्यू राइटर हाज़िर हू. मैं आया हू एक न्यू स्टोरी लेकर जो मेरे साथ कुछ दिन पहले हुई. मैं पहली बार अपनी स्टोरी लिख रहा हू. बुत मैं अप्रॉक्स 6-7 साल से रीडर रहा हू. मैं सभी की लिखी हुई स्टोरी को पढ़ता हू, और कॉमेंट और रिप्लाइ देता हू.नॅब मैं अपनी स्टोरी स्टार्ट करता हू.

मैं एक मंक कंपनी में जॉब करता हू, और मेरा आना-जाना लगा हुआ रहता है ट्रॅवेल में. बुत अभी कुछ टाइम पहले मैने स्टडी का प्लान बनाया और मैने अड्मिशन ले लिया इंडोरे में एक यूनिवर्सिटी में.

मेरे को 6 महीने से ज़्यादा टाइम हो गया कॉलेज में. ओन्ली पेपर देने के लिए कॉलेज जाना था. मेरे एग्ज़ॅम डेले हो गये और जान/ फेब में स्टार्ट हुए. इतना लाते होने के कारण मुझे कंपनी से लीव नही मिल पा रही थी. बॉस को जैसे-तैसे कन्विन्स करके मैने लीव ले ली, और रिटन एग्ज़ॅम हो गये आचे से.

फिर कॉलेज मॅनेज्मेंट ने बोला आपको प्रॅक्टिकल में भी अवेलबल रहना पड़ेगा. तो मैने माना कर दिया. मॅनेज्मेंट बोलने लगा आपका सेमेस्टर बॅक हो जाएगा. फिर मैने लीव के लिए अप्लाइ किया. बॉस माना करने लगे, बिकॉज़ कंपनी ट्रैनिंग सेम टाइम पर थी. जिस टाइम मेरा प्रॅक्टिकल एग्ज़ॅम था, उसी डटे को कंपनी ट्रैनिंग भी थी. फिर फाइनली डिसाइड करके मैने प्रॅक्टिकल को प्राइयारिटी दी और चल दिया प्रॅक्टिकल देने.

मुझे नही पता क्या होने वाला था. लेकिन इस सफ़र में मेरे साथ कुछ न्यू आक्सिडेंट होने वाला था. मैने टिकेट करवाई प्रयगराज एक्सप्रेस में. मेरी ट्रेन रात को 2 बजे थी, और मुझे कॉलेज मॉर्निंग 10 बजे तक पहुँचना था. किस्मत से ट्रेन लाते नही हुई, और मैने बोर्ड किया म2 कोच में.

मैं सोच रहा था रात के सफ़र में कोई मिल जाएगा तो सफ़र अछा काट जाएगा. बुत ऐसा हुआ नही. जैसे ही मैने ट्रेन बोर्ड की, ट्रेन में मैने आस-पास देखा कुछ टाइम काटने के लिए. बिकॉज़ मुझे नाइट में जल्दी नींद नही लगती. मैं चारो और देख कर निराश हो गया, और थोड़ी देर बाद मैं ब्लंकेट लेकर सो गया.

मॉर्निंग में 6 आम मेरी आँख खुली तो देखता हू सामने एक बहुत ब्यूटिफुल लेडी खड़ी हुई थी. मैं सर्प्राइज़ था की सुबा-सुबा ऐसा कैसे हो गया. रात में तो कोई नही था. फिर ये चमत्कार कहा से हो गया. मेरी बर्त साइड लोवर थी, और वो मिड्ल बर्त पर थी.

लोवर सीट खाली होने के बाद उस लड़की ने मिड्ल सीट को ओपन कर दी, और लोवर सीट पर बैठ गयी. आँखें खुलने के बाद मैं तो उसे ही देखे जेया रहा था. वो समझ गयी थी की ये मुझे देख रहा है, बुत उसने कुछ नही बोला. मेरी नज़र उससे हॅट नही रही थी, क्यूंकी उसने काफ़ी फिट ड्रेस पहनी हुई थी.

जब वो सीट को अड्जस्ट कर रही थी, तो उसकी बॅक मेरे साइड थी. काफ़ी टाइट लेगैंग्स पहने हुई थी वो. उसकी पनटी की शेप क्लियर दिख रही थी, और मैं उसे घूरे जेया रहा था. वो काफ़ी हॉट दिख रही थी. उसे देख कर मेरा डिक भी टाइट होने लगा था. बार-बार तंबू बनता जेया रहा था. मुझे उसको घूरते हुए लगभग फिफ्टीन मिनिट्स हो गये थे.

वो मुझे अब्ज़र्व कर ली थी, और उसे ऐसा लगने लगा की ये बंदा बिल्कुल हवासी की तरह घूर रहा है. फिर कुछ देर बाद मैने घूर्णा बंद किया. मेरे मोबाइल में कुछ मेसेज आया, तो मैं फोन चेक करना लगा. मेरे हाथ ठंडे होने से मैने दोनो हॅंड्ज़ से मोबाइल पकड़ रखा था.

तभी उसको लगा की ये मेरी फोटो निकाल रहा है. बिकॉज़ दोनो आइज़ फ्रंट में लाने से मेरा फोन अनलॉक होता है और साउंड होता है. उसको लगा की इसने मेरी फोटो क्लिक कर ली है. मैं मोबाइल स्क्रोल कर रहा था, तो वो कुछ बोली. मैने ध्यान नही दिया बुत उसने दोबारा बोला-

वो: आपने मेरी फोटो ले है क्या?

मैने कहा: नही.

फिर मैने अपना फोन उसको दिखाया, बुत वो माना की. मैं अपने बर्त से उठा, और फोन उसकी साइड करते हुआ बोला-

मैं: आपको डाउट है तो चेक कर लो.

वो माना की. फिर मेरा दिमाग़ खराब होने लगा की यार ये लड़कियाँ थोड़ी स्मार्ट या ब्यूटिफुल लगने पर सामने वाले को कुछ भी समझ लेती है. कुछ भी जड्ज कर सकती है “मेरी पिक ले लिया ये”.

मैं फिर उसे ही देखता रहा, और वो जो कुछ भी मेरे बारे में समझी ये बंदा कैसा है. मुझे गुस्सा आ रहा था की उसे बोल डू की तेरे जैसी तो एक रात के लिए मिल जाती है 6 से 10 हज़ार दो तो. पर मैने कुछ नही बोला और चुप रहा. फिर

इंडोरे स्टेशन आने पर वो ट्रेन से उतार गयी, और मैं अपने लास्ट स्टॉपेज पर आ गया.

मैं यही सोच रहा था की उसने जो मुझे बोला और मेरे को जड्ज किया, उससे अछा तो मैं उसकी पिक ही ले लेता, और हरकत कर सकता था. फाइनली स्टॉपेज आने के बाद मैं कॉलेज चला गया, और अपना एग्ज़ॅम दिया.

आयेज की स्टोरी अगले पार्ट में. स्टोरी अची लगे तो कॉमेंट करना. ई आम वेटिंग फॉर युवर रिप्लाइ. मेरी फर्स्ट स्टोरी है, और मुझे बहुत कुछ लिखना बाकी है. आयेज की स्टोरी में पता चलेगा की कैसा इंट्रेस्टिंग मोमेंट रहा.

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