ट्रेन में मिली प्यासी चूत

मैं फ़ोरप्ले करने में एक बार झड़ चुका था और वो भी अपना पानी छोड़ चुकी थी। इसका एहसास हम दोनों को तब हुआ जब मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया।

वो ‘ओह मेरी जान.. ओह ओह..’ की आवाज़ निकाल रही थी। वो मेरे ऊपर आई और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी और वो अपनी जुबान मेरे मुँह में घुमाने लगी।
मेरा लंड उसके हाथ का स्पर्श पाकर फिर से खड़ा हो गया।

मैंने वक्त को जाया ना करते हुए उसको अपने नीचे किया और उसकी टांगों को खोल दिया।
वो बोलने लगी- ओह लव मेरी जान.. कम ऑन..

मैंने अपने लंड के टॉप को उसकी चूत पर रखा।
वो पहले से ही चुद चुकी थी.. इसलिए मुझे ज़्यादा दिक्कत नहीं हुई।
ऊपर से उसकी चूत गीली भी थी तो ‘सर्रर..’ से मेरा लंड उसकी चूत में एक ही धक्के में आधे से ज़्यादा घुस गया। उसके मुँह से ‘आह..’ की आवाज़ निकली और दूसरे धक्के में पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया।

फिर वो थोड़ा ‘आऊच’ करके चिल्लाई और ‘आह.. आह..’ करने लगी।

मैंने उसे चोदने के लिए इशारे में पूछा.. तो उसने सिर हिला कर अपना ‘हाँ’ में जवाब दे दिया।
अब मैं धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा। वो वो ‘इसस्स्स्स..’ की आवाज़ निकालने लगी।

फिर क्या था.. मैंने अपने स्पीड तेज कर दी.. वो ‘आ आ.. इस्स.. ओह..’ मादक आवाजें निकाल रही थी।
‘फक मी.. हार्ड.. फक मी जानू.. ओह.. मजा आ गया।’

कुछ मिनट चोदने के बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गए, उसकी चूत मेरे पानी से भर गई।
थोड़ी देर हम ऐसे ही एक-दूसरे को बांहों में लेकर पड़े रहे।

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वो मुझसे कहने लगी- लव सब कुछ कितना जल्दी हो गया ना.. जैसे सपने में होता है.. प्लीज़ मेरी लाइफ से चले मत जाना।

मैंने कहा- जानू अभी तो हम मिले हो.. जुदाई की बात मत कहो।

मैंने उसे चूम लिया और उसके होंठों को चूसने लगा। साथ ही मैं उसकी ज़ीभ को भी चूसने लगा।

वो अपने हाथों से मेरी पीठ और मेरे बाल सहलाने लगी और मुझे ‘आई लव यू’ बोलने लगी।

कुछ पल उसकी चूत को सहलाने में मेरा लंड फिर से कड़क हो गया और वो उस को और हिलाने लगी।

मैंने फिर से लण्ड को उसकी चूत में पेल दिया। इस बार हमने लंबी चुदाई की और फिर से निढाल होकर बेड पर गिर गए। एसी रूम था और हम दोनों पसीने में तर होकर हाँफ़ रहे थे और एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे।

अब मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया। वो मेरी छाती को सहलाने लगी और ‘लव यू लव’ कहने लगी। फिर पता ही नहीं चला.. कब हमारी नींद लग गई और जब नींद खुली तो सुबह के दस बज चुके थे।

जैसे ही टाइम देखा तो हम दोनों जोरों से हँसने लगे और मैं कहने लगा- परीक्षा देने आए थे और यहाँ पड़े हैं।
फिर हमने साथ में नहाया.. नाश्ता और चाय ली।

अब परीक्षा का समय तो निकल गया था तो हमने भोपाल में घूमने का प्रोग्राम बनाया।
हम झील घूमे.. माल में घूमे मूवी देखी.. और मूवी में एक-दूसरे के साथ चूमाचाटी की।

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मैंने उससे कहा- अब क्या प्रोग्राम है?
उसने कहा- जो आप कहो जान।
मैंने कहा- कहीं बाहर चलें मस्ती करने..

वो मान गई.. क्योंकि वो उज्जैन में हॉस्टल में रहती थी।
उसने वहाँ फोन किया और बोली- मेरी तबियत खराब हो गई है.. तो भोपाल में अपने एक रिश्तेदार के यहाँ रुकूँगी।

मैंने भी अपने ऑफिस में फ़ोन पर अपनी छुट्टी आगे 4 दिन और बढ़वा ली।

फिर हम यहाँ से पचमढ़ी के लिए चले गए.. वहाँ मस्ती की।
आगे क्या-क्या हुआ.. वो मैं आगे के भाग में बताऊँगा।

दोस्तो मेरी यह पहली कहानी है.. अगर कुछ ग़लती लगी हो.. तो माफ़ करना और अपने विचार मुझे मेरे मेल पर जरूर भेजना।

आपका लव कुमार

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