ट्रेन में मिली प्यासी चूत

उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराने लगी।
फिर मुझे लगा कि शायद वो भी यही चाहती है।
मैं चैक करने के लिए उससे थोड़ा और सट गया और धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया।

उसने ऐतराज नहीं किया और वो भी मुझसे सट गई।
फिर क्या था मेरी हिम्मत और बढ़ गई।
मैंने धीरे से उसके गाल पर चुम्बन कर दिया।

उसने भी उसी अंदाज में मुझे किस करके उसका जवाब दिया। फिर मैंने उसके होंठों को चूम लिया, वो भी मेरा साथ देने लगी।

हम एक-दूसरे को चूसने लगे।
क्या मस्त रसीले होंठ थे यार उसके.. बिल्कुल शहद की तरह मीठे..

फिर हम एक-दूसरे को जुबान चूसने लगे और मैंने अपना एक हाथ उसके बोबों पर रख दिया और दबाने लगा।
उसने भी चूचे उठा दिए।

अब तो मैं उसकी कुरती में हाथ डालकर उसके बोबे दबाने लगा। वो भी अपने हाथों से मेरे गालों को सहला रही थी।

पूरे दस मिनट हम दोनों ने किस किया।
इतने में ही उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
अब वो मेरे लंड को दबा रही थी.. मेरा भी पानी आ गया था।

फिर मैं उसके बोबे चादर के अन्दर से मसलने लगा.. वो मेरे सीने पर अपना सिर रखकर लेट गई और अपनी लाइफ के बारे में बताने लगी कि कैसे उसके ब्वॉयफ्रेंड ने उसे प्यार किया.. उसके सात सेक्स किया और छोड़ दिया।

तभी मैंने उससे प्यार का इज़हार किया और उसने भी ‘हाँ’ कर दी।

यूं ही प्रेमालाप चलता रहा.. समय का पता ही नहीं चला।

फिर थोड़ी देर में भोपाल आ गया। हम एक-दूसरे का हाथ पकड़कर स्टेशन से बाहर आए और ऑटो में बैठे और ऑटो वाले से जहाँ हमारा परीक्षा केंद्र था.. वहाँ पास में कोई होटल में ले चलने को कहा।

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हमे पिपलानी जाना था। ऑटो वाले ने हमें एक होटल के सामने छोड़ दिया।

यह होटल काफी बड़ा था। हम वहाँ गए और एक डीलक्स रूम बुक कराया। हम दोनों ने परिचय में एक-दूसरे को पति-पत्नी बताया और कमरे में दाखिल हुए।

फिर वहाँ हमने एक-दूसरे को गले से लगाया और किस किया, मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटाया।

वो बोली- ओह लव.. थोड़ा सब्र करो.. मैं कहाँ भागी जा रही हूँ.. तुम बहुत फास्ट हो यार.. पहले मुझे फ्रेश होने दो।

वो मुझे धक्का देकर बाथरूम में चली गई और पाँच मिनट में सिर्फ़ समीज़ में मेरे सामने आई।

मैंने कहा- जान.. अब मत सताओ.. अभी आओ ना।

वो मेरे पास आई.. मैंने उसे खींच लिया और चूमने लगा।
मुझे होंठों को चूमना बहुत पसंद है।
हम एक-दूसरे को पूरे जोश से चूम रहे थे।

उसने मेरे बदन से मेरा लोवर और मेरी टी-शर्ट अलग की। अब मैं बस चड्डी में था।

वो मेरे ऊपर आकर मुझे चूम रही थी, तभी मैंने उसकी समीज़ उतार दी।

अब वो सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी में मेरे ऊपर थी। मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी भी उतार दी। वो मुझे ‘लव मेरी जान’ कह रही थी। मैंने अपनी चड्डी उतार दी। मैं यह तो नहीं कहूँगा कि मेरा लंड बहुत लम्बा और मोटा है बस इतना बड़ा है जो सेक्स के लिए आवश्यक होना चाहिए।

फिर मैंने उसे नीचे किया और उसके बोबे चूसने लगा और दबाने लगा। वो मस्त होने लगी तो इसी तरह मैं उसके पेट को चूमने लगा.. फिर उसकी नाभि को चूमा। फिर धीरे से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। उसकी चूत साँवली सी थी।

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