ठरकी ट्यूशन टीचर और मेरी चुदाई

यह कहानी तब की है, जब मैं फर्स्ट ईयर कॉलेज में पढ़ रही थी। मैं उत्तर प्रदेश के एक गर्ल्स कॉलेज से हूं, जो कि बरेली में स्थित है।

मेरा नाम नेहा है, और मैं एक बहुत शरारती लड़की हूं। अभी मैं फर्स्ट ईयर कॉलेज में पढ़ रही थी, और मेरी उम्र अभी 19 साल ही थी। मुझ पर अभी नयी-नयी जवानी चढ़नी शुरू हुई थी, और मेरी चूचियां मेरे कपड़ो से साफ झलकती थी। मेरी फैमिली में मेरे पापा, मम्मी, और मेरी एक बड़ी बहन है, जो कि दादी के पास लखनऊ में रह कर कॉलेज मे पढ़ रही थी।

मेरे पापा की बरेली में पोस्टिंग थी, इसलिये हम सब बरेली में रहते थे। घर में सिर्फ मैं अपने मम्मी-पापा के साथ रहती थी। मैं दिखने में तो ठीक-ठाक हूं, पर मैं बहुत ज़्यादा हॉट हूं। इसी वजह से मेरे पास काफी लड़को के ऑफर भी आते थे।

जब मैं फर्स्ट ईयर कॉलेज में पहुंची, तब मेरी मां ने मेरे लिए एक ट्यूशन टीचर तलाश किया। उन्होंने एक युवा लड़के अर्जुन को नियुक्त किया, जो मुझसे सात साल बड़ा था।

अर्जुन एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक व्यक्ति था, और उसकी शिक्षा में भी काफी अच्छी पकड़ थी। मगर वो बहुत ठरकी आदमी था। और जब से उसने मुझे देखा था, तब से वो मुझे चोदने के ख्वाब देखने लगा।

मुझको भी अर्जुन पहली नज़र में पसंद आ गया था। अर्जुन मुझे मेरे घर में आ कर पढ़ाता था। मेरे पापा ऑफिस चले जाते थे, तो घर में बस मैं और मम्मी रहती थी।अर्जुन मुझे मेरे कमरे में पढ़ाता था, जो कि पहली मंजिल पर था।

मम्मी ग्राउंड फ्लोर में रहती थी। उनके जोड़े में प्रॉब्लम थी, इसलिए वो ऊपर ज्यादा आती नहीं थी। यहां मेरी जवानी अभी चरम पर थी, और घर में मैं सिर्फ कॉटन का टॉप और शॉर्ट्स पहनती थी। क्योंकि उस वक्त गर्मी बहुत थी।

उसमें से मेरी चूचियां साफ दिखती थी। जब मैंने देखा कि जब मैं इन कपड़ो में रहती थी, तो अर्जुन का पूरा ध्यान मेरी चूचियों पर रहता था। तब से मैं रोज़ उनके सामने टॉप और शॉर्ट्स ही पहनने लगी।

अब अर्जुन भी बहुत मुश्किल से अपने आप को रोक पा रहा था| अभी चार-पांच दिन ही हुए थे। मैं कॉलेज से आ रही थी, और रास्ते में बारिश शुरू हो गई। मैं भीग गई। फिर जब मैं घर पहुंची, तो मैंने अपनी स्कर्ट और शर्ट उतार दी।

अब मैं सिर्फ छोटी सी निक्कर और ब्रा में थी। फिर मैं बारिश में नहाने टेरेस पर चली गई। मुझे लग रहा था कि अर्जुन इतनी बारिश में नहीं आएगा। पर वो उस दिन भी आ गया। जब उसे मैं अपने कमरे में नहीं मिली, तो वो छत पर आ गया

मैंने लगभग कुछ पहन ही नहीं रखा था, और भीगने के कारण मेरी चूचियां मेरी ब्रा से साफ दिख रही थी। नीचे भी मैंने एक छोटा सा कॉटन का निक्कर पहना था। मैं उसे देख कर शॉक हो गई और अपने कमरे में जाने लगी। उसने मुझे पकड़ा लिया और बहुत गंदी तरह से छूने लगा।

वो कहने लगा: पढ़ाई तो रोज होती है, पर बारिश तो कभी-कभार ही होती है। आज अच्छे से ना लो तुम।

इसलिए मैं दोबारा से उसके सामने नहाने लगी। मैंने उसकी पेंट में ध्यान दिया। उसका लंड पूरा तन चुका था। मैं बहुत शरारती लड़की हूं,‌ इसलिए मैं उसे बार-बार अपनी गांड दिखाने लगी।

फिर जब बारिश हल्की हो गई, तो नीचे से मम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई। मैं इन कपड़ो में उनके सामने नहीं जा सकती थी। अर्जुन नीचे चला गया।

मम्मी को आज एक रिश्तेदार के यहां जाना था। वो 6-7 घंटे के लिए वहां चली गई। अब मैं अर्जुन के साथ घर में अकेली थी। जब तक वो ऊपर आया, तब तक मैं भी अपने कमरे में आ गई थी, और टी-शर्ट पहनने लगी। तभी उसने मुझे रोक लिया, और बोलने लगा, “तुम इन कपड़ो में बहुत अच्छी लग रही हो”। मुझे शर्म आने लगी। ये देख कर उसने अपनी शर्ट उतार दी, और मुझे किस करने लगा।

अब मैंने भी उसका साथ दिया।

फिर उसने मेरी ब्रा उतार दी। अब मेरी चूचियां बिल्कुल आजाद थी। वो उन्हें दबाने लगा, और फिर मेरा निक्कर उतार कर अपनी पेंट उतार दी। अब वो मेरे सामने अंडरवियर में था। फिर उसने मुझे अपने लंड पर बिठा लिया, और पीछे से मेरी गरदन पर किस करने लगा, और मेरी चूचियों को भी जोर से दबाने लगा।

मुझे अब बहुत मजा आ रहा था, और अपनी गांड पर उसका लंड साफ महसूस हो रहा है। मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया। अब वो मुझे ऐसे ही आपनी बाहों में उठा कर मुझे मेरे मम्मी पापा वाले बेडरूम में ले आया।

फिर वो मेरे ऊपर आ गया और मेरी चूचियों को चूसने लगा। उसने 15-20 मिनट तक मेरी चूचियों को बहुत चूसा। उसके बाद मेरी चूत को अपनी उंगलियो से चोदने लगा।

उसके बाद उसने अपना अंडरवीयर उतार दिया, और उसका लंड बाहर आते ही मेरी चूत को सलामी देने लगा। फिर उसने मुझसे अपना लंड चूसने को कहा। पहले तो मैंने मना किया, पर उसके ज्यादा जोर देने पर मैंने उसे चूसना शुरू कर दिया।

अब उसका लंड अब पूरा तन चुका था। वो सरसो का तेल लेकर आया और अपने लंड पर अच्छे से मला। उसके बाद थोड़ा सा तेल मेरी चूत पर भी लगा दिया। आज मेरी टाइट चूत पहली बार किसी आदमी का लंड खाने वाली थी। मुझे बहुत डर लग रहा था। अर्जुन के लंड का आकार बहुत बड़ा था। उसने फिर मुझे डॉगी पोजीशन में आने को कहा, और में उस के लिए कुटिया बन गई। फिर वो मेरे पीछे आया, और अपने लंड को मेरी चूत पर सेट किया, और अंदर डालने की कोशिश करने लगा।

मेरी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी, और उसका लंड स्लिप हो गया। फिर उसने दोबारा से मेरी छूत पर अपने लंड को सेट किया, और एक बहुत ज़ोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में 30 प्रतिशत तक घुस गया, और मेरी जान निकल गई। मैं रोने लगी।

वो कुछ देर तक ऐसे ही रहा। उसके बाद उसने एक और जोरदार झटका मारा। अब उसका लंड मेरी छूत के 50 प्रतिशत तक घुस गया था। मैं चिल्लाने और रोने लगी।

अब उसने मुझे चोदना शुरू कर दिया। उसका लंड अभी मेरी चूत में आधा ही घुसा था, पर उसके लिए इतना भी बहुत था। वो बहुत धीरे-धीरे डाल रहा था। उसके बाद मेरा भी दर्द कम हो गया, तो मैंने भी नीचे से साथ देना शुरू किया। इस बार उसने बहुत जोर से धक्का मारा, और उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया था।

अब में चिल्लाने और लगी रोने लगी, मगर अब उस पर भूत सवार था। और अब वो बहुत जोर से कर रहा था। फिर मेरा भी दर्द कम हो गया था, और मैं उससे चुप-चाप चुदवा रही थी। फिर 15-20 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में झाड़ दिया।

मैं सोच रही थी कि अब वो मेरे साथ और नहीं करेगा। पर वो बहुत सालों का भूखा था, और वो अच्छे से जनता था कि ऐसे मौके बार-बार नहीं मिलते। अर्जुन ने उस दिन मुझे 3-4 घंटे तक लगातार चोदा।

उसके बाद वो मुझसे लिपट कर सोया। फिर जब हमारी आंख खुली वो मार्केट चला गया, और वहां से दवाई लाया तांकि मैं प्रेग्नेंट ना हो जाऊँ।

उस दिन के बाद हमे जब भी मौका मिलता हम जी भर कर चुदाई का खेल खेलते। तब से लेके अब तक मेरा और अर्जुन का चुदाई का रिश्ता चल रहा है।

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