मैं और सीमा मस्ती से बाथटब में नहाये और कपड़े पहनकर बाहर आये।
होटल पहुंचकर बेड पर सीमा ने मुझे खूब चूमा और बोली- ऐसा सेक्स का आनन्द मैंने कभी सोचा भी नहीं था और मैं बहुत खुशनसीब हूँ जो मुझे आप जैसा खुली सोच का पति मिला।
एक बात हम दोनों की तय हुई कि दिल्ली पहुँच कर हम कोई एसा जोड़ा जरूर ढूढ़ेंगे जो हमारी जैसी सोच का हो और जिसके साथ हम स्वैपिंग का मजा ले सकें।
अगले दिन हम दिन भर कमरे में ही चुदाई को अंजाम देते रहे, बेशर्मी इतनी आ गई थी कि दोपहर को जब होटल के रेस्टोरेंट में खाना खाने गए तो सीमा ने एक शार्ट फ्रॉक पहनी जिसमें उसके मम्मे और निप्पल साफ़ दिख रहे थे।
और जब वो खाना खाने टेबल पर बैठी तो उसकी चिकनी चूत चमक मार रही थी।
मैंने भी टी शर्ट और बरमूडा पहना। बरमूडा के अन्दर मेरा खड़ा लंड सलामी दे रहा था।
देर शाम को हम लोग बीच पर गए, वहाँ का भी अलग ही नजारा था, तमाम जोड़े बिना किसी की परवाह किये बीच का आनन्द ले रहे थे। लड़कियों ने तो टू पीस स्विम सूट और आदमियों ने शॉर्ट्स पहने थे।
कुछ जोड़े तो चिपके हुए समुद्र की लहरों में बैठे थे।
जैसे जैसे अँधेरा होने लगा, माहौल में कामुकता छाने लगी, जोड़ों के होंठ होठों से मिलने लगे, हाथ टटोला टटोली करने लगे।
सीमा को मैंने अपनी टांगों के बीच लिटा रखा था, मैं भी उसके मम्मों को मसल रहा था।
सीमा ने पलटी खाकर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया।
लगभग हर जोड़ा किसी न किसी तरह अपने साथी के शरीर से खेल रहा था। किनारे पर बहुत सारी लड़कियाँ अकेली बैठी थी, वो अपने ग्राहकों के इन्तजार में थी।
थाईलैंड में देह व्यापार खुल कर है।
मस्ती के दिन और मस्ती की रातों के बीच हमने अपना थाईलैंड ट्रिप पूरा किया।