ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अरुण है. मैं देल्ही में रहता हू, और कॉलेज में 2न्ड एअर का स्टूडेंट हू. मेरी हाइट 5’9″ है, और लंड 6.5 इंच का है. मैने जिम जाके थोड़ी बॉडी भी बनाई हुई है, और दिखने में मैं अछा-ख़ासा हू. ये कहानी मेरी और मेरी इंग्लीश टीचर किरण में हुई चुदाई की है. तो चलिए मैं सीधे अपनी कहानी का रुख़ करता हू.
जैसा की मैने आपको बताया की मैं 2न्ड एअर कॉलेज का स्टूडेंट हू. किरण मेडम हमारी इंग्लीश टीचर है, और मेरी डोर की पड़ोसी भी. डोर की इसलिए, क्यूंकी जिस गली में मैं रहता हू, मेडम उसी गली में मेरे घर से 19-20 घर डोर रहती है.
किरण मेडम की उमर 27 साल है, और अभी तक उनकी शादी नही हुई. उनका रंग हल्का गोरा है, और फिगर बेहद सेक्सी है. उनका साइज़ तकरीबन 34-29-36 होगा. वो लेगैंग्स-कुरती ही पहनती है, वो भी पूरी फिटिंग वाली. ऐसे कपड़ों में वो बहुत सेक्सी लगती है. लेगिंग में उनकी जांघों और गांद की पूरी शेप दिखती है.
उसमे से उनकी पनटी की लाइन देख कर वो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. मैने कभी सोचा भी नही था की इतनी खूबसूरत लड़की, और वो भी मेरी टीचर को छोड़ने का मौका मुझे मिलेगा. लेकिन ऐसा हुआ, और वो कैसे हुआ, मैं आपको आयेज की कहानी में बतौँगा.
एक दिन कॉलेज ऑफ हुआ, और सब स्टूडेंट्स जाने लगे. मुझे लाइब्ररी से कुछ बुक्स लेनी थी, तो मैने अपने दोस्तों को जाने के लिए कहा, और मैं लाइब्ररी की तरफ निकल पड़ा. हमारा कॉलेज बंद होने के बाद भी लाइब्ररी शाम तक खुली रहती है. वाहा जाके मैने अपने काम की बुक्स इश्यू कराई, और वाहा से निकल पड़ा.
लाइब्ररी कॉलेज के एंड में है. वाहा तक जाने के लिए पुर कॉलेज का रौंद लगाना पड़ता है. जब मैं वाहा से वापस आ रहा था, तो रास्ते में एक क्लास में से मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी. ये आवाज़ सीनियर्स के क्लासरूम से आ रही थी.
वो आवाज़ सुन कर मैं वही रुक गया. जब मैने अंदर देखा, तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. मैने देखा की सीनियर क्लास का एक लड़का किसी लड़की को बेंच पर लिटा कर छोड़ रहा था. वो लड़की नीचे से नंगी थी, और वो लड़का उसकी छूट में लंड अंदर-बाहर कर रहा था.
उस लड़की की आ आ की आवाज़े आ रही थी. उस लड़की का सर मेरी तरफ था, और उसके पीछे मुझे उसके बूब्स का उभार नज़र आ रहा था. उसका शर्ट देख कर तभी मेरा दिमाग़ तनका. क्यूंकी ऐसा ही सेम शर्ट आज किरण मेडम ने पहना हुआ था. ओह मी गोद! ये तो किरण मेडम ही थी.
तभी उस लड़के ने स्पीड बधाई, और मेडम की सिसकियाँ और ज़ोर से निकालने लगी. फिर उस लड़के ने अपना लंड उनकी छूट से निकाला, और अपना सारा माल उनके पेट पर निकाल दिया. तभी मेडम उठी, और उनकी नज़र सीधे मेरी तरफ पड़ी. उन्होने बोला-
मेडम: अरुण!
जैसे ही उन्होने मेरा नाम लिया, मैं वाहा से भाग आया. उसके बाद वाहा क्या हुआ, मुझे नही पता. मैं कॉलेज के बाहर आया, और बिके पर बैठ कर सीधे घर की तरफ निकल पड़ा. घर पर अब मेरे मॅन में मेडम के ही ख़याल आए जेया रहे थे. मेरा लंड तो उनके बारे में सोच-सोच कर बैठ ही नही रहा था.
रात को भी मुझे नींद नही आ रही थी, और मेडम के ही ख़याल आए जेया रहे थे. फिर मैने मूठ मारी, और फिर जाके कही मुझे नींद आई. अगला दिन सनडे था. मैं सुबा देरी से उठा. फिर नहा कर रेडी हो गया.
तकरीबन 10 बजे मुझे किसी अननोन नंबर से कॉल आई.
मैने फोन उठाया.
मैं: हेलो.
मेडम: हेलो, अरुण?
मैं: जी, आप कों?
मेडम: मैं किरण हू, तुम्हारी इंग्लीश टीचर.
मेडम का नाम सुन कर मैं हैरान हो गया. फिर मैने बोला-
मैं: जी मेडम, बताइए.
मेडम: मुझे कुछ काम था तुमसे, तुम मेरे घर आ सकते हो?
मैं: हंजी आ जाता हू. कब अओ.
मेडम: अभी आ जाओ.
फिर मैने अपनी मम्मी को बताया, और मेडम के घर पहुँच गया. मैने बेल बजाई, और मेडम ने दरवाज़ा खोला. जैसे ही मैने मेडम को देखा, तो देखता ही रह गया. मेडम ने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. उन्होने ब्रा नही पहनी थी, जिससे उनके निपल्स सॉफ नज़र आ रहे थे. मुझे उनके इरादे कुछ ठीक नही लग रहे थे. फिर मैने उनसे कहा-
मैं: जी मेडम, क्यूँ बुलाया आपने?
मेडम: अंदर तो आओ.
मैं फिर अंदर गया. मेडम ने दरवाज़ा बंद किया, और मेरे आयेज-आयेज चलने लगी. टाइट शॉर्ट्स में उनकी मटकती गांद देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा. वो मुझे हॉल में ले गयी, और वाहा सोफा पर बैठने के लिए कहा. मैं सोफा पर बैठ गया. फिर उन्होने मुझसे पूछा-
मेडम: क्या लोगे, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक.
मैं: जी कुछ नही, आप बताइए मुझे यहा क्यूँ बुलाया.
मेडम: तुम्हे कही जाना है क्या?
मैं: नही.
मेडम: फिर इतनी जल्दी भी क्या है? चलो बताओ कॉफी या कोल्ड ड्रिंक?
मैं: कॉफी.
मेडम: ये हुई ना बात.
फिर वो किचन में चली गयी कॉफी बनाने के लिए. उनकी किचन हॉल के बिल्कुल सामने थी. जहा मैं बैठा था, वाहा से पूरी किचन नज़र आ रही थी. मेरी नज़र मेडम की गांद पर ही थी. वो मटक-मटक कर कॉफी बना रही थी. दिल तो कर रहा था की उनको पीछे से जाके पकड़ लू, और नंगा करके छोड़ू. लेकिन इतनी हिम्मत कहा से लाता?
5 मिनिट में कॉफी रेडी हो गयी, और वो ट्रे में 2 कप कॉफी लेके हॉल की तरफ आ रही थी. उनके चलने पर उनके बूब्स त-शर्ट में हिल रहे थे. उनके बूब्स के निपल्स कड़क लग रहे थे, और उनको देख कर मेरे मूह में पानी आ रहा था. अब तक मैं ये नही समझ पाया था, की मेडम ने आख़िर मुझे अपने घर बुलाया क्यूँ था.
तभी मेरा ध्यान इस बात पर पड़ा की वाहा कोई और नही था. तो मैने मेडम से पूछा-
मैं: मेडम बाकी सब कहा है?
मेडम: वो कही बाहर गये है.
मैं: आप अकेले हो घर पर?
मेडम: हा, क्यूँ?
मैं: नही ऐसे ही.
मेडम: तुम्हे दर्र तो नही लग रहा?
मैं: नही डरना किस बात पर. डरते तो भूत से है, परियों से कैसा डरना (मैने फ्लर्ट करते हुए कहा).
मेरी बात सुन कर मेडम हस्स पड़ी.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट करके ज़रूर बताए.