टीचर को चोदा डिसेंबर की ठंड में

हेलो दोस्तों, कैसे हो आप सब? मैं कॉल बॉय रोहित आप सभी ड्के रीडर्स के लिए न्यू स्टोरी लेके आया हू. स्टोरी पढ़ के मुझे अपनी फीडबॅक ज़रूर दे. मुझे मैल करे.

किसी को मुझसे चूड़ना है, तो भी मुझे मैल करे. असली देसी चुदाई मिलेगी, और पूरा मज़ा आएगा.

मैं अब सीधा स्टोरी पर आता हू. ये स्टोरी राजस्थानी टीचर की है, जो मुझसे चूड़ना चाहती थी. उसको मैने डिसेंबर की ठंड में खूब छोड़ा.

टीचर का नामे फ़िज़ा था. उसकी आगे 34 थी, और राजस्थान की रहने वाली थी. उसने मुझे चूड़ने के लिए कॉल की थी. उसने मुझे बताया-

फ़िज़ा: मैं आपकी सिटी के होटेल में रुकी हुई हू. आप 1 रात के लिए आ जाओ, मुझे बहुत ठंड लग रही है.

फिर उसने अपना अड्रेस सेंड कर दिया.

मैं फ़िज़ा के पास होटल चला गया. मैं उसके रूम में गया, तो उसने डोर ओपन किया. रूम में से फ़िज़ा ब्लू सलवार सूट, और लेदर जॅकेट में बाहर आई. मैने फ़िज़ा को कमर से पकड़ा, और गले लगा के बोला-

मैं: कैसे हो जान आप?

फ़िज़ा: अची हू, बुत ठंड बहुत लग रही है.

मैं: अब मैं आ गया हू बेबी. सारी ठंड डोर कर दूँगा आपकी.

फ़िज़ा: मैं एक स्कूल टीचर हू. मुझे खुश कर पाओगे?

मैं: मेरी जान आपको सेक्सी पढ़ाई मैं पड़ौँगा.

फिर मैने उसको गोद में उठाया, और सीधा बेड पर ले गया. उसने मुझे कस्स के पकड़ लिया. मेरे ठंडे हाथ उसकी सलवार के अंदर नंगी कमर पर थे. वो सी-सी करने लगी.

फ़िज़ा ने अपने ठंडे हाथ मेरे फेस पर रखे, और मुझे किस करने लगी. मैने भी उसका साथ किस देके दिया. उसने मेरे पुर फेस को किस करके, अपने सलाइवा से भर दिया.

फिर चाट-चाट के फ़िज़ा ने सारा फेस सॉफ कर दिया. उसको गर्मी चाहिए थी मुझसे. इसलिए वो बहुत तेज़-तेज़ मुझे गाल पे, और होंठो पे किस कर रही थी. और साथ में सिसकियाँ ले रही थी.

फ़िज़ा: उहह, बेबी मज़ा आ रहा है मुझे. आह, ऐसे ही मुझे रात भर प्यार करो, और मेरे ठंड निकाल दो जान.

मैं: एस बेबी, कम ओं, किस मे फास्ट.

उसके बाद मैने उसकी जॅकेट निकाल दी, और उसने मेरे जॅकेट उतार दी. कपड़े उतारते हुए हम एक-दूसरे को किस कर रहे थे. 1 मिनिट भी हम दोनो में से कोई नही रुका.

फिर मैने फ़िज़ा की कमीज़ निकाल दी, और अंदर उसने ब्रा पहन रखी थी. मैने उसकी वाइट ब्रा भी निकाल फेंकी. अब मेरी स्कूल टीचर फ़िज़ा उपर से नंगी थी. उसको हल्की सी ठंड लग रही थी. फ़िज़ा ठंड के कारण मुझसे चिपक गयी, और मुझे किस करने लगी.

मैने अपने ठंडे हाथ उसकी नंगी पीठ पर रखे, और सहलाने लगा. तो वो बोली-

फ़िज़ा: आह, स, आपके हाथ बहुत ठंडे है. मुझे गुदगुदी हो रही है.

फिर मैने उसको चेस्ट पर किस करने लगा, और बूब्स दबाने लगा. दोस्तों उसके बूब्स नॉर्मल साइज़ के थे. बूब्स के निपल पतले और उभरे हुए थे.

मैं उसके बूब्स को चूसने लगा, और निपल्स को काटने लगा. अब फ़िज़ा दर्द के मारे चीख रही थी.

फ़िज़ा: अहहाः, आउच, धीरे करो ना.

मैं उसके बूब्स ऐसे ज़ोरदार तरीके से चूस्टा गया. वो चूड़ने को मचल रही थी. फ़िज़ा को मज़ा भी आ रहा था मेरे इस हॉट रोमॅन्स से.

फ़िज़ा: ऐसा मज़ा मेरे हज़्बेंड ने भी नही दिया जानू. वो आज तक मेरा पानी भी नही निकाल पाए है, और तुमने सेक्स करने से पहले ही मेरा निकाल दिया.

मैं: मेरे सेक्सी जान. तुम देखती जाओ, आज रात सारी ठंड निकल जाएगी आपकी.

फिर फ़िज़ा ने मेरी शर्ट निकालनी शुरू की, और उसने मेरे शर्ट उतार के फेंकी. वो मेरी चेस्ट को चाटने लगी.

फिर फ़िज़ा ने मुझे सीधा लिटा दिया, और मुझे उपर से नीचे तक चाटने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसको कहा-

मैं: बेबी, कैसा लग रहा है?

फ़िज़ा: बहुत मज़ा आ रहा है. तुम्हारे साथ सेक्स करने में.

देन फ़िज़ा मेरी जीन्स उतारने लगी. अब मैं शॉर्ट्स में था. वो शॉर्ट्स के उपर से ही मेरे लंड के पास किस करने लगी. अपनी गरम ज़ुबान से वो मेरे लंड को जस्ट 2 इंच डोर से चाटने लगी.

मेरे आँखें बंद हो गयी, और बहुत मज़ा आने लगा था. फिर मैने उसको कहा-

मैं: आह मेरे रसीली सेक्सी टीचर, क्या मज़ा दे रही हो. बहुत मज़ा आ रहा है आज आपके साथ.

फ़िज़ा: क्या करू रोहित? मैं हू ही ऐसी, बुत मेरा पति देता नही मज़े मुझे. मुझे ऐसे ही एंजाय करना पसंद है.

मैं: मैं हू ना आपका पति मेरे जान. मैं दूँगा पुर मज़े आज रात.

फिर मैने उसके बाल पकड़े, और अपनी तरफ खींचा. मैने उसके बालों को खोल दिया. बहुत बड़ी सेक्सी रंडी लग रही थी वो. मेरा मूड मस्त सेक्सी कर दिया उसने.

मैने उसको बूब्स से पकड़ा, और होंठो को चूसने लगा. मैं उसकी ज़ुबान बाहर निकाल कर काटने लगा. उसको बहुत मज़ा आ रहा था.

अब मैने फ़िज़ा की सलवार फाड़ दी. उसको मज़ा आने लगा, और वो मुझसे लिपट गयी. मैं उसके बूब्स के निपल्स को अपने दांतो से नोच रहा था. वो सिसकियाँ ले रही थी.

फ़िज़ा: आ, उहह एस करो, मज़ा आ रहा है. बुत बेबी काटो मत, दर्द होता है.

हमारा ये फोरप्ले 40 मिनिट तक चला. उसके बाद फ़िज़ा ने मेरी शॉर्ट्स भी उतार दी, और मेरा 7 इंच लंबा लंड उसको सलामी दे रहा था. लंड देख कर फ़िज़ा ने कहा-

फ़िज़ा: जान, आपका लंड देखो मुझे देख कर कैसे उछाल रहा है.

मैं: तुम अब इसका उछालना बंद करो मेरी जान.

फ़िज़ा ने मेरे लंड को पकड़ा, और मेरे टट्टो को चाटने लगी.

टट्टो से अपनी ज़ुबान फेरते हुए, वो लंड के टोपे तक लेके आई. मुझे बड़ा जन्नत का सुख मिला.

उसके बाद फ़िज़ा मेडम जी बहुत ही आचे स्टूडेंट की तरह मेरा लंड अपने मूह में लेके चूसने लगी.

फ़िज़ा ने मेरा पूरा लंड अपने मूह में भर लिया और 2 मिनिट तक दबा के रखा. उसके बाद उसने मूह से लंड निकाला, और उसको चाटने लगी. वो लंड को लॉलिपोप की तरह चूसने लगी.

मेडम ने मेरे लंड को उपर से नीचे तक गीला कर दिया, और मेरे टट्टो को भी चूसने लगी. 30 मिनिट तक मेरे लंड को मस्त चूसा उसने. फिर मैने उससे कहा-

मैं: आ… मेरी जान, क्या लंड चूस्टी हो तुम. मज़ा ही आ गया.

फ़िज़ा मेडम: मुझे चूसना पसंद है. बुत पति का छ्होटा है, और चूसने में मज़ा नही आता. तुम्हारे टटटे बहुत आचे है. मज़ा आ रहा है इनको चाटने में.

फिर उसने 20 मिनिट और मेरे लंड को चूसा. उसके बाद मैने उसको बेड पर लिटा दिया, और उसकी सलवार और ब्लॅक पनटी एक साथ निकाल दी.

फ़िज़ा की छूट पर हल्के ब्लॅक बाल थे. मैने उसकी टांगे चौड़ी करी, और अपनी ज़ुबान फ़िज़ा की छूट पर नीचे से उसकी छूट की लाइन पर फेरते हुए, उसकी छूट के उपर तक नाभि तक ले गया.

वो ठंड के साथ मेरी दी गर्मी के कारण सिसक गयी.

फ़िज़ा: श.. आह… बेबी और करो. मज़ा बहुत आ रहा है.

फिर मैं उसकी छूट में अपनी ज़ुबान घूमने लगा. छूट के अंदर मेरी 2 इंच ज़ुबान चली गयी, और मैने छूट अंदर तक खोद डाली.

फ़िज़ा मेरी इस छूट चुसाई को देख कर वो पागल हो गयी, और बेड पर उछालने लगी.

फ़िज़ा मेडम: आ.. उउईई मा, क्या कर रहे हो बेबी तुम. मेरी जान, मेरे पति जी आप ऐसे ही करो ज़ोर से.

फिर मैने उसकी छूट को 30 मिनिट तक चूसा. वो 2 बार झाड़ गयी, और छूट को मैने चाट-चाट के सॉफ कर दिया.

उसके बाद उसने मेरा लंड पकड़ लिया, और मूह में लेके लंड को चूसने और चाटने लगी. फिर मैने उसको घोड़ी बनाया, तो वो बोली-

फ़िज़ा: बेबी तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है. प्लीज़ धीरे करना. मुझे दर्द देना, लेकिन कम देना.

मैं: मेरी जान तुम्हे कुछ नही होगा. बहुत मज़ा आने वाला है आज.

फिर मैने फ़िज़ा की गांद को पकड़ा, और अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया, और धीरे से धक्का दिया. लंड 4 इंच छूट में चला गया, और फ़िज़ा की चीख निकल गयी. क्यूंकी उसकी छूट बहुत टाइट थी.

फ़िज़ा: औच… आअहह… धीरे करो. बहुत बड़ा है बेबी. मुझे मज़ा चाहिए, सज़ा मत दो.

मैं: मेरी जानू तोड़ा सहन करो दर्द. मज़ा आएगा बहुत.

उसके बाद फ़िज़ा के बाल पकड़ के मैने अपना पूरा लंड छूट में घुसेड दिया, और वो सिसकियाँ लेने लगी. बुत मैं रुका नही, और उसको छोड़ता रहा.

अब 15 मिनिट छोड़ने के बाद, फ़िज़ा मेडम को चूड़ने में मज़ा आने लगा. फिर वो बोली-

फ़िज़ा मेडम: आ.. बेबी… मज़ा आ रहा है. बहुत दिन से प्यासी हू. छोड़ो मुझे आज.

मेरे मालिक छोड़ मुझे. मेरी जान निकाल दे.

उसकी ऐसे बातें सुन के मैने अपने झटके तेज़ कर दिए. फ़िज़ा के बूब्स ज़ोर से हिल रहे थे. मैं उसके बूब्स को एक हाथ से कस्स के दबाने लगा. फ़िज़ा भी अब अपनी गांद हिलने लगी.

फ़िज़ा को छोड़ने में मैने अपनी सारी पवर लगा दी. क्यूंकी नंगे होने की वजह से ठंड लग रही थी, तो गर्मी लाने के लिए उसको ज़ोर से छोड़ने लगा.

10 मिनिट फ़िज़ा को डॉगी-स्टाइल में छोड़ने के बाद, मैने पोज़िशन चेंज की. अब मैं बेड पर लेट गया, और फ़िज़ा को अपने लंड पर बिताया. फ़िज़ा ने मेरे लंड को पकड़ के जल्दी से अपनी छूट में दबा दिया.

फिर वो धीरे-धीरे मेरे लंड पर उछालने लगी, और उसकी सिसकियाँ निकलती जेया रही थी.

फ़िज़ा: एसस्स.. मज़ा आ गया आज तो. मेरी जान दिल कर रहा है, ऐसे ही चुड्ती राहु तुमसे.

मेरे लंड पर ज़ोर-ज़ोर से उछलते हुए वो बोली-

फ़िज़ा: आह.. माआ. मज़ा आ रहा है बहुत.

ऐसे ही गरम बातें करते हुए उछाल रही थी वो. मेरा पूरा लंड छूट में जेया रहा था. 15 मिनिट ऐसे ही चुड्ती रही, और अब वो झड़ने वाली थी. फिर वो मुझे बोली-

फ़िज़ा: आह.. उउई.. मा… मैं झड़ने वाली हू.

फिर मैने उसको उसके बूब्स के साथ दबा कर छोड़ने लगा. मेरे ज़ोरदार झटको से पुर रूम में छूट और लंड की फॅट-फॅट की वाय्स गूंजने लगी.

फ़िज़ा कहने लगी: आ बेबी मैं झाड़ गयी.

लेकिन मेरा झड़ना अभी बाकी है. इसलिए उसको दबा के रखा, और नीचे से झटके देता रहा.

फ़िज़ा: आह.. उहह.. अया… धीरे करो, मुझे दर्द हो रहा है.

मैने उसको 15 मिनिट ऐसी ही पोज़िशन में दबा के छोड़ा. उसके बाद मैने उसको कहा.

मैं: मेरी बुलबुल, मैं झड़ने वाला हू. बताओ कहा झाड़ू?

फ़िज़ा: अंदर मत करना. आह.. मा.. धीरे. मेरे मूह में छ्चोढ़ दो अपना पानी.

फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला, और उसको घुटनो पर लाया. मैने अपना बड़ा लंड उसके मूह में दे दिया. फ़िज़ा लंड को चूसने लगी. 2 मिनिट बाद मैं झड़ने वाला था. फिर मैने कहा-

मैं: आह.. मेरी रानी, पी जेया इस जन्नत के रस्स को.

फ़िज़ा गर्दन हा में हिलाते हुए, मेरे वीर्या को पी गयी. और फिर उसने लंड को उपर से नीचे तक चाट-चाट के सॉफ कर दिया. उसके बाद मैने उसको लीप-किस किया ज़ोर से. वो मुझसे लिपट कर लेट गयी.

मेरी चेस्ट को किस करते हुए फ़िज़ा मेडम बोली-

फ़िज़ा: रोहित बाबू, तुमने आज मेरी सारी ठंड भगा दी. तुम्हारे लंड में बहुत गर्मी है.

मुझे अभी और गर्मी चाहिए. मुझे दोगे ना मेरी जान?

मैने कहा: ज़रूर मेरे जान.

फिर मैने उसके मूह में अपना लंड दे दिया, और वो चूसने लगी. उसके बाद दोस्तों मैने उसकी 2 बार छूट और मारी. 1 बार गांद भी मरवाई उसने, और उसकी गांद से खून भी निकला.

मॉर्निंग के 7 बजे तक हम चुदाई करते रहे. पूरी रात में मैने फ़िज़ा की सारी ठंड निकाल के भगा दी.

उसके बाद फ़िज़ा को मैने कहा-

मैं: बेबी अब मैं जेया रहा हू.

उसने मुझसे कहा: बेबी तुमसे डोर होने का मॅन नही कर रहा है.

मैने कहा: कोई बात नही, अगली बार फिर बुला लेना.

फ़िज़ा ने कहा: अब मैं तुम्हे नेक्स्ट मंत बुला लूँगी.

फिर फ़िज़ा ने मेरा लंड 15 मिनिट चूसा, और मैं अपना माल उसके मूह में छ्चोढ़ कर चला गया.

तो दोस्तों बताओ कैसे लगी कहानी, मेरी और फ़िज़ा मेडम की चुदाई की. किसी गर्ल को प्राइवेट्ली चूड़ना है, तो मुझे मैल करे.

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