सुहागरात पर बीवी की मस्त चुदाई

हेलो दोस्तो, मेरा नाम योगेश है. मई नासिक से हू और मेरी उमर 28 साल है. मेरा रंग गोरा है और मेरी हिगत 6 फीट है और मई दिखने मे स्वीट दिखता हू. ये कहानी मेरी सुहग्रत की है जिसे पढ़कर आपको बहुत मज़ा आएगा, चलिए शुरू करते है.

मेरी पत्नी का नाम स्नेहल है. उसकी उमर 24 साल है, उसकी हाइट 5.9 फीट है, उसका रंग बहुत गोरा है. उसका फिगर 34-24-35 है और वो बिल्कुल एक आक्ट्रेस की तरह हॉट दिखती है. मेरे मामा और उसके पापा अच्छे दोस्त है और उनकी पहचान से मेरी और स्नेहल की शादी हुई.

शादी के पहले हुँने बहुत बाते की और साथ मे घूमने भी गये. एक दूसरे को बहुत अकचे से समझा. वो दिखने मे इतनी हॉट है की उसके बारे मे सोच कर मेरा 7 इंच का लंड खड़ा हो जाता है. मई उसे किस करने की बहुत कोशिश करता पर वो शादी के बात कहती.

फिर क्या हमारी वॅलिंटाइन’स दे पर शादी हुई. मैने हमारा कमरा बहुत अकचे से सजाया था. मई एक वर्जिन था और वो भी वर्जिन थी. अब रात का इंतजार था.

रात को हम सबने खाना काया और हम अपनी सुहग्रत मानने हमारे कमरे मे आए. मैने उससे कहा-

मे – लगता है आज चाँद भी बहुत शरमा रहा है.

उसने मुझे मुस्कुरके गले लगाया. मई अब तक वर्जिन था तो मेरा कंट्रोल छूट गया था, मई उसकी सॅडी धीरे धीरे उतारने लगा. मैने पहले उसे पूरा नंगा किया बाद मे फिर स्नेहल ने मेरे सारे कपड़े उतरे, अब बात थी आक्षन की.

मैने उसे बेड पर लिटाया और उसके लिप्स पागलो की तरह चूमने लगा. उसने भी मुझे कसकर पकड़ा और मेरा साथ देने लगी. हमारे चूमने “छू छू छू” की आवाज़ रूम मे घुंज रही थी. मैने उसे 10 मिनिट्स तक चूमा फिर हम दोनो झाड़ गये.

फिर मई उसके गले को चूमने लगा और वो सिसकिया ले रही थी और मदहोश हो रही थी. मई उसके गले से होते हुआ उसके बूब्स तक पहुचा. उसके निपल्स को चूमने लगा, दबाने लगा, उसके बूब्स को दबाने लगा.

स्नेहल के मूह से – आआहह उहह ऊऊओ सस्स्स्सस्स… की आवाज़े निकल रही थी.

मैने फिर उसके पेट को चूमना शुरू किया बाद मे मई मेरी रणभूमि, यानी की स्नेहल की ‘छूट’ तक पहुचा. वो हासणे लगी और कहा-

स्नेहल – मेरी छूट के खातिर मुझे 100 से ज़्यादा लड़को ने प्रपोज़ किया था, पर मैने सबको माना किया. आज से मेरी ‘छूट’ आपके हवाले.

मैने हेस्ट हुआ उसकी छूट को चाटना शुरू किया. हम दोनो बहुत गरम हो गये थे. मेरे दिल की धड़कन तेज थी और मे उसकी छूट प्यार से चाटने लगा.

स्नेहल – आह सस्स्सस्स ऊऊऊ हुंनमम एयेए… मज़ा आ गया मेरे शोना और ज़ोर से, मई झड़ने के बहुत करीब हू.

मई लगातार उसकी छूट मे अपनी जीभ डालता रहा चूमता रहा और चाट्ता रहा. अब वो झड़ने वाली थी इसलिए उसने मेरा सर अपने पैर से पकड़ कर रखा और तेज उछालने लगी और वो झाड़ गयी. उसका सारा नमकीन पानी मैने चाट लिया.

छूट को चाटने के बाद मैने उसके पेर को भी चूमा फिर उसे उल्टा कर दिया और उसकी गांद मे अपनी उंगली डालने लगा. उसने मुझे सिसकिया लेते हुआ कहा-

स्नेहल – प्लीज़ मेरी गांद को चतो, बहोट ख्वाहिश थी मेरी की मेरा पति सुहग्रत को मेरी गांद छाते..

मैने फिर जोश मे उसकी गांद को चाटना शुरू किया मई उसकी गांद के साथ उसकी छूट भी चाटने लगा. 4 मिनिट्स बाद मैने उसकी पीठ को चूमते हुए उसके गले को चूमा.

अब उसकी बरी थी.

उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरे लिप्स चूमने लगी, फिर मेरे गाल मेरे कन और बाद मे मेरे गले को भी चूमने लगी. फिर वो मेरे सिने को चूमने लगी और मेरे निपल्स को दबाने लगी.

मैने उसे कहा – ऊऊहह स्नहुउ, माओ तुम्हारे लिए कितना बेताब था.

फिर वो मेरे पेट को चूमते हुए मेरे लंड तक पहुचि और फिर मैने उसे कहा-

मे – देखो तुम्हारे लिए मेरा लंड कितना बेताब था. अब इसे खूब प्यार दो, अब तुम्हारे हवाले मेरा लंड मेरी जान.

उसने हेस्ट हुआ मेरा 7 इंच का लंड चूसना शुरू किया मई सिसकिया ले रहा था.

मे – आह उहह ज़रा प्यार से…

ये मेरा पहला अनुभव था. वो मेरे लंड पागलो की तरह चुस्ती, हिलती, उसे अपने बूब्स और आँख, गाल पर लगती. उसने मुझे पलताया और मेरी पीठ को चूमा फिर मेरे पैर और आख़िर मे फिर से मेरे लंड को चूसने लगी.

फिर मे तैयार था पहली बार चुदाई करने को. मैने उसे डोग्यस्त्यले मे खड़ा किया और उसकी छूट को चूमते हुए मेरा लंड उसकी छूट पे रगड़ने लगा. स्नेहल सस्स्स्सस्स ह कर रही थी.

मैने फिर ज़ोर्से अपना लंड स्नेहल की प्यारी वर्जिन छूट मे डाला और वो ज़ोर्से चिल्लाई-

शेनल – अहह आआआआः ऊओउुुुउउ.. निकालो बाहर आआआआहह सस्सस्स उुआा…

मैने फिर धीरे से अपना लंड बाहर निकाला, उसकी छूट मे से खून निकल रहा था और वो दर्द से काप रही थी. मैने खून को सॉफ किया और मेरे लंड और उसकी छूट पर तेल लगाया और फिर से धीरे धीरे छोड़ने लगा.

वो सिसकिया ले रही थी. मई उसकी पीठ को पीछे से चूम कर उसके बूब्स दबा रहा था. मई उसकी छूट को छोड़ने का मज़ा उठा रहा था और ह्यूम बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर स्नेहल ने कहा-

स्नेहल – ह उहच.. मिशनरी मे करते है.

मैने फिर उसे धीरे से बेड पर लिटाया और उसके बदन पर लेट गया और अपना लंड उसकी छूट मे डाला जिससे वो चिल्ला उठी–

स्नेहल – ह उुउऊहह आह धीरे ना, मई कहा भागी जेया रही हू, मुझे जिंदगी भर तो आपके नीचे ही रहना है.. आआआहह आऊऊहह…

मई हास पड़ा और ज़ोर्से छोड़ने लगा. फिर मैने उसे डॉगी, मिशनरी, ओं टॉप पोज़िशन मे छोड़ लिया था. अब मैने उसे अपनी गोद मे बिताया और उसे कसकर पदक कर ज़ोर्से छोड़ने लगा.

उसने कहा-

स्नेहल- ह उहह ऊओ माआअ ह सस्सस्स उुउऊः आआ… अब सारी जिंदगी ऐसे ही प्यार करोगे वादा करो.. औच आआहह…

मैने उसे किस करते हुआ कहा-

मे – मैने तुम्हारे लिए जिंदगी भर रह देखी है. मई वादा करता हू तुमसे बहुत प्यार करूँगा, कभी अकेला नही रहने दूँगा और खास बात “तुम्हे बहुत छोड़ूँगा”

वो हासणे लगी और मुझे किस करती रही. मई झड़ने वाला था तो मैने उससे कहा-

मे – क्या तुम मेरी मलाई को पीना चाहोगी, उसमे तुम्हारा प्यार है.

स्नेहल – च्चि नही ईह..

मे – प्लीज़ ना स्नहुउ, बचा, जानू मेरे खातिर…

स्नेहल – ठीक हे योगु.

फिर मैने थोड़ी देर मे अपना सारा माल उसके मूह मे डाला और वो उसे पी गयी. मैने उसे कहा-

मे – चलो अब जल्दी इसे खड़ा करो, ये तुम्हारी गांद मे जाने को बेताब है.

स्नेहल – नही गांद नही प्लीज़.

मे – आज हमारी सुहग्रत है तुम माना नही कर सकती.

फिर उसने नाटक करते करते मेरा लंड चूसा और खड़ा कर दिया. मैने उसे डॉगी स्टाइल मे खड़ा किया उसकी गांद पर तेल लगाया और धीरे से उसकी छोटी गांद मे अपना लंड घुस्सेद दिया और वो चिल्ला उठी.

स्नेहल – आह उऊहह आआआवउहह एयेए निकालो जी बाहर प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है आह उहब्ब ऊऊओह…

मे – पगली दर के आयेज जीत है, तोड़ा रुक.

वो चिल्ला रही थी और मई उसकी गांद धीरे धीरे छोड़ रहा था.

स्नेहल – आह जी ऊऊ बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ बाहर निकालो कल करेंगे ना…

मे – बस और थोड़ी देर…

2 मिनिट्स बाद मैने अपना लंड उसकी गांद मे से बाहर निकाला और उसने कहा-

स्नेहल – आप अपनी पूरी ताक़त लगाना मुझे बहुत तेज छोड़ना.

फिर मैने उसे मिशनरी पोज़िशन मे लिटाया और उसके लिप्स को चूमते हुआ अपनी पूरी ताक़त से उसे छोड़ने लगा.

स्नेहल – आह उऊहह आआआवउहह ज़ोर से बिल्कुल रुकना मत ई लोवे योउ, ई लोवे योउ, छोड़ो मुझे और तेज…

हमारे कमरे मे चुदाई की “छाप छाप छाप छाप” आवाज़ घुंज रही थी. मई बहुत तक गया था पर उसे ज़ोर से छोड़ रहा था.

स्नेहल – आप सच्ची मुझे बहुत प्यार करते हो, ई लोवे योउ अहह ओउउहह सस्साहह…

फिर 10 मिनिट्स बाद मई उसकी छूट के उपर झाड़ गया और हम शांत हुए और ज़ोर्से साँसे लेने लगे. मई बहुत तक गया था और उसके बदन पर लिपटकर ही लेता रहा.

स्नेहल – आप तो सच मे बड़े मर्द हो, मुझे तो आप कभी चैन से सोने नही देंगे.

मे – आयेज आयेज देखो होता है क्या.

हम ऐसे ही प्यार से एक दूसरे को चिपक कर सो गये.

मेरी सेक्स लाइफ शुरू हो गयी है और हम बहुत चुदाई करते है. मैने उसे टाय्लेट, बातरूम, किचन, कार यहा तक की बीच रास्ते मे भी छोड़ा है.

तो कैसी लगी दोस्तो मेरी सुहग्रत की कहानी, उमीद है आपको मज़ा आया होगा.
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