सुभह-सुभह बीवी की चुदाई

ही गाइस, मैं आज अपनी सेक्स स्टोरी के नेक्स्ट पार्ट के साथ हाज़िर हुआ हू. लास्ट पार्ट में आपने पढ़ा था की किस तरह मेरी वाइफ ज़ोया, मोहित साब से उनके घर चूड़ी थी. अब आयेज-

10 मिनिट्स तक ज़ोया और मोहित साब दोनो ऐसे ही लेते रहे. फिर मोहित साब उठे और वॉशरूम चले गये. वॉशरूम से वापस आ कर मोहित साब ने अपनी पंत पहनी, और ज़ोया को बोले-

मोहित साब: तुम ज़रा फ्रेश हो जाओ. मैं उपर से कुछ समान लेकर आया.

ज़ोया: ओक.

फिर मोहित साब उपर, मेरे पास आ गये और बोले-

मोहित साब: बड़ी जानदार औरत है. काफ़ी औरतों को छोड़ा है, लेकिन जो मज़ा इसने दिया है, वो किसी ने नही दिया.

विकी: खानदानी औरत लगी है.

मोहित साब: बिल्कुल, खानदानी औरत है. इसलिए तो पाटने में इतना टाइम लगा.

विकी: अब किया इरादा है?

मोहित साब हेस्ट हुए बोले: रात बाक़ी, काम बाकी.

विकी: फिर मुझे भी कोई मौका दो ना यार.

मोहित साब: पहले मेरा इरादा था तुझको मौका देने का. लेकिन अब उस पर मेरा दिल आ गया. अब वो सिर्फ़ मेरी रंडी है.

विकी: अछा जी, मेरा कोई चान्स नही?

मोहित साब: तेरी औकात नही की तू ऐसी खानदानी औरत को छोड़े. तू बस देख, और इसी में ही कुश रह.

इतना बोल कर मोहित साब नीचे चले गये. मैं सोच रहा था मोहित साब मेरी ही बीवी के बारे में बोल रहे थे की वो मेरी औकात से बाहर थी.

मोहित साब जब नीचे गये, तो ज़ोया सोफे पर सिर्फ़ ब्रा और पनटी पहन कर बैठी हुई थी. मोहित साब दूसरे सोफे पर बैठ गये, और दोनो बातें करने लगे. फिर मोहित साब के कहने पर ज़ोया किचन से दारू की बॉटल और एक ग्लास लेकर आई. ज़ोया ने दारू ग्लास में डाली और मोहित साब को दी. मोहित साब बोले-

मोहित साब: तू नही पिएगी क्या?

ज़ोया: नही मैं नही पीटी.

मोहित साब ने ज़ोया को इशारा करके अपने पास बुलाया, और अपनी गोद में बिता कर दारू का ग्लास ज़ोया के मूह के पास ले कर गये. फिर बड़े प्यार से बोले-

मोहित साब: ज़ोया जी, मेरे कहने पर एक दफ़ा पी लो.

मोहित साब की बात सुन कर ज़ोया हस्सी, और मोहित साब के हाथ से ग्लास पकड़ के बोली-

ज़ोया: इतने प्यार से बोलॉगे तो साब कुछ पी लूँगी.

फिर ज़ोया ने मोहित साब के हाथ से दारू का ग्लास पकड़ा, और एक घूंठ पिया. दारू काफ़ी कड़वी थी. ज़ोया ने एक घूँट पिया, और खाँसने लगी, और मोहित साब की गोद से उतार गयी.

मोहित साब ज़ोया को देख कर हस्स रहे थे. फिर ज़ोया मोहित साब के साथ सोफे पर बैठ गयी. दोनो 30 मिनिट्स तक बातें करते रहे. ज़ोया काफ़ी हस्स-हस्स कर बातें कर रही थी. 30 मिनिट के बाद मोहित साब बोले-

मोहित साब: चलो ज़ोया जी, एक रौंद फिर लगते है.

ज़ोया: नही मोहित जी, आपका काफ़ी बड़ा है. पहले ही काफ़ी दर्द हुआ है, आज नही.

मोहित साब कुछ सोचते हुए बोले-

मोहित साब: आज रात नही तो सुबा करेंगे.

ज़ोया: जी ठीक है.

फिर मोहित साब ज़ोया को लेकर अपने बेडरूम में चले गये, तो ज़ोया बोली-

ज़ोया: मैं दूसरे कमरे में अपने बच्चे के साथ सो जाती हू.

मोहित साब: बच्चे के साथ तो रोज़ सोती हो, आज मेरे साथ सो जाओ.

ज़ोया: बच्चा दर्र जाएगा.

मोहित साब ने ज़ोया की बात सुनी, तो मेरे बच्चे को दूसरे कमरे से लेकर आए, और बेडरूम के सोफे पर लिटा दिया. फिर बोले-

मोहित साब: ये सोफे पर सोएगा, और तू मेरी बाहों में.

ज़ोया मोहित साब की बात सुन कर मुस्कुराइ, और अपनी सारी पहनने लगी. तो मोहित साब बोले-

मोहित साब: ये क्या कर रही है?

ज़ोया: कुछ तो पहनने दो. बच्चा क्या सोचेगा मेरी मम्मी किसी आदमी के साथ नंगी सो रही है.

मोहित साब: कुछ नही सोचता. अभी ये छ्होटा है. तू ऐसे ही आजा.

ज़ोया बेड पर मोहित साब के पास चली गयी. मोहित साब ने ज़ोया को अपनी बाहों में लिया और दोनो लेट गये. ज़ोया मोहित जी के बालों वाले बड़े सीने पर सिर रख कर लेती हुई थी, और दोनो बातें कर रहे थे. रात 3 बजे तक दोनो बातें करते रहे. बीच-बीच में दोनो किस भी करते.

फिर दोनो सो गये. अगली सुबा 8 बजे ज़ोया की आँख खुली, जब बच्चा उस को उठा रहा था. ज़ोया जो सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी, उठी और बच्चे को लेकर कमरे से बाहर चली गयी. फिर बच्चे को सोफे पर बिता कर वो वॉशरूम गयी, और 5 मिनिट्स के बाद नहा कर आई तो उसका सारा जिस्म गीला था. ज़ोया ने सिर्फ़ टवल अपने जिस्म पर लपेटा हुआ था.

ज़ोया ने नाश्ता बनाया और बच्चो को नाश्ता कराया. फिर बच्चे को टीवी लाउंज में बिता कर टीवी पर कार्टून लगा दिए. 9 बजे का टाइम हो चक्का था. ज़ोया दोबारा से मोहित साब के बेडरूम में गयी, और मोहित साब को उठाने लगी. मोहित साब ने अपनी आँखें खोली, और ज़ोया को इशारे से अपने पास बुलाया. वो हेस्ट हुए बोली-

ज़ोया: ना जी ना, मैं कोई नही आना.

मोहित साब अंगड़ाई लेते हुए उठे और बोले: क्यूँ तंग करती हो? आओ ना.

ज़ोया ने हेस्ट हुए ना में सिर हिलाया. मोहित साब आयेज बढ़े, और एक झटके से ज़ोया का टवल खींच कर उतार दिया. ज़ोया शरमाने लगी, और अपने हाथो से अपने बूब्स कवर करने लगी.

मोहित साब बोले: कल तो सब कुछ देख लिया. अब शरमाती क्यूँ है?

ज़ोया: मेरा बच्चा बाहर बैठा हुआ है. अगर वो अंदर आ गया तो फिर?

मोहित साब ने नंगी ज़ोया को पकड़ कर बेड पर गिराया, और उसके उपर चड़ते हुए बोले-

मोहित साब: डरती क्यूँ हो? नही आता बाहर.

ज़ोया मोहित साब के नीचे थी. मोहित साब ने अपने काले होंठो से ज़ोया के लाल होंठ चूसने शुरू कर दिए. ज़ोया थोड़ी से दर्र भी रही थी. लेकिन मोहित साब का साथ भी दे रही थे. 5 मिनिट्स तक किस करने के बाद, मोहित साब ने ज़ोया के बूब्स चूसने और दबाने शुरू कर दिए.

ज़ोया के मूह से सिसकियाँ निकल रही थी आ आ की. वो अब गरम हो चुकी थी. ज़ोया की छूट से पानी निकलना शुरू हो गया था. 3 मिनिट्स के बाद जब मोहित साब ने ज़ोया को छ्चोढा, तो ज़ोया के दोनो बूब्स मोहित साब की थूक से गीले हो चुके थे.

मोहित साब ने अपना कक्चा उतरा, और ज़ोया का हाथ पकड़ कर उठाया. फिर उसको अपना लोड्‍ा चूसने का बोला.

ज़ोया लड़खड़ते कदमो से उठी, और जेया कर दरवाज़ा लॉक करके बेड के पास आई. फिर उसने घुटनो के बाल बैठ कर मोहित साब का लोड्‍ा अपने हाथ में पकड़ लिया.

ज़ोया ने अपने बाल पीछे किए और अपनी ज़ुबान निकाल कर मोहित साब के लोड पर फेरी. मोहित साब शरारती नज़रों से ज़ोया को देख रहे थे. ज़ोया आहिस्ता-आहिस्ता अपनी ज़ुबान मोहित साब के लोड पर फेरने लगी. अब ज़ोया मोहित साब का पूरा लोड्‍ा चूस रही थी.

मोहित साब का सारा लोड्‍ा ज़ोया की थूक से गीला हो चुका था. 5 मिनिट्स के बाद मोहित साब ने ज़ोया को खड़ा किया, और बेड पर लिटा दिया. अब मोहित साब ने ज़ोया को छूट पर अपनी ज़ुबान रखी, और ज़ोया की छूट चाटने लगे.

ज़ोया मछली की तरह तड़प रही थी. उसकी सिसकियाँ पुर कमरे में गूँज रही थी. ज़ोया ने दोनो हाथो से बेड शीट पकड़ी हुई थी, और अपनी टाँगों से मोहित साब का सिर ज़ोर से पकड़ा हुआ था. 3 मिनिट्स के बाद मोहित साब ने अपना मूह ज़ोया की छूट पर से हटाया, और ज़ोया को घोड़ी बना दिया.

ज़ोया की बड़ी गांद मोहित साब के सामने थी. मोहित साब ने ज़ोया की गांद पर थप्पड़ मारा और अपना लोड्‍ा ज़ोया की छूट में डाल दिया. ज़ोया मछली की तरह तदपि और आयेज को होने लगी. लेकिन मोहित साब ने ज़ोया की कमर पकड़ी हुई थी, इसलिए ज़ोया आयेज ना बढ़ सकी.

अब मोहित साब पीछे से फुल स्पीड से ज़ोया को छोड़ रहे थे, और ज़ोया भी मज़े ले रही थी.

ज़ोया के मूह से आ आ की सिसकियाँ निकल रही थी. पुर कमरे में ठप ठप ठप और आ आह की आवाज़े गूँज रही थी. 20 मिनिट्स बाद मोहित साब ने एक ज़ोर का झटका मारा, और अपना सारा पानी ज़ोया की छूट में डाल दिया. फिर बेड पर साइड में हो कर लेट गये. ज़ोया भी इतनी ख़तरनाक चुदाई के बाद तक चुकी थी. वो भी उल्टी ही बेड पर लेट गयी.

10 मिनिट्स के बाद दरवाज़ा नॉक हुआ तो ज़ोया नंगी उठी, और अपने जिस्म पर टवल लपेट कर दरवाज़े की तरफ बढ़ी. बाहर हमारा बच्चा खड़ा था. ज़ोया उसको लेकर बाहर चली गयी, और मोहित साब वॉशरूम चले गये.

तो बे कंटिन्यूड….

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