रात को मुझे चुदाई के बाद नींद आ गयी. दीदी भी नंगी ही सो गयी थी. एसी की ठंडी हवा में दीदी की गांद पर लंड रख कर सो गया था. उसके बूब पर हाथ फेरते-फेरते कब नींद आई पता ही नही चला.
सुबह 4:30 बजे अलार्म बजा तो मेरी आँख खुल गयी. दीदी भी जाग गयी.
मोनिका: अर्रे यार आज तो नींद बहुत अची आई. ऑश नंगे ही सो गये.
अमित: पानी दे यार. छ्होटी वाली लाइट जला दे.
मोनिका ने लाइट ओं की तो वो नंगी बहुत अची लग रही थी. मैं और वो वॉशरूम हो कर आए.
मोनिका: ऑश भाई, रात तो पूरी रात लंड मेरी गांद में था. ठंड में अछा लगता है बहुत.
अमित: यार मेरी पर्सनल बेहन है तू. तेरी गांद में लोड्ा डाल कर मज़ा आया बहुत. ऑश तेरे चूतड़ मस्त है. पीछे से पकड़ता हू तो मज़ा आता है.
मोनिका: ये ठंडे होते है, और दरार के बीच लंड गरम-गरम अछा लगता है.
अमित: चल चुदाई वाली चारपाई पर.
मोनिका: चल भाई आपकी बेहन तो तैयार है छूट चार्ज करवाने के लिए.
मैं दीदी के बूब्स दबा रहा था. उसको सीधा लिटा कर लंड छूट में डाल दिया. 2 मिनिट शॉट मारे तो लंड पूरा छूट में समा गया. मैं हल्के-हल्के शॉट मार रहा था. दीदी पूरा मज़े ले रही थी.
अमित: आअहह दीदी, तुमको छोड़ता हू तो लगता है मों को छोड़ रहा हू. साली मों के बूब्स कितने बड़े है. दादा जी ने मों को रंडी बना कर रखा है. कोई सोच ही नही सकता की दादा जी जैसा धार्मिक आदमी अपने बेटे की बहू को रंडी की तरह छोड़ता है.
मोनिका: ह्म, अर्रे तभी पापा को घर में नही घुसने देते दोनो. दादा जी को तो मों जैसी जवान बहू मिल गयी है. मम्मी की तो डेली चुदाई होती है. दादी जी को तो अब छोड़ते भी नही होंगे.
अमित: यार दादी जी को तो राम कुमार छोड़ता है.
मोनिका: अर्रे वो खेत वाला लड़का?
अमित: ह्म, पीछे वाले घर में जहा पशु रखते है, वहाँ दादी जी जाती है तो पकड़ कर छोड़ता है.
मोनिका: ऑश मी गोद. तूने ये पहले क्यूँ नही बताया मुझे? मुझे भी देखना था.
अमित: यार काई बार राम कुमार दादी जी को काम के बहाने पीछे बुला लेता है, और दादी रूम में कोई समान देखने जाती है तो पकड़ कर छोड़ता है.
मोनिका: ऑश वाउ! किस्मत अची है जो दादी जी जैसी गोरी-गोरी औरत छोड़ने को मिल रही है.
अमित: दादा जी ने 1-2 साल तक तो मम्मी को च्छूप-च्छूप कर छोड़ा, और फिर सास बहू को साथ में एक ही रूम में छोड़ते होंगे.
मोनिका: हो सकता है. दादी जी को तो सब पता ही होगा.
अमित: मों बहुत चालाक है. पापा से झगड़ा करके उसको भगा दिया. सब लोगों को बोल दिया की वो खुद घर छ्चोढ़ कर गये है. मों की सब लोग तारीफ करते है की पति घर नही रहता फिर भी सास-ससुर की सेवा कर रही है. तलाक़ नही लिया बहू ने. बहू बहुत अची है.
मोनिका: और बहू तो ससुर जी को छूट दे-दे कर सेवा कर रही है. दादा जी इस आगे में भी मम्मी की डेली छूट लेते है.
अमित: यार मुझे मों को छोड़ना है. उसके बूब चूसने है. कोई प्लान बता दीदी यार.
मोनिका: अर्रे दादा जी अगले वीक 5-6 दिन बाहर जाएँगे, तब मों अकेली होगी. तब आराम से सेट कर लेना. कोई रोकने वाला भी नही होगा.
अमित: तू हेल्प कर देना. तुम दोनो मा बेटी को साथ में छोड़ूँगा. अगर मौका मिला तो आँगन में दादी के सामने.
मोनिका: वाउ भाई. आउटडोर चुदाई वो भी रात को!
अमित: यार दादी भी मस्त माल है. दादी जी तो दादा से 5 साल छ्होटी है. 53 के आस-पास है. दादा जी तब 20 के थे.
मोनिका: ह्म.
अमित: दादा जी की किस्मत बहुत अची है. अपनी जवान बहू को 18 साल से छोड़ रहे है. अपनी बेटी निम्मी को भी शादी से पहले ही छोड़नी शुरू कर दी थी. शादी के बाद अब भी पेलते है.
मोनिका: ऑश वाउ भाई, बुआ को कैसे पटाया होगा? ऑश बुआ तो मेरी आगे में ही छोड़ी होगी! वाउ भाई.
अमित: अर्रे तभी तो मों को बोल रहे थे की अब मोनिका को सर्दियों के लिए तैयार रखो.
मोनिका: ऑश मी गोद! यार वो बहुत बुरे तरीके से छोड़ते है. मेरी तो छूट फाड़ देंगे.
अमित: चल अब थोड़ी देर में छोड़ता हू तुम को.
मोनिका: यार ये सब राज़ तो मों को ही पता होंगे. दादा जी और भी कई औरतों को छोड़ चुके होंगे.
अमित: ह्म.
मोनिका: यार मों को जवानी में कैसे पत्ता कर छोड़ा होगा? ये बात समझ नही आई?
अमित: यार मम्मी की सील भी दादा जी ने ही तोड़ी है. मम्मी ने दादा जी के साथ ही सुहग्रात मनाई है.
मोनिका: ऑश छूट गीली हो रही है. भाई ज़ोर से शॉट मार मज़ा आ रहा है.
मैने चारपाई के दोनो तरफ टांगे निकाल कर खड़ा हो गया. दीदी उस पतली सी चारपाई पर लेती हुई थी. लंड बार-बार छूट की गहराई में जाता, और हम दोनो भाई बेहन को मज़ा आ रहा था. मोनिका मेरे लंड को देख-देख कर स्माइल कर रही थी.
अमित: ऑश देख क्या रही है. बहुत मस्त लग रही है. चुदाई के बाद तेरे लिप्स और गाल चूसूंगा.
मोनिका: उऊहह वाउ भाई. आहह भैया ऊओ भैया छोड़ अपनी बेहन को. भाई की रंडी बन गयी बेहन आआहह.
अमित: ऑश दीदी बहुत मज़ा आ रहा है. तेरी मक्खन छूट को लोड्ा आचे से पेल रहा है.
मोनिका: उउउन्न्ञन् भाई जब सैयाँ बन जाए तो बेहन की छूट पानी छ्चोढ़ देती है. ऊओ मितू भाई, लोड्ा पूरा जेया रहा है. बेहन की इज़्ज़त लूट रहा है भाई का लोड्ा.
अमित: तेरी जैसी लोंड़िया बेहन हो तो भाई को और क्या चाहिए!
मोनिका: ह्म पूरी बॉडी में मस्ती च्छा गयी भाई. बहुत मीठा-मीता मज़ा आ रहा है. ओह नींद में ही छोड़ते रहो चाहे.
अमित: ऑश अब तू उपर आजा मेरे. मैं लोड्ा खड़ा करके सौंगा. तू मेरी तरह लंड पर कूदना. मज़ा आएगा मेरी जुंगली बिल्लो रानी.
मोनिका: ह्म्म्म्म मज़ा तो अब भी बहुत आ रहा है. ओह छूट चिकनी हो गयी है.
अमित: चल आजा मेरे लोड पर बैठ जेया.
मैं चारपाई पर लेट गया. लंड एक-दूं तन्ना हुआ था. दीदी ने अपनी दोनो टाँग चौड़ी कर चारपाई ले दोनो तरफ निकाल दी. लंड को सीधा कर छूट पर सेट किया और बैठ गयी.
अमित: टाँग चौड़ी करने में प्राब्लम तो नही है?
मोनिका: नही यार इस लंड के लिए तो टाँग चौड़ी करनी ही होगी.
मोनिका दीदी उपर-नीचे हो रही थी, और लंड भी छूट में पूरा घुस रहा था.
अमित: ऑश दीदी ऊओ आअहह मज़ा आ रहा है. श तेरी गोरी जाँघ बहुत मस्त लग रही है. पीछे से गोरी-गोरी गांद का अलग ही मज़ा है.
मोनिका: आहह भाई आअहह ये तो ईज़ी है.
अमित: बेहन के मुममे भी खूब उछाल रहे है. वाउ यार तेरे मुममे देख कर तो लोड्ा टाइट हो जाता है. गोरी-गोरी चुचि आअहह क्या बात है दीदी. छूट छोड़ कर चुचि चूसूंगा.
मोनिका: ऑश भाई आअहह मज़ा आ रहा है.
अमित: ऊहह फटाफट कर बेबी आअहह मज़ा आ रहा है.
मोनिका: छ्होटे यार आअहह ये पोज़ भी मस्त है. लोड्ा पूरा जेया रहा है. उउईए माआ छूट चिकनी हो गयी. ऊहह छूट में सुन्न सी होने लगी है.
मोनिका लगातार उपर-नीचे हो रही थी.
मोनिका: ऊओ भाई मैं चूड़ने वाली हू. ऊओ आअहह बस 2 मिनिट में चुड जौंगी भाई.
अमित: ऑश बेबी क्या सेक्सी आवाज़ निकाल रही है तू. बेहन की छूट छोड़ कर मज़ा आ गया. ऑश दीदी तेरी छूट ऊऊहह आआहह मज़ा आ रहा है.
मोनिका: आअहह तेरा लोड्ा लेकर तो निहाल हो गयी. मितू ऑश बहनचोड़ है तू एक नंबर. बेहन की छूट बजा दे आचे से.
अमित: दीदी वाह दीदी आहह बहुत आचे से छुड़वा रही है तू. मेरी जान बेहन की कुँवारी छूट छोड़ कर मज़ा आ रहा है. तेरी शादी होने तक डेली छूट मारूँगा दीदी. भाई को डेली छूट दिया कर अब तू.
मोनिका: मेरी रोज़ तो लेता है. शादी के बाद भी छुड़वाने अवँगी भाई, बस तू लंड खड़ा रखना. ऊओह आअहह मज़ा आ रहा है बहुत.
मैने कुछ देर दीदी को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ी तो वो बहुत सेक्सी आ आ करने लगी. उसके बूब भी खूब हिल रहे थे. मोनिका चुड गयी थी. उसकी स्माइल बता रही थी की उसको बहुत मज़ा आ रहा था. चुदाई के बाद वो तोड़ा शर्मा ज़रूर रही थी.
मोनिका: सुबह होने वाली है भाई. आअहह कही मों ना आ जाए. थॅंक्स छ्होटे एक बार फिर से तूने अपनी दीदी की इज़्ज़त रख ली.
अमित: हा यार भाई से चुड कर घर की इज़्ज़त घर में ही रह गयी.
मोनिका खड़ी हो गयी थी. उसने छूट को सॉफ किया. फिर हाथ धो कर आ गयी. दीदी रूम में नंगी ही घूम रही थी. मैं भी फ्रेश होने चला गया.
थोड़ी देर बाद वापस आया तो दीदी ने कपड़े पहन रखे थे.
मोनिका: ऑश नंगा कैसे लग रहा है. कपड़े पहन ले छ्होटे. अभी तो दिन नही उगा है. थोड़ी देर चुम्मा-छाती कर ले. लोवे योउ ब्रदर. अब प्यार से दीदी को किस भी कर दे.
मैं बेड पर लेट गया और दीदी को किस करने लगा. वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. उसके होंठ और जीभ चूस कर मज़ा आ रहा था.
मोनिका: भाई दीदी के मुममे कों चूसेगा? आहह बहुत प्यार से चूस्टा है तू. आहह मुझे बहुत मज़ा आता है.
अमित: ह्म दीदी आपके मुममे भी मस्त है. उउउंह आअहह उउउन्न्ं इसको चूस चूस कर दूध निकालना है.
मोनिका: हट शैतान! मेरे कोई बच्चा होने वाला थोड़ी है. चल आअहह बहुत आचे बेबी ऑश बेबी.
हम दोनो भाई बेहन एक-दूसरे के मज़े ले रहे थे. आप ने भी कभी ऐसा किया है?