हेलो फ्रेंड्स, मेरा नामे रितेश हा. मैं रायपुर च्चत्तीसगर्ह का रहने वाला हू. ये स्टोरी तब की है, जब मैं क्लास 12 में था, और मैं अभी-अभी 19 का हुआ था.
मुझे पहले से ही मिलफ पसंद थी, तो अक्सर मैं स्कूल में फीमेल टीचर्स को निहारता रहता था. और उन्हे छोड़ने के मौके की तलाश में रहता था. तो सीधा कहानी पर आते है.
मेरी एक मेद्स टीचर थी, जिनका नाम चंदा शर्मा था, जो की हमारे स्कूल में सब लड़कों की सेक्स क्वीन थी. उनको देख के मेरा लंड उनको छोड़ने की लिए मचल उठता था. उनका फिगर 36-30-35 अप्रॉक्स होगा. उनके बाल उनकी गांद तक आते थे, और मेरा सब से फेवोवरिट पार्ट, मेडम हमेशा सारी में स्कूल आती थी.
तो ये बात तब की है, जब मेरी 12त की क्लासस शुरू हुई थी. मैं मेद्स में बहुत वीक था, और मेरे मेद्स में बहुत कम मार्क्स आते थे. तो चंदा मेडम ने मुझे पर्सनल टुटीओन के लिए कहा. मैं भी मान गया.
चंदा मेडम हमेशा से मुझे पसंद करती थी, और मेरे मेद्स में वीक होने के कारण उनको मेरे उपर ज़्यादा ध्यान देना पड़ता था. मैं तो सिर्फ़ मेडम की गांद में ही खोया रहता था, की कब इसको सारी उठा के छोड़ने का मौका मिले. और मेडम भी हमे अपने पुर नज़ारे देती थी.
मेडम अपनी नाभि को नही धकति थी, और एक यूनीक तरह का पर्फ्यूम लगा के आती थी. गर्मी के टाइम मेडम हमेशा पसीने से भीगी रहती थी, और मेरे डेस्क के पास आ के खड़ी रहती थी.
मैं हमेशा मेडम की हिप्स को जान-बूझ के टच करता, और उसकी गांद में हाथ फेरता. एक दिन मैं उनके घर टुटीओन के लिए गया था. उनके घर का एसी खराब था, और मेडम किचन में कुछ बना रही थी, जिसके कारण उनका ब्लाउस पसीने से भीग चुका था, और उनके बूब्स सॉफ दिख रहे थे.
मेडम हमेशा की तरह मुझे वर्क देके अपने काम में लग जाती थी, और मुझे अपने काम से सिड्यूस करती थी ( उनके पति आउट ऑफ टाउन थे उस टाइम).
फिर मेडम आई, और आके मेरे सामने बैठ गयी, और मुझे एक टॉपिक समझने लगी. मैं सिर्फ़ उनके बूब्स पे अपने नज़र लगा के बैठा हुआ था. क्या करे, कभी इतने बड़े चूचे नही देखे थे ना.
फिर मेडम की नज़र मेरी आँखों में पड़ी. मैं उनकी पूरी बॉडी को निहार रहा था.
चंदा मेडम: रितेश तुम्हारा ध्यान पढ़ाई पे नही है, इधर ध्यान दो.
मे: एस मेडम, और बोलो मैं समझ रहा हू.
मेडम: हा मुझे दिख रहा है कितना समझ रहे हो.
मेडम मेरे साथ फ्रेंड्ली थी. कभी-कभी मैं उनके सामने डबल मीनिंग बात कर देता, तो वो स्माइल देती. फिर मैं घर आ गया. मैने चुपके से मेडम की एक पिक ले ली थी, और उसको देख के मूठ मारी.
फिर अगले दिन मेडम के घर जाते टाइम मैं सोच रहा था, की क्या वो जानती थी की मैं उनको छोड़ने की फॅंटेसी रखता था. कल उन्होने मुझे देखा अपने बूब्स को देखते हुए, पर अपने बूब्स नही च्छुपाए. फिर मैं मेडम के घर पहुँचा.
मेडम: अर्रे तुम आ गये?
मे (हेस्ट हुए): और मेडम आपके पास आने के लिए तो हर काम छ्चोढ़ डू.
मेडम: तो तुम पढ़ने नही यहा मेरे पास ऐसे ही आ जाते हो घूमने ( हेस्ट हुए)?
मे: हा मेडम, ऐसा भी कह सकते है.
फिर मेडम ने मुझसे नोट्स माँगे.
मेडम: तुमने कल का होमवर्क क्यूँ नही किया?
मे: मेडम वो मैं बाइयालजी की कॉपी कंप्लीट कर रहा था.
मेडम: हा तो वो दिखाओ.
मैने बाइयालजी की कॉपी दिखाई. उसमे सेक्स से रिलेटेड एक चॅप्टर चल रहा था.
मेडम: अछा तो ये सब पढ़ा रहे है इसमे.
मे: एस मेडम.
मेडम: अछा तुम्हे मेद्स या बाइयालजी में से क्या अछा लगता है?
मे: मेडम बाइयालजी.
मेडम ( हेस्ट हुए ): हा मुझे पता है क्यूँ अछा लगता है.
मे: नही मेडम, ऐसा नही है.
मेडम: अछा एक बात पूचु?
मे: हा मेडम ज़रूर.
मेडम: तुम्हे मैं कितनी पसंद हू?
मे: मेडम ये भी कोई पूछने वाली बात है? आपके लिए जान हाज़िर है.
मेडम: अर्रे जान नही चाहिए, कुछ और चाहिए.
मे: क्या?
मेडम: यार देखो तुम्हारे साथ मेरी दोस्ती इतनी गहरी है. तो मैं ये तुमको कह रही हू. मेरे हज़्बेंड हमेशा बाहर रहते है, और तुम रोज़ मेरे साथ टाइम स्पेंड करने के लिए आते हो.
मे: मेडम इतना घुमा फिरा के मत बोलो, सीधे-सीधे भी तो कह सकती है.
मेडम: यार देखो, मुझे एक बेबी चाहिए, जो की मेरे हज़्बेंड से नही हो रहा है. उनके कारण मुझे मेरे रिलेटिव्स से बहुत ताने सुनने पड़ते है.
मे: मेडम बुत मैं ये कैसे कर सकता हू? आप मेरी टीचर है. बस इससे आयेज कुछ नही.
मॅन में मैं सोच रहा था की बस दो-टीन बार ये और फोर्स करे, तो हा बोल दूँगा. आख़िर इसको कों नही छोड़ना चाहेगा.
मेडम: देखो रितेश, ना मत बोलना. तुम्हारे साइवा कोई नही है जिसको मैं ये बोलू. मेरे हज़्बेंड की एक और बीवी है. घर वालो के फोर्स करने की वजा से हम लोगों की शादी हुई थी.
मे: ठीक है, बुत मुझे तोड़ा टाइम चाहिए.
मैने मेडम को और तड़पने के लिए ये बोला. फिर मैने एक वीक मेडम से बात नही की, और उनके साथ बाहर सेक्स करने का प्लान किया. मेरे घर से 60 केयेम में एक रिज़ॉर्ट है, जहा मैने मेडम को सर्प्राइज़ देने का प्लान किया.
1 वीक लेटर, मैने मेडम को कॉल की.
मेडम: हेलो.
मे: मेडम क्या हम दोनो कही बाहर जेया सकते है?
मेडम: हा क्यूँ नही, अभी तो हम दोनो की वीकेंड पे छुट्टी है.
मे: ठीक है, आप सॅटर्डे को रेडी रहना, हम रिज़ॉर्ट जाएँगे.
मेडम: ओक, मुझे तो लगा था की उस दिन की बात से तुम मुझसे गुस्सा होके मुझसे बात ही नही करोगे.
मे: ये भी कोई बात है भला? आप जैसी इतनी क्यूट और हॉट लेडी से कों बात ना करे?
मेडम: चलो ठीक है. सॅटर्डे को आ जाना.
मैं अपनी कार लेके मेडम के घर पहुँचा. और फिर मैने मेडम को कॉल की.
मे: मेडम कहा हो? मैं पहुँच गया.
मेडम: तुम तो पहले मुझे मेडम कहना बंद करो. मेरा नाम भी है, आ रही हू.
मेडम जैसे ही नीचे आई, मेरी तो आँखें उनसे हॅट ही नही रही थी. उन्होने एक ब्लॅक कलर की सारी पहनी थी. क्या लग रही थी यार वो. फिर हम रिज़ॉर्ट पहुँचे. वाहा पहुच के मेडम ने सीधा मुझे लीप किस किया. हम 1 मिनिट तक किस करते रहे.
फिर मेडम ने बोला: अब मुझसे आब इंतेज़ार नही होता. अब मैं कोर्स करते है
मे: जो हुकुम मेरी चंदा.
फिर मैने उनकी सआरीए उतरी, उनके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाया, उसके आर्म्पाइट को लीक किया, और उनकी गांद को ज़ोर से दबाया.
चंदा: आहह.
फिर मैने उन्हे पूरा नंगा कर दिया, और अपने लंड को उनकी फुददी में घुसा दिया. आआआः क्या फीलिंग थी, अपनी ड्रीम सेक्स क्वीन को छोड़ने की. फिर चंदा ने अपने पर्स से मुझे एक वियाग्रा की टॅबलेट दी. उसके बाद मैने चंदा को 30 मिनिट तक जाम के छोड़ा, और उनकी फुददी में अपना पानी छ्चोढ़ दिया.
थोड़ी देर बाद जब मेरा लंड वापस खड़ा हुआ, तो चंदा ने मुझे एक अछा सा ब्लोवजोब दिया, और मेर सारा रस्स पी गयी.
चंदा: ई लोवे योउ रितेश.
मे: लोवे योउ टू मेरी जान.
चंदा: यार आज से पहले इतना मज़ा कभी नही आया. इन फॅक्ट मेरे पति ने तो आज तक मेरा पानी नही निकाला. आज तुमने मुझे प्रॉपर रंडी समझ के छोड़ा.
मे: आपको कब से छोड़ना चाहता था. आज मेरा ड्रीम पूरा हो गया.
ओके चलो सो जाओ बहुत रात हो चुकी है. कल वापस अपनी सारी फॅंटेसी पूरी कर लेना.
तो बे कंटिन्यूड…
अगर आपको मेरी स्टोरी पसंद आई, तो मुझे फेआड़बक्क दे.