स्टूडेंट और उसकी मा पर लंड का पानी निकाला

हेलो दोस्तों, ये मेरी पहली स्टोरी का दूसरा पार्ट है. मैने सोचा नही था आपको इतनी पसंद आएगी. जो नही पढ़े है प्लीज़ पहले फर्स्ट पार्ट पढ़ ले. अब चलते है आयेज.

शिप्रा मुझे कम करा कर चली गयी दूसरे रूम में अपनी मम्मी और बहें के साथ सोने. वैसे तो मैने कम कर लिया था एक बार, तो मैं नॉर्मल हो गया था. पर थोड़ी देर लेते रहने के बाद, मैं ये सोचने लगा जो शिप्रा बोली थी. वो अपनी मम्मी के बारे में बोली थी. की वो रात को ब्रा और पनटी नही पहनती. मतलब इस वक़्त वो सिर्फ़ निघट्य में थी.

वाउ, ये सोच के मेरा फिरसे खड़ा होने लगा, और मेरा हाथ मेरे लोवर में चला गया. मैं धीरे से उठा, और डरते हुए रूम में एंटर हुआ. रूम में नाइट बल्ब जल रहा था, पर फिर भी सॉफ दिखाई दे रहा था. मैने सोच लिया था आज अगर थोड़ी हिम्मत नही की, तो फिर कभी नही होगा.

और अगर कुछ ज़्यादा ना भी हो पाया, तो कम से कम एक बार उसकी मम्मी को देखते हुए ही हिला कर कम कर लूँगा. जिसको इमॅजिन करके हिलाया था इतना, उसे देखते हुए हिलने में भी मज़ा आएगा.

वाहा किचन रूम में ही था. मैने सोचा ये अछा था. अगर कोई जागा तो बोल दूँगा पानी लेने आया था. अंदर उसकी छ्होटी बहें तो आराम से नींद में सो रही थी, और शिप्रा की मम्मी भी गहरी नींद में थी. उनकी निघट्य उनके थाइस तक आ गयी थी, और सांसो के साथ उपर नीचे होते हुए उनके बूब्स भी बड़े लगे रहे थे बहुत.

पर शिप्रा बगल में नही सोई थी. मैं और पास आया तो देखा वो नीचे ज़मीन पर बिस्तर लगा कर सो रही थी. मैने सोचा क्या ये ऐसा मेरे लिए की थी. ताकि नीचे मैं उसके साथ आराम से कर साकु. या फिर जैसा वो कह रही थी, की उसे पता था मैं उसकी मम्मी के साथ भी करना चाहता था. इसलिए वो उनके बगल में मेरे लिए जगह छ्चोढ़ दी थी.

काफ़ी कन्फ्यूषन था. एक बार लगा शिप्रा के साथ ही करके जल्दी से कम कर लू. लेकिन दर्र भी लग रहा था. वही दूसरी तरफ सोचा की मम्मी भी उसकी डॉवा खा के सो रही थी, तो उनके साथ कर सकता था. सच बोलू तो हर लड़के की लाइफ में कभी ना कभी ऐसा वक़्त ज़रूर आता है, जब आपको लड़की और उसकी मों दोनो अची लगती हो सेक्षुयली.

और मेरे लिए शिप्रा वही लड़की थी. बुत मैं बाकी लड़कों से इस वक़्त तोड़ा लकी था. क्यूंकी लड़की के साथ तो मज़े ले चुका था, और अब उसकी मों के साथ भी चान्स था. और वो चान्स मैं छ्चोढना नही चाहता था.

मैं उनके बगल में जेया कर लेट गया. उनकी गांद मेरी तरफ थी. सबसे पहले तो मैने अपना लोवर नीचे किया. मैं ये फील करना चाहता की मैं नंगा उनके बगल में लेता था. उनकी गांद बहुत बड़ी थी, और वो पैर मोड़ कर सोई थी, तो गांद और बाहर निकली हुई थी.

मैं धीरे-धीरे अपनी लोवर बॉडी को उनके करीब ले गया. कह नही सकता आपको, की कैसा फील हुआ जब पेनिस उनकी गांद से हल्का सा टच हुआ. उनकी गांद निघट्य से कवर तो थी, बुत मुझे ये फील हो रहा था की पनटी नही थी.

मैं धीरे-धीरे प्रेशर बढ़ता रहा, और वो ना हिली, ना कोई रिक्षन दिया. इससे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी. मैं तोड़ा कस्स कर अब रब करने लगा. अब मेरा दर्र तोड़ा कम हो गया था, और अब मैं काफ़ी कस्स कर रब कर रहा था. पर वो नही जाग रही थी. मैं अब उनकी गांद को पूरा फील करना चाह रहा था. मैने फिर उनकी निघट्य उपर कर दी, और सच बोलू तो एक ही शब्द निकला ‘वाउ’.

बिल्कुल गोरी सी गांद थी उनकी, और उतनी ही बड़ी थी. मैने हाथ रखा तो मानो लगा करेंट दौड़ गया हो. कॉटन सा सॉफ्ट और मार्बल सी चिकनी. मैं दोनो साइड गांद पे सहलाता रहा. गांद सच में बहुत अची थी. फिर मैं उठा, और फेस को गांद के पास ले जेया कर किस भी किया दोनो साइड, और टंग से लीक भी किया.

सच में फर्स्ट टाइम ऐसे गांद को देख के हो रहा था किसी की. मैं वापस लेट गया, और अब मेरा हाथ उनके बूब पर निघट्य के उपर आ गया. बहुत बड़े थे उनके बूब्स 36द. मेरे माइंड में आया अर्रे ये तो बिल्कुल मौसी के बूब्स के बराबर थी (किसी और स्टोरी में बतौँगा इसके बारे में). निपल्स हार्ड थे उनके.

शायद उन्हे भी अछा लग रहा था. पर डॉवा के वजह से बस नींद नही खुल रही थी. मैने धीरे से कंधे पे हाथ रख के उनको अपनी तरफ घुमाया. बहुत दर्र लग रहा था. पर फाइनली वो घूमी. निघट्य में बटन था, और ये अछा था.

मैने सारे बटन्स खोल दिए, और निघट्य हटा कर बाहर निकाल ली. फिर बिना कुछ सोचे मूह में लेकर चूसने लगा. मैं सोच रहा था आज तक ना जाने कितनी बार इन्हे सोच के हिलाया और आज इनके बूब मेरे मूह में थे. ये फीलिंग बहुत एग्ज़ाइट कर रही थी. मेरा प्रेकुं निकल रहा था.

मैने बारी-बारी दोनो को चूसा, और उस वक़्त मेरा हाथ उनकी थाइ के बीच में था छूट के पास. फिर मैं हाथ तोड़ा और उपर ले गया तो फील हुआ छूट गीली थी उनकी. वाउ, वो साइड होके लेती थी, तो आचे से छूट टच नही हो रही थी, पर लग रहा था वो गीली थी. मैं तोड़ा उपर हुआ, और निपल के पास अपना लंड लाया. फिर हाथ से पकड़ के निपल पे अपने लंड का टोपा रग़ाद रहा था.

वाउ, क्या फीलिंग थी. मॅन तो मूह में भी रगड़ने का था, पर लगा वो शायद जाग जाएँगी. वो तब तक हिली, और सच बोलू मेरी तो फटत गयी. जो मेरा लंड 7 इंच का पूरा खड़ा था, और प्रेकुं निकल रहा था, वो दर्र से 5 सेकेंड में नॉर्मल हो गया.

वो हिली, और पलट कर उल्टी सो गयी. मैने सोचा भागु, पर फिर सोचा जाने की आवाज़ से प्राब्लम होगी. तो मैं पड़ा रहा वैसे ही. 10 मिनिट बाद जब वो फिर नही हिली, तो डरते-डरते उनकी गांद पे हाथ रखा. वो फिर भी नही हिली, तो दबाने लगा हाथ से उनकी गांद.

अब इतनी हिम्मत तो नही थी की उल्टा घुमौ उनको, तो मैं उनके उपर आ गया, और उनके उपर गांद पे लंड रब करने लगा. बहुत अछा लग रहा था. मैं धीरे-धीरे ओह आंटी ओह आंटी बोल रहा था. मुझे मोन करना बहुत एग्ज़ाइट करता है. फिर मैं एक-दूं एक्सट्रीम पे था, पर मेरा मॅन ऐसे कम करने का नही था. मैं सच में चाहता था की जब करू तो ये जागी रहे, और मैं उनके एक्सप्रेशन ..

पर ये पासिबल नही था. कहते है ना, जब आप एक्सट्रीम पे हो, तो कुछ ग़लत सही नही समझ आता. तो अब मेरे दिमाग़ में था की जागते वक़्त भले नही कर सकता, पर कम से कम जब ये जागे सुबा तो ज़रूर सोचे की रात में क्या हुआ था. ये सोच के मैं खड़ा हुआ, और दोनो मा बेटी दिख रही थी मुझे.

दोनो को ऐसे एक साथ देखते हुए लंड हिलने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं कस्स के हिलने लगा, और मोन कर रहा था ओह आंटी ओह शिप्रा आ आ अया. फिर फाइनली ई कुंमेड. लिटरली इतना स्पर्म कभी नही निकला था, जितना अभी निकला. 12 से 14 बार फुहारे जैसे निकला. मैं जान कर कुछ माल आंटी की गांद पे, और निघट्य पे गिराया, और कुछ शिप्रा की टॉप पे. फिर मैं अपने रूम आ गया.

अब आयेज क्या हुआ? आंटी को पता चला या नही, वो नेक्स्ट कहानी में. और अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो प्लीज़ कॉमेंट या मैल करिएगा. क्यूंकी आपके इतने मैल आए, जिसे देख के मुझे बहुत अछा लगा. इसलिए मैने दूसरा पार्ट लिखा. प्लीज़ कॉमेंट ओर मैल. थॅंक योउ

यह कहानी भी पड़े  गाँव की छोरी के साथ खेत में चोदम चोदी का खेल


error: Content is protected !!