शादीशुदा की गांड में लंड रस निचोड़ा

हैल्लो दोस्तों, नाम राज है और में जयपुर में रहता हूँ। में एक जवान, सुंदर लड़का हूँ और मेरी उम्र 24 साल है। में बी.ए. की पढ़ाई कर रहा हूँ, मेरे लंड का आकार सात इंच लंबा तीन इंच मोटा है। दोस्तों आप लोगों की तरह में भी की सच्ची सेक्सी कहानियों को पढ़कर बड़े मस्त मज़े लेता हूँ और इन कहानियों को पढ़कर मेरा मन बड़ा खुश हो जाता है, लेकिन आज में अपनी एक घटना को सभी पढ़ने वाले के लिए तैयार करके लाया हूँ जिसमें मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली एक शादीशुदा औरत को चोदकर उसकी चुदाई के मज़े लिए और अब आप सभी को ज़्यादा बोर ना करते हुए में अपनी आज की सच्ची कहानी पर आता हूँ, इस कहानी को मैंने बड़ी मेहनत से आपके लिए तैयार किया और यह कहानी करीब 6 महीने पहले की है।

दोस्तों में हर सुबह करीब आठ बजे अपने घर से कॉलेज के लिए निकल जाता था और फिर में दोपहर को करीब दो बजे के बाद वापस आ जाता था और पूरा दिन में अपने घर में अकेला ही रहता हूँ क्योंकि मेरी माँ भी एक प्राइवेट ऑफिस में काम करती है। दोस्तों मेरे पड़ोस में एक मिस्टर शर्मा रहते है वो एक बहुत बड़ी कंपनी को चलाते है और उनकी एक बड़ी ही मस्त सी पत्नी है जिसका नाम हीना है, जो घर में अकेली होने की वजह से अपना समय बिताने के लिए पास के एक प्राइवेट स्कूल में बच्चो को पढ़ाने का काम करती है, क्योंकि उन दोनों के अभी तक अपना कोई भी बच्चा नहीं है और इसलिए वो हर दिन सुबह करीब आठ बजे अपने स्कूल के लिए घर से निकल जाती है और उसके बाद वो दोपहर के करीब एक बजे अपने घर वापस आ जाती है और फिर उसके बाद वो पूरा दिन भर अपने घर में अकेली ही रहती थी।

दोस्तों मेरी उनसे बहुत कम एक दो बार बात या मिलना हुआ था, लेकिन वो जब भी मुझसे मिली उन्होंने हमेशा मुझसे हंसकर ही बातें करके मेरी हर बात का जवाब दिया, जिससे मुझे समझ आ गया कि वो बड़े ही हंसमुख खुले विचारों की औरत है और मुझे उनका गोरा बदन और उनकी यह आदत बड़ी अच्छी लगी, इसलिए में धीरे धीरे आकर्षित होता चला गया। एक दिन मेरे कॉलेज का छुट्टी वाला दिन था, इसलिए में बड़े आराम से सोकर अपनी नींद पूरी कर रहा था, लेकिन तभी मुझे मेरी माँ ने आकर बड़ी मस्त नींद से जगा दिया और वो मुझसे बोला कि तुम उठकर दरवाजा बंद कर लो, में ऑफिस जा रही हूँ। फिर मैंने अब मजबूरी से उठकर दरवाजा बंद किया और में दोबारा आकर सो गया, लेकिन अब मुझे दोबारा वैसी नींद नहीं आई और में बस अपनी आखों को बंद करके वैसे ही लेटा रहा और करीब तीस मिनट के बाद एक बार फिर से दरवाजे की घंटी बजी।

अब मैंने सोचा कि यह मेरा भ्रम है इसलिए में लेटा रहा, लेकिन कुछ देर बाद दोबारा से घंटी बजी और मैंने उठकर दरवाजा खोल दिया और नींद की वजह से मुझे बिल्कुल भी होश नहीं था और फिर मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो मेरे सामने दरवाजे पर मेरी सुंदर गोरी पड़ोसन हीना खड़ी हुई थी, जिसको अपने सामने देखकर में बड़ा हेरान हो गया और अब में मन ही मन में सोच रहा था कि यह हॉट सेक्सी औरत आज मेरे घर पर कैसे आ गई? इसको मुझसे ऐसा का काम पड़ा जो यह खुद ही अपने पैरों से चलकर मेरे पास आ गई है? उस समय में नींद में यह बात भी बिल्कुल भूल गया था कि में उस समय सिर्फ़ अंडरवियर में हूँ। अब वो मुझे मेरी उस गलती के लिए लगातार ध्यान से घूरकर देख रही थी कि तभी वो कुछ देर बाद अचानक से हंसने लगी और उसके बाद वो अपने मुहं पर अपना एक हाथ लगाकर हंसते हुए मुझसे बोली कि क्या घर में कपड़े नहीं है।

फिर जब उसने मुझसे यह कहा तब मुझे कुछ होश आया और में उसकी उस बात और मुझे देखकर इस तरह से हंसने का मतलब ठीक तरह से समझा और फिर मैंने नीचे झांककर देखा तो उसके बाद में तुरंत ही भागकर अपने रूम में चला गया और उसके बाद में तुरंत कपड़े पहनकर वापस अपने कमरे से बाहर आ गया। फिर मैंने देखा कि तब तक वो हमारे बैठक वाले कमरे में बैठ गयी थी। फिर मैंने उसके पास आकर उससे पूछा कि हाँ कहिए आपका कैसे आना हुआ और क्या आपको मुझसे कुछ काम था, जिसकी वजह से आपको यहाँ आना पड़ा? तो वो बोली कि कल हमारे स्कूल में एक छोटी सी पार्टी है, में उसके टिकट बेच रही हूँ और मेरे पास बस दो टिकट बचे थे, तब मेरे मन में तुम्हारा विचार आ गया और फिर मैंने सोच कि आपको भी में एक टिकट दे ही दूं। अगर आप चाहे तो इसको ले सकते है वरना में किसी दूसरे को यह दे दूंगी। अब मैंने खुश होते हुए उससे कहा कि आपने यह बिल्कुल ठीक सोचा आप किसी और को क्यों पहले मुझे टिकट दो और फिर मैंने उनसे टिकट ले लिया और थोड़ी देर बातचीत हुई और उसके चेहरे पर मेरे टिकट लेने की ख़ुशी साफ साफ नजर आ रही थी और उसी दिन उससे मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी थी, जिसके बाद वो मेरे पास से हंसी ख़ुशी कुछ घंटे बिताकर वापस अपने घर चली गई।

दोस्तों उस दिन की बात के बाद हमारे बीच बड़ी हंसी मजाक मस्ती होने लगी थी, जिसका उसको बिल्कुल भी बुरा नहीं लगता था और जिसकी वजह से में बड़ा खुश था और मेरे उसके साथ रहकर बातें हंसी मजाक कभी कभी मिलकर दिन कैसे गुजर रहे थे, इस बात का मुझे पता ही नहीं चला और हमारी मुलाकात के करीब 18 दिन बाद वो एक दिन मेरे कमरे में बैठी हुई थी, तब में उसके साथ मस्ती कर रहा था और मस्ती मजाक करते हुए मैंने सही मौका देखकर उसके बूब्स को दबा दिया और फिर वो कुछ देर बाद उठकर अपने घर चली गयी। फिर दूसरे दिन वो मेरे कमरे में फिर से आ गई, लेकिन जब वो आने वाली थी उसके पहले मैंने अपने कंप्यूटर पर एक सेक्सी फिल्म को लगाकर छोड़ दिया था, इसलिए जब वो मेरे कमरे में आई तो सीधी उसकी नजर मेरे कंप्यूटर पर जा पड़ी और उसने देखा कि कंप्यूटर सेक्सी फिल्म चल रही है।

अब मैंने नाटक करते हुए उसको तुरंत ही बंद कर दिया और अब मुझे बड़ी अच्छी तरह से पता था कि वो मुझसे जरुर पूछेगी कि तुम यह सब क्या देख रहे थे? और अब उसने कुछ देर बाद बातों ही बातों में मुझसे वही सवाल पूछा कि में अभी उसके आने से पहले कंप्यूटर पर क्या देख रहा था? तो मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं वो तुम्हारे काम की चीज़ नहीं है, लेकिन वो तो अब मुझसे ज़िद करने लगी कि तुम मुझे बताओ वो क्या था जो तुमने मेरे आते ही तुरंत बंद कर दिया? तब मैंने उससे कहा कि में सेक्सी फिल्म देख रहा था और अब वो मुझसे बोली कि मुझे भी वो फिल्म देखनी है और उसी समय उसके कहने पर मैंने तुरंत ही उस फिल्म को एक बार फिर से शुरू कर दिया। फिर थोड़ी देर के बाद में उसके करीब जाकर बैठा तो उसने मुझसे पूछा क्या तुमने कभी ऐसा कुछ किया भी है या बस देखकर ही तुम अब तक अपना काम चला रहे हो? तो मैंने कहा कि हाँ ऐसे मज़े लेने के बारे में मैंने सोचा तो बहुत बार है, लेकिन मुझे ऐसा कोई मौका नहीं मिला जिसका में फायदा उठाकर कुछ कर सकता, लेकिन अब में ऐसा कोई भी मौका गँवाना नहीं चाहता, बस अपने मन को कैसे भी में खुश करना चाहता हूँ। फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी और में तब तुरंत समझ गया कि वो भी आज मुझसे अपनी चुदाई करवाना चाहती है, इसलिए मैंने उसको झट से पकड़कर में किस करने लगा और वो मेरी बाहों में बिल्कुल जकड़ी हुई थी। उसके वो मुलायम बड़े आकार के बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे, जिसकी वजह से मेरा जोश धीरे धीरे पहले से भी ज्यादा बढ़ने लगा था। दोस्तों शुरू में वो बार बार ना नहीं करने लगी, लेकिन में जब नहीं माना और में उसको लगातार चूमता सहलाता रहा तब जाकर वो धीरे धीरे शांत होती चली गयी और अब में धीरे धीरे उसको चूमता रहा। मैंने अपनी पकड़ को भी ढीला कर दिया था क्योंकि अब उसकी तरफ से विरोध बिल्कुल खत्म हो चुका था और जब मुझे इस बात का अहसास हुआ कि वो पूरी तरह से गरम हो चुकी है। तो मैंने उसके कपड़े अब उतारने शुरू कर दिए और उसने अपनी साड़ी को बहुत टाइट बाँध रखा था जिसकी वजह से वो बहुत सेक्सी लग रही थी और उसके कपड़े उतारने के बाद उसकी कोमल नाज़ुक जवानी गोरा जिस्म देखकर में थोड़ी देर बिल्कुल दंग सा रह गया।

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दोस्तों उसके बूब्स बिल्कुल मस्त आकार के एकदम सुडोल, गोरे गोरे, बड़े ही आकर्षक थे और उसके बदन का आकार करीब 36-28-34 था और उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, उसकी गुलाबी रंग की रसीली चूत देखकर में एकदम पागल हो चुका था। फिर मैंने कुछ देर बाद अपने कपड़े भी उतार दिए जैसे ही मैंने अपनी अंडरवियर को उतारा तो वो मेरा सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड देखकर दंग रह गयी और उसके मुहं से एक आह हाए राम इतना मोटा लंबा मैंने पहले कभी नहीं देखा और वो बोली कि क्या में इसको झेल सकती हूँ? में बोला कि मेरी जान अगर तुम खुद कुछ देर बाद अपने कूल्हों को उठा उठाकर मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ना लो तो मेरा नाम बदल देना। फिर मैंने उससे अपना लंड मुहं में लेने के लिए कहा, तब वो बोली कि इतना बड़ा है तुम्हारा लंड, में तो मर जाउंगी और इससे मुझे बहुत ज्यादा दर्द होगा। अब मैंने उससे कहा कि तुम चिंता मत करो मेरी जान, में धीरे धीरे करूँगा जिसकी वजह से तुम्हे दर्द कम, लेकिन मज़ा बड़ा ही आएगा और तुम्हे पहली बार थोड़ा सा दर्द होगा। मुझे उम्मीद है उसको तुम आराम से सह सकती हो, क्योंकि तुम एक शादीशुदा अनुभवी हो अनाड़ी नहीं जो पहली बार में ही मना कर दे।

फिर वो मेरे समझाने के बाद मेरा लंड अपने मुहं में लेकर करीब दस मिनट तक उसको चूसती ही रही, वो पहली बार यह सब कर रही थी, लेकिन वो एकदम किसी अनुभवी लड़की की तरह यह सब कर रही थी, क्योंकि उसको भी कुछ देर बाद मज़ा आने लगा था और थोड़ी देर बाद हम 69 पोजीशन में आ गये जिसकी वजह से वो मेरे ऊपर थी और वो मेरा लंड बड़े ज़ोर ज़ोर से जितना हो सकता था उतना अपने मुहं में लेकर चूस रही थी। में भी उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने, चूसने पूरा अंदर तक डालकर जीभ से चुदाई करने लगा था। फिर वो अब मज़े से छटपटाने लगी और में अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर डालकर उसको मज़े देने लगा। वो अब अपने मुहं से आआअहह ऊफ्फ्फ्फ़ कर रही थी और उसको अब एक साथ दो मज़े मिल रहे थे, एक तो अपनी चूत को चटवाने का और दूसरा मेरा लंड चूसने का और यह दोनों काम उसने इससे पहले कभी नहीं किए थे, इसलिए वो बड़ी उत्साहित थी।

फिर मेरा लंड अब तक लोहे की तरह सख़्त हो गया था। मैंने कुछ देर बाद उसको बेड पर लेटा दिया और अब में अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन चूत टाइट होने की वजह वो अंदर नहीं जा रहा था। फिर में उठा और तेल लाकर मैंने उसकी चूत पर और कुछ अपने लंड पर लगाकर दोनों को चिकना कर दिया। दोबारा लंड को उसकी चूत के छेद पर रखने के बाद में उसके होंठो पर अपने होंठो रखकर उसको किस करने लगा और सही मौका देखकर एक ज़ोर का झटका दिया, एक ही जोरदार धक्के से मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में गहराई में डाल दिया। तब उसके मुहं से दर्द की वजह से एक चीख निकल गयी, लेकिन वो मेरे मुहं के अंदर दबकर रह गयी उस तेज धक्के की वजह से चूत से खून बहना शुरू हो गया था और वो दर्द की वजह से रोने लगी थी। फिर में थोड़ी देर उसकी टाइट और रसीली चूत में अपना बड़ा और मोटा लंड डाले हुए अब बिना हिले उसके ऊपर पड़ा रहा और में उसके बूब्स को भी दबाता रहा और फिर में उसको किस करता रहा।

फिर थोड़ी देर बाद जब उसको अच्छा लगने लगा तो मैंने दोबारा से झटके देना शुरू किया। में आज उसकी बिल्कुल फ्रेश चूत में मेरा बड़ा, मोटा लंड अंदर बाहर करके उसको चोद रहा था और वो भी कुछ देर बाद नीचे से अपने कूल्हों को उठा उठाकर मज़े लेकर मुझसे चुदवा रही थी, उसके मुहं से अब बड़ी ही अज़ीब सी आवाजे आ रही थी ऊह्ह्ह्ह राज मेरे राजा आज तुम मुझे आज एक संतुष्ट औरत बना दो तुम इस कली को फूल बना दो। अब वो मेरा पूरा लंड ले रही थी और मुझे जमकर चुदाई करने के लिए ललकार रही थी। वो कह रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो अपनी रानी को, आज तुमने मुझे स्वर्ग का मज़ा दे दिया आअहह उफ्फ्फ वाह मज़ा अब तो में तुमसे ही रोज़ाना ही चुदाई के मज़े लेना चाहती हूँ, आज तुम फाड़ दो अपनी रानी की चूत को, बना दो उसका भोसड़ा।

दोस्तों उसके मुहं से ऐसी बातें सुनकर मुझे बड़ा जोश आ रहा था और में ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को तेज धक्के देकर चोद रहा था। हर धक्के में वो एक दो इंच ऊपर हो रही थी। फिर करीब तीस मिनट की चुदाई के बाद वो मुझसे बोली कि मेरे राजा में अब झड़ने वाली हूँ ऊहहहह आअहह लो में झड़ी आइईईई और उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ लिया था, जिसकी वजह से में भी रुक गया और वो जब पूरी तरह झड़ गयी, तब बोली राज मेरी जान आज तुमने मुझे पूरी औरत बना दिया है। अब मैंने उससे पूछा क्यों तुम खुश तो हो ना? वो बोली आज से पहले में कभी भी इतनी खुश नहीं हुई, मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन अभी मेरा झड़ना बाकी है अब तुम कुतिया की तरह हो जाओ में तुम्हे पीछे से चोदना चाहता हूँ। तो वो तुरंत ही घूम गयी पीछे से उसके कुल्हे बहुत मस्त लग रहे थे और में उसकी सुंदर गांड को देखकर आकर्षित हो गया मेरी नियत फिसल गई।

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फिर मैंने उससे पूछा क्या में तुम्हारी गांड में अपना लंड डाल सकता हूँ? वो बोली तुम जो चाहो करो, बस मुझे मज़ा आना चाहिए, मैंने कहा कि शुरू में तुम्हे थोड़ा सा दर्द जरुर होगा। तब वो मुस्कुराते हुए बोली कि मुझे पता है, में तुमसे ना भी करूँ तब भी तुम ज़बरदस्ती मेरी गांड ज़रूर मारोगे, वैसे में भी एक बार अपनी गांड मरवाने का मज़ा तुमसे जरुर लेना चाहती हूँ, लेकिन बस तुम थोड़ा आराम से मारना। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है मैंने अपने हाथ में थोड़ा सा तेल लिया और उसकी गांड पर लगा दिया और थोड़ा सा अपने लंड पर भी लगा लिया, दोनों को बिल्कुल चिकना करने के बाद मैंने उसकी गांड के छेद पर अपना सात इंच लंबा, मोटा लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा, दर्द की वजह से उसने अपने होंठो को दबा लिया, जिसकी वजह से उसकी चीख बाहर नहीं आ सकी। अब मैंने देखा कि वो रो रही थी। फिर मैंने उससे पूछा हीना क्या तुम्हे दर्द हो रहा है तो में रहने देता हूँ? वो बोली नहीं राज प्लीज तुम अब अपना लंड बाहर मत निकालना, तुम ज़ोर से धक्का देकर अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दो। फिर उसके कहने के बाद में भी नहीं रुका और मैंने अपना पूरा लंड बाहर करके एक जोरदार झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में समा गया।

फिर में रुका नहीं और बड़ी तेज उसकी गांड को लगातार धक्के मारता रहा। मैंने तब महसूस किया कि उसकी गांड उसकी चूत से भी ज़्यादा टाइट थी। मुझे उसकी गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी मेरी चुदाई का मज़ा ले रही थी और ऑश आआअहह उफ्फ्फ हाँ मारो मेरे राजा और ज़ोर से मारो मेरी गांड, जितना चाहे उतना मारते रहो, मुझे तुमसे चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा है और वो ऐसी बातें बोलकर मेरा जोश बढ़ाती रही। में जोश में आकर धक्के देता रहा। फिर करीब 30-35 मिनट उसको चोदने के बाद मैंने उससे कहा कि मेरी जान, में भी अब झड़ने वाला हूँ, बताओ में अपने वीर्य को कहाँ निकालूं? तो वो बोली प्लीज राज तुम आज मेरी इस गांड को अपने इस अनमोल रस से पूरा भर दो, में तुम्हारी पूरे जीवन बहुत एहसान मंद रहूंगी।

दोस्तों अब तक में अपनी चरम सीमा पर आ चुका था और में बड़ी ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसकी गांड में डालकर चुदाई कर रहा था। वो आहह्ह्ह आअहह मारो ज़ोर से मारो चिल्ला रही थी कि तभी में झड़ने लगा और मैंने अपना गरम लावा उसकी गांड में निचोड़ दिया। उस समय उसको भी मेरा रस अपनी गांड में महसूस हो रहा था। जब मैंने पूरा वीर्य उसकी गांड में निकालकर अपना लंड बाहर किया तो उसकी गांड से मेरा वीर्य भी अब बाहर आ रहा था। फिर कुछ देर लेटी रहने के बाद उठकर बाथरूम में चली गई और कुछ देर बाद वापस आकर कपड़े पहनने लगी। उसके बाद वो मुझे किस करने लगी। तब मैंने हीना से पूछा कि तुम एक बात एकदम सच सच बताना, तुम शादीशुदा हो, लेकिन फिर तुम्हारी चूत से चुदाई करते समय यह खून कैसे आया? वो बोली कि प्लीज तुम किसी को यह बात मत बताना। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि मेरे पति मुझे ठीक से चोद नहीं पाते है और उनका लंड तीन इंच से ज़्यादा लंबा नहीं है, जिसकी वजह से वो मुझे अब तक ऐसी दमदार चुदाई का मज़ा नहीं दे पाते और वो तो बस एक या दो मिनट में ही झड़ भी जाते है, जिसकी वजह से में हमेशा ही प्यासी रह जाती हूँ और तुम तो अच्छी तरह से सोनिया को जानते हो वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त है और एक दिन जब मैंने उसको बातों ही बातों में अपनी इस समस्या के बारे में बताया तो उससे मुझसे वादा लिया और बोला कि में तेरी इस समस्या को ठीक कर सकती हूँ अगर तुम मानो तो।

फिर मैंने सोनिया से कहा कि में तुमसे वादा करती हूँ कि यह बात कभी भी मेरे अलावा किसी को पता नहीं चलेगी और उसके बाद उसने मुझे तुम्हारे और उसके रिश्ते के बारे में पूरी तरह विस्तार से खुलकर बताया और तब उसने मुझसे कहा कि तुम अगर चाहो तो राज को पटा सकती हो और उसके लंड से अपनी चुदाई के असली मज़े ले सकती हो। फिर एक दिन में अपने मन में विचार बनाकर उस टिकट के बहाने तुमसे मिली और धीरे धीरे तुमसे में खुल गयी और आज तुमने मुझे असली ख़ुशी चुदाई का सही मतलब क्या होता है वो सब बता दिया है। दोस्तों में तो उसकी वो बातें सुनकर बड़ा ही हैरान रह गया था कि उसकी यह चुदाई उसका पूरी तरह से सोचा हुआ एक अधूरा काम था, जिसको मैंने आज उसके हिसाब से ही पूरा कर दिया है, लेकिन मुझे क्या मुझे तो उसकी चूत चाहिए थी जो अब मुझे मिल चुकी थी और फिर उसने मुझसे पूछा कि राज जब कभी तुम्हे सेक्स करने का मौका मिलेगा तो क्या तुम मुझे ऐसे ही चुदाई के मज़े दोगे? मैंने हंसकर उससे कहा कि तुम्हे मना करने वाला इस पूरी दुनिया में कोई सबसे बड़ा पागल ही हो सकता है, तुम जब भी मुझे याद करोगी में एक ही बार में आ जाऊंगा और फिर वो मेरा जवाब सुनकर खुश होकर मुझे किस करके वापस चली गयी, लेकिन फिर दो तीन दिन तक वो मेरे यहाँ नहीं आई, लेकिन उसके बाद जब भी हमे कोई भी अच्छा मौका मिलता है में उसको बड़े मज़े से जमकर चुदाई के मज़े देता हूँ, जिसमे हर बार वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देती है और आज तक मैंने उसको कितनी बार चोदा है, यह मुझे भी याद नहीं है, लेकिन आज भी में उसको बड़े प्यार और मज़े से चोदता हूँ और वो भी मुझसे चुदवाती है क्योंकि में उसको हर बार पूरी तरह से संतुष्ट करता हूँ ।।



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