शादी में भाभी को पत्ता कर चोदने की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नामे विवेक है. और फ्रेंड्स मुझे प्यार से विकी कहते है. मेरी हाइट 5’6″ है, और आवरेज बॉडी. मैं मॅरीड हू, और आगे 28 यियर्ज़ है. गोरा रंग है मेरा, और लंड 7-7.5″ लंबा और 2.5-3″ मोटा है. फ्रेंड्स बात उस टाइम की है, जब मेरी वाइफ के पापा की तबीयत खराब थी, और वो हॉस्पिटल में अड्मिट थी, और मेरी वाइफ 7-8 दिन पहले ही अपने माइके गयी थी.

हमारे पड़ोस में मेरा फ्रेंड है, उसकी सिस्टर की शादी थी 10-12 दिन बाद. लेकिन उसकी 4-5 फ्रेंड्स को शादी के 10 दिन पहले ही शादी की तैयारी के लिए फ्रेंड की सिस्टर ने बुला लिया था. सिस्टर का नामे कृपा (नामे चेंजस) था. उसकी 4-5 फ्रेंड्स में से 3 की शादी हो चुकी थी. सब ब्यूटिफुल आंड हॉट थी, जिसमे एक नेहा (नामे चेंज्ड) थी. वो दिखने में ब्यूटिफुल और गोरी थी, और 34-30-36 का सेक्सी फिगर था उसका.

वो ना ही मोटी थी, ना ही पतली थी. कॅसा हुआ बदन था, आंड वो 70% सोनाकशी सिन्हा जैसी दिखती थी. और फिगर और हाइट उसके जैसे ही थे. अब सीधे स्टोरी पे आते है. फ्रेंड्स कृपा ने उनकी 4-5 फ्रेंड्स को पहले ही बुला लिया था, क्यूंकी उसको शादी की तैयारी करनी थी. सब फ्रेंड्स ब्यूटिफुल थी, लेकिन उसमे नेहा मुझे काफ़ी पसंद आई, और मैने उसके साथ सेट्टिंग करने की तान ली.

वो मुझे देखते ही पसंद आ गयी थी, और उसको मैने 2 दिन में ही पत्ता लिया. कृपा ने कुछ उसको काम बोला और कहा, की विकी भाई के साथ मिल के ये काम कर लेना, जिससे नेहा और मैने एक-दूसरे के मोबाइल नंबर ले लिए. उसने मुझे 2 दिन से नोटीस किया था, की मैं उसको लाइन मार रहा था. 2न्ड दे हम दोनो मार्केट गये थे. तब हमने काफ़ी बात की. तब पता चला की उसकी शादी हो चुकी थी. फिर बात करते हुए मैने उसको कहा-

मैं: मैं तुमसे अकेले में मिलना चाहता हू.

उसने माना किया और कहा: मैं अपनी फ्रेंड की शादी में आई हू, और ये सब अछा नही लगता.

फिर मैने कहा: नेहा तुम मुझे पसंद हो.

और फिर मैने उसे ई लोवे योउ कहा. उसका चेहरा शरम के मारे झुक गया और उसने हल्की की स्माइल की, और कुछ नही बोली. मार्केट से हम दोनो करीब रात को 8 बजे आए, और सोसाइटी में एंटर होते हुए मैने उसको कहा-

मैं: मैं तुमको मेसेज करूँगा, तुम आ जाना.

फिर मैने कार में से ही उसको एक घर दिखा दिया. क्यूंकी सोसाइटी की कन्स्ट्रक्षन चालू थी, और करीब 50 हाउस बनने बाकी थे. मैने उसको नज़दीक के घर में बुलाया था जो हमारी रो की अलग रो जो तैयार थी वाहा था. लेकिन उसने माना किया.

करीब 9.30 बजे हम सब ने खाना खाया, और फ्री हुए. थोड़ी देर सब बैठे, और गप्पे लगाई, और 10 बजे के बाद सोने के लिए निकल गये. थोड़ी देर बाद मैं अपने रूम में गया, और उसको Wहत्साप्प पे मेसेज किया. लेकिन वो ऑफलाइन थी. फिर भी मैने ‘ही’ का म्स्ग किया. करीब 5 मिनिट के बाद उसका ‘ही’ का रिप्लाइ आया.

मे: क्या कर रही हो?

वो: कुछ नही, सोने की कोशिश.

मे: कों है साथ में?

वो: रिया, चाँदनी, और मैं (हम 3).

मे: क्या कर रही है वो दोनो?

वो: मोबाइल में वीडियो देख रही है.

मे: और तुम?

वो: आपसे चाटिंग.

मे: कब सोएंगी वो दोनो?

वो: पता नही.

और बस हम ऐसे 15-20 मिनिट बातें करते रहे. फिर मैने पूछा-

मे: सो गयी वो दोनो?

वो: हा, अभी-अभी सोई है.

मे: आ जाओ उस हाउस में मुझसे मिलने.

वो: नही.

मे: क्यूँ?

वो: बस ऐसे ही.

मे: प्लीज़ आ जाओ नेहा.

वो: नही, दोनो अभी-अभी सोई है.

फिर काफ़ी देर तक मानने के बाद उसने कहा: किसी को पता चलेगा तो अछा नही लगता.

मैने कहा: सब की छ्चोढो, तुम आ जाओ.

नेहा: लेकिन ये दोनो अभी-अभी सोई है.

मैं: 15-20 मिनिट हो गये है, उनको नींद आ गयी होगी.

अब उसने कहा: वेट, मैं चेक करती हू, और फिर आती हू 10 मिनिट बाद.

फिर वो हाउस में चुपके से आई. उसने वही लोंग स्कर्ट और त-शर्ट पहनी हुई थी. वो घबरा रही थी, की कोई देख लेगा.

मैने कहा: तुम टेन्षन मत लो. किसी को पता नही चलेगा.

घर नया था, अभी-अभी तैयार हुआ था, और पूरा खाली था. घर में अंधेरा था. लेकिन स्ट्रीट लाइट की रोशनी आ रही थी. कुछ बैठने के लिए नही था, तो हम दोनो किचन का जो प्लॅटफॉर्म बनाया था, उसपे बैठ गये.

मैने कहा: नेहा तुम मुझे बहुत पसंद हो. मुझे तुम बहुत अची लगती हो.

वो शर्मा रही थी हल्की मुस्कान के साथ. कुछ बोल नही रही थी, तो मैने कहा-

मैं: मैं पसंद नही हू क्या तुम्हे?

उसने कहा: ऐसी बात नही है. लेकिन मैं यहा थोड़े दिन के लिए आई हू, और फिर चली जौंगी. आपसे दिल लग गया तो आपसे डोर रहने में तकलीफ़ होगी.

मैने कहा: तुम नज़दीक की तो हो. 15-20 केयेम में तुम्हारी सिटी है, मिल लेंगे.

वो कुछ नही बोली.

फिर मैने कहा: शायद मैं तुमको पसंद नही, इसलिए बहाने बना रही हो.

और मैं किचन के प्लॅटफॉर्म से नीचे उतार गया.

उसने कहा: ऐसी बात नही है.

और वो भी उतार गयी, और दीवार का सहारा लेके दोनो खड़े हो गये. फिर मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा-

मैं: नेहा सच कहो, मैं तुमको पसंद नही हू? एक बार कह दो, मैं तुम्हे परेशन नही करूँगा.

उसने कहा: पसंद हो.

फिर मैने उसको अपने गले लगा लिया. उसने कोई रिक्षन नही दिया. फिर धीरे से उसने मेरी पीठ पे हाथ रखा, और उसने भी हाथ फेरा. उसके बाद उसने मुझसे अपने आपको अलग किया और शर्मा रही थी.

मैने कहा: कितनी प्यारी और ब्यूटिफुल हो. मुझे तो तुम सोनाकशी सिन्हा ही लगती हो.

उसने कहा: मेरी सब फ्रेंड्स ऐसा ही कहती है.

मैने कहा: अछा, ज़रा मैं चेक तो करू सोनाकशी सिन्हा को.

ऐसा कहते हुए हाथ पकड़ के अपनी और खींचा, और होंठो पे हल्का सा किस किया. वो तोड़ा हड़बड़ा के शरमाई. मैने फिर उसके दोनो होंठ मेरे होंठो से चूमे. वो माना करने लगी, लेकिन मैं किस करता रहा. फिर उसकी साँसे थोड़ी गरम हुई, और तेज़ होने लगी. अब वो भी साथ देने लगी.

फिर हम दोनो ने मूह खोला, और उसका उपर का होंठ मेरे मूह में और मेरा नीचे का होंठ उसके मूह में लेके बारी-बारी चूमने लगे. उसके बूब्स मेरी चेस्ट से दबने लगे. मैने उसकी पीठ पे हाथ फेरते हुए कमर, और अब उसके दोनो छूतदों पे दोनो हाथ रखे, और धीरे से दबाया.

उसने होंठो से होंठ निकले, और मेरी और देख के शर्मा के स्माइल दी. फिर मैने उसको किस करना शुरू किया. उसने लोंग स्कर्ट पहना था, और अंदर पनटी ही थी. शाम को उसने स्कर्ट के अंदर लेगैंग्स भी पहनी थी, लेकिन अब वो निकाल के आई थी. मैं उसके चूतड़ दबाते हुए किस कर रहा था, और वो भी साथ दे रही थी.

अब मैने उसको अपने से तोड़ा अलग किया, और उसके बूब्स की और देखा. वो शर्मा के पीछे की साइड हो गयी. फिर मैने उसकी कमर पकड़ के खींचा, और पीछे से बूब्स दबाने लगा. मैने उसकी छूट को स्कर्ट के उपर से ही सहलाया. फिर स्कर्ट के अंदर हाथ डाल के के और चड्डी के अंदर हाथ डाल के उसकी छूट को सहलाया जिसपे बाल थे.

उसने तुरंत मेरा हाथ पकड़ के बाहर निकाल दिया, और मुझसे चिपक गयी. मैं उसे पीछे के रूम में ले गया, जहा मैने पहले से ही गद्दे का इंतेज़ां करके टाइल्स पे बिछा रखा था. मैने उसको किस किया, और उसकी त-शर्ट में पीछे से हाथ डाल के ब्रा का हुक खोल दिया. फिर मैने उसको गोद में उठा लिया, और गद्दे पे लिटा के होंठ चूमते हुए बूब्स दबाने लगा.

उसकी साँसे तेज़ हो चुकी थी, और आअहह आहह जैसी आवाज़ निकल रही थी. मैने त-शर्ट उपर करके उसके एक बूब्स के निपल पे जीभ लगाई. तब उसकी सस्स्शह करके सिसकारी निकली. निपल छ्होटे ही थे, और बाहर नही निकले हुए थे. मैने उसके दोनो बूब्स बारी-बारी करीब 5 मिनिट तक चूज़.

फिर मैने अपनी त-शर्ट और हाफ पंत निकाल दी, और उसकी स्कर्ट उतारने लगा. उसने माना किया-

नेहा: प्लीज़ विकी, स्कर्ट मत उतरो.

तो मैं स्कर्ट उपर करके उसकी चड्डी उतारने लगा. उसने कस्स के चड्डी पकड़ ली, लेकिन मैने कैसे भी करके उसकी चड्डी उतार दी. अब में फिर उपर जाके किस करते हुए उसकी छूट सहलाने लगा, जो काफ़ी गीली हो चुकी थी. मैं समझ गया अब वो छुड़वाने के लिए तैयार थी. फिर मैने अपना अंडरवेर निकाल दिया.


उसने देखा की अब ये मेरी चुदाई करने वाला है. अंधेरे की वजह से हल्की रोशनी में उसको मेरा लंड नही दिखाई दिया. अब मैने उसकी स्कर्ट निकली, और उसने भी कमर उठा के निकालने दी. मैं जैसे ही सामने आया, उसने दोनो टांगे खोल दी. मैने पहले उसकी छूट पे लंड को रगड़ा, जिससे वो हमम्म उउंम्म और सस्शह करने लगी.

अब मैने उसकी छूट के मूह पे लंड रख के हल्का सा झटका मारा. उसकी छूट एक-दूं टाइट थी. लेकिन काफ़ी गीली होने की वजह से लंड आधा अंदर चला गया. लेकिन वो ज़ोर से चिल्लाई-

नेहा: ऊहह विकी, नही प्लीज़.

और वो मेरी कमर पकड़ के पीछे करने लगी.

वो कहने लगी: बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज़ निकालो.

मैने उसके मूह पे हाथ रखा और दूसरा झटका मारा, और मेरा मोटा और बड़ा लंड उसकी छूट में पूरा घुसा दिया. वो अब रोने लगी. उसके चेहरे पे मैने हाथ फेरा तो पता चला वो सच में रो पड़ी थी. उसके आँसू निकल आए थे. अब मैं 2 मिनिट रुका, और उसको चिपक के उसके होंठ चूमने लगा.

धीरे-धीरे उसने भी साथ दिया. अब वो गरम होने लगी, क्यूंकी उसकी साँसे फिरसे तेज़ होने लगी थी, और किस करते हुए कामुक आवाज़ निकाल रही थी. मुझे लगा की वो चुदाई के लिए तैयार थी, तो मैं अपने दोनो हाथो के बाल पे उठा, और लंड बाहर निकाला, और फिरसे उसकी छूट पे रगड़ने लगा. अब मैं लंड अंदर डालने वाला था, की उसने कहा-

नेहा: धीरे से करना.

तो मैने एक हल्का सा झटका मारा, और पूरा लंड अंदर घुसा दिया. इस बार उसने धीरे से आअहह किया, और मेरी कमर पकड़ी. और मैं धीरे-धीरे अंदर-बाहर करके चुदाई करने लगा. वो आअहह आआहह की आवाज़ करने लगी, और अब मैने थोड़ी स्पीड तेज़ की. उसकी आवाज़ और तेज़ हुई.

पूरा रूम खाली था, इसलिए हमारे छोड़ने की आवाज़ हमारे शरीर टकराने की आवाज़ पुर रूम में गूंजने लगी. उसकी छूट के अंदर से काफ़ी पानी आने लगा, जिससे मेरा लंड उसकी छूट के सफेद पानी से पूरा गीला हो गया.

मेरे लंड की दोनो बॉल्स भी उसकी छूट के पानी लगने से गीली हो चुकी थी. अब तोड़ा दर्द सहते हुए वो भी साथ देने लगी. वो दोनो हाथो को मेरे कंधे पर रख के चुड रही थी, और आँखें बंद करके आहह आहह सस्सह उउंम करते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी. कभी वो मेरी पीठ पे हाथ रखती, कभी कमर पे. लेकिन हल्की रोशनी में उसके चेहरे को देख के लग रहा था, की वो दर्द से के मुझसे छुड़वा रही थी.

मेरी स्पीड बढ़ती जेया रही थी, और रूम में फट फट फट फट फट (हमारे शरीर टकराने की आवाज़) आ रही थी. अब मैने उसके घुटने के नीचे के हिस्से को अपने दोनो हाथो के सहारे उठा कर दोनो टाँगे फैला दी, और चुदाई करने लगा. थोड़ी देर बाद मैने उसको पीछे घूम के घोड़ी बनने को कहा.

तो वो कहने लगी: क्यूँ? आप मेरी अशोल में डालोगे?

मैं समझ गया वो क्या कहना चाहती थी.

लेकिन मैने कहा: क्या?

वो कहने लगी: मेरी गांद में डालोगे?

मैने कहा: नही पगली, गांद नही मारूँगा. तुम टेन्षन मत लो. छूट में डालूँगा.

वो कहने लगी: मुझे नही आता, मैने कभी नही किया ऐसे.

मैने कहा: तुमको कुछ नही करना. मैं ही करूँगा. तुम बस घोड़ी बन जाओ.

और मैने लंड बाहर निकाला. फिर वो घोड़ी बनने उठने लगी, लेकिन उठ नही पा रही थी. मैने उसकी कमर को पकड़ा, और घोड़ी बनाया, और लंड एक झटके में पूरा अंदर घुसा दिया.

नेहा: ऊहह आहह विकी, धीरे करो ना, दर्द हो रहा है.

फिर मैं धीरे-धीरे चुदाई करने लगा. उसको शायद अछा लग रहा था, तो वो भी अपनी गांद आयेज पीछे करने लगी. ये देख के मुझे जोश आया, और मैं उसकी कमर पकड़ के ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगा. वो भी आअहह आहह सस्शह करते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी.

थोड़ी देर बाद वो अचानक गांद और कमर से मेरी तरफ धक्के देने लगी, और फिर एक-दूं से आअहह म्‍मह करते हुए चूतड़ को मेरे लंड से चिपका लिया, और 3-4 बार पेट को और जांघों को झटके दिए.

फिर वो रुक गयी. उसकी छूट से पानी आ रहा था, जिससे मेरे लंड की बॉल्स गीली हो गयी. शायद वो झाड़ चुकी थी. हम दोनो घुटनो पे ही थे. मैने उसको बूब्स पकड़ के अपनी तरफ खींचा और दबाने लगा, और वो भी मेरे हाथो के उपर अपने हाथ रख के बूब्स दबाने लगी, और मेरी तरफ मूह करके मुझे किस किया.

ऐसे ही हम 2 मिनिट तक करते रहे. फिर मैने उसको फिरसे लिटाया और उसकी टांगे फैला के लंड छूट में डाल के छोड़ने लगा. उसकी दोनो टांगे मैने कंधे पे लेली, और करीब 2-3 मिनिट में मैं ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. वो आह आह म्‍मह करने लगी, और मैं भी आहह आहह करते हुए झाड़ गया, और पूरा वीर्या उसकी छूट के अंदर ही खाली किया.

फिर मैं उसकी टांगे कंधो से हटा के उसको चिपक गया. उसने भी उसकी टांगे फैला के मेरी पीछे की टाँगो पे रख दी, और मेरी पीठ पे हाथ रख के चिपक गयी. फिर थोड़ी देर बाद मैने किस किया तो वो भी मेरे सर को सहलाते हुए किस करने लगी.

मैने कहा: मेरा पूरा वीर्या तुम्हारी छूट में खाली हो गया.

तो उसने कहा: 8 मंत्स से सूखी थी, आज गीली हो गयी.

और हिं किस करने लगे. इस बार किस करने की आवाज़ आ रही थी. मेरा लंड उसकी छूट के अंदर ही था. थोड़ी देर किस करने के बाद लंड को फिरसे उसकी छूट के अंदर खड़ा होते हुए उसने महसूस किया. फिर वो मुझे देखते हुए शरमाती हुई मुस्कुराइ और मेरा माता पकड़ के अपने से चिपका लिया.

वो कहने लगी: अब आप का वज़न लगने लगा है.

मैने उसको देखते हुए कहा: अब तक नही लग रहा था?

उसने कहा: वो एग्ज़ाइट्मेंट और थी.

मैने उसके होंठो पे किस किया, और हल्के से उसके गाल पे थप्पड़ मारा, और लंड बाहर निकाल के उसके बगल में सो गया. करीब 1 बाज रहा था, तो वो कहने लगी-

नेहा: अब जाती हू मैं.

मैं भी ठीक है कह के खड़ा हो गया, और वो भी खड़ी होने लगी. लेकिन वो गिर गयी. मैने उसको कंधा पकड़ के खड़ा किया. वो मुझसे शरम के कारण नज़रे नही मिला पा रही थी. वो मेरे गले लग के ऐसे ही थोड़ी देर खड़ी रही, और संभली. फिर मैने उसको चड्डी पहनाई, और पहनते हुए पूछा-

मैं: छूट शेव नही करती?

उसने कहा: 1 मंत से उपर हो गया नही की. ज़रूरत ही नही पड़ती शेव करने की.

फिर उसने स्कर्ट पहनी, ब्रा का हुक लगाया, और त-शर्ट ठीक की. अभी भी वो शर्मा के मुझसे नज़रे नही मिला पा रही थी.

उसने कहा: मैं जेया रही हू.

और वो जाने लगी. लेकिन वो ठीक से चल नही पा रही थी.

मैने कहा: थोड़ी देर बैठो, फिर जाना.

लेकिन वो धीरे-धीरे जाने लगी. मैने दरवाज़ा खोला, इधर-उधर देखा, और उसको भेजा, और मैं भी थोड़ी देर में चला गया.

फ्रेंड्स कैसी लगी मेरी और नेहा की पहली चुदाई? प्लीज़ कॉमेंट में बताना. दूसरे दिन से कंटिन्यू चुदाई की स्टोरी अगले पार्ट में बतौँगा. थॅंक योउ.

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