शादी के बीच में मम्मी और चाची की चुदाई

मैं अपने कुछ पर्सनल कामो में बिज़ी हो गया था, जिस वजह से मैं सेक्स स्टोरी नही लिख पा रहा था. इसके लिए मैं आप सभी से माफी चाहता हू. और अब मैं स्टोरी जल्दी लाने की कोशिश करूँगा. अब आयेज-

रूम से निकालने के बाद चाची औरतों के साथ हल्दी खेलने लग जाती है, और मैं भी तोड़ा हल्दी खेलता हू. मम्मी भी हल्दी खेल रही होती है, और हमारा पूरा दिन इसी में निकल जाता है.

शाम में मैं और मम्मी अपने रूम में तैयार होते रहते है. मैं सूट पहनता हू, जो मम्मी मेरे को बोली थी, और मम्मी मरून कलर की सारी पहनती है, जो की नाभि के नीचे तक रहती है. उसमे से मम्मी का मुलायम पेट, नाभि, और चिकनी कमर दिखते रहते है. वो क़यामत लग रही होती है.

मम्मी डीप नेक वाला ब्लाउस पहने रहती है, जिसमे से मम्मी का बड़ा-बड़ा दूध आधा बाहर रहता है. वो खुले बाल में रहती है, और अपने होंठो पे लाल लिपस्टिक लगाई होती है. बहुत सारी ज्यूयेल्री पहने रहती है मम्मी. अपने गले में एक बड़ा सा गोल्ड का नेकलेस पहने रहती है, जो की मम्मी के दूध को आधा धक रहा था.

एक तो मम्मी ऐसे ही गोरी-चित्ति और खूबसूरत, और उपर से इस तरह से तैयार हुई थी, जिसमे वो और भी ज़्यादा खूबसूरत, क़यामत, और मादक माल लग रही थी. उपर से मम्मी का मदहोश कर देने वाला पर्फ्यूम, जो की मेरे को और पागल कर रहा था.

मैं मम्मी को बस देखे जेया रहा था, और मम्मी मेरे को देख कर मुस्कुरा रही थी. अब मैं अपने आप पे काबू नही कर पा रहा था, और सीधा मम्मी को अपनी बाहों में जाकड़ लिया. मम्मी भी मेरे से लिपट गयी. मैं मम्मी के होंठो को चूसने लगा, और मम्मी भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मैं मम्मी को बिस्तर में लिटा रहा था, तो मम्मी रोक दी और बोली-

मम्मी: सोनू अभी मत कर बेटा, बाद में करेंगे.

सोनू: मम्मी आप बहुत सेक्सी लग रही हो. चलो ना जल्दी से कर लेते है.

मम्मी: अभी नही बेटा, बाद में करेंगे. देख बारात भी आती ही होगी. प्लीज़ मान जेया.

सोनू: अछा ठीक है.

मम्मी: मेरा प्यारा बेटा उम्महा (मेरे होंठो को चूमते हुए).

फिर हम लोग तैयार हो कर रूम के बाहर निकलते है, तो मैं बड़ी मम्मी को देखता हू. बड़ी मम्मी रेड कलर की सारी पहनी होती है, और बहुत खूबसूरत लग रही होती है. रेणु चाची ग्रीन कलर के सारी में होती है, और वो भी बहुत खूबसूरत लग रही होती है. बड़ी मम्मी बोली-

रंजीता: वाह सोनू, तू तो बड़ा हॅंडसम लग रहा है.

रेणु: हा, बहुत हॅंडसम लग रहा है.

सोनू: अर्रे आप दोनो भी तो क़यामत लग रही हो.

फिर हम सब हस्स पड़ते है. फिर मम्मी चाची और बड़ी मम्मी के साथ काम में लग जाती है. मैं बुआ के रूम में जाते रहता हू. तभी बुआ अपने रूम से तैयार हो कर बाहर आती है. मैं बुआ को देखता ही रह जाता हू.

बुआ तो क़यामत लग रही होती है. वो ब्राउन कलर की सारी पहने रहती है. खुले बाल, लाल लिपस्टिक, मैं बस बुआ को देखते रहता हू. वो मेरे पास आती है, और बोलती है-

अमृता: सोनू तू तो बहुत हॅंडसम लग रहा है.

सोनू: थॅंक योउ बुआ, पर क़प तो बवाल लग रही हो.

अमृता (हेस्ट हुए): अछा.

सोनू: हा बुआ.

अमृता: अछा चल अभी बारात आती ही होगी.

फिर कुछ देर में बारात आ जाती है. सभी बाराती बस मम्मी, चाची, बड़ी मम्मी, और बुआ को घूर-घूर के देखते रहते है. मैं और मम्मी पुर टाइम साथ में ही थे. कुछ घंटे में बारातियों का खाना-पीना हो जाता है. फिर रीमा और उसका पति मंडप में बैठ जाते है. अब पंडित उनकी शादी करा रहा होता है.

मैं और मम्मी भी वहीं पर खड़े रहते है. मम्मी मेरे बगल में खड़ी रहती है. हमारे पीछे कोई नही था, तो मैं धीरे से अपना हाथ मम्मी के चूतड़ पे रख देता हू, और धीरे-धीरे मम्मी के चूतड़ को मसालते रहता हू. मम्मी मुस्कुराते हुए मेरे को देखते रहती है. मैं धीरे से मम्मी के कान में बोलता हू-

सोनू: मम्मी रीमा की तो यहाँ शादी हो रही है. चलो आप और मैं अपने रूम में चल के सुहग्रात मानते है.

मम्मी मुस्कुराते हुए: बदमाश, सुधरेगा नही तू! चल.

फिर मैं और मम्मी अपने रूम में आते है और तुरंत अपने कपड़े उतार के नंगे हो जाते है. फिर मम्मी मेरे को बिस्तेर में पटक देती है, और मेरे उपर चढ़ जाती है. वो एर होंठो को चूसने लगती है, और मैं भी मम्मी का साथ देता रहता हू.

कुछ देर होंठ चूसने के बाद हम लोग 69 पोज़िशन में आ जाते है. मम्मी मेरा लंड चूस रही होती है, और मैं मम्मी की छूट चाट रहा होता हू.

कुछ देर 69 करने के बाद मैं उठता हू, और मम्मी को कुटिया बनने के लिए बोलता हू. मम्मी कुटिया बन जाती है. फिर मैं अपना लंड मम्मी की छूट में डाल के मम्मी को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लग जाता हू.

मम्मी: अया अयाया अया मैं तेरी कुटिया हू अया. छोड़ मेरे को अया आअहह.

सोनू: हा आप मेरी कुटिया हो.

मम्मी: आ अया हा हू मैं तेरी कुटिया. अया छोड़ मेरे को मेरे अया कुत्ते अया अया अया अया अया अया.

कुछ देर ऐसे ही छोड़ने के बाद मैं मम्मी को बिस्तेर में उल्टा लिटा देता हू, और पीछे से अपना लंड मम्मी की छूट में डाल के छोड़ने लगता हू.

मम्मी: अया अया अया आ अया.

सोनू: क्यूँ, मज़ा आ रहा है ना मेरी रंडी मम्मी?

मम्मी: आ अया अयाया बहुत मज़ा आ रहा आ है मेरे अया मदारचोड़ बेटे अया अया.

मम्मी: अया अया अया और छोड़ अया अपनी रंडी मम्मी को अया अयाया ऑश अयाया.

मैं लगातार ज़ोर-ज़ोर से मम्मी को छोड़ता रहता हू, और मम्मी मेरे हर धक्के को एंजाय करते रहती है.

मम्मी: अयाया अया अयाया मैं झड़ने वाली हू अयाया अयाया.

सोनू: लेकिन मैं नही झाड़ा हू.

मम्मी: हा तो जल्दी से झाड़ जेया.

मम्मी झाड़ गयी रहती है तभी अचानक से मेरे को पीछे से कोई पकड़ लेता है. मैं देखता हू तो वो रेणु चाची रहती है. चाची बोली-

रेणु: अर्रे दरवाज़ा तो लॉक कर लेते.

सोनू: चाची आप?

रेणु: हा मैं. दरवाज़ा लॉक क्यूँ नही किए थे तुम लोग?

सोनू: चाची जोश-जोश में भूल गये.

रेणु: अर्रे तोड़ा ध्यान रखना चाहिए ना.

मम्मी: हा रेणु, ठीक बोल रही है तू.

रेणु: वो तो ठीक है. लेकिन दीदी आप तो झाड़ गयी हो. पर सोनू अभी नही झाड़ा है. सोनू को मैं शांत कर डू?

मम्मी: अर्रे बिल्कुल कर दे.

चाची तुरंत बिस्तेर में लेट जाती है, और अपनी सारी उपर करके चड्डी निकाल देती है. फिर अपनी दोनो टाँगों को फैला के अपनी छूट दिखती है. मैं बिना देरी किए चाची की छूट में अपना लंड डाल देता हू, और चाची को छोड़ने लगता हू.

रेणु: आ अया अया अया अया मेरी जान अया मज़े से छोड़ अया आ.

मैं मस्त चाची को छोड़ते रहता हू, और मम्मी आराम से बिस्तेर में लेट के सिगरेट पीते हुए हमारी चुदाई देखते रहती है.

रेणु: अया अया सोनू अयाया और छोड़ अया अया अया.

फिर चाची उठ जाती है, और मेरे को बिस्तेर में लिटा देती है. उसके बाद चाची मेरे उपर आ जाती है, और मेरा लंड अपनी छूट में घुसा के मेरे उपर कूदने लगती है.

रेणु: अया अयाया अयाया अयाया आ.

तभी मम्मी बीच में आती है, और चाची का ब्लाउस खोल देती है. फिर ब्रा को नीचे करके चाची के दूध को बाहर निकाल देती है, और बोलती है-

मम्मी: रेणु तेरे खूबसूरत दूध भी मेरे बेटे को दिखा.

रेणु: अया अयाया अर्रे सोनू अया, मेरे बदन का जो हिस्सा देखना चाहे अया देख सकता है. मेरा पूरा बदन सोनू का है अयाया अयाया अयाया अया.

अब चाची और ज़ोर-ज़ोर उच्छलने लगती है, और अब मैं भी नीचे से ज़ोर-ज़ोर से कमर उठा-उठा के चाची को छोड़ने लग जाता हू.

रेणु: अयाया अयाया और छोड़ मेरे को अया अयाया अयाया अयाया अयाया अयाया.

अब मैं अपनी स्पीड और तेज़ कर देता हू, और लगातार ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगता हू.

रेणु: अया अयाया आआआः अयाया अयाया अयाया आआआः मैं झड़ने वाली हू अयाया.

सोनू: मैं भी.

फिर कुछ और धक्को के बाद मैं और चाची दोनो साथ में झाड़ जाते है. उसके बाद मैं, चाची, और मम्मी हम तीनो सिगरेट पीते हुए बिस्तेर में लेते रहते है.

कुछ देर बाद हम तीनो वापस से तैयार हो कर मंडप के पास जाके बैठ जाते है, जहाँ रीमा की शादी हो रही थी. पूरी रात ऐसे ही बीट जाती है, और सुबा रीमा की बिदाई होती है. बिदाई के बाद बहुत सारे मेहमान चले जाते है, और कुछ मेहमान रुके रहते है, जो की तोड़ा आराम करके जाने वाले रहते है.

मैं और मम्मी भी अपने रूम में जाते है और कपड़े चेंज करके सो जाते है. क्यूंकी हम लोग पूरी रात जागे हुए थे.

रात के 8 बजे बड़ी मम्मी हम लोगों को खाना खाने के लिए उठती है. फिर मैं और मम्मी फ्रेश हो कर खाना खाने जाते है, तो मैं देखता हू सभी मेहमान जेया चुके होते है.

मैं, मम्मी, चाची, बड़ी मम्मी, बुआ, बड़े पापा, और दादा जी हम सब लोग साथ में बैठ के खाना खाते है. खाना खाते हुए मैं देखता हू, की सब बहुत थके हुए थे. खाना खाने के बाद मैं और मम्मी रूम में आ जाते है, और थोड़ी देर सिगरेट पीते हुए बात करके सो जाते है.

अगले दिन सुबा मैं उठता हू, तो मम्मी पहले ही उठ गयी रहती है. वो रूम में नही होती है, तो मैं उठ के फ्रेश हो कर हॉल में जाता हू. मम्मी वहाँ बैठी रहती है. मैं भी वहीं बैठ जाता हू.

मम्मी: उठ गया बेटा?

सोनू: हा मम्मी, लेकिन आप मेरे को क्यूँ नही उठाई?

मम्मी: मेरे को लगा तू तका हुआ है, और सोएगा. ये सोच के मैं तेरे को नही उठाई.

सोनू: अछा ठीक है.

तभी बड़ी मम्मी मेरे लिए नाश्ता लेकर आई और हमारे साथ बैठ गयी.

सोनू: आप दोनो मेरे को ये बताओ फाइव्सम का क्या प्लान है?

मम्मी: हा सोनू, रंजीता दीदी बताओ क्या प्लान है?

रंजीता: मैं सोच रही थी आज तो मैं, सोनू, रेणु, और अमृता, हम सब लोग वहीं झरने पे चलते है. मस्त वहीं दारू पिएँगे, और चुदाई करेंगे. क्या बोलते हो?

सोनू: हा ये बढ़िया है.

मम्मी: एक दूं सही है.

रंजीता: ठीक है, तो मैं ये सब रेणु को बता दूँगी. रेणु अमृता को साथ चलने के लिए माना लेगी, और मैं तेरे बड़े पापा और तेरे दादा जी के लिए खाना बना दूँगी, और उनको बोल दूँगी की हम लोग गाओं घूमने जेया रहे है.

सोनू: हा ठीक है.

मम्मी: लेकिन दारू कहाँ से लानी है?

रंजीता: अरे मेरा पति बहुत सारी दारू रखता है अपने पास. मैं उसी में से ले अवँगी.

मम्मी: ठीक है तो फिर.

रंजीता: ठीक है, तो थोड़ी देर बाद हम लोग चलते है.

सोनू: ठीक है.

फिर बड़ी मम्मी चली जाती है, और मैं नाश्ता करते रहता हू. आयेज क्या हुआ, अगले पार्ट में पता चलेगा. सेक्स कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे

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